Hot Aunty Antarvasna Kahani पढ़ें, जो बताती है कि मैं अपने पड़ोस की एक आंटी से प्यार करता था और उसे चोदना चाहता था। उसकी कामुक व्यवहार भी मुझे ललचाती थी। इसके बाद मैंने क्या किया?
मेरा नाम अमन है। मैं हिसार, हरियाणा में रहता हूँ। मेरी उम्र 21 साल है और मैं बहुत बुद्धिमान हूँ। मेरी हाइट पांच फुट चार इंच है।
यह Hot Aunty Antarvasna Kahani अक्टूबर 2017 की है, जब मैं 19 साल का था। हमारे पड़ोस में एक आंटी आमिना रहती है। ये नाम बदल गए हैं। आमिना आंटी लगभग 42 साल की होगी। उनका वजन 36-34-36 होगा। आंटी दिखने में बहुत गर्म और सेक्सी लगती थीं। उनके मोटे, उठे उठे चूचे मुझे बहुत आकर्षित करते थे। मेरे लिए उनके मदमस्त मम्मे क्या हैं? हर किसी को उनका आनंद लेने पर मजबूर करते थे।
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वह मुझसे हंसकर बात करती थीं जब भी वे हमारे घर आती या मुझे कुछ करने के लिए बुलाती थीं। वह मेरी जीएफ के बारे में पूछती थीं, मुझे छेड़खानी करती थीं और सेक्सी मूड में मुझे चिढ़ाती थीं। जबकि मैंने कोई प्रेमिका नहीं थी। मैं भी उनकी बातों से मजा लेता था। उनके इस उदार व्यवहार से मैं सिर्फ खुश होता था।
आंटी ने त्यौहार से तीन दिन पहले घर की सफाई की थी। उस समय, मुझे ऊपर वाले कमरे में सामान उतारने के लिए कहा गया। उन्होंने उस समय लाल रंग का गाउन पहन रखा था, जिससे उनकी चुचियों की लाइन साफ दिखती थी। मैंने उनकी चूचियों को देखा, जो उन्होंने देखा था।
वह जल्दी से बाथरूम में जाकर एक नीला सूट पहन आई, जिससे उनके मोटे चूचे और भी साफ दिखने लगे। मेरा 6.5 इंच लंबा लंड उनके सामने खड़ा हो गया। मेरे खड़े लंड पर भी उनकी दृष्टि पड़ी।
हम खड़े थे जिस कमरे में बहुत सामान था। जब आंटी कोई सामान लेने आती, तो वह अपनी चूची मेरी छाती से सटा देती।
हालाँकि, भले ही मम्मे रगड़ रहे हों, लेकिन खुद को बचाते हुए निकलना ज़रूरी है।
किंतु आंटी और भी जानबूझकर मेरे सीने से अपने मम्मों को रगड़ने की कोशिश करती थीं। यह मुझे बताया कि आंटी आज कुछ अलग है।
बातों ही बातों में मैंने भी आंटी के मम्मों को टच किया या हाथ लगाया। आंटी भी हंस पड़ी। मैंने पाया कि आज लाइन बंद है। यह काम कुछ समय तक चलता रहा।
मैं आंटी की मोटी गांड को देखकर बेहोश हो गया। मैं अपने लंड को बदलने लगा।
क्या हुआ, आंटी पूछने लगी।
मैंने कहा, “कुछ भी नहीं!”
आंटी ने पूछा: कुछ तो बताओ?
नहीं आंटी, मैंने कहा।
जब आंटी नीचे झुककर कुछ सामान उठाने लगीं, तो मैंने उनकी चूची का काला निप्पल देखा। फिर उठते ही मैंने उनकी चूची को दीवार से कसकर दबाने लगा।
तुम क्या कर रहे हो? उन्होंने पूछा।
मैंने कहा, “अंटी सॉरी..।” आज मुझे नहीं रोको, प्लीज।
मैं तुम्हारी माँ को बता दूंगी, आंटी ने कहा।
उनका बदला हुआ चेहरा देखकर मैं डर गया और वहाँ से भाग गया। उस दिन पूरे दिन मुझे लगता था कि चुदाई कहानी पूरी नहीं हुई..। मेरी घर पर ठुकाई लग जाएगी और आंटी मम्मी को न बताएं।
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फिर मैं शाम तक ऐसा ही करता रहा. रात को सोते हुए मैं सोच रहा था कि मैं आज बच गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
मुझे सुबह आंटी ने फोन किया।
जब मैं चला गया, मैंने उनसे माफी मांगी, कहा, “अंटी, कल के लिए माफ कर दो।”
“कोई बात नहीं,” आंटी ने कहा।
आज आंटी कल से भी अधिक सुंदर लग रही थीं। “आज तू मेरी तरफ नहीं देख रहा है, क्या आज मैं अच्छी नहीं लग रही हूँ?” आंटी ने फिर से हंसकर कहा।
