Hindi Xxx Gand Chudai Ki Kahani पढ़े। गे वीडियो देखना मुझे अच्छा लगता था। मैं अपनी गांड में उंगलियां डालकर मजा लेता था। मैं अपनी गांड में लंड डालने का मौका कैसे पाया? मेरी गांडू कहानी सुनें।
Antarvasna की Free Sex Kahani वेबसाइट को मैं अक्सर पढ़ता हूँ। आज मैं अपनी Hindi Xxx Gand Chudai Ki Kahani आपको बताता हूँ। पहले से ही मैं समलिंगी वीडियो को बहुत पसंद करता था, और मैं इन वीडियो को देखते देखते अपनी गांड में कुछ डाल देता था।
मैं रबर के खिलौने, पेन्सिल, केला, लकड़ी का बेलन, बैंगन, ककड़ी, मूली और कुछ भी नहीं पाया, इसलिए मैं उंगलियों से खेलना पसंद करता था।
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उसी से मेरा गांड का छेद बड़ा हुआ। मैं एक उंगली और एक केला एक साथ मेरी गांड में डाल देता था। और मेरी तीन उंगलियाँ मेरे छेद में आसानी से घुस गईं।
मैं गांड में कभी लंड नहीं लिया था।
रोजाना सुबह काम के लिए बाइक पर घर से निकलता और लगभग 10 बजे घर पहुँचता था।
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उन दिनों बारिश हो रही थी, और मेरे पिता कुछ दिन के लिए गाँव गए थे। उस रात तेज़ बारिश में घर जाते समय, वह शौचालय में पेशाब करने के लिए रुका।
वहाँ, मैं मूतते समय मेरे बगल में खड़ा होकर मुझे घूर रहा था।
पहली नज़र में, उसके कपड़े, जो बहुत फटे पुराने थे और शायद उसने पी रखी थी, मुझे लगता था कि वह ४५ वर्ष का कर्मचारी है।
जब मैं बाइक पर बैठकर जाने लगा तो उसने कहा कि मुझे भी ले चलो, मुझे भी वहीं जाना है।
बहुत बारिश हो रही थी और हम दोनों भीग चुके थे, इसलिए मैंने बिना सोचे उसे बाइक पर बिठा लिया।
मैंने सोचा कि इतनी रात की तेज़ बारिश में उसे घर जाने के लिए कुछ नहीं मिलेगा, इसलिए उसे लिफ्ट दी।
रास् ते में काफ़ी आगे जाने के बाद मैंने उसे कहाँ जाना है, पूछा।
जहाँ आप ले चलो, उसने कहा।
मैंने एक बार फिर पूछा: “मैं कुछ समझ नहीं पाया, आप कहाँ जाना है?”
उसने कहा, “यहीं कहीं ले जाओ, मैं मुंह में ले जाऊँगा।”
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मैं डर गया और उसे कहा कि वह गाड़ी से उतरे।
“कुछ भी करूँगा, साहब, प्लीज़ ले चलो मुझे,” उसने कहा।
मैंने कहा कि मैं ऐसा नहीं हूँ।
बोली और उसे उतार कर चली गई।
मैंने सोचा कि इतनी रात में बारिश में हमें कौन देखेगा।
मैं यू-टर्न लेकर फिर से उसके पास गया और पूछा: क्या करेगा?
साहब, मैं आपका कहना मानूँगा।
मैं घबरा गया।
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मैंने उसे मोटरसाइकिल पर बिठाकर एक झाड़ी पर लेकर गया और कहा कि वह जो चाहे करे।
तो उसने मेरा बेल्ट निकालकर पैंट नीचे करके मेरा लंड चूसने लगा।
मैं खुश नहीं रहा।
वह इस काम में बहुत अनुभवी लग रहा था।
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वह मेरे टट्टे भी अंदर लेने की कोशिश कर रहा था और मुंह भर मेरा लंड चूस रहा था।
मैं इतने में उसके मुंह में गिर पड़ा। उसने मेरा सारा वीर्य खाया।
फिर उसने मुझे भी नंगा कर दिया। उसका शरीर बहुत लंबा, मोटा और ऊपर की ओर तना हुआ था।
तेज बारिश में खुले आसमान के नीचे बहुत सारी झाड़ियों के बीच में किसी के सामने नंगा होना मेरे लिए एक बहुत अलग और उत्कृष्ट अनुभव था।
साहब, आपने कभी सेक्स किया है? वह मेरी चिकनी गांड देखकर पूछा।
मैंने कहा कि नहीं!
