मेरी पहली एनल फक गांड चुदाई कहानी।

मेरी बुआ के बेटे ने मेरे साथ फर्स्ट एनल फक किया! वह मुझसे बड़ा था और चिकना गोरा था। पहली बार उसने मेरी गांड मारी!

मेरा रंग गेहूं है और मेरा कद पांच फुट दस इंच है। शरीर पतला है और गांड गोल है, लगभग हर लड़कियों की तरह।

ऐसी सुंदर गांड, जो किसी भी मर्द को आकर्षित कर सकती है।

यह कुछ साल पहले पहला एनल फक हुआ था। मैं उस समय सेक्स करना नहीं चाहती थी।

स्कूल छुट्टी पर था और गर्मी चल रही थी।

मेरी पिछली सेक्स कहानी।

इन होटल के उत्कृष्ट मनोरंजन का आनंद।

मेरी छोटी बुआ का बीच वाला लड़का दीपू उस समय हमारे यहां था।

मैं उससे कुछ साल बड़ी थी।

एक दिन घर में कोई नहीं था।

आप यह Hindi Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

दीपू और मैं खेल रहे थे।

घरवाले चले गए थे और हम दोनों अकेले थे।

खेल खेलते समय दीपू बार-बार मेरे ऊपर गिर रहा था और मेरी गांड मारने की कोशिश करता था।

वह मुझे कमरे में ले गया और कहा कि यहां खेलो।

हम दोनों फिर से खेलने लगे, तब दीपू ने मेरे ऊपर चढ़कर मुझे पीटा।

ऐसा करने से उसका लंड खड़ा हो गया, जो अब मेरी गांड पर चुभता था।

न जाने क्यों, उसका लंड अपनी गांड में मुझे बहुत लज्जित कर रहा था।

मैं उससे धींगा मुश्ती कर रही थी, अपनी दोनों टांगों के बीच में उसके लौड़े को लेकर उसके खड़े लंड को दबोच सा रही थी।

वह मुझे दोनों हाथों से पकड़ रहा था और अपनी कमर को आगे पीछे चलाते हुए अपने लौड़े को मेरी गांड से रगड़ रहा था।

उन्होंने मेरी छाती को भींचकर मेरे दूध को मसल दिया।

आप यह Hindi Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

उससे मेरी सांसें तेज होने लगीं और दीपू मुझे कुचलने लगा।

थोड़ी देर बाद दीपू ने पूछा कि क्या मैं तुम्हें कुछ सिखाऊं?

तो मैंने पूछा: क्या होता है?

उसने कहा कि यह एक ऐसा काम है जो आपको जीवन भर मनोरंजन देगा और आप चाहें तो धन भी कमा सकते हैं।

उसकी लच्छेदार बातें मुझे बहुत प्रभावित करती थीं और मुझे लगता था कि दीपू से जल्द से जल्द ये काम करना चाहिए। फिर चाहे मुझे उसे कुछ देना ही क्यों न पड़े।

हां, मुझे वह काम सीखना है, मैंने कहा। उसमें कोई जोखिम तो नहीं है न?

वह कहा कि खतरा कुछ नहीं है। उसने कहा कि उस काम को करने में तुम्हें मजा ही आएगा।

मैंने पूछा: और वह क्या करता है?

मैं तुम्हें चोदना सिखा सकता हूँ, वह कहा।

मैंने पूछा: कैसे होता है?

आप यह Hindi Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

तो दीपू ने कहा, “मैं जैसा कहूँ, वैसा ही करो।”

इसे भी पढ़ें   मामी को चोदने का सपना पूरा हुआ

मैंने उत्तर दिया: ठीक है।

तुम अपनी पैन्ट उतार दो, उसने कहा।

मैंने भी ऐसा ही किया।

उस समय मैं चड्डी के नीचे पैंट नहीं पहनती थी।

मैं कमर से नीचे तक पूरी तरह से नंगा थी।

मैं बिल्कुल चिकनी चमेली थी, इसलिए मेरी गांड पर कोई बाल नहीं था।

अब दीपू ने अपनी पैंट भी उतार दी और मेरे पास बैठ गया।

फिर वह मुझे मदद करने लगा।

मेरे शरीर में एक करंट सा दौड़ा।

आप यह Hindi Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

वह मेरी दोनों टांगों के जोड़ तक मेरी जांघों को सहलाने लगा।

थोड़ी देर में, उसके हाथ मेरे लिंग पर गिरने लगे, जिससे मेरे में कुछ धक्का लगने लगा।

