देसी भाभी के गांड में लंड डालने का मज्जा। Desi Bhabhi Ass Chudai Ki Kahani

Desi Bhabhi Ass Chudai Ki Kahani पढ़े। गांड में अपना लंड डालने के बाद देसी भाभी जी की सेक्स कहानी में मैंने पूरा मजा लिया। लेकिन भाभी को इसके लिए क्या बताया?

प्रिय, मैं आज सुबह आपको निशा भाभी के साथ मेरी चुदाई की कहानी सुनाता हूँ।
मैंने उन्हें गांड मरवाने के लिए सैट किया और उनकी गांड को गड्डा बनाया।

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इस Desi Bhabhi Ass Chudai Ki Kahani में आपको यह सब पढ़ने को मिलेगा।

निशा: फ़ुद्दी को पहली बार मारने का दर्द कैसा था! और कल फ़ुद्दी में लंड डालने से भी बहुत दर्द हुआ। तुमने पहले से चुद चुकी फ़ुद्दी को पीटा था, तो अब गांड मरवाने में कितना दर्द होगा? तुम्हारा लंड मेरे पति से अधिक मोटा और बड़ा है।
मैं कहती हूँ कि गांड मरवाने में दर्द होगा, लेकिन फ़ुद्दी मरवाने से भी अधिक मज़ा आएगा।

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निशा भाभी को भी गांड मरवाने का दिल था, लेकिन मेरा लंड देखकर वे घबरा गईं।

थोड़ी देर बाद निशा भाभी ने कहा, “चल, एक शर्त लगाते हैं!”
मैं—किस तरह की शर्त?
निशा: आज आप मेरी गांड मार देंगे तो क्या कहेंगे? मैं वे करेंगे..। और अगर मार नहीं पाया, तो मैं क्या कहूँगा..। आप इसे करेंगे। यह भी एक शर्त है कि तुम मेरी प्यार से मारोगे, बलपूर्वक नहीं! गाण्ड मरवाने में मेरी मर्ज़ी होनी चाहिए, और हां, तुम मेरी फ़ुद्दी भी मारोगे उस दौरान।
मैं: ओके, अनुमोदन..। अब बोलें।

निशा: अगर तुम मेरी गांड नहीं मार पाओगे, तो तुम मुझसे शादी करोगे, वह भी मुझे भगा कर और मैं सारी उम्र मेरी चूत की दासता करोगे।
मैं- मैं पहले से ही तुम्हारा हूँ, क्या यह शर्त है? पर देखो, तुम पहले लंड चूसने से भी मना कर रही थे, लेकिन अब तुम लंड से हट नहीं रही हो।

निशा: देखो, रहने दो!
मैं मानती हूँ, लेकिन अगर मैं गांड मारवाती हूँ तो क्या मिलेगा?

निशा: तुम बताओ..। क्या करना चाहिए?
मैं—मेरे पास दो शर्तें हैं। मैं तुम्हें पहले बाथरूम के बाहर लंड पर बिठाकर गोद में उठा कर उधर ले जाऊँगा। वह भी पूरी तरह से नंगी..। हम स्मूच करते हुए बेडरूम से बाथरूम की ओर जाएंगे। अब आप इस शर्त को कैसे पूरा करेंगे? ये दोपहर में होगा और सफल माना जाएगा जब कोई आसपास रहनेवाला हम दोनों को देखेगा!

निशा: अनुमोदन..। दूसरी शर्त भी?

मैं भी तुम्हारी जेठानी और ननद को चोदना चाहता हूँ, तुम मेरी मदद करोगे। फिर मैं, तुम और तुम्हारी जेठानी थ्रीसम करेंगे।
यह सुनकर निशा भाभी थोड़ा चौंकी पर मुस्कुराती हुई मान गईं।

भाभी ने खुद भी एक शर्त प्रस्तुत की।
अगर आज तुम मेरी गांड नहीं मार सकते, तो तुम कभी किसी लड़की की तरफ नहीं देखोगे।
मैं—डन।

मैं कहां विश्वास करने वाला था।
सारा दिन इसी तरह बिताया गया।
हम बस एक दूसरे को नंगे देखते रहे।

सारा दिन सिर्फ एक दूसरे को टकराते रहे, मुस्कुराते रहे और शरीर की आग को बढ़ाते रहे, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
मुझे आज भाभी की गांड मारनी थी, इसलिए मैं निशा भाभी को इतना तड़पाना चाहता था कि वे खुद को गांड मारने को मान जाएं।

