हाय दोस्तों, मेरा नाम रोहित है। मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। उम्र 24 साल, रंग गोरा, कद 5 फुट 8 इंच, और चेहरा ऐसा कि लड़कियाँ एक बार देखें तो बस देखती रह जाएँ। मेरे बाल घने और काले हैं, और जिम जाने की वजह से बॉडी भी फिट है। ये मेरी जिंदगी की एक सच्ची और मसालेदार कहानी है, जो मैं आपसे शेयर करने जा रहा हूँ।
बात दो साल पुरानी है। मैं दिल्ली के एक इंस्टिट्यूट में कंप्यूटर कोर्स करने जाता था। वहाँ लड़के-लड़कियों की भीड़ थी, लेकिन मेरी नजर एक लड़की पर टिक गई। उसका नाम था निशा। उम्र 22 साल, चेहरा मासूम सा, लेकिन आँखें ऐसी कि दिल में आग लगा दें। उसका फिगर 32-28-34 का था, कमर पतली और कूल्हे गोल-मटोल, जो किसी का भी मन मोह ले। उसकी स्माइल में एक अजीब सी कशिश थी, और जब वो चलती थी, तो उसकी चाल में एक नजाकत थी, जो मुझे पागल कर देती थी।
पहले-पहल तो मैं बस उसे दूर से देखता था। उसकी साड़ी या टॉप में ढकी कमर और हल्का सा झलकता क्लीवेज मेरे दिल को बेचैन कर देता था। कई दिन ऐसे ही बीते। इंस्टिट्यूट में ग्रुप बनने लगे, और किस्मत से निशा भी मेरे ग्रुप में आ गई, क्योंकि उसकी एक दोस्त मेरे पड़ोस में रहती थी। धीरे-धीरे हमारी बातें शुरू हुईं। वो हँसती थी, तो मैं खो जाता था। उसकी आवाज में एक मिठास थी, जो मेरे दिल को छू जाती थी।
कुछ हफ्तों बाद, मैंने हिम्मत जुटाई और एक दिन उसे प्रपोज कर दिया। मैंने कहा, “निशा, मैं तुमसे प्यार करता हूँ।” उसने पहले तो मना कर दिया, लेकिन उसकी आँखों में कुछ और ही कहानी थी। मेरे दोस्तों ने उसे समझाया, और आखिरकार वो मान गई। उस दिन मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था। मैंने उसे गले लगाया, और उसकी खुशबू ने मुझे और दीवाना बना दिया।
हमारी फोन पर बातें शुरू हुईं। रात-रात भर मैसेज चलते। कभी प्यार भरी बातें, तो कभी मस्ती-मजाक। एक दिन मैंने उसे दिल्ली के एक फेमस गार्डन में मिलने बुलाया, जहाँ कपल्स अक्सर आते थे। मैंने कुछ स्नैक्स और कोल्ड ड्रिंक साथ ले लिए। गार्डन में हमने एक कोना चुना, जहाँ पेड़ों की छाँव थी और कोई हमें आसानी से देख नहीं सकता था। चारों तरफ हरियाली थी, और हल्की-हल्की ठंडी हवा चल रही थी।
हम एक चटाई पर बैठ गए। निशा ने नीली जीन्स और टाइट सफेद टॉप पहना था, जिसमें उसका फिगर और भी उभर रहा था। मैं उसकी गोद में लेट गया, और वो मेरे बालों में उंगलियाँ फिराने लगी। उसकी उंगलियों का स्पर्श मेरे बदन में सिहरन पैदा कर रहा था। मैंने धीरे से उसका चेहरा अपनी तरफ खींचा और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। पहले तो वो थोड़ा झिझकी, लेकिन फिर वो भी मेरे साथ बहने लगी। उसके होंठ मुलायम और रसीले थे, जैसे गुलाब की पंखुड़ियाँ। हम दोनों ने करीब 5 मिनट तक एक-दूसरे को चूमा। “उम्म… रोहित…” उसने सिसकारी भरी, और मेरे सीने पर हाथ फेरने लगी।
मेरा हाथ धीरे-धीरे उसके टॉप के ऊपर से उसके मम्मों पर चला गया। वो कड़क और गोल थे, जैसे दो पके हुए आम। मैंने हल्के से दबाया, और उसकी साँसें तेज हो गईं। “रोहित… ये क्या कर रहे हो?” उसने शरमाते हुए कहा, लेकिन उसकी आँखों में शरारत थी। मैंने कहा, “बस, तुझे प्यार कर रहा हूँ, जान।” मैंने उसके टॉप के नीचे हाथ डाला और उसकी ब्रा के ऊपर से उसके मम्मों को सहलाने लगा। उसकी ब्रा टाइट थी, और उसके मम्मे उसमें कैद होने को बेताब थे। मैंने ब्रा का हुक खोलने की कोशिश की, लेकिन वो बोली, “अरे, यहाँ? कोई देख लेगा!”
मैंने हँसते हुए कहा, “यहाँ कोई नहीं आएगा, निशा। बस तुझे फील करना चाहता हूँ।” वो शरमाई, लेकिन मना नहीं किया। मैंने उसकी ब्रा का हुक खोला, और उसके नंगे मम्मे मेरे हाथों में आ गए। क्या मुलायम और गर्म थे वो! मैंने धीरे-धीरे दबाना शुरू किया, और उसकी सिसकारियाँ तेज हो गईं। “आह्ह… रोहित… और जोर से…” उसने कहा, और मैंने उसके निप्पल्स को अंगूठे और उंगली से हल्का सा मसला। वो तड़प उठी।
मैंने उसका एक मम्मा मुँह में लिया और चूसने लगा। उसका निप्पल कड़क हो चुका था, और मैं उसे जीभ से चाटने लगा। “उम्म… आह्ह… रोहित… बहुत अच्छा लग रहा है…” वो सिसकारी भर रही थी। मेरा दूसरा हाथ उसके दूसरे मम्मे को दबा रहा था, और मैं उसकी चूची को हल्के से काटने लगा। वो पागल सी हो रही थी। मैंने करीब 10 मिनट तक उसके दोनों मम्मों को चूसा, चाटा और दबाया। उसके मम्मे लाल हो गए थे, और वो बार-बार मेरे बालों को खींच रही थी।
फिर मेरा हाथ उसकी जीन्स के ऊपर से उसकी चूत पर चला गया। मैंने हल्के से सहलाया, और मुझे उसकी पैन्टी की गीलापन महसूस हुआ। “निशा, तू तो पूरी गीली हो गई!” मैंने शरारत से कहा। वो शरमाई और बोली, “तूने ही तो ये हाल किया है!” मैंने उसकी जीन्स की चैन खोली और पैन्टी के अंदर हाथ डाला। उसकी चूत गर्म और गीली थी, जैसे कोई गरम चाशनी। मैंने अपनी उंगली धीरे से उसकी चूत में डाली, और वो जोर से सिसकारी। “आह्ह… रोहित… धीरे… उफ्फ…”
मैंने उसकी चूत में उंगली अंदर-बाहर करने लगा, और साथ ही उसके मम्मे चूस रहा था। उसकी सिसकारियाँ अब जोर-जोर से निकल रही थीं। “आह्ह… उह्ह… रोहित… और तेज… प्लीज…” वो पागल हो रही थी। मैंने अपनी दूसरी उंगली भी डाली और उसकी चूत को और तेजी से रगड़ने लगा। उसका बदन अकड़ने लगा, और अचानक उसने मेरे कंधे को जोर से पकड़ लिया। “आह्ह… रोहित… मैं… मैं…” और तभी उसकी चूत से गरम पानी निकलने लगा। वो झड़ गई थी। मैंने अपनी उंगलियाँ बाहर निकालीं, जो पूरी गीली थीं।
उसने मुझे देखा और शरमाते हुए कहा, “रोहित… तूने मुझे पागल कर दिया।” फिर उसने मुझे जोर से गले लगाया और एक लंबा किस किया। “आई लव यू, रोहित,” उसने कहा, और मेरे होंठों को फिर से चूम लिया।
इसके बाद हमारी क्लास में और भी नजदीकियाँ बढ़ने लगीं। हम साथ बैठते, खाना शेयर करते। कई बार निशा मेरे लिए घर से टिफिन बनाकर लाती और मुझे अपने हाथ से खिलाती। उसका प्यार देखकर मेरा दिल और पिघल जाता था।
कुछ हफ्ते बाद, मैंने उससे कहा, “निशा, मैं तुझे खुलकर प्यार करना चाहता हूँ। हर तरह से।” वो पहले तो शरमाई, लेकिन फिर बोली, “रोहित, मैं भी यही चाहती हूँ। लेकिन थोड़ा डर लगता है।” मैंने उसे समझाया कि हम सावधानी से सब करेंगे। आखिरकार वो मान गई।
हमने एक दिन इंस्टिट्यूट से छुट्टी ली और मेरे फ्लैट पर गए। मेरा फ्लैट दिल्ली के एक शांत इलाके में था, जहाँ कोई डिस्टर्ब करने वाला नहीं था। जैसे ही हम फ्लैट में घुसे, मैंने दरवाजा लॉक किया और निशा को अपनी बाहों में भर लिया। वो भी मुझसे लिपट गई। मैंने उसे बेडरूम में ले जाकर बेड पर लिटाया। उसने वही नीली जीन्स और सफेद टॉप पहना था, जो पार्क में पहना था। मैंने धीरे-धीरे उसका टॉप उतारा। उसकी काली ब्रा में उसके मम्मे और भी सेक्सी लग रहे थे।
मैंने उसकी ब्रा उतारी और उसके मम्मों को फिर से चूसना शुरू किया। “आह्ह… रोहित… उफ्फ…” वो सिसकारी भर रही थी। मैंने उसकी जीन्स और पैन्टी भी उतार दी। उसकी चूत पूरी गीली थी, और उसकी खुशबू मुझे और उत्तेजित कर रही थी। मैंने अपनी जीन्स उतारी, और मेरा 7 इंच का लंड पूरी तरह तन चुका था। निशा ने उसे देखा और शरमाते हुए बोली, “रोहित… ये तो बहुत बड़ा है!”
मैंने हँसते हुए कहा, “तुझे पसंद आएगा, जान।” मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूत को चाटना शुरू किया। उसकी चूत का स्वाद नमकीन और मादक था। “आह्ह… उह्ह… रोहित… ये क्या कर रहा है… उफ्फ…” वो तड़प रही थी। मैंने उसकी चूत को 10 मिनट तक चाटा, और वो फिर से झड़ गई।
फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ा। वो बोली, “रोहित… धीरे करना… मुझे डर लग रहा है।” मैंने कहा, “चिंता मत कर, जान। मैं तुझे तकलीफ नहीं दूँगा।” मैंने धीरे से अपना लंड उसकी चूत में डाला। “आह्ह… उफ्फ… रोहित… धीरे…” वो चिल्लाई। मैंने धीरे-धीरे अंदर-बाहर करना शुरू किया। उसकी चूत टाइट थी, और हर धक्के के साथ वो सिसकारियाँ भर रही थी। “आह्ह… उह्ह… रोहित… और तेज… प्लीज…”
मैंने स्पीड बढ़ाई। “फच… फच…” की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं। मैं उसके मम्मों को दबाते हुए उसे चोद रहा था। वो चिल्ला रही थी, “रोहित… और जोर से… आह्ह… उफ्फ…” मैंने उसे 15 मिनट तक अलग-अलग पोजीशन में चोदा। फिर मैंने उसे उल्टा किया और उसकी गांड में लंड डालने की कोशिश की। वो बोली, “रोहित… वहाँ नहीं… दर्द होगा।” लेकिन मैंने धीरे से समझाया और थोड़ा लुब्रिकेंट लगाकर उसकी गांड में लंड डाला। “आह्ह… उफ्फ… रोहित… धीरे…” वो चिल्लाई, लेकिन धीरे-धीरे उसे भी मजा आने लगा।
मैंने उसकी गांड को 10 मिनट तक चोदा, और फिर उसकी चूत में लंड डालकर जोर-जोर से धक्के मारे। “फच… फच… आह्ह… उह्ह…” की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं। आखिरकार मैं झड़ने वाला था। मैंने लंड बाहर निकाला और उसके मम्मों पर सारा पानी छोड़ दिया। वो हाँफ रही थी, और मैं भी।
हम दोनों बेड पर लेट गए। निशा ने मेरे सीने पर सिर रखा और बोली, “रोहित, तूने मुझे जन्नत दिखा दी।” मैंने उसे गले लगाया और कहा, “ये तो बस शुरुआत है, जान।”
दोस्तों, ये थी मेरी और निशा की मस्ती भरी कहानी। आपको कैसी लगी? कमेंट में जरूर बताएँ।