फिर दीपू ने मुझे अपनी बांहों में भरना शुरू किया।

उसके शरीर की गर्मी मुझे बहुत प्रसन्न करती थी।

मैं उसकी बांहों में लुप्त हो गया।

हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे जब उसने मेरे होंठों को अपने होंठों से रगड़ दिया।

कुछ देर बाद, वह मुझे अपनी गिरफ्त से थोड़ा छोड़कर दूर होकर मुझे देखने लगा।

फिर वह मेरे बाजू में लेट गया और मुझे चटाई पर लेटा दिया।

अब दीपू मेरी गांड पर अपना लंड रगड़ने लगा।

उसका लिंग कड़क होने लगा।

आप यह Hindi Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

उसने मेरा हाथ अपने लंड पर पकड़ा।

मेरे हाथ से उसका लंड और भी कठोर हो गया।

दस मिनट तक ऐसा करने के बाद, वह मुझे उल्टा लेटाकर मेरी गांड सहलाने लगा।

कुछ मिनट तक ऐसा करने के बाद, उसने अपने लंड पर और मेरी गांड में थूक लगाया।

वह फिर से मेरी गांड में अपना लंड रगड़ने लगा।

मेरा शरीर करंट की तरह दौड़ रहा था।

उसने धीरे-धीरे मेरी गांड के छेद पर अपना लंड रखकर कहा कि शरीर पूरी तरह ढीला छोड़ दो।

मैंने भी इसी तरह किया।

उस समय मैंने अपनी टांगों को खोल दिया, जिससे उसका लंड मेरी गांड के छेद से टकरा गया और मेरी गांड को गर्म करने लगा।

“उन्ह… उन्ह…” मैंने कहा और अपनी गांड को उसके लंड से कस दिया।

आप यह Hindi Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

ठीक उसी समय दीपू ने अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया।

मेरी छोटी सी गांड की सील टूट गई जब उसका लंड अंदर चला गया।

मैंने कहा कि ऐसा मत करो, मुझे दर्द हो रहा है। लेकिन वह मानने वाला कहाँ था।

“बस इतना ही दर्द होगा, अब दर्द नहीं होगा,” वह कहा।

मैं उसकी बात मान गयी।

फिर दीपू मेरे ऊपर लेट गया और अपना पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया।

जब पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया, मुझे बुरा लगा।

जैसे ही मैं चीखना चाहती थी, दीपू ने अपना हाथ मेरे मुँह पर रखा।

इसे भी पढ़ें   पहले प्लेटफ़ार्म पर फिर ट्रेन में टी.सी.

मेरा दर्द काफी तेज था। मैं मुँह बंद करके चिल्ला भी नहीं पा रही थी।

वह कुछ देर पूरे लंड को गांड में डालकर रुक गया और मुझे सहलाने लगा।

आप यह Hindi Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

मैं एक मीठा-मीठा दर्द महसूस कर रही थी।

लेकिन अब तक पूरा लंड मेरी गांड में था।

अब दर्द कम होने का दूसरा कारण था कि उसका लंड छोटा था।

उस समय, वह लगभग तीन इंच लम्बा और एक इंच मोटा होगा।

अब दीपू धीरे-धीरे अपना लंड बाहर निकालने लगा।

मेरा दर्द कुछ देर बाद खत्म हो गया और मुझे भी अच्छा लगने लगा।

लगभग पांच मिनट तक इस तरह चोदने के बाद दीपू ने गति बढ़ा दी।

कमरे में टपा टप की आवाज आती थी।

मेरी गांड में उसका लंड चल रहा था।

ऐसा लगभग दस मिनट तक चलता रहा।

आप यह Hindi Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

अब दीपू हंसने लगा और मेरी गांड से अपना लंड निकालने लगा।

वह बहुत खुश दिखाई दिया जब मैंने उसकी तरफ देखा।

अब तक उसके पास पानी नहीं था।

अब कपड़े पहन लो, उसने कहा, मेरी गांड सहलाकर।

हम दोनों ने अपने कपड़े पहनकर कमरे से बाहर निकल गए।

हम अब चारपाई पर बैठ गए।

दीपू ने कहा कि अगर हम अभी जो कुछ किया है, किसी को बताते हैं तो घर वाले हमें पीटेंगे।

ठीक है, मैंने कहा, लेकिन यह क्या होता है?

