मेरे मामा की दो बेटियाँ और एक बेटा था। बड़ी लड़की का नाम मेघा और छोटी का श्रेया था। मेरा दिल बड़ी बेटी यानी मेघा पर आया था। मेरी और मेघा की बातें तब शुरू हुईं जब मैंने उसके लिए कॉलेज सर्च किया। मेघा ने मुझे व्हाट्सएप किया, “हेलो भैया।” मैंने उसकी डीपी देखी तो पहचान नहीं पाया कि वो मेघा है, क्योंकि मेघा अब काफी बड़ी हो चुकी थी और रकुल प्रीत जैसी हिरोइन लग रही थी। मैंने मैसेज किया, “तुम मेघा हो ना?” उसने जवाब दिया, “हाँ भैया, आपने तो एक बार में पहचान लिया।” मैंने कहा, “डीपी देख के पहचान लिया मैंने तुम्हें।” फिर ऐसे ही तीन-चार महीने हम दोनों की खूब बातें होने लगीं। मुझे कोरोना हो गया था, तो मैं ऑफिस भी नहीं जा पाया और पूरा दिन मेघा से चैट करता रहता था। हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे, या शायद दोस्त से थोड़ा ज्यादा।
मैं मेघा से उसकी तस्वीरें माँगता रहता था, और वो अलग-अलग पोज में फोटो भेजती थी। मेघा बहुत खूबसूरत थी, और मुझे उससे प्यार हो गया था। दोपहर में मेघा कॉलेज से आने के बाद सो जाती थी। एक दिन दोपहर को उसका कॉल आया। मैंने पूछा, “आज सोई नहीं तुम?” उसने कहा, “नहीं, नींद नहीं आ रही आज, तो सोचा आपसे बात कर लूँ। फ्री हो आप या बिजी?” मैंने कहा, “तुम्हारे लिए हमेशा फ्री हूँ।” वो हँसकर बोली, “अच्छा, कुछ ज्यादा ही मेहरबान रहते हो आप मुझ पर।” मैंने हिम्मत करके बोल दिया, “मेघा, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो।” उसने पूछा, “अच्छा, क्यों अच्छी लगती हूँ मैं?” मैंने कहा, “तुमसे ज्यादा खूबसूरत लड़की मैंने आज तक नहीं देखी। बिल्कुल रकुल प्रीत जैसी लगती हो।” वो हँसने लगी, “आप भी ना भैया।” मैंने कहा, “तुम्हें अपनी खूबसूरती कहाँ दिखेगी।” उसने पूछा, “ऐसा क्या अच्छा लगता है मुझमें?” मैंने जवाब दिया, “तुम्हारी आँखें, तुम्हारा चेहरा, तुम्हारा फिगर।” वो बोली, “चलो, टॉपिक चेंज करो, हमेशा शुरू हो जाते हो। ये बताओ, मम्मी-पापा की एनिवर्सरी में आ रहे हो ना?” मैंने कहा, “किसी का फोन तो नहीं आया।” उसने कहा, “अरे, मैं आपको चार महीने पहले से इनविटेशन दे रही हूँ।” मैंने कहा, “तुम बुलाओगी तो आना ही पड़ेगा।” फिर मैंने पूछा, “अच्छा, ये बताओ, गिफ्ट क्या लोगी हमसे?” वो बोली, “अचानक गिफ्ट की बात कहाँ से आ गई?” मैंने कहा, “20 दिन बाद रक्षाबंधन है, तो गिफ्ट तो दूँगा ना तुमको।” उसने कहा, “बस आपका आशीर्वाद बनाए रखो, बाकी गिफ्ट नहीं चाहिए।” मैंने जिद की, “वो तो हमेशा है तुम पर। मेरा मन है कि मैं तुम्हें कुछ गिफ्ट करूँ।” वो बोली, “ज्यादा पैसे हैं क्या आपके पास?” मैंने कहा, “हाँ, इतना तो कर ही सकता हूँ तुम्हारे लिए।” उसने मजाक में कहा, “तो फिर मुझे आईफोन दिला दो।” मैंने कहा, “वो तो बहुत कॉस्टली है।” वो