Desi Anatarvasna Gay Sex Kahani पढ़े। जब मैंने पहली बार गांड मरवाई, मुझे लंड का मजा आया। मैं गांडू कैसे बन गया, लेकिन मुझे पेशाब करते हुए मर्दों का लंड देखना अच्छा लगता था।
दोस्तो, मैं आर्यन, 19 वर्ष का हूँ और फरीदाबाद में रहता हूँ।
मैं दिखने में सुंदर और प्यारा हूँ। मेरी गांड और बूब्ज़ कुछ उठी हुई हैं।
मेरे माता-पिता, पापा और मेरी छोटी बहन मेरे परिवार का हिस्सा हैं।
चाचा गांव में दादा दादी के पास रहता है।
Anatarvasna Sex Kahani In Hindi
कुछ दिनों से मैं कुछ बदलाव से आने लगा था, जिससे मुझे बहुत संजीदगी महसूस हुई। Desi Anatarvasna Gay Sex Kahani
तगड़े लड़कों या मर्दों को देखते ही मुझे न जाने क्यों गुस्सा आने लगा।
जब भी मुझे कोई मर्द पेशाब करता हुआ दिखता है, मैं कोशिश करता हूँ कि उसका लंड देख लूँ।
मैं खुद को इसका कारण नहीं समझ पाया।
दिन में देखे हुए किसी मर्द के लंड को याद करके रात को सोते समय मुझे अपने मम्मों को मसलने में बहुत मजा आने लगा।
मैं उस समय तक गे सेक्स के बारे में कुछ नहीं सोचा था।
शायद तब तक मुझे गांड चुदाई का विचार ही नहीं आया था।
दिनोंदिन मेरे मन में ये बात बढ़ती जा रही थी और मैं संकोचवश इसे अपने किसी दोस्त से नहीं बता पा रहा था।
स्कूल की बारहवीं कक्षा पूरी करने के बाद मैं दिल्ली में शिक्षक बनने आया था।
मैं भी उधर रहने के लिए एक कमरा पाया।
मैं उस कमरे को दूसरे लड़के के साथ साझा करने की शर्त पर मिला था।
मैं उस कमरे में पहले अकेला था।
थोड़े दिन बाद मैं बहुत से लोगों से मिल गया।
एक दिन, मकान मालिक ने मुझे फोन किया और कहा कि एक और व्यक्ति तुम्हारे साथ कमरा शेयर करेगा।
मैंने हां में प्रतिक्रिया दी।
पचास से पच्चीस वर्ष का एक आदमी शाम को आया।
वह महेश था और एक फैक्टरी में काम करता था।
मैं गांड में उसके लंड का मजा लिया।
बाद में हम दोनों दोस्त बन गए।
वह मेरे साथ बहुत अच्छी तरह से बात करता था और मजाक में मेरी गांड पर हाथ मारता था।
Kamukta Gay Sex Kahani In Hindi
रात में दारू पीने की उसे आदत थी।
शुरू में वह मुझसे कुछ नाराज़ हुआ, लेकिन बाद में उसने कमरे में ही दारू पीने की अनुमति मांगी।
हां, मैं खुद भी अपने दोस्तों के साथ बियर पीता था।
मैंने अभी तक दारू नहीं पी है।
एक दिन जब मैं सेंटर से वापस आया तो मैंने देखा कि आदमी सामने दारू की बोतल और गिलास रखकर दारू पी रहा था और अपने फोन पर पोर्न वीडियो देख रहा था।
पर उसमें से किसी लड़के की आवाज़ आ रही थी।
लड़का लगातार आह आह उफ़्फ़्फ आह कर रहा था।
जब मैं करीब गया तो उसने देखा कि वह एक गे फिल्म देख रहा था।
फिल्मी लड़के की गांड बजाई जा रही थी, उम्र 18 से 19 वर्ष होगी। 50 वर्षीय आदमी धकापेल से उसे चोद रहा था।
मेरी तरफ़ देखकर महेश मुस्कुराया।
मैं भी स्माइल पास कर देता था।
क्या गिलास बनाऊँ?