मैं बस उन्हें गर्म करता रहा और उनकी चूत को जलाता रहा।

अब शाम हो गई और निशा भाभी को गांड मारने का समय आ गया।
मैंने निशा भाभी को अपनी बांहों में लेकर सहलाना शुरू कर दिया और मुस्कुराने लगा।

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निशा भाभी मुझसे दूर भागने लगीं।
लेकिन मैं उन्हें कहां जाने देता..। आज बस गांड मारना था।
मैं भाभी को एक बार गर्म करना जानता था..। फिर ये भी गांड मारेंगे।

मैंने भाभी को मुस्कुराते हुए बेडरूम में ले गया।

मैंने उन्हें बेड पर रखा और खुद उनके ऊपर चढ़कर उनके स्तनों को मसलने लगा।
मैं पूरी तरह से निशा भाभी के साथ था।
मैंने सोचा कि भाभी अब गर्म हो गई हैं।

मैंने अपनी भाभी से कहा कि वह मेरा लंड चूस ले, लेकिन वह खुद ऊपर आकर मेरा लंड मुँह में भर लिया।

वे खुशी-खुशी लंड चूसने लगीं। तब हम दोनों 69वें स्थान पर आ गए।
वे मेरा लंड चूसने लगीं, जब मैं उनकी चुदाई करने लगा।

शीघ्र ही निशा और भाभी गर्म हो गईं। जब वे उठी और लंड पर बैठने लगीं, तो मैं पीछे चला गया।

निशा: आज फ़ुद्दी नहीं मारनी चाहिए क्या?
मैं मारना चाहता हूँ, लेकिन दूसरी जगह!

वे राजी बन गए।
मैंने भाभी को घोड़ी बनाया और लंड उसकी पीठ पर लगाया।
मैंने पहले टोपा अंदर डाला और फिर बाहर निकाला।

निशा और भाभी को इससे गुस्सा आया और कहा, “जान तड़फाओ मत, मेरी फ़ुद्दी चोद दो!”
मैं—और कबसे तुम मुझे परेशान कर रहे हो..। उसके पास क्या है?

निशा: मैं तुम्हें जितनी मार दे रही हूँ!
मैं-फ़ुद्दी, मैं जब चाहूँ मार डालूँ। लेकिन तुम मुझे जो चाहिए कुछ भी नहीं देती!
निशा: यह आदमी गांड नहीं है..। अगर आपको न्याय चाहिए तो ले लो..। चाहे जितनी बार मार लो गाण्ड मरवाना दर्दनाक है।
मैं-तुम अभी भी इस तरह बोल रहे हो। बाद में तुम उछल उछल कर गांड मरवाओगी..। लेख लिखें।

यह सब होते हुए, मेरा भाभी की फ़ुद्दी में लंड डालने और निकालने का खेल जारी था। जो निशा भाभी को पागल बना रहा था।
निशा ने कहा: “ओके, गांड मार लो, लेकिन पहले फ़ुद्दी मार लो।”
मैंने उनकी फ़ुद्दी में थोड़ा सा लंड डालकर निकाल दिया।

अब निशा को भाभी से रहा नहीं गया, वे सीधे हो गए और कहा, “अभी मेरी फ़ुद्दी तो मारो..।” बाद में कहा है कि गांड भी मारना चाहिए!
मैं क्रोधित हो गया..। लेकिन अगर बाद में आप मुकर गए तो?

निशा भाभी ने कहा, “लो, मार ले पहले गांड ही।” मैं तुम्हें प्यार नहीं करता। तुम्हारी बातें ही लागू होंगी। अगर तुम्हें भरोसा नहीं है, तो पहले अपनी गांड मार लो।
इसके बाद भाभी ने अपनी गांड मेरी ओर कर दी।

मैंने सोचा कि प्यार से गांड मारने में मज़ा आता है..। क्योंकि ये गुस्से में देंगे, इसलिए मज़ा नहीं आएगा।

तब मैंने निशा भाभी के मम्मे पकड़े और उन्हें सीधा कर दिया।

यार, तुम्हारी मर्ज़ी के बिना कुछ नहीं होगा, मैंने कहा और होंठों पर जोर से काट लिया। लंड और फ़ुद्दी मिलने के बाद गांड लंड मिलेगा।
भाभी खुश थीं।

अब मैंने उन्हें सीधे लिटाकर फ़ुद्दी में लंड डाला। फ़ुद्दी इतनी चिकनी थी कि एक बार में मेरा लंड सीधा अन्दर चला गया।

