Holi Sex Story: राम विलास बड़ी मुसीबत में फंस गए। एक केस में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया और उनके खिलाफ जांच भी शुरू हो गई। एसपी साहब खुद जांच कर रहे थे। एसपी बड़ा कमीना था, राम विलास को फंसाने की पूरी कोशिश में जुटा था। राम विलास की गांड फट गई थी, उनकी नौकरी दांव पर थी।
एसपी साहब राम विलास के पड़ोस में ही रहते थे। काफी समय से उनकी गंदी नजर अर्चना पर थी। ये बात राम विलास भी जानता था, लेकिन उसकी नौकरी अब एसपी के हाथों में थी। इसलिए वो पूरी तरह मजबूर हो चुका था। होली से एक दिन पहले राम विलास ने एसपी को विश किया,
राम विलास: हैप्पी होली साहब!
एसपी: दारोगा जी, खाली मुंह से ही हैप्पी होली विश करोगे? होली पर साथ में रंग नहीं खेलोगे? तुम तो कभी आओगे नहीं, कहो तो हम ही तुम्हारे घर आ जाएं होली खेलने?
राम विलास: अरे क्यों नहीं साहब, आप कल हमारे घर आमंत्रित हैं!
राम विलास के पास कोई और रास्ता भी नहीं था। घर आने से मना करके वो अपनी नौकरी को खतरे में नहीं डाल सकता था, क्योंकि उसकी नौकरी इस वक्त पूरी तरह एसपी के हाथों में थी।
एसपी: तुम्हारी बेटी अर्चना इस होली पर कहीं गई तो नहीं है?
राम विलास: नहीं साहब।
एसपी: ठीक है, तो अपनी बेटी से बोल देना कि एसपी अंकल खास अर्चना के साथ ही होली खेलने आ रहे हैं।
राम विलास चुपचाप वहां से चला गया। शाम को उसने अर्चना को समझाया-
राम विलास: अर्चना बेटा, कल एसपी साहब होली खेलने के लिए घर आ रहे हैं। तुम्हें ही उनकी मेहमाननवाजी करनी है। ध्यान रखना कि वो किसी भी बात पर नाराज न हो जाएं, वरना मेरी और तुम्हारे होने वाले ससुर जी, दोनों की नौकरी चली जाएगी!
अर्चना: आप चिंता ना करिए पापा, मैं एसपी अंकल को शिकायत का एक भी मौका नहीं दूंगी।
होली के दिन राम विलास अपने घर दूसरे शहर गए हुए थे। एसपी राम विलास के घर आ धमका। घर के बाकी मेंबर्स ने उसे विश किया, लेकिन उसकी निगाहें तो बस अर्चना को ढूंढ रही थीं। आखिरकार अर्चना उसके सामने आ ही गई।
अर्चना: हैप्पी होली अंकल!
एसपी ने तुरंत अर्चना के गालों पर गुलाल लगा दिया।
एसपी: अर्चना, तुम्हारी ये ड्रेस तो एकदम नई लग रही है। जाओ, कोई पुरानी टी-शर्ट पहन लो, ये खराब हो जाएगी।
अर्चना अंदर गई और चेंज करके बाहर आई। एसपी तुरंत अर्चना पर झपट पड़ा। आज वो होली के बहाने अर्चना को छूना चाहता था। पहला हमला उसने अर्चना के बालों पर किया। उसने ढेर सारा रंग अर्चना के बालों में डाल दिया, फिर उसके गालों पर रंग लगाना शुरू किया।
अर्चना कोई विरोध नहीं कर रही थी। आज तक एसपी की हिम्मत नहीं हुई थी अर्चना को हाथ लगाने की, लेकिन आज वो किंग था। धीरे-धीरे उसकी हिम्मत बढ़ रही थी। एसपी ने अर्चना को उठाकर रंग से भरे टब में डाल दिया, जिससे अर्चना पूरी तरह गीली हो गई। उसके निप्पल टी-शर्ट के ऊपर उभर आए, जिन्हें देखकर एसपी पागल होने लगा।
एसपी: अर्चना, अपने अंकल को गले लगाकर एक बार ठीक से होली तो विश कर दो!