मैंने उनसे कहा, नहीं आंटी, आज आप बहुत सुंदर लग रहे हैं। कल की तुलना में आप बहुत सुंदर लग रहे हैं।
इस पर उन्होंने कहा कि यह सब किस काम का है क्योंकि तुम्हारे अंकल को यह सब दिखता ही नहीं है।
तब मैंने उनके कंधे पर हाथ रखा और कहा कि मैं तुम्हारे पास हूँ ना आंटी।
वह मेरा सहारा पाते ही रोने लगी।
मैंने कहा कि तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो।
आंटी ने कहा: “अच्छी लगने से क्या होता है?” मैं आकर्षक नहीं हूँ।
फिर मैंने कहा, “आंटी, आप बहुत खूबसूरत हो।” आपकी गली में नंबर एक पर होना चाहिए।
मैं तुम्हें सेक्सी लगता हूँ, आंटी ने पूछा।
हां, आंटी, मैंने कहा।
मैंने सोचा कि आज आंटी शायद मेरी चुदाई कहानी शुरू हो जाएगी जब वे मेरी ओर होंठ बढ़ाए। मैंने भी अपने होंठ उनकी तरफ बढ़ा दिए। आंटी ने अपनी आँखें बंद कर दीं। फिर मैंने उनके होंठों पर जोरदार किस करते हुए दीवार से उठाया।
पहले, उन्होंने काफी विरोध प्रकट किया..। 3 या 4 मिनट बाद प्रतिरोध भी समाप्त हो गया। अब मैं सिर्फ उनकी चूचियों को सूट के ऊपर से दबा रहा था।
मैं उनका कमीज उतारने की कोशिश करने के बावजूद वह मुझसे नहीं उतरा। आंटी की मोटी चूचियों ने सूट को बहुत छोटा बना दिया।
आंटी ने हंसते हुए कहा, “फाड़ेगा क्या?” इसे आराम से नहीं उतारना चाहिए।
जब मैंने उसे फाड़ दिया, उसने कहा, “तू मेरा कोई नुकसान नहीं करेगा।”
फिर मैं जोर से उनकी चुचियों को मुँह में लेकर चूसने लगा। उनका रंग अत्यंत गोरा था। मैंने आंटी की दूध से भी अधिक सफ़ेद चुचियों को चूसकर उन्हें लाल कर दिया।
फिर मैं उनके पेट पर धीरे-धीरे किस करने लगा। उसने कहा कि कोई आ जाएगा जब मैं सलवार का नाड़ा खोलने लगा।
तो मैंने कहा कि घर पर कोई नहीं है और मैं नीचे से आपका दरवाजा बंद करके आया हूँ।
यह किसी को मत बताओ, आंटी ने विनती की।
मैंने कहा, “आंटी, आपकी कसम..।” मेरे पास रहेगा।
जब मैं आंटी का झट से नाड़ा खोला, तो मैंने देखा कि उनकी टांगों के बीच में भूरे रंग के थोड़े से बाल थे।
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उसने मेरे सारे कपड़े भी खोल दिए। कुछ देर बाद मैंने उनकी पेंटी भी उतार दी और उनकी चूत पर हाथ रखा।
फिर मैंने बिना सोचे समझे नीचे बैठकर उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया, जिससे वे बहुत खुश हो रहे थे। गर्म आंटी सिसकारियां लेने लगी। जोश में आकर मेरा सर दबा दिया। वे मेरे सर को अपनी चूत में पूरा डाल देना चाहती थीं।
मेरे लगातार चूसने से उनकी चूत पनिया गई थी, जिससे वह कभी नहीं छोड़ सकती थीं। मैं चूत को चूसना बंद नहीं कर सका।
जिन लोगों ने शादीशुदा औरतों की चूत चाटी होगी, वे जानते होंगे कि चूत चाटने का एक अलग ही आनन्द है।
सात से आठ मिनट तक चूत चुसाई से आंटी झड़ गईं। उन्हें कामरस की एक बड़ी बूंद बहा दी और कुछ समय के लिए शांत हो गए।
फिर कुछ देर बाद उन्होंने मेरी पैंट खोली, तो मेरे लौड़े ने मेरी चड्डी में घबराहट पैदा कर दी। आंटी की आंखें फटी की फटी रह गईं जब उन्होंने मेरा लंड चड्डी से निकालकर देखा।
‘बाप रे बाप… इतना बड़ा..’ गर्म आंटी के मुँह से ही निकल सका।
तुम्हारी है आंटी, मैंने हंस दिया।
क्या करता है? मैंने पूछा। तुम्हारा लंड इतना मोटा हो गया है कैसे? ये मेरी पूरी चूत में घुस जाएगा। तुम्हारा भाई बहुत छोटा है।
यह कहते ही वह जमीन पर बैठ गईं और लॉलीपॉप की तरह मेरे लंड को चूसने लगीं।
प्रियजनों, निश्चित रूप से..। मैंने ऐसा पहला अनुभव किया था। मैं सिर्फ दो मिनट में आंटी के मुँह में झड़ गया।