तुरंत बेडरूम में फक-फक-फक की आवाज़ आने लगी, और हम दोनों की चुदाई भी चलने लगी।

थोड़ी देर बाद भाभी झड़ने वाली थीं, तो मैंने अपना लंड निकाल लिया और निशा को भाभी की गांड मारने का एकदम सही अवसर मिल गया।
निशा भाभी झड़ गई जब मैंने उनकी फ़ुद्दी में उंगली डाली।

लेकिन मैं कहां रुकने वाला था..। तुरंत मैंने निशा भाभी को घोड़ी बनाया और उनकी गांड में अपना मुँह डाल दिया।
मैं अपनी जीभ से भाभी की गांड के छेद को चाटने लगा।

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निशा भाभी अब बचने की कोशिश नहीं कर रही थीं क्योंकि वे पूरी तरह से मस्त थीं।
वे मेरा पूरा सहयोग कर रहे थे।

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मैंने आयिल को उठाया और निशा भाभी को नीचे फर्श पर लिटा दिया।
निशा ने उंगली की मदद से भाभी की गांड में तेल लगाया, साथ ही अपने लंड पर भी, ताकि लंड आसानी से अंदर जा सके।

अब मैंने निशा भाभी की टांगें उठाकर ऊपर की तरफ कर दीं और अपना लंड उनकी गांड पर रखा, जिससे उनकी गांड मेरे सामने आ गई।

मैं लंड को अंदर डालने लगा, लेकिन वह फिसल गया।
मैंने निशा भाभी से कहा, “भाभी, जब मैं आपसे कहूँ तो आप कुछ खाँसी करेंगे।”

  • क्यों, भाभी?

मैं: यह गांड के छेद को थोड़ा खुला देता है..। जिससे लंड अंदर जाना आसान होगा।
निशा भाभी ने भी इसी तरह किया।

भाभी ने खाँसी दी जब मैंने उसके गांड पर लंड रखा।
मैंने तुरंत धक्का मार दिया। लंड का सुपारा निशा भाभी की गांड में फंस गया।

भाभी तड़पने लगीं, पीछे होकर गाली बकने लगीं और लंड निकालने की कोशिश करने लगीं।
मुझे भी बहुत गुस्सा आया कि सुपारा अंदर जाते ही थोड़ा सा छिल गया..। पर मैं इस अवसर को कैसे भुला सकता था?

निशा भाभी ने आंखें और मुँह बंद कर लिए। दर्द के कारण उनकी आंखें भी रोने लगीं।

मैं उन्हें चुंबन करने लगा और उन्हें थोड़ा नॉर्मल करने लगा ताकि लंड अंदर जाए।
जैसे ही भाभी थोड़ा शांत हुईं, मैंने एक जोरदार झटका दिया। भाभी की गांड को चीरता हुआ मेरा लंड आधा अंदर चला गया।

निशा भाभी की चीख मेरे मुँह में दबकर रह गई।
भाभी की आंखों में लगातार आंसू बह रहे थे। मुझे धक्के मारते हुए वे कहा, “साले लंड निकाल, मैं मर जाऊँगा।” मुझे फिर कभी मार डालो..। आज रहने दो..। बहुत दर्द है।

मैं जानता था कि अगर लंड निकाल दिया जाए तो बाद में कुछ नहीं होगा।
भाभी गांड मारने नहीं देंगे।

मैं ऐसे ही उनके ऊपर चढ़ा रहा और स्मूच करके उनके मम्मों से खेलने लगा ताकि वे थोड़ा शांत हो जाएं।

जैसे ही वे थोड़ा शांत हो गए, मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए, और अब निशा भाभी भी मेरे साथ दे रही थीं।
मेरा लंड अभी आधा भर गया था। वास्तविक कार्य अभी बाकी था।

जैसे ही निशा भाभी उठा उठा कर गांड मरवाने लगीं और थोड़ा नॉर्मल हुईं, मैंने एक जोरदार झटका मारा, जिससे लंड पूरा अंदर चला गया।
हम दोनों की चीख से निशा भाभी पूरी तरह बेहोश हो गईं।

मैंने उन्हें छूकर उठाया..। मुझे गालियां देने लगी भाभी जब वे सचेत हुईं।
वे रो रही थीं और मिन्नतें करने लगी, उनकी आंखों में सिर्फ आंसू थे।
यह सब देखकर मुझे एक सेकंड के लिए लग गया कि मैं अपने लंड को बाहर निकाल दूँ।