फिर उसने कहा, “आपकी गांड गोल है और छेद भी बड़ा है।”
मैंने कहा कि इसी कारण मुझे गांड में उंगली डालना अच्छा लगता है।
फिर वह घुटनों के बल नीचे बैठकर मुझे बाइक के सहारे उल्टा खड़ा करने लगा और मेरी गांड चाटने लगा। वह मेरी गांड में अपनी जीभ लगाने लगा।
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मैं खुशी से चिल्लाने लगा जब मैं उसकी जीभ मेरी गांड में महसूस किया। फिर वह मेरी गांड में उंगली डालने लगा। उसकी इस कार्रवाई से मेरा लंड फिर से उठ गया।
उसके हाथ बढ़ने लगे। मेरी आवाज भी तेज होने लगी।
बारिश के कारण उसकी उंगलियाँ आसानी से मेरी गीली गांड में घूस रही थीं।
झटके मारते हुए, उसने अपना पूरा हाथ (पाँचों उंगली या एक जोड़) मेरी गांड में डाल दिया।
इस घटना से मैं घबरा गया और बचने के चक्कर में कीचड़ में गिर गया। उसने मुझे कीचड़ में ही पीछे से दबोच कर रखा और अपना पूरा हाथ मेरी गांड में डालने लगा।
मैं दर्द से रोने लगा जब उसका हाथ मेरी गांड में पहुँचा। उसने दूसरे हाथ से मेरा मुंह दबाया।
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मैं दर्द से तड़प रहा था और अपने पैर हिलाकर उसे छूटने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मेरी सारी कोशिश असफल रही।
उसने कहा, “साहब, अपनी गांड ढीली छोड़ो”। आपको मज़ा भी मिलेगा और दर्द भी नहीं होगा।
मैं बारिश में कीचड़ से पूरी तरह भर चुका था और शांत होकर उसे अपने हाथ में लेने लगा था।
फिर वह मेरी गांड में अपना लंड डालकर लेट गया। उसके झटकों का आनंद लेने लगा, जिससे मुझे बहुत राहत मिली।
उसने मुझे लगभग पंद्रह मिनट तक चोदा और फिर मेरी गांड में झड़ गया।
हम बारिश में लिपटकर एक दूसरे से लिपटने लगे। पहली बार उससे गांड चुदवाने में मुझे बहुत मज़ा आया, लेकिन मेरी गांड बहुत दर्द कर रही थी।
कीचड़ में चोदते हुए वह भी पूरी तरह से गन्दा हो गया था।
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मैंने कहा, “हम दोनों कीचड़ से पूरी तरह गंदे हो गये हैं, तो चल मेरे घर नहा ले, फिर अपने घर चले जाओ।”
ठीक है, साहब, कहा वह।
जब मैं घर जा रहा था, मैंने सोचा कि आज रातभर इस लंड का मज़ा लेना चाहिए था।
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फिर मैंने उसे अपने घर ले जाकर बाथरूम में नहाने को कहा। मैं पूरी तरह से नंगा होकर उसे तौलिया देने के बहाने अंदर गया जब वह नहा रहा था। मैंने तौलिये से अपने आप को ढक लिया।
मैंने उसे पीछे से पकड़कर उसके बदन पर हाथ घुमाने लगा जब वह बाथरूम का दरवाजा खोलकर घूम गया।
यह देखकर उसकी हवस फिर से जाग गई, जब वह मुझे नंगा देखा।
उसने मेरी गांड को दोनों हाथों से कसकर दबाने लगा।
एक बार फिर, उसने मुझे शावर के नीचे घोड़ी की तरह चोदा।
दस मिनट तक चोदने के बाद, वह मुझे खड़ा करके पीछे से पीछे पेलने लगा। शावर के ठंडे पानी में उसका लंड बहुत गर्म था।