एसपी ने बाहें फैलाकर अर्चना को पास बुलाया। अर्चना आगे बढ़ी और एसपी की बाहों में आ गई। एसपी ने अर्चना को पकड़कर झटके से अपनी ओर खींचा। अर्चना की बड़ी-बड़ी चूंचियां एसपी के सीने से जा टकराईं। एसपी ने अर्चना को कसकर पकड़ लिया, जैसे कहीं अर्चना उससे अलग न हो जाए।
अर्चना की चूंची का स्पर्श एसपी के शरीर में करंट दौड़ा गया। उसका लंड खड़ा हो गया। एसपी के हाथ बहकने लगे थे। उसके हाथ पीठ पर घूम रहे थे, फिर धीरे-धीरे सरकते-सरकते अर्चना की गांड पर आ गए। किसी तरह का कोई विरोध न पाकर उसने हिम्मत करके एक बार गांड को स्क्वीज कर दिया।
अर्चना उसी तरह एसपी की बाहों में खड़ी रही। एसपी ने रंग लगाने के बहाने अर्चना के पजामे में हाथ घुसा ही दिया। अर्चना ने अंदर पैंटी नहीं पहनी थी। उसके नरम-मुलायम बम्स एसपी के हाथों में आ गए। वो बड़े मजे से उन्हें दबाने लगा। फिर एसपी घूमकर अर्चना के पीछे आ गया और उसके हाथ अर्चना के गले में सरकते हुए उसके गलेबान में जाने लगे।
एसपी: होली है!!!
नारे लगाते हुए एसपी के हाथ अर्चना की चूंची पर पहुंच गए। उसने फौरन अपनी हथेलियों में भर लिया और भोंपू की तरह दबाने लगा।
एसपी: अर्चना, जब मैं गोरखपुर में स्टूडेंट था, वहां पर कपड़ा फाड़ होली का बड़ा चलन था।
अर्चना: ये क्या होती है अंकल?
एसपी: इस होली में लोग एक-दूसरे के कपड़े फाड़-फाड़कर होली खेलते हैं।
कहते-कहते ही एसपी ने अर्चना का टॉप फाड़ डाला। अर्चना अब केवल बनियान में थी। एसपी ने उसका भी गलेबान पकड़कर फाड़ दिया। वो पूरी तरह न फटकर झूल गया। एक साइड से झांकती उसकी ब्रा ने एसपी को और उत्तेजित कर दिया। उसने अर्चना की चूंची पर रंग उड़ेलना शुरू कर दिया।
अर्चना के घरवाले ये सब देख रहे थे। अर्चना की मां से रहा न गया तो उसने अर्चना को एक टी-शर्ट लाकर दे दी, जिसे अर्चना ने कमरे में जाकर फटाफट पहन लिया। लेकिन एसपी अब आपे से बाहर हो चुका था। उसने हाथों में खूब गाढ़ा रंग लगाया और अर्चना के मम्मों पर रखकर अपने हाथों की छाप बना दी।
फिर टी-शर्ट में नीचे से हाथ घुसाकर टी-शर्ट को ऊपर उठा दिया, जिससे रंग सने अर्चना के मम्मे सबके सामने आ गए। ये सब हरकतें एसपी अर्चना के घरवालों के सामने ही कर रहा था। लेकिन क्या मजाल थी कि कोई भी एसपी को रोक ले। एसपी की मनमानी बढ़ती ही जा रही थी। उसने अर्चना की टी-शर्ट को फाड़कर अर्चना की मां की ओर उछाल दिया। अर्चना के बाप के ऑर्डर के आगे अर्चना की मां भी कुछ नहीं कर सकती थी।
एसपी: अर्चना, अभी भी तुम्हारे ऊपर रंग ठीक से चड़ा नहीं है। लाओ, थोड़ा और रंग लगाता हूं।
एसपी ने गुलाल लेकर अर्चना के बूब्स पर लगाना शुरू कर दिया। फिर एसपी ने अर्चना का पजामा भी फाड़ दिया, और अपने कपड़े भी उतार दिए। फिर अर्चना के बाप से पूछा,
एसपी: और दारोगा, आओ, तुम भी अर्चना के साथ होली खेल लो!