“मेरी गांड फाड़नी है क्या?” निशा ने पूछा। आराम करो!
मैंने हंसते हुए कहा: “फाड़ना क्या है?” गांड फाड़ दी है..। अब बस मनोरंजन है।

निशा: बाहर निकाल दो लंड..। बहुत दर्द है। जारी है..। लंड बाहर निकाल दो।
मैं नहीं माना और उनके ऊपर ऐसे ही चढ़ा रहा।

अब निशा भाभी ने क्रोधित होकर मेरी कमर में अपने नाखून चुभो दिए, जिससे मैं फट गया।
नाखून चुभो दिए गए थे और एक लंड छिल गया था।

अब भाभी को कौन बताए कि भाभी की गांड इतनी टाइट है कि लंड भी छिल जाता है?
पर बहुत मज़ा आता है।

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निशा गुस्से से मुझे थप्पड़ मार रही थी और अपनी टांगें हवा में फैला रही थीं।
मैं जानता था कि भाभी की गांड फट चुकी है और उसे दर्द सहन नहीं हो रहा है, इसलिए मैंने उन्हें कुछ नहीं कहा।

मैंने धक्के मारने शुरू किया जब निशा भाभी कुछ नॉर्मल हो गईं।
लेकिन निशा भाभी अभी भी रो रहे थे।

मैंने उनके रोने पर ध्यान नहीं दिया और धीरे-धीरे धक्के देने लगा और उन्हें स्मूच करने लगा।
मैं जानता था कि इनका रोना थोड़ी देर बाद खत्म हो जाएगा और भाभी खुश होकर गांड मरवाएगी।

निशा भाभी को लगता था कि उनकी गांड फट गई है, इसलिए वह लंड को धीरे-धीरे बाहर नहीं निकालती।
कुछ देर बाद निशा भाभी भी कुछ देर साथ देने लगी, लेकिन दर्द के कारण वे बहुत ज़ोर नहीं दे रही थीं।

अब हम दोनों गांड मारने का आनंद लेने लगे। तेल के कारण अब लंड आराम से अंदर बाहर जा रहा था।

अब निशा भाभी ने भी नीचे से गांड उठा दी।
मैंने देखा कि देसी भाभी जी अब सेक्स करने लगी हैं।

मैंने एक बार पूरा लंड निकाला और सुपारा ही अंदर रहने दिया।
फिर एक जोरदार झटका दिया, जिससे मेरी जांघें निशा भाभी की गांड पर लगीं।
इसमें मज़ा आया।

अब मुझे भी निशा भाभी की गांड मारने में मज़ा आ रहा था।
निशा: मैं गांड मरवाने में इतना मज़ा आता था कि मैं पहले ही मरवा देती। आप मेरी गांड मार ही गए।

मैं आपको शर्त याद है?
निशा: हां, मुझे याद है, सब होगा।

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मैंने सोचा कि मैंने निशा भाभी की गांड की सील तोड़ी है, भले ही मैंने इसे नहीं तोड़ा होता। आज सीलपैक गांड मारने में मज़ा आया।
मैंने सोफे पर बैठकर अपना लंड निकाला।

मैंने भाभी को लंड पर आकर बैठने को कहा।
चंद सेकंडों में, निशा भाभी लंड पर बैठ गईं और ज़ोर से नाचने लगीं।
मैं भाभी के हिलते हुए मम्मे देख रहा था।

मैं भाभी को कुछ देर ऐसे ही चोदने के बाद डॉगी स्टाइल में गांड मारने लगा।
इस आसन में निशा भाभी की गांड चुदाई हुई।

मैं पीछे से उनके बाल पकड़कर उनकी गांड को ज़ोर से पीटने लगा, जिससे निशा भाभी की गांड लाल हो गई।

मैं झड़ने वाला था, इसलिए भाभी से पूछा कि मैं अपना रस कहां निकालूँ?
वे सिर्फ गांड में निकालने को कहा।

मैं भाभी की गांड में गिर गया और उनके ऊपर गिर गया।
निशा भाभी सिर्फ मेरे नीचे दब गईं।

थोड़ी देर बाद, निशा ने चूसकर लंड को गांड से बाहर निकाला।
हम नंगे ही एक दूसरे से लिपटकर सो गए।

निशा की मदद से मैंने निशा की जेठानी और ननद भी चुदाई की।

मैं ये कहानी बाद में सबआपके सामने प्रस्तुत करूँगा। आपको मेरी Desi Bhabhi Ass Chudai Ki Kahani कैसी लगी हमें कमेंट में ज़रूर बताये।

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