तो उसने बताया कि इसे गांड मारना या चोदना कहते हैं।

उस दिन के बाद, दीपू हमारे यहां आते ही मुझे चोदता था।

आप यह Hindi Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

मौका मिलते ही गांड बजने लगती।

सर्दी की छुट्टियों में वह कुछ समय बाद अपने घर चला गया।

सब लोग सर्दी में सो रहे थे।

मैं हमेशा अपने दादा दादी के पास सोती थी, क्योंकि मैं मम्मी पापा से अलग रहती थी।

सर्दी में बिस्तर भी बहुत कम थे।

जब कोई रिश्तेदार आता था, तो उसे एक नया बिस्तर दे देते थे, जबकि बाकी बच्चे साथ में सो जाते थे।

उस समय भी दीपू और मैं एक साथ सोते थे।

इससे पहले, दीपू ने मुझे कई बार चोदा था।

अब कुछ महीनों बाद मैं एक बार फिर चुद गयी।

उस दिन दीपू और मैं एक साथ सो रहे थे।

आप यह Hindi Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

दीपू ने रात को मुझसे कुछ नहीं कहा और सो गया।

ऐसे ही रात बीत गई, सुबह होने वाली थी।

सुबह 5 बजे होगा।

मैं सो गयी।

मैंने अपनी गांड पर कुछ महसूस किया।

जब मैंने आंख खोली, तो मैं नीचे से नंगी थी।

इसे भी पढ़ें   2 लडकियों के साथ ग्रुप में चुदाई

मेरी गांड दीपू के लंड से रगड़ खा रही थी। वह सोते हुए मेरा पायजामा नीचे खिसका दिया।

वह मुझे गांड मारने के लिए तैयार था, लेकिन मुझे चिकना करना भी था।

दीपू ने रजाई से सर निकालकर इधर-उधर देखा।

उसे सरसों के तेल की शीशी पास में ही दिखाई दी, लेकिन वह उससे दूर थी।

आप यह Hindi Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

उसने मुझसे बोतल उठाने को कहा, तो मैंने धीरे-धीरे उठा लिया और दीपू को दे दी।

फिर दीपू ने शीशी खोल के मेरी गांड और लंड पर सरसों का तेल लगाया।

मैंने उसे वापस वहीं रख दिया।

हम दोनों रजाई में बैठ गए।

दीपू ने मेरी गांड पर अपना लंड लगाया।

मैं भी अपनी गांड को लंड से बिल्कुल सटा कर रखी थी।

दीपू ने मेरी गांड में अपना लंड डालते हुए मुझे कमर से पकड़ा।

मैं एक बार तो मर गयी।

उसने मेरी चीख को दबाने के लिए अपना हाथ मेरे मुँह पर रखा।

मेरी आंखों से आंसू बहने लगे, लेकिन मैं हर दर्द सहन करना सीख गयी थी और मेरी गांड में खुजली भी होने लगी।

आप यह Hindi Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

अब मैंने दीपू को कुछ नहीं बताया।

वह धीरे-धीरे शुरू हुआ और फिर तेज हो गया।

मैं भी खुश होने लगी।

मैं भी अपनी कमर हिला-हिलाकर उसका साथ देने लगी।

ये सब देखकर वह प्रसन्न हो गया।

वह सिर्फ बीस मिनट तक मेरी गांड में झड़ गया।

हम दोनों ने फिर अपने कपड़े धोए।

मैंने घड़ी को देखा तो छह बज चुके थे।

मम्मी ने चाय बनाई।

वे चिल्ला रही थीं।

आप यह Hindi Sex Story हमारी वेबसाइट फ्री सेक्स कहानी डॉट इन पर पढ़ रहे है।

हम उठे और हाथ धोकर चाय पीने लगे।

इस बार दीपू पांच दिन तक यहां रहा और हर दिन मेरी गांड मारी।

अब मुझे भी मजा आने लगा।

दोस्तो, आपको मेरी पहली एनल फक गांड चुदाई कहानी कैसा लगा?

इसके बाद मेरी बहुत सी एनल फक सेक्स कहानियां हैं, जो मैं एक-एक करके लिखूंगी, जैसे मैंने दीपू के बड़े भाई का लंड चूसा और बड़ी बुआ के छोटे लड़के की गांड मरवाई।

तब तक आप सबके खड़े लंड पर मेरी सुंदर गांड का प्यार।

Related Posts

Report this post

Leave a Comment