राम विलास: अरे नहीं-नहीं साहब! मैं ऐसे ही ठीक हूं। आप खेलिए होली!
एसपी: ठीक है, मैं अर्चना के साथ बाथरूम नहाने जा रहा हूं।
एएसपी अर्चना को लेकर बाथरूम में घुस गया। अर्चना अपना रंग छुड़ाने का प्रयास करने लगी। लेकिन कुछ खास सफलता नहीं मिल रही थी, क्योंकि वह बहुत पक्का रंग था जो गया गया था।
एसपी: अर्चना, तुमसे नहीं छूटेगा। लाओ, मैं हेल्प करता हूं।
एसपी ने अर्चना के पूरे बदन पर साबुन लगाया और इसी बहाने अर्चना के पूरे बदन को मसलने लगा। पूरे बदन में साबुन लगाने के बाद उसने अर्चना को साबुन दिया और अपने लंड की ओर इशारा करके बोला,
एसपी: अर्चना, जरा इस पर साबुन लगा दो।
अर्चना ने साबुन लगा दिया। फिर एसपी ने अर्चना को घुमा दिया।
एसपी: अर्चना, थोड़ा आगे झुको। आज तुम्हारे अंदर तक सफाई कर देता हूं!
अर्चना को पता था कि क्या होने वाला है। वो चुपचाप आगे की ओर झुक गई। एसपी ने अपना लंड अर्चना की चूत पर टिकाया और धक्का लगा दिया। साबुन से चिकना हुआ लंड बिना किसी रुकावट के जड़ तक अर्चना की चूत में समा गया।
अर्चना चीख उठी, क्योंकि एसपी का लंड ज्यादा लंबा और मोटा था, जो उसकी चूत की गहराइयों को नाप रहा था। अर्चना की कसी हुई चूत ने एसपी के लंड को चारों तरफ से जकड़ लिया था। एसपी ने कमर चलना शुरू कर दिया था। उसका लंड तेजी से अर्चना की चूत के अंदर-बाहर फिसलने लगा।
अर्चना को चोदने में एसपी को बहुत मजा आ रहा था। वो न जाने कब से अर्चना को लूटने की फिराक में था। आज हालात ऐसे बन गए थे कि अर्चना के बाप ने अर्चना को खुद ही उसके हवाले कर दिया था। अपनी पोजीशन का फायदा उठाते हुए वो अर्चना को जमकर यूज कर रहा था, और अर्चना बेचारी यूज हो रही थी।
एसपी के मोटे लंड के कारण अर्चना के मुंह से लगातार कराहें और सिसकियां उबल रही थीं। अर्चना की आवाजें सुनकर अर्चना का बाप भी उसी बाथरूम के बाहर आ गया था। अर्चना की चीखें बता रही थीं कि अंदर कितनी घमासान चुदाई चल रही थी। एसपी अब झड़ने के करीब था।
एसपी: आआआः! अयाया! वाआह! ऊऊ वाउ!! मजा आ गया। अर्चना, मेरी जान, तूने तो खुश कर दिया रे! बहुत टाइट है। हे, मजा आ गया!!!
एसपी ने अर्चना की चूत में पिचकारी छोड़ दी और उसकी चूत को अपने गरम-गरम वीर्य से लबालब भर दिया। बाथरूम का दरवाजा खोलकर एसपी बाहर निकला तो अर्चना के बाप को देखकर बोला,
एसपी: क्या बेटी पैदा की है यार तुमने! मजा आ गया!!