मैंने मुंडी हिला दी।
कुछ देर बाद, महेश ने मुझे गांड पर ज़ोर से तमाचा मारा।
मैं हंसते हुए बाथरूम में चला गया और कुछ नहीं बोला।
फ्रेश होने के बाद मैं बाथरूम में नहा रहा था।
उस समय मैं खुद अपनी गांड के छेद पर हाथ लगा रहा था।
मैं नहीं जानता कि क्या हो रहा था।
मैं पूरी तरह से नंगा था और पानी डालने से मेरा शरीर और भी खूबसूरत हो गया।
मैंने उसे अपनी गांड में डालने लगा और अपनी बड़ी वाली उंगली पर थूक लगाया।
मुझे गांड में जलन होने लगी जब मेरी उंगली आधी ही गयी थी।
हालाँकि, सुरसुरी भी हो रही थी, मैंने उंगली को अंदर डाल दिया।
मैंने अपनी पूरी उंगली को गांड में डालकर कुछ ही देर में ऐसा मीठा दर्द सह लिया।
मैं कुछ देर रुककर उंगली को अपनी गांड में डालने लगा।
मैं बहुत खुश था।
फिर मैंने दो उंगलियां अपनी गांड में डालने की कोशिश की। लेकिन अधिक दर्द से मैं कुछ निराश हो गया।
बाद में कुछ चिकनाई करने का विचार आया।
मैंने इधर-उधर देखा और अपनी दोनों उंगलियों को एक साथ गांड में डालकर शैंपू की शीशी से कुछ शैंपू ले लिया।
इस बार कुछ सफलता मिली, लेकिन उंगलियां आधी ही अन्दर जा सकी।
मैंने फिर से शैंपू लगाया, पहले एक उंगली से गांड में शैंपू डाला, फिर दोनों उंगलियों को गांड में डाला।
Xxx Gay Hindi Sexy Kahani
वास्तव में, दोनों उंगलियां सटाक से अंदर चली गईं।
मेरी गांड लज्जित होने लगी। मैं अपनी दोनों उंगलियों से अपनी गांड की खुजली को दूर करने लगा।
बहुत मज़ा आने लगा। मैं अपने लौड़े को सहलाने लगा, और दूसरा हाथ लौड़े पर आ गया।
मैं अपने दोनों हाथों से खेलने लगा क्योंकि मैं इतना उत्तेजित था।
उसने एक हाथ की दो उंगलियों से गांड की खुजली दूर करते हुए दूसरे हाथ से लौड़े को मसला।
कुछ ही समय बाद, लौड़े ने फुच्छ फुच्छ करके अपना रस फेंक दिया, और शरीर पूरी तरह से खुश हो गया।
गांड से भी उंगलियां बाहर आ गईं।
अब मैं नहाने लगा।
आज नहाते समय मेरा दिल महेश का लंड अपनी गांड में डालने को कर रहा था।
मैंने बाथरूम में महेश को बुला लिया। मैं जानता था कि मैं भी महेश को चोदना चाहता था।
इधर मेरी गांड फिर से कुलबुला हुआ।
मैंने महेश को कहा कि मेरी टी-शर्ट छूट गई है, उसे पकड़ा दो।
महेश ने सुनकर दरवाजा खटखटाया।
महेश ने मुझे देखते ही उल्लुओं की तरह आंखें झपकाकर दरवाजा खोला।
उसकी आंखों में हवस दिखाई दे रही थी, जब मैं पूरी तरह से नंगा खड़ा था।
इधर मैं भी चुदने के लिए उत्सुक था।
तभी उसने मुझे दबाकर मेरे होंठों में अपने होंठ लगाए।
मैं भी उसको कसकर पकड़ना शुरू कर दिया और उसका पूरा साथ देना शुरू कर दिया।
महेश अपने हाथ से मेरे एक चूतड़ को मसल रहा था और मेरे होंठों पर बहुत ज़ोर से बाइट कर रहा था।
मैं बहुत खुश था।
10 मिनट तक वह मेरे होंठों को ऐसे ही चूसता रहा।
फिर उसने अचानक मेरी गांड में उंगली डाली।
मैं घबरा गया।
उसकी लम्बी और मोटी उंगली थीं।
मैंने मना किया, लेकिन वह नहीं मानता था।
Desi Xxx Gand Chudai Ki Kahani
मैं भी अपनी गांड में उंगली मारने का मज़ा लेने लगा।
महेश ने भी अपने कपड़े उतारने लगे।