मेरे लौड़े को मुँह से बाहर निकालते हुए, वे एक कपड़े से साफ करने लगीं, “छी।”
जब वो मेरी तरफ आईं, तो मैं उनसे नज़र नहीं मिल पाया।
मैंने उनसे कहा, “पागल परेशान मत हो”..। तुम्हारा बड़ा हथियार था, लेकिन पहली बार था, इसलिए आप जल्दी चले गए। अब असली मज़ा आएगा।
फिर मैं फिर आंटी की चूत चाटने लगा। आंटी की चूत चाटने में मुझे बहुत मजा आया। कुछ देर बाद मेरा लिंग फिर से खड़ा हुआ।
“बेटा, अब और न तड़पा,” आंटी ने कहा। तुरंत इसे मेरे अंदर डालकर सारी गर्मी निकाल दे।
फिर उन्होंने खुद अपने हाथ से मेरे लंड को अपनी चूत के मुँह पर सैट किया और कहा कि मैं उसे अंदर डाल दूँगा।
मैं उस क्षण को कभी नहीं भूलना चाहता, जब मैंने अपने लंड को आंटी की चूत की गहराई में डाला। मानो मैंने गर्म भट्टी में लंड नहीं डाला हो।
जैसे ही मैंने लंड डाला, आंटी के मुख से एक सुकून भरी आह निकली।
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जैसे-जैसे मैं अपने झटकों की गति को धीरे-धीरे बढ़ाता गया, आंटी की चीखें अब कामुक सिसकारियों में बदल गईं। अब वो भी मेरा साथ दे रही थीं, अपनी गांड हिलाकर।
५ मिनट की धकापेल चुदाई के बाद वो एक तेज आह के साथ झड़ गईं, लेकिन मैंने अपनी चाल जारी रखी, जिससे उनकी चूत के पानी से निकलने वाली मधुर आवाज हमारी चुदाई को चार चांद लगाती थी।
मैंने 15 मिनट लगातार उनकी चूत में चोदने के बाद महसूस किया कि मेरा निकलने वाला था, इसलिए मैंने गति को बढ़ाकर पूरी रफ्तार से उनकी चूत में झड़ गया। मैं भी अपनी अंतिम बूंद आंटी की चूत में डाल दी।
जब मैंने उनके ऊपर से उठाया, तो मैंने देखा कि मेरे लंड का पानी उनकी चूत से टपक रहा था।
आंटी ने कहा कि अभी तुम्हें बहुत कुछ सिखाना होगा।
तब हम दोनों सो गए। आधा घंटे विश्राम लिया।
लेकिन मेरे मन में कुछ नहीं था, इसलिए मैंने आंटी से टेबल पर झुकने को कहा। मैंने पीछे से उनकी चूत में अपना लंड डालकर उनको चोदने लगा। मैं उनको लगातार 7 से 8 मिनट तक चोदता रहा। फिर मैंने उनकी गांड पर जोरदार धक्का मारा।
आंटी जोर से चिल्लाईं जब मेरा चार इंच का लंड अंदर चला गया। वो दर्द से दूर होने लगीं, लेकिन मैं उनकी चुचियों को दबाता रहा।
कुछ समय बाद मैंने एक बार फिर जोरदार धक्का लगाया। अबकी बार उनकी गांड में मेरा सारा लंड चला गया। धकापेल गांड चुदाई हुई। आंटी भी मज़ा लेने लगी क्योंकि उसे अपनी गांड में लंड मिलने लगा था।
मैं लगातार 15 मिनट तक ताबड़तोड़ हमले करता रहा, और आंटी को भी बहुत मजा आने लगा। उनकी हंसमुख आवाजों से मुझे लगता था कि आंटी की गांड खुश हो रही है।
आंटी ने कहा कि माँ मर गई है। आहह.
गर्म आंटी ने ऐसी मदभरी आवाजें निकालीं। वह और भी गर्म हो गईं जब मैं उनकी मोटी गांड पर थप्पड़ मार रहा था।
उस समय उन्होंने एक बारी पानी छोड़ दी। मैं भी जल्दी निकलने वाला था। दस धक्के लगाने के बाद मैंने उनकी गांड में सारा पानी डाल दिया। Hot Aunty Antarvasna Kahani
हम दोनों वहीं मेज पर लेट गए और एक दूसरे को किस करने लगे। दस मिनट बाद, हम दोनों ने कपड़े पहन लिए और घर चले गए।
अगले दो महीने तक मैंने उनकी गांड और चूत को कई बार चोदा। बाद में उन्होंने यहां से अपना घर छोड़कर दिल्ली चले गए। अब मैं सिर्फ फोन पर उनसे कभी-कभी बात करता हूँ।
फिलहाल, मेरी गांड और चूत दोनों बहुत प्यासी हैं। मैं आपसे कहना चाहता हूँ कि किसी लड़की को पटाने से अच्छा है कि किसी आंटी या भाभी को पटा लो, क्योंकि उनके दोनों छेद बहुत मनोरंजनपूर्ण हैं।