फुफेरी बहन की सहेली चुद गयी

दोस्तो, मैं सैम, तुम्हारा यार, एक बार फिर अपनी ज़िंदगी की चटपटी, आग सी कहानी लेकर हाज़िर हूँ। पिछली कहानी में तुमने पढ़ा कि मैंने बैंगलोर में अपनी बुआ तृप्ति और उनकी कमसिन बेटी तृषा की चूत का मज़ा लिया। जब निशा बुआ को ढूँढ रही थी, मैंने बुआ को उनके रूम में भेज दिया था।

कहानी का पिछला भाग: बुआ की कमसिन जवान बेटी की बुर खोली

अब उसी दिन की रात, मैं तृषा की सहेली नीतू की बर्थडे पार्टी में गया, जहाँ उसकी हॉट बहन सीमा की चूत की सील तोड़ने वाला हूँ। लंड तानकर और चूत गीली करके तैयार हो जाओ, ये कहानी तुम्हें झड़ने पर मजबूर कर देगी!

बुआ के रूम से जाने के बाद मैं अपने बेड पर ढेर हो गया। शाम 7:45 बजे बुआ मुझे जगाने आईं, “सैम, उठ बेटा, तृषा के साथ नीतू की बर्थडे पार्टी में जाना है ना!” मैंने आलस भरी आवाज़ में कहा, “हाँ बुआ, बस अभी फ्रेश होकर आता हूँ।” मैं बाथरूम में गया, गर्म पानी से नहाया, और तृषा की पसंद की नई ब्लैक टी-शर्ट और टाइट जीन्स पहनकर नीचे हॉल में पहुँचा।

हॉल में बुआ और निशा बैठी सब्ज़ी काट रही थीं। बुआ ने मुझे देखा और आँख मारी, “वाह, मेरा शेर आज तो हीरो लग रहा है!” मैंने हँसते हुए कहा, “अरे बुआ, ये तृषा की पसंद है।” निशा ने चेतावनी भरे अंदाज़ में कहा, “सैम, पार्टी में संभलकर, वहाँ ढेर सारी लड़कियाँ होंगी।” मैंने मज़ाक किया, “क्यों, बैंगलोर की लड़कियाँ खा जाती हैं क्या?” निशा बोली, “हाँ, तुझे अभी अनुभव नहीं। चेतावनी दे रही हूँ।” मैंने हँसकर कहा, “थैंक्स, निशा।” बुआ मेरी तरफ़ देखकर मुस्कराईं और कांका को बुलाया, “सैम के लिए कॉफ़ी लाओ।”

हम तीनों कॉफल पी रहे थे। तभी तृषा अपने रूम से निकली और सीढ़ियों से उतरने लगी। उसने एक काला वन-पीस पहना था, जो इतना टाइट और छोटा था कि बस उसकी पैंटी छुपा रहा था। उसकी गोरी जाँघें और टाइट गांड देखकर मेरा लंड सलामी देने लगा। तृषा बुआ के पास आई और घूमी, तो उसकी पीठ नंगी थी, कमर तक खुली। मैं उसकी मखमली पीठ और गोल चूतड़ों को घूरता रहा। बुआ बोलीं, “तृशा, तू तो आज कयामत ढा रही है!” तृषा ने शरमाते हुए कहा, “थैंक्स मॉम।” निशा बोली, “आज पार्टी में सब तुझ पर फिदा होंगे।” मैंने कहा, “सच में, तृषा आज पार्टी की जान है।”

तृषा ने मुस्कुराकर कहा, “थैंक्स फॉर ऑल द कमेंट्स! चल, सैम, लेट हो गए हैं।” बुआ बोलीं, “सैम, इसे संभालकर ले जा और जल्दी लौटना।” तृषा ने हँसते हुए कहा, “मॉम, हम सुबह 3-4 बजे तक आएँगे।” बुआ खिलखिलाकर हँसीं। हम बाइक पर निकल पड़े। तृषा मेरे पीछे बैठी, उसकी चूचियाँ मेरी पीठ पर चिपक गईं। वो बाइक पर ही जान-बूझकर मुझसे सट रही थी, ताकि सड़क पर लोग उसे देखें। उसकी नरम चूचियों का दबाव मेरा लंड तान रहा था।

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नीतू का घर पास ही था। मैंने बाइक पार्क की और हम अंदर गए। मेरा हाथ तृषा की नंगी पीठ पर था। उसकी मखमली त्वचा इतनी नरम थी कि मैंने धीरे से हाथ सरकाकर उसकी गांड पर रखा और हल्के-हल्के सहलाया। तृषा ने पलटकर मुस्कुराया। घर का दरवाज़ा खुला था। अंदर दो हॉट औरतें खड़ी थीं—। टीना (नीतू की माँ) और सुभद्रा (स्वीटी की माँ)। टीना, 42 की, टाइट ड्रेस में, 36 की चूचियाँ और भारी गांड के साथ आग लग रही थी। सुभद्रा, 40 की, साड़ी में, उसकी पतली कमर और भरे हुए चेरे मेरे लंड को खड़ा कर रहे थे।।