राम विलास: साहब, मेरी रिपोर्ट?
एसपी: उसकी चिंता क्यों करते हो यार! अभी तो मैं यहीं हूं। अभी मन कहां भरा है। जाओ, जरा अपनी बेटी को टॉवल दे दो।
अर्चना बाथरूम में पैंटी पहनने जा रही थी। एसपी ने देखा तो बोला,
एसपी: अर्चना, अब अपने पापा से क्या शरमाना। ऐसे ही बाहर आ जाओ!
अर्चना बाहर आई तो एसपी ने अर्चना की चूंची की ओर इशारा करके कहा,
एसपी: देखो, रगड़-रगड़कर नहलाया है तुम्हारी लाडली बेटी को। चूंची पर जरा सा भी रंग नहीं बचा है!
फिर अर्चना को बेड पर लेटने को बोला और अर्चना के बाप से बातें करने लगा।
एसपी: अच्छा, अभी तो मैं अर्चना के साथ एक राउंड और होली खेलूंगा। तुम भी यहीं बैठो। साथ ही अपने केस के बारे में बताते रहना।
एसपी: अर्चना, जुन ज़रा अपनी कमर ऊपर उठाओ और टांगे फैलाओ।
अर्चना घोड़ी बन गई तो। एसपी बेड पर चढ़ गया और अर्चना की चूत से लंड सटाकर सड़ाक से पूरा लंड जड़ तक अर्चना की चूत में पेल दिया।
एसपी ताबड़तोड़ अर्चना की चूत में धक्के लगाने लगा।
एसपी: जरा अपनी बीवी को बुला। एक बात पूछनी है।
राम विलास जाकर अपनी बीवी शोभा को बुला लाया।
शोभा: जी साहब, आप क्या पूछना चाहते थे?
एसपी: शोभा, तूने क्या खाकर पैदा की थी अपनी बेटी को? कितनी टाइट चूत है इसकी! इतनी मस्ती भरी है इसकी चूत में! मन करता है, चोदता ही रहूं, चोदता ही रहूं। कसम से, इतनी टाइट और चिकनी है तेरी बेटी की चूत। कि मुझे तो स्वर्ग का नजारा दिखाई दे रहा है!
शोभा बेचारी इन बातों का क्या जवाब देती। एसपी अब खुले-आम पूरे परिवार को शर्मिंदा करने पर तुल गया था। अर्चना के मां-बाप के सामने ही अर्चना की चूत में धक्के लगा रहा था, और साथ ही उसकी चूत की तारीफ भी किए जा रहा था।
ठप-ठप-ठप-ठप की आवाजों के साथ एसपी की कमर अर्चना की कमर से टकरा रही थी। अब वो झड़ने के करीब था। इसलिए बातें बंद कर अर्चना की कमर पकड़कर दांत भींचे धक्के पर धक्के लगा रहा था। उसके धक्कों के साथ-साथ अर्चना के मुंह से कराहें भी निकल रही थीं।
एसपी: हाई! अर्चना, मेरी जान! ये ले, मेरी पिचकारी अपनी चूत में! होली है!!
एसपी ने पूरा लंड जड़ तक चूत में घुसा दिया और अपना गरम लावा अर्चना की चूत में भरने लगा। पूरा लंड खाली होने के बाद एसपी ने लंड बाहर निकाला। पक की आवाज आई, जैसे किसी ने बोतल का ढक्कन खोला हो। अर्चना चुदाई से बेहाल होकर बेड पर पीठ के बल लेट गई। उसकी चूत से बहता एसपी का लावा इस बात की गवाही दे रहा था कि एसपी ने बिना कोई रहम किए उसे बाजे की तरह बजाया है।
एसपी: तुम दोनों जाओ अब। मेरा मन अभी भरा नहीं है। जब तक मैं खुद कमरे से बाहर न निकलूं, कोई मुझे डिस्टर्ब मत करना। बहुत दिनों से मेरी नजर थी अर्चना पर। आज सारा दिन, सारी रात जमकर चोदूंगा इसे।
इस बीच एसपी ने देखा कि सामने मेज पर कॉन्डम का पैकेट रखा है। शायद अर्चना के बाप ने चुपके से रखा था, पर शरम के मारे कुछ बोलने की हिम्मत नहीं थी।
एसपी: और सुनो! ये कॉन्डम का पैकेट लेते जाओ। इसकी कोई जरूरत नहीं है। साले, कॉन्डम पहनकर थोड़े ही चोदूंगा तेरी बेटी को!