उसने अंडरवियर उतारा तो मेरी गांड फट गई।
उसका लौड़ा बहुत लम्बा और मोटा था।
पूरा लौड़ा पूरी तरह से काला था, हालांकि उसके टोपे का रंग ब्राउन था।
मुझे नीचे बैठने को कहा गया।
उसने मुझे बैठाकर अपना लौड़ा मेरे मुँह के पास करके उसे चूसने को कहा।
मैं भी उत्साहित था।
मैंने पहले उसके टोपे पर एक किस किया और फिर उसका लौड़ा उसके मुँह में फ़िट कर दिया।
मैं सिर्फ उसका आधा लौड़ा मुँह में ले पा रहा था।
मैं शब्दों में उसके लंड को चूसने का मजा बता नहीं सकता।
अब महेश मेरे मुँह में अपना लंड डाल रहा था।
मेरी आंखों से पानी बह रहा था और सांस लेने में मुझे बहुत कठिनाई हो रही थी।
मैं भी उसके मोटे लंड का स्वाद महसूस कर रहा था।
लगभग दो घंटे बाद, उसने मेरे गले तक पूरा लंड डाला और एक जोरदार झटके से सारा पानी मेरे अंदर उतार दिया।
मुझे अजीब लग रहा था, लेकिन महेश अभी भी मेरे मुँह में लंड हिला रहा था।
फिर उसने मुझे उठाकर अपना लौड़ा निकालकर मेरे माथे पर एक चुंबन दिया और मुझे अपनी बांहों में कस लिया।
महेश ने कहा कि तुम आज पूरा दिन मेरे साथ कमरे में नंगे रहोगे।
मैंने हां कहा।
मैं भी अब महेश के साथ नहाने लगा।
उसके माल की महक अभी भी मेरे मुँह से निकल रही थी।
Desi Free Gay Sexy Kahani
फिर मैं और महेश नंगे ही बाहर आकर एक साथ लेट गए।
महेश ने जानबूझकर मुझे पीछे से हग लिया।
मैं बहुत खुश था।
मेरी गांड के छेद पर उसका लंड लग गया।
उसका लंड काफी मोटा और मेरे लंड से दो गुना बड़ा था जब मैंने देखा।
मेरी गर्दन फटने लगी।
फिर कुछ समय बाद, महेश मेरे शरीर पर हाथ फेरने लगा और अचानक उठकर मेरे ऊपर चढ़ गया।
मुझे कुतिया की तरह उठा कर मुझे कमर से पकड़ लिया।
मैं भी अपनी गांड फड़वाना चाहता था।
बिना कुछ बताये, महेश ने अपने लौड़े पर थूक लगाकर मेरी गांड में थूक लगाया और एक ज़ोर के झटके से उतार दिया।
जैसे मेरी माँ बहन सब चुद गये।
मेरी ज़ोर से चीख निकल गयी, मेरी आँखें बहने लगीं।
मैं भारी रोने लगा।
मेरी गांड ऐसे जल रही थी जैसे कोई लोहे की रॉड मेरी गांड में डाल दे।
महेश ने वहीं अपना लंड रोक रखा था। मैं रो रहा था।
फिर महेश ने आराम से झटके लगाने लगे।
मेरे मुँह से दर्द भरी आवाज़ें निकल रही थीं, “आह आह आह उफ़्फ ओह उफ़्फ़ बस महेश..।” मेरी गर्दन फट गई है। मैं परेशान हूँ।’
Gay Xxx Porn Kahani
लेकिन उसने मेरी गांड में लगातार लंड डाल दिया।
कुछ देर बाद मुझे भी गांड में लंड का मजा आने लगा।
मैं भी महेश का साथ देते हुए अपनी गांड हिला रहा था।
थोड़ी देर बाद, महेश ने मुझे अपनी बांहों में लेकर मुझे सीधा किया, मेरी टांगें उठाकर फिर से अपना लौड़ा मेरी गांड में डाल दिया।
मेरी गांड अब किसी भी बड़े लंड को सह सकती है।
महेश जोर से मेरे ऊपर कूद रहा था। थोड़ी देर में उसने सारा माल मेरी गांड में डाल दिया और मेरे ऊपर लेट गया।
उस रात मैं उसके साथ तीन बार चुदाई की।
महेश का पेय दो बार पिया।
अगले भाग में मैं आपको Desi Anatarvasna Gay Sex Kahani आगे क्या हुआ बताऊँगा।
क्या आप गांड में लंड डालने का मजा लेते हैं, कृपया कमेंट में बताएं।
धन्यवाद.