हँसकर बोली, “अच्छा, वैसे मैं मजाक कर रही थी।” मैंने फिर पूछा, “बोलो ना, गिफ्ट में क्या दूँ?” उसने कहा, “अरे भैया, रहने दो गिफ्ट के लिए। आपने बोल दिया, यही बहुत है।” मैंने जिद की, “प्लीज बताओ ना मेघा।” वो बोली, “इतनी जिद कर रहे हो, तो जो आपका मन करे दे दो।” मैंने कहा, “टी-शर्ट और जींस गिफ्ट कर दूँ?” उसने कहा, “कर दो।” मैंने पूछा, “वेस्ट कितनी है तुम्हारी?” उसने कहा, “30 कर दो।” मैंने पूछा, “और टी-शर्ट?” उसने कहा, “मीडियम कर दो।” मेरे दिमाग में शरारत सूझी, और मैंने सोचा, इसी बहाने मेघा के बूब्स का साइज पता चल जाएगा। मैंने पूछा, “लेकिन इसमें साइज पूछ रहा है, क्या साइज है तुम्हारा, 30 या 32?” वो बोली, “अरे भैया, आप मीडियम कर दो बस।” मैंने कहा, “चलो, मैं 30 साइज बुक कर देता हूँ, बाकी तुम देख लेना।” फिर धीमी आवाज में मैंने पूछा, “अंदर के लिए भी कुछ बुक कर दूँ क्या?” उसने कहा, “भैया, थोड़ा तेज बोलो, आवाज नहीं आ रही।” मैंने फिर कहा, “अंदर के लिए भी कुछ बुक कर दूँ?” वो बोली, “अंदर के लिए क्या चीज? समझी नहीं मैं।” मैंने डर के मारे फोन कट कर दिया और मेघा के लिए ब्लैक टी-शर्ट और जींस बुक कर दी। पहले सोचा कि साथ में ब्रा-पैंटी भी बुक कर दूँ, फिर सोचा कि अगर बुरा मान गई तो बात भी नहीं करेगी कभी।
कुछ दिन बाद मेघा ने अपनी एक तस्वीर भेजी, जिसमें वो वही ब्लैक टी-शर्ट और जींस पहने थी। वो बहुत खूबसूरत लग रही थी। उसने मैसेज किया, “थैंक यू भैया, इतना प्यारा गिफ्ट देने के लिए।” फिर ऐसे ही कई दिनों तक हमारी बातें होती रहीं। बिहार जाने का समय पास आ रहा था। एक दिन सुबह 11 बजे के करीब मेघा का मैसेज आया, “भैया, मैंने एक ड्रेस मँगाई थी, लेकिन उसकी फिटिंग सही नहीं है।” मैंने कहा, “तो रिटर्न कर दो।” उसने कहा, “रिटर्न रिक्वेस्ट ले रहा है, लेकिन पैसे रिफंड के लिए बैंक अकाउंट ऐड करने को बोल रहा है।” मैंने कहा, “तो अपना बैंक अकाउंट ऐड कर दो।” उसने कहा, “मेरे बैंक अकाउंट में कोई प्रॉब्लम आ गई है, वो ऐड नहीं हो रहा।” मैंने पूछा, “तो मेरी हेल्प क्या चाहिए, बताओ।” उसने कहा, “आप अपना बैंक अकाउंट ऐड कर दो उसमें।” मैंने कहा, “ठीक है, अपना आईडी-पासवर्ड बताओ, मैं तुम्हारा अकाउंट लॉगिन करके अपना बैंक ऐड कर दूँगा।” मेघा ने अपना आईडी-पासवर्ड बताया, और मैंने बैंक डिटेल्स ऐड करके पैसे अपने अकाउंट में रिफंड करा लिए। उसने कहा, “थैंक यू भैया, आपने बहुत हेल्प की है मेरी।” मैंने पूछा, “वापस क्यों किया ड्रेस, इतनी सुंदर तो थी।” उसने कहा, “थोड़ी लूज थी।” मैंने पूछा, “क्या साइज लगता है तुम्हारा?” उसने कहा, “मीडियम आता है भैया।” मैंने कहा, “मुझे तुम्हारा साइज जानना है।” वो बोली, “क्यों जानना है, दर्जी बनना है क्या आपको?” मैंने कहा, “वही समझ लो।” उसने कहा, “मैं