राम विलास और शोभा के रूम से निकलते ही एसपी ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। कुछ ही देर में अर्चना की सिस्कारियां और कराहों की आवाजें आने लगीं। पूरा दिन और पूरी रात भर एसपी अर्चना को चोदता रहा। और अर्चना के मां-बाप करवटें बदलते रहे।
क्योंकि उन्हें पता था कि उस बंद दरवाजे के पीछे उनकी बेटी एसपी से चुद रही है। और सुस्पी लगातार अपनी बेटी की चूत में वीरी डाल रहा है। सुबाह अर्चना के कमरे का दरवाजा खोला गया। राम विलास और शोभा की निगाहें दरवाजे पर ही लगी थीं।
अर्चना की चूत से एसपी का वीर्य टपक रहा था। उसकी सूजी हुई आंखें बता रही थीं कि एसपी ने उसे रात भर सोने नहीं दिया है। अर्चना के पीछे से एसपी भी बाहर आया और अर्चना की चूंची सहलाते हुए बोला,
एसपी: वाह! आज की रात तो जन्नत की सैर हो गई मेरी! कसम से, तेरी बेटी चोदकर मजा आ गया!! कितनी टाइट चूत है इसकी! चोद-चोदकर मेरी हिम्मत जवाब दे गई, पर मन अभी भी कह रहा है कि इसकी चिकनी चूत में धक्के लगाता ही रहूं। अर्चना, जाओ अभी तुम आराम कर लो। 3 दिन बाद मेरे घर पर ही आ जाना। मेरी बीवी बच्चों समेत मायके जाने वाली है 1 हफ्ते के लिए। तुम पूरा हफ्ता मेरे घर पर ही रहोगी।
3 दिन बाद राम विलास पूरी फैमिली सहित एसपी के घर आ गया। एसपी तो पहले से नंगा होकर तैयार बैठा था। घर में घुसते ही भूखे कुत्ते की तरह अर्चना की चूंचियों पर टूट पड़ा। आज एसपी फुर्सत से अर्चना के अंग-अंग से खेलने के मूड में था। पिछले 3 दिन से एसपी मर्दानगी बढ़ाने के लिए दवाइयां खा रहा था। और आज से लेकर अगले 7 दिनों तक अर्चना को दिन-रात चोदना चाहता था।
एसपी: चल अर्चना, यहां बिस्तर पर आ जा और घोड़ी बन जा।
अर्चना ने चुपचाप वही किया। एसपी पीछे से चुदाई की पोज में आ गया। अपना लंड चूत के मुहाने पर रखा और धक्का लगा दिया। एसपी का लंड गर्म मक्खन में छुरी की तरह अर्चना की चूत में समाता चला गया। एसपी ने अर्चना की कमर को पकड़कर ताबड़-तोड़ धक्के पेलना चालू कर दिया।
एसपी: जितनी बार तेरी बेटी को चोदता हूं, दिल से तारीफ ही निकलती है। क्या मस्त चूत है इसकी। बहुत लौंडियां चोदीं, पर इतना मजा किसी और में नहीं मिला। एकदम टाइट चूत है, और कितना भी चोदो, नखरे भी नहीं करती।