तृषा ने उन्हें प्रणाम किया और परिचय कराया। मैंने भी प्रणाम किया। टीना ने हाथ मिलाया और मेरे बाइसेप्स को दबाकर बोली, “लगता है डेली जिम जाता है?” मैंने कहा, “हाँ आँटी, फिट रहना पड़ता है।” वो हँसी, “फिट अपने लिए या दूसरों को खुश करने के लिए?” सुभद्रा बोली, “इतनी अच्छी फिज़िक! हमें भी अपनी बुआ समझ।” टीना हँस पड़ी। मैं समझ गया कि वो मेरे और बुआ के बारे में जानते हैं। तृषा मेरा हाथ पकड़कर मुझे गार्डन में ले गई, जहाँ पार्टी सजाई गई थी।

गार्डन में जवानी का मेला था। लड़कियाँ छोटी-छोटी ड्रेसों में थीं। नीतू ने लाल बैकलेस ड्रेस पहनी थी, जिसके गहरे कट से उसकी 34 की चूचियाँ आधी बाहर झाँक रही थीं। उसकी गोरी टाँगें और टाइट गांड देखकर मेरा लंड तड़प रहा। तृषा ने परिचय कराया, “नीतू, ये मेरा फ्रेंड सैम है, मुंबई से।” मैंने कहा, “हैप्पी बर्थडे, नीतू!” और गाल से गाल लगाकर उसे चूमा। मेरे गले में लटकते वक्त मेरा बायाँ हाथ उसकी नरम गांड पर गया, और मैंने हल्के से मसला। नीतू ने आँख मारी और बोली, “थैंक्स, सैम। एंजॉय कर।”

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हम दोस्तों से मिलने लगे। नीतू की चचेरी बहन तान्या, मुंबई से आई थी। वो 21 की थी, लो-कट नीले वन-पीस में, बैकलेस ड्रेस में कयामत। उसकी 34 की चूचियाँ और पतली कमर मेरा रही थी। तृषा ने हमें मिलवाया। तान्या बोली, “मुंबई में कहाँ रहता है?” मैंने कहा, “कॉटदम ग्रीन। तू?” वो बोली, “वर्ली। मैं एल्फींसट्सन कॉलेज में हूँ।” हम कॉलेज और मुंबई की बातें करने लगे। तभी सबने हो-हल्ला शुरू किया। टीना और नीतू की बहन सीमा केक लेकर आईं।

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केक कटिंग के बाद डांस शुरू हुआ। मैं और तृषा डांस करने लगे। तृषा की चूचियाँ मेरे सीने से टकरा रही थीं, और उसकी गांड मेरे हाथों में थी। कुछ देर बाद मैं सीमा के साथ डांस करने लगा। सीमा, 22 की, नीतू की बड़ी बहन, लो-कट काली ड्रेस में थी। उसकी 36 की चूचियाँ ड्रेस से बाहर आने को बेताब थीं। डांस में मैंने उसकी एक चूची हल्के से मसली। वो मुस्कराई और मेरे कान में फुसफुसाई, “मेरा रूम पहली मंज़िल पर पहला वाला है।” मैंने कहा, “तू जा, मैं आता हूँ।”

सीमा रूम में चली गई। मैं स्वीटी के साथ डांस करने लगा। थोड़ी देर बाद सीमा बालकनी से मुझे इशारा कर रही थी। मैंने तृषा से पूछा, “बाथरूम कहाँ है?” वो बोली, “अंदर सीढ़ियों के पास।” मैं अंदर गया और पहली मंज़िल पर सीमा के रूम का दरवाज़ा खटखटाया। सीमा ने पर्दे डाले थे। उसने दरवाज़ा खोला और बोली, “आ जा।” धीमी रोशनी में वो आग लग रही थी। उसकी ड्रेस उसकी चूचियों और जाँघों को बमुश्किल ढक रही थी।

मैंने उसे खींचकर अपनी बाँहों में लिया और उसके गुलाबी होंठ चूसने लगा। उसका मुँह गर्म और मीठा था, जैसे शहद। मेरी जीभ उसकी जीभ से टकरा रही थी, और वो मेरे होंठों को काट रही थी। हम 10 मिनट तक एक-दूसरे को चूसते रहे। मैंने उसकी ड्रेस का हुक खोला, और वो ज़मीन पर गिरी। उसने लाल ब्रा और पैंटी पहनी थी। मैंने उसकी 36 की चूचियाँ ब्रा के ऊपर से मसलीं। वो सिसकारी, “आह… सैम, धीरे… दर्द होता है।” मैंने कहा, “ओके, मेरी जान।”

वो बोली, “बेड पर चलें?” मैंने मज़ाक किया, “नहीं, पहले इस ताजमहल को तो देख लूँ।” वो हँसी, “पसंद आएगा, जान।” मैंने उसकी ब्रा उतारी। उसकी चूचियाँ नरम और भारी थीं, लाइट ब्राउन निप्पल्स कड़क। मैंने एक निप्पल मुँह में लिया, ज़ोर से चूसा, और दूसरे को मसला। सीमा सिसकारी, “आह… और चूस… मेरी चूचियों को खा जा!” उसकी सिसकारियाँ मुझे जंगली बना रही थीं। मैंने उसकी पैंटी उतारी। वो गीली थी, उसकी चूत का रस टपक रहा था।

सीमा पूरी नंगी थी। उसका 36-28-38 का फिगर कयामत था। मैंने उसे दूर करके जी भरकर देखा। वो बोली, “इतना पसंद आया?” मैंने कहा, “तू तो माल है। अगर मेरी गर्लफ्रेंड होती, अब तक सौ बार चोद चुका होता।” वो हँसी, “मेरा बॉयफ्रेंड पढ़ाकू है।” मैंने उसे बाँहों में उठाया, बेड पर लिटाया, और उसकी टाँगों के बीच बैठ गया। उसकी चूत क्लीन थी, गुलाबी और गीली। मैंने उसकी चूत पर किस किया, फाँकें फैलाईं, और जीभ डाल दी। उसका नमकीन रस मेरे मुँह में बहने लगा। मैं कुत्ते की तरह चाटने लगा। सीमा चीखी, “आह… सैम, और चाट… मेरी चूत जल रही है!” पार्टी का शोर उसकी सिसकारियों को दबा रहा था।

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मैंने पैंट और टी-शर्ट उतारी। मेरा 7 इंच का लंड फौलाद की तरह तन गया। मैंने सुपारा उसकी चूत पर रगड़ा। सीमा तड़प रही थी, “सैम, चोद दे… मेरी चूत में आग है!” मैंने कहा, “थोड़ा और तड़प, फिर सैलाब आएगा।” मैंने लंड उसकी चूत पर सेट किया और एक ज़ोरदार धक्का मारा। आधा लंड उसकी टाइट चूत में घुस गया। सीमा चीखी, “उई माँ! फट गई!” उसकी आँखों में आँसू थे। मैंने धीरे-धीरे धक्के शुरू किए। एक मिनट बाद एक और झटके से पूरा लंड पेल दिया। सीमा की चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी।

वो धीरे-धीरे गांड उछालकर साथ देने लगी। मैंने स्पीड बढ़ाई। मेरे हर धक्के में उसकी चूचियाँ उछल रही थीं। उसकी चूत का रस मेरे लंड को भिगो रहा था। 20 मिनट तक मैंने उसे धकापेल चोदा। सीमा दो बार झड़ चुकी थी। मैंने भी उसकी चूत में पिचकारी छोड़ी। हम पसीने से तर थे। मैंने उसके होंठ चूसे और वॉशरूम में जाकर पानी डाला। तौलिया से पोंछकर कपड़े पहने।

सीमा बोली, “थैंक्स, सैम। तू मस्त है।” मैंने कहा, “तू भी रसीली है।” वो बोली, “जनवरी में मुंबई में मिलूँगी।” मैंने उसके होंठ चूसे और बाहर निकला। तान्या बाहर खड़ी थी। वो बोली, “सीमा दीदी के साथ प्राइवेट पार्टी मज़ेदार थी?” मैंने कहा, “तुझे दिक्कत?” वो हँसी, “नहीं, पर मुंबई में मेरे साथ एंजॉय करना।” मैंने तान्या के होंठ चूमे और नीचे गया।

तृषा बोली, “कहाँ था? ढूँढ रही थी।” मैंने कहा, “बाथरूम में। घर चलें?” हमने सबसे बाय कहा और बाइक से घर निकले। रास्ते में तृषा अपनी चूचियाँ मेरी पीठ से रगड़ रही थी। मैं समझ गया, उसे पार्टी में लंड नहीं मिला।

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दोस्तो, सीमा की चूत का मज़ा कैसा लगा? अगली बार तान्या की बारी!

कहानी का अगला भाग: तीन नंगी लड़कियों के साथ सेक्स का मजा

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