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थोड़ी देर बाद भी वह मुझे चोदने लगा। उसने मेरी गांड का छेद पहले ही चोद के बड़ा कर रखा था, जिससे मैं बहुत खुश हो गया था।
फिर मुझे घुटनों के बल बिठाकर अपना लंड मेरे मुंह में डालने लगा। मैं भी उसका लंड चूसा और उसे अपने गले में अंदर ले गया।
वह मेरे बदन पर झड़ गया, लगभग दस मिनट मेरे मुख चोदन और गांड मारने के बाद। मैं बाद में साबुन से नहला।
फिर उसने मुझे गीला ही मेरे बेडरूम में लेकर दोनों हाथों में उठा लिया।
मेरे पीछे से आकर मेरी गांड में लंड डालकर पेलने लगा। उस रात वह मेरे बेड पर भीगे बदन में चोदता था और मैं सिर्फ यह चाहता था कि यह कभी खत्म न हो।
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उसने पूरे पौन घंटे मेरी गांड चुदाई की और फिर से मेरी गांड में पानी छोड़ दिया। वह सिर्फ मेरी गांड में अपना लंड डालकर पड़ा रहा, और उसका वीर्य मेरी गांड से बाहर निकलने लगा।
हम एक घंटे तक एक ही स्थिति में पड़े रहे। मैं उसके बदन से चिपककर एक घंटे सो गया। वह बहुत थका हुआ लग रहा था और ज़ोर से खर्राटे लेकर सो रहा था।
मेरी जोरदार चुदाई से उसका लंड मुरझा गया।
फिर मैंने उसके लंड को आराम देने के लिए तेल लगाया।
मालिश करते हुए उसका लंड फिर से बड़ा हो गया और वह भी जाग गया।
उसने कहा, “आओ साहब, मैं भी आपको मालिश करके मज़ा लेता हूँ, क्योंकि आपने मुझे इतनी प्यारी गांड दी।”
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यह कहते हुए, वह लेटा में ढेर सारा तेल डालकर मेरे शरीर को मसाज करने लगा।
फिर उसने अपना लंड साफ करके मेरे मुंह में डाल दिया। मैंने पूरा लंड उसके मुंह में डाल दिया।
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उसने मुझे उल्टा करके तेल की बोतल मेरी गोल गांड में डाल दी, जिससे पूरी गांड तेल से भर गई। फिर उसने मेरी गांड में उंगली डालने लगी।
तेल वाली उंगली लेना मुझे बहुत अच्छा लगने लगा।
विभिन्न परिस्थितियों में मुझे फिर से चोदने लगा।
इस बार हम दोनों तेल में लथपथ होकर चुदाई कर रहे थे। वह पहले कई बार झड़ चुका था, इसलिए इस बार बहुत देर तक मुझे चोदता रहा। उसने मुझे करीब एक घंटे तक बुरी तरह चोदने के बाद ही झड़ने लगा।
इस बार मैंने पूरा पानी अपने मुंह में डाल दिया।
उसने मेरी पहली रात मुझे अपनी रंडी बनाकर चार बार चोदा।
साथ ही, मैंने उसके साथ चुदाई करते हुए खुले आसमान के नीचे कीचड़ में, बाथरूम में, शावर के नीचे, पलंग पर भीगे हुए या तेल में लथपथ होकर बहुत मज़ा लिया।
दूसरे दिन सुबह मैं उसे उसी स्थान पर छोड़कर आया।
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एक अनुभवी कर्मचारी ने इस तरह मेरी गांड खोली।
मित्रों, मुझे आशा है कि आप मेरी गांड खोलने की रोमांचक कहानी पसंद की होगी। नीचे दिए गए ईमेल पर मेरी प्रतिक्रिया दें। साथ में टिप्पणी भी करें।
आपको मेरी Hindi Xxx Gand Chudai Ki Kahani पढ़ने के लिए धन्यवाद।