तो हमेशा टी-शर्ट, कुर्ता मीडियम साइज का ही मँगाती हूँ।” मैंने कहा, “मैं तुम्हारे लिए टॉप देख रहा था, तो मीडियम में अलग-अलग साइज दिखा रहा।” वो बोली, “मैं तो मीडियम ही पहनती हूँ।” मैं थोड़ा जोश में आ गया और बोला, “अच्छा, ब्रा किस साइज की पहनती हो तुम?” उसने कहा, “भैया, बस!” मैंने तुरंत टॉपिक चेंज कर दिया, “चलो ठीक है, फिर मीडियम साइज का ही बुक कर देता हूँ।” उसने कहा, “ठीक है।” फिर उसने अपने हॉस्टल का एड्रेस भेज दिया। मेघा मेरी नियत जान चुकी थी, लेकिन फिर भी हम दोनों आराम से बात करते थे, और मैं उससे उसकी तस्वीरें माँगता रहता था और मुठ मारता था।
आखिरकार वो दिन आ ही गया, और मैं मामा के फंक्शन में शामिल होने के लिए बिहार आ गया। मैंने मेघा को देखा, उसने कुर्ता और जींस पहनी थी। मेघा की हाइट 5 फुट 5 इंच थी, और उसका बदन बहुत गठीला था। मैं तो बस उसे ही देखता रह गया। मेघा ने मुझसे नमस्ते किया और नाश्ता-पानी कराया। मैं तो जैसे मेघा पर लट्टू हो गया और बस उसे अकेले में मिलने के सपने देखने लगा। शाम को मेघा की मौसी भी आ गईं। उनकी भी एक लड़की थी, जिसका नाम मानसी था, और वो देखने में बिल्कुल मेघा जैसी लग रही थी, जैसे डुप्लिकेट। पर्सनैलिटी भी दोनों की एक जैसी थी—अच्छी हाइट, गठीला बदन। सारे बच्चे लोग इकट्ठा हो गए। फिर रात हुई, और सबने खाना खाया। ये तय हुआ कि बच्चे लोग सबसे ऊपर वाले रूम में टेरेस पर सोएँगे। हम सारे लड़के टेरेस वाले रूम में आ गए, लेकिन लड़कियों में से कोई नहीं आई। फिर सलोनी, मानसी, और मेघा भी रूम में आ गईं। रात के 10 बज रहे थे। हमने बहुत सारे गेम खेले। मैंने मेघा के लिए एक गाना भी गाया। जब मेरी और मेघा की फोन पर बात होती थी, तो मैंने उसे बताया था कि ये मेरा फेवरेट गाना है, और मैं इसे तभी गाऊँगा जब वो लड़की मेरे सामने बैठी होगी। मेघा ये बात बहुत आराम से समझ गई, लेकिन वो अभी भी मुझसे पटने को तैयार नहीं थी। रूम में तीन लड़के, तीन लड़कियाँ, और चार छोटे बच्चे थे। सलोनी को भी मौसी का एक लड़का पसंद करता था, और सलोनी उसे। मानसी को मेघा का भाई पसंद करता था।
आखिरकार हमने एक गेम प्लान किया, जिसमें एक-दूसरे की आँखों में देखना था, जब तक पलक न झपके। हम तीनों ने अपनी-अपनी पर्चियाँ सेट कर लीं। 11 बजे छोटे बच्चों को नीचे उनकी मम्मी के पास भेज दिया गया, और रूम में सिर्फ हम छह लोग रह गए। गेम शुरू हुआ, और लड़कियों ने पर्चियाँ उठाईं। सबका पार्टनर प्लान के हिसाब से आ गया। सबसे पहले सलोनी और मेरी मौसी के लड़के ने एक-दूसरे की आँखों में देखना शुरू किया। बाकी हम चार लोग उन्हें देख रहे थे। 10 मिनट बीत गए, लेकिन दोनों में से किसी ने पलक नहीं झपकाई। फिर मेघा के भाई और मानसी ने गेम शुरू किया, और वो भी बिना पलक झपकाए गेम खेल रहे थे। अब बचे मैं और मेघा। मैंने कहा, “चलो मेघा, अब हम-तुम ही बचे हैं।” वो बोली, “नहीं भैया, मुझे शरम आती है।” सलोनी बोली, “अरे नहीं दीदी, बहुत मजेदार गेम है। एक बार शुरू तो करो।” बहुत कहने पर मेघा गेम खेलने को तैयार हो गई। मैंने और मेघा ने एक-दूसरे की आँखों में देखना शुरू किया। 2 मिनट में मेरा लंड एकदम टाइट हो गया। मेघा की नजर मेरे बॉक्सर पर पड़ी, और वो हँसने लगी। लेकिन सलोनी और मानसी एकदम सीरियस थीं और अपने-अपने पेयर की आँखों में देखने में बिजी थीं। फिर मेघा भी बिना कुछ बोले मेरी आँखों में देखने लगी। मैंने देखा, मेघा के बूब्स थोड़ा टाइट हो रहे थे। हमने 15 मिनट तक एक-दूसरे की आँखों में देखा। मेघा बोली, “भैया, मुझे नहीं खेलना ये वाला गेम।” और वो रूम से बाहर चली गई। मैं उसके पीछे-पीछे बाहर आया और पूछा, “क्या हुआ?” उसने कहा, “फालतू का गेम है, मुझे नहीं खेलना।” मैंने कहा, “सच बताओ, तुम खुद पर से कंट्रोल खो रही थी ना?” वो बोली, “हाँ, पता नहीं क्या हो रहा था मुझे।” मैंने कहा, “खिड़की से अंदर देखो, बाकी लोग गेम खेलने में लगे हैं।” मेघा ने खिड़की से झाँका और तेजी से चिल्ला दिया। बाकी लोग डर गए, और सलोनी और मानसी बोलीं, “क्या दीदी, डरा दिया आपने तो हमें।” मेघा बोली, “तुम लोग कुछ ज्यादा ही बिजी थे गेम खेलने में।” सलोनी बोली, “अब तो गेम खत्म हो गया।” मेघा बोली, “चलो, फिर सोने का टाइम हो गया।” रात के 12 बज गए थे।
सब लोग सो गए। मैंने करीब रात 2 बजे मेघा को जगाया, “मेघा, मेघा।” वो बोली, “क्या है भैया, सोने भी नहीं देते।” मैंने कहा, “देखो, रूम में कोई नहीं है।” मेघा उठी, देखा तो रूम में सिर्फ मैं और वो थी। उसने पूछा, “बाकी लोग कहाँ गए? सलोनी कहाँ गई?” मैंने कहा, “सच में देखना चाहती हो?” उसने कहा, “हाँ।” मैंने मेघा का हाथ पकड़ा, उसे थोड़ा अजीब लगा, क्योंकि मैंने उसे पहले कभी टच नहीं किया था। मैं सीढ़ियों से ऊपर गया, जहाँ दो बाथरूम थे। मैंने कहा, “कान लगाकर सुनो।” मेघा ने दरवाजे पर कान लगाया। अंदर से सलोनी की आवाज आ रही थी, “आआआह्ह्ह्ह, आराम से, बहुत मोटा है तुम्हारा। आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” मेघा एकदम शॉक्ड रह गई और मेरी तरफ देखने लगी। मैंने मेघा का हाथ पकड़कर उसे आगे वाले बाथरूम के पास ले गया। मेघा ने वहाँ भी कान लगाकर सुना। मानसी बोली, “मेरी पैंटी उतारो। आज तुम्हें मर्द बना दूँगी।” मेघा तो बिल्कुल शॉक्ड रह गई। मैंने मेघा को चुप रहने का इशारा किया और उसका हाथ पकड़कर नीचे सीढ़ियों से उतरने लगा। मेघा बोली, “भैया, ये लोग मुझसे छोटी हैं, लेकिन ऊपर तो सारा काम चल रहा है इन लोगों का। अपने बड़े भाइयों से ये सब करवा रही हैं ये।” मैंने कहा, “प्यार रिश्ते नहीं देखता।” वो बोली, “फिर भी भैया। जिससे राखी बँधवायी, उसके साथ ये सारे काम कैसे कर सकता है कोई?” मैंने कहा, “राखी तो नहीं बाँधी इन लोगों ने एक-दूसरे को।” मेघा बोली, “मुझे पता है, आप इन दोनों लड़कियों का पक्ष क्यों ले रहे हैं।” मैंने कहा, “अच्छा?” वो बोली, “मुझे लगता है, सिर्फ मैं ही ओल्ड फैशन रह गई। बाकी ये लोग तो काफी आगे निकल गईं।” मैंने कहा, “तो तुम भी आगे बढ़ो और देखो, कोई तुम्हें भी पसंद करता होगा।” उसने कहा, “मुझे पता है, कौन है जो मुझे पसंद करता है।” मैंने कहा, “तो हाँ कर दो ना उसको।” ये बोलकर मैं रुक गया, और क्योंकि मैंने मेघा का हाथ पकड़ा था, वो भी रुक गई। मेघा बोली, “भैया, मुझे पता है कि आप मुझे पसंद करते हैं, लेकिन मैं आपकी रिस्पेक्ट करती हूँ। आपके साथ रिलेशन कैसे बना सकती हूँ?” मैंने कहा, “मुझे सिर्फ एक मौका दो बस।” वो बोली, “भैया, मुझे डर लगता है। अगर किसी को पता चल गया तो?” मैंने मेघा को अपनी ओर खींच लिया और बाहों में भर लिया, “किसी को पता नहीं चलेगा मेघा।” वो बोली, “भैया, आप पागल हैं क्या? कोई देख लेगा।” मैंने कहा, “अभी रात के 2 बज रहे हैं, कोई नहीं देखेगा।” और मैं मेघा के बिल्कुल करीब आ गया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। मेघा डर सी गई। मैंने मेघा के होंठ पीने शुरू कर दिए। 2 मिनट तक मेघा शांत थी, लेकिन फिर उस पर भी जवानी का जोश चढ़ गया, और उसने भी मेरे होंठ पीने शुरू कर दिए। वो रात चाँदनी रात थी, और मैं और मेघा दो प्रेमियों की तरह टेरेस के आँगन के बीच में खड़े एक-दूसरे को कस-कस के किस कर रहे थे।
मेघा की हाइट 5 फुट 5 इंच थी, बूब्स 30D, और कमर 30 इंच। उसके कंधे चौड़े थे और भरा हुआ बदन था। किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी वो। मेघा मेरी बाहों में थी, और हम दोनों जीभ घुमा-घुमा के एक-दूसरे को किस कर रहे थे। मेघा के बूब्स काफी टाइट हो गए थे। हमने 15 मिनट खड़े-खड़े किस की। फिर मेघा रुक गई और बोली, “भैया, कोई देख लेगा तो बहुत प्रॉब्लम हो जाएगी।” उसकी आँखों में प्यार था, जैसे प्यार की वो भूखी थी। मैंने मेघा को गोद में उठा लिया, जैसे कोई अपनी नई-नवेली दुल्हन को उठाता है। मैं और मेघा एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे। मैं मेघा को रूम में ले आया और गद्दे पर लेटा दिया। वो मेरी आँखों में देख रही थी, और मैं समझ गया कि वो क्या चाहती है। मैं मेघा के ऊपर आ गया और उसके होंठों को पूरा मुँह में भरकर चूसने लगा। मेघा ने भी मेरे होंठ अपने मुँह में पूरे भर लिए, और हम दोनों कस-कस के एक-दूसरे को किस कर रहे थे। 5 मिनट बाद मैं रुक गया और मेघा के टॉप के आगे के बटन खोल दिए, और उसका टॉप आगे से ओपन कर दिया। मेरा लंड तो जैसे लोहा हो गया मेघा को ब्रा में देखकर। उसने ब्लैक कलर की ब्रा पहनी थी, जिसमें उसके 30D साइज के दूध एकदम टाइट थे और बाहर आने को बेताब थे। मेघा के दूध उसकी ब्रा से बाहर आना चाह रहे थे। मैंने पूछा, “तुम्हारी ब्रा उतार दूँ?” मेघा की आँखें बंद थीं, उसने हाँ में सिर हिलाया और हल्का सा अपना सीना ऊपर उठाया। मैंने मेघा की ब्रा की हुक खोलकर उसकी ब्रा उतार दी।
क्या बताऊँ, कितनी खूबसूरत थी मेघा अंदर से। कोई भी पागल हो सकता था उसके हुस्न के लिए। उसके दूध बहुत खूबसूरत और गोरे थे, जिन पर पिंक निप्पल थे। मेघा के दूध 30D के थे, ये मुझे उसकी ब्रा उतारने के बाद पता चला। उसके दोनों दूध नीचे की तरफ गिर रहे थे, और पिंक निप्पल चमक रहे थे। मेघा के दोनों दूध देखते ही मेरा तो पानी निकल गया। फिर मैंने मेघा के दोनों दूध हाथ में लिए और धीरे-धीरे मसलने लगा। मेघा के दूध इतने मुलायम थे कि हाथ में ही नहीं आ रहे थे। लेकिन मैं फिर भी उन्हें मसल रहा था। मेघा बस आँखें बंद किए हुए आहें भर रही थी, और उसकी साँसें काफी तेज थीं। मैंने मेघा का टॉप भी उतार दिया। मैंने देर न करते हुए मेघा के निप्पल मुँह में ले लिए और चूसने लगा। मेघा बोली, “आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” मैंने कहा, “तुम जन्नत की हूर हो मेघा। इतने खूबसूरत दूध तो किसी के नहीं होते।” ये बोलकर मैं मेघा के निप्पल कस-कस के चूसने लगा। मेघा बोली, “आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, भैयाAAAAAAAAAAA।” मेघा गद्दे पर आँख बंद किए लेटी थी, और मैं उसके दोनों दूध मसल रहा था और कस-कस के चूस रहा था। मेघा बस आहें भर रही थी। मैंने मेघा के बाल भी खोल दिए, जिससे उसकी खूबसूरती और बढ़ गई थी। मैं मेघा के दूध कस-कस के पी रहा था। मेघा बोली, “आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” मैंने पूछा, “क्या हुआ?” वो बोली, “बहुत अजीब सा लगता है नीचे।” मैंने कहा, “बहुत खूबसूरत हो तुम मेघा।” उसने फिर कहा, “आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” मैंने मेघा के निप्पल हल्के से काट लिए। वो चिल्लाई, “भैयाAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAA।” मैंने पूछा, “क्या हुआ?” उसने कहा, “बहुत अजीब लग रहा है नीचे।” मैंने करीब 20 मिनट मेघा के दूध मसले और पिए, और उसे खूब किस किया। मेघा पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी। उसने कहा, “पूरी तरह से गीली हो चुकी हूँ मैं।”
मैं मेघा की जाँघों के पास आया और उसका लोअर खींचकर उतार दिया। मैं बता नहीं सकता कि मैंने क्या देखा। मेघा की हाइट 5 फुट 5 इंच थी, और पूरा गोरा भरा हुआ बदन। वो अब सिर्फ ब्लैक कलर की पैंटी में थी, जो उसकी मोटी-मोटी गोरी जाँघों के बीच में अंदर घुस गई थी। मेघा की दोनों टाँगें एकदम गोरी-गोरी थीं, और जाँघों पर एक भी बाल नहीं था। उसकी जाँघें मोटी-मोटी और कसी हुई थीं। मेघा गद्दे पर सिर्फ पैंटी में पूरी नंगी थी। उसकी पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी। मैंने मेघा की गीली हो चुकी ब्लैक पैंटी भी उतार दी और उसे पूरा नंगा कर दिया। मेघा बोली, “आप पहले और आखिरी हैं, जिसे ये सब करने दे रही हूँ मैं।” मैंने मेघा की बातों को अनसुना कर दिया और उसकी दोनों मोटी-मोटी जाँघें फैला दीं। मेघा बोली, “भैयाAAAAAAAA।” वो अपनी जाँघें बंद करने लगी, “क्या कर रहे हो?” मेघा की गुलाबी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी, और उससे रस टपक रहा था। उसने पूछा, “क्या करने वाले हो आप?” मैंने कहा, “तुम्हारी चूत पीनी है मुझे।” वो बोली, “अच्छा।” मैं मेघा की कमर के पास आ गया और उसकी जाँघों को ऊपर की तरफ उठाकर उसकी चूत खोल दी। मैंने दो उंगलियाँ डालकर चूत की फाँकें खोलीं। अंदर से मेघा की चूत गुलाबी थी, और उससे रस टपक रहा था। उसकी चूत की पंखुड़ियाँ हल्की गुलाबी थीं। मैंने जीभ से मेघा की चूत को एक बार चाटा। मेघा बोली, “आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, भैया, गुदगुदी हो रही।” एकदम चिकना और नमकीन पानी था मेघा की चूत का। मैंने एक बार और जीभ से चाटा। मेघा बोली, “भैयाAAAAAAAAAAA, गुदगुदी हो रही है।” मैंने कहा, “मुझे तुम्हारी चूत को आइसक्रीम की तरह खाना है मेघा।” वो बोली, “भैया, मर जाऊँगी मैं।” मैंने कहा, “कुछ नहीं होगा।” ये बोलकर मैंने मेघा की पूरी चूत को मुँह में भर लिया और चाटने लगा। मेघा चिल्लाई, “आआआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” मैं मेघा की चूत को आइसक्रीम की तरह चाट रहा था। वो फिर बोली, “आआआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” मैंने कहा, “मेघा, बहुत गजब हो तुम।” उसने कहा, “इस तरह कौन पीता है?” मैंने कहा, “पीने दो, बहुत टेस्टी चूत है तुम्हारी।” मैंने मेघा की चूत को पूरा मुँह में भर लिया और कस-कस के चूसने लगा। मेघा बोली, “आआआआआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, भैया, मर जाऊँगी मैं।” मैंने कहा, “इतनी गीली चूत मिल जाए, तो उसे ऐसे ही पिया जाता है।” वो फिर चिल्लाई, “आआआआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” मैंने कहा, “तुम्हारी मोनिंग बहुत गजब है मेघा।” उसने कहा, “आप मजबूर कर देते हो मुझे मोनिंग के लिए।” मैंने कहा, “बहुत पानी आता है मेघा, तुम्हारी चूत में।” वो बोली, “इसका कोई इलाज नहीं है।” मैंने मेघा की चूत की फाँक खोली और जीभ उसके अंदर डालकर चाटना शुरू कर दिया। मेघा बोली, “mmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm।” मैं मेघा की चूत के अंदर जीभ डालकर चाट रहा था। वो चिल्लाई, “mmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm, भैयाAAAAAAAAAAAAAAAAAAAA।” मैंने कहा, “मेघा, मुझे तुम्हारा ऑर्गेज्म पीना है।” उसने कहा, “ऑर्गेज्म देर से निकलता है मेरा।” मैंने मेघा की कमर के नीचे तकिया लगाया और उसकी जाँघें पूरी फैलाकर उसकी चूत को मुँह में भरकर कुल्फी की तरह कस-कस के चूसने लगा। मेघा चिल्लाई, “आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। भैयाAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAA। आआआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। mmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm। कुछ निकलने वाला है मेरा। mmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm। आआआआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” और मेघा की चूत से गाढ़ा-गाढ़ा ऑर्गेज्म निकल गया। करीब एक कप ऑर्गेज्म निकला होगा। मैंने जीभ लगाकर मेघा का पूरा ऑर्गेज्म पी लिया और चाट-चाट के उसकी पूरी चूत सुखा दी। मेघा ढीली हो चुकी थी। वो बोली, “चरम सुख मिलता है।” मैंने कहा, “अभी तो मैंने कुछ किया ही नहीं है।” वो बोली, “तो ये सब क्या था?” मैंने कहा, “ये सब तो मैंने तुम्हें खुश करने के लिए किया था।” उसने पूछा, “आपको मजा नहीं आया?” मैंने कहा, “मुझे मजा तब आएगा जब तुम मुझे अपने ऊपर चढ़ने दोगी।” मेघा बोली, “मैंने कब रोका आपको अपने ऊपर चढ़ने से?”
ये सुनकर मेरा लंड एकदम टाइट हो गया। मेघा पूरी नंगी थी, और मैं उसके ऊपर चढ़ गया। मेघा मुस्कुराई और मेरे गले के चारों तरफ हाथ लपेट लिए। वो बोली, “अब बताइए आप।” मैंने कहा, “क्या बताऊँ मेरी जान।” वो बोली, “अच्छा, इतनी जल्दी मैं आपकी जान बन गई?” मैंने कहा, “मेघा, जबसे तुम जवान हुई हो, सिर्फ तुम्हें ही सोचा है, सिर्फ तुम्हें ही प्यार किया है, और तुम्हारी सारी पिक्स 100-100 बार देख चुका हूँ।” उसने पूछा, “भला ऐसा क्यों?” मैंने कहा, “बहुत प्यार करता हूँ मैं तुमसे।” वो बोली, “लेकिन भैया, मैंने सुना है, जब लड़कों को एक लड़की में सब कुछ मिल जाता है, तो वो लड़कियों को छोड़ देते हैं।” मैंने कहा, “मैंने तो सिर्फ तुमसे प्यार किया है और करता रहूँगा।” मेघा बोली, “बहुत प्यार करते हैं आप मुझसे भैया।” मैंने कहा, “अपनी जान से ज्यादा।” वो बोली, “तो आज मैंने खुद को आपको सौंप दिया है। मुझे खूब प्यार करो।” मैंने कहा, “मेघाAAAAAAAAAAAAAA।” और मैंने मेघा के होंठों को अपने होंठों में भर लिया और कस-कस के पीने लगा। मेघा भी मुझे कस-कस के किस कर रही थी। मैं मेघा को किस करते-करते रुक गया और उसकी आँखों में देखने लगा। वो बोली, “ऐसे क्या देख रहे हो?” मैंने कहा, “यही कि आज मैं तुम्हें अपना बना लूँगा।” उसने पूछा, “कैसे बनाओगे अपना मुझे?” मैंने कहा, “बता दूँ?” वो बोली, “बताओ ना।” मैंने कहा, “मेरा मन कर रहा है कि तुम्हें पूरा नंगा कर दूँ।” वो