आज वियाग्रा खाकर एसपी बहुत जोश में था। हपक-हपक के चोद रहा था। उसके जबरदस्त धक्के आज अर्चना के लिए झेलना मुश्किल हो रहा था। अर्चना अपना वेट अपने हाथ-पैरों पर संभाल नहीं पा रही थी। आखिरकार वो पेट के बल बेड पर गिर पड़ी। एसपी के धक्कों की रफ्तार बढ़ती ही जा रही थी। एसपी की घमासान चुदाई के कारण अर्चना चरमसुख तक पहुंच गई। उसके मुंह से आनंद भरी किल्कारियां फूटने लगीं।
एसपी: देख बे! तेरी बेटी से खाली मजे ले ही नहीं रहा हूं। उसको पूरा मजा दे भी रहा हूं। देख, तेरी बेटी को मुझसे चुदने में कितना मजा आ रहा है। इसने 2-3 साल पहले ही मुझे खुश करने भेज दिया होता तो, आज तुझ पर ये मुसीबत आती ही नहीं।
राम विलास और उसका परिवार ये सब सुनकर नजरें झुकाए बैठा था। छोटे भाई-बहन के सामने उनकी दीदी आज उनके सामने एक ही बेड पर चुद रही थी। अर्चना अभी तक तो शरमा रही थी। पर एसपी की चुदाई से उसका भी ऑर्गेजम हो गया था। तो अब वो भी थोड़ा-थोड़ा खुलने लगी थी।
अर्चना के रस से भरी उसकी चूत “फकच-फकच” की आवाजें कर रही थी। चूत और भी चिकनी हो गई थी, जिससे लंड और आसानी से इंजन के पिस्टन की तरह चूत के अंदर-बाहर हो रहा था। एसपी पिछले 15 मिनट से लगातार अर्चना की चूत में धक्के लगा रहा था। उसकी सांस फूल गई थी।
वियाग्रा की वजह से वो अभी तक झड़ा नहीं था। पर शरीर थक गया था। जब उसके शरीर में और धक्के लगाने का दम नहीं बचा तो उसने अर्चना से कहा: चल, अब तू ऊपर आ जा। अर्चना की चूत से लंड निकालकर पीठ के बल लेट गया। और अर्चना अब एसपी के ऊपर आकर उसका लंड अपनी चूत में लेने लगी।
अर्चना ने एसपी का लंड हाथों में पकड़ा। अपनी कमर को एक झटका दिया और सड़ाक से आधा लंड चूत के अंदर समा गया। अगले झटके में अर्चना की चूत ने एसपी का पूरा लंड लील लिया। उसके बाद एसपी को कुछ नहीं करना पड़ा। अर्चना भी अब पूरे मूड में आ गई थी।
जब उसकी किस्मत में यूं चुदना ही लिखा था, तो क्यों न वो भी चुदने का पूरा आनंद ले। एसपी ने उसे चोदकर जो सुख दिया था, उसका बदला चुकाने का समय आ गया था। अब अर्चना एसपी पर पूरी तरह छा गई और अपनी कमर उछालने लगी।
एसपी का लंड सटा-सट उसकी चूत के अंदर-बाहर हो रहा था। एसपी झड़ने का नाम नहीं ले रहा था। और अर्चना ने भी कसम खा ली थी कि एसपी को तो झड़ा के रहेगी। एसपी भी उसका ये रूप देखकर हैरान था। अब एसपी तो आराम से लेटा हुआ था। और अर्चना अपनी चूत उसके लंड पर पटक-पटक के चुद रही थी। उसकी कसी हुई चूत एसपी को जन्नत की सैर करा रही थी।
एसपी: वाह! तेरी बेटी तो एकदम भूखी शेरनी बन गई है। आज तो ये मुझे खुश करके ही देगी!
एसपी ने उसकी चूंचियां पकड़ लीं और अपनी कमर भी उछालने लगा। दोनों के बीच घमासान चुदाई प्रारंभ हो गई थी। “ठप्प-ठप्प” की आवाज के साथ दोनों की कमर आपस में टकरा रही थी। बेड बुरी तरह हिल रहा था। 20 मिनट की मैराथन चुदाई के बाद आखिरकार अर्चना एसपी को झड़ाने में कामयाब हो गई।
एसपी अर्चना को नीचे करके उसपर चढ़ गया और हच-हच-हच-हच 4 धक्के मारे और अपना गरम-गरम गाढ़ा वीर्य अर्चना की चूत में उड़ेलने लगा। घमासान राउंड के बाद एसपी बुरी तरह थक चुका था। इसलिए उसे फौरन ही नींद आ गई।
सुबह जब उठा तो सभी सोए पड़े थे। एसपी उठकर बाथरूम में घुस गया। नहा-धोकर जब बाहर निकला तो देखा कि अर्चना अपने बाप से कुछ बातें कर रही थी। बाप के सामने नंगापन ढापने के लिए अर्चना अपने नंगे शरीर पर एक चादर डाल रखी थी। एसपी को देखते ही अर्चना ने बिना कुछ कहे चादर एक तरफ फेंकी और टांगे फैला दीं।
एसपी: वाह, राम विलास, वाह! बेटी हो तो ऐसी!!
एसपी ने सीधे अर्चना की टांगों के बीच छलांग लगाई और अपना लंड उसकी चूत में उतार दिया। उसके भयंकर धक्कों के कारण पैदा हुई बेड की चरमरने की आवाजों ने जल्द ही पूरे परिवार की नींद तोड़ दी। परिवार के बाकी लोग एक-एक कर उठकर चले गए। पर अर्चना का बाप जाने क्या सोचकर वही बैठा रहा।
अर्चना फिर पूरे मूड में आ गई थी। उसने एसपी के कुल्हों पर हाथ रखे और खुद ही उसकी कमर को अपनी ओर खींचने लगी। साथ ही नीचे कमर उछालना शुरू कर दिया। यानी अब जितने जोश से एसपी चोद रहा था, अर्चना भी उतने ही जोश से चुद रही थी।
अर्चना पूरे जी-जान से अपनी चूत की प्यास बुझाने में लगी हुई थी। उसने एसपी को पूरी तरह अपनी बाहों में दबोच रखा था और गपा-गप उसका लंड अपनी चूत में लील रही थी। वो एसपी के मोटे लंड को अपनी चूत में निचोड़ डालना चाह रही थी।
इसके बाद एसपी ने अपनी कुहनियां बिस्तर पर टिकाईं और फुल स्पीड में अर्चना की चूत में धक्के मारने शुरू कर दिए। एसपी की वियाग्रा और अर्चना की प्यासी जवानी की जंग ने बिस्तर पर भूचाल ला दिया था। उनके धक्कों से भारी-भरकम ट्रिपल बेड भी चरमरा रहा था। 10 मिनट की पलंग-तोड़ चुदाई के बाद आखिरकार वो पल आ ही गया। अर्चना की चूत की भट्टी में तपते एसपी के लंड ने उल्टियां शुरू कर दीं।
अर्चना ने एसपी को दबोचकर उसकी कमर से टांगें लपेट लीं और उससे बुरी तरह चिपट गई। जैसे एसपी के लंड को हमेशा के लिए अपनी चूत में भर लेना चाहती हो। अपनी चुड़क्कड़ बेटी की प्यास देखकर उसका बाप भी हैरान था। एसपी में अब हिलने-डुलने की ताकत भी नहीं बची थी। वो अर्चना की चूंचियों में मुंह डाले पड़ा था। एसपी ने अपने वायदे के अनुसार अर्चना के बाप को केस से बरी कर दिया लेकिन जब भी उसका मन करता है वो अर्चना को चोद लेता है।
आपको ये होली जोरदार चुदाई की कहानी कैसी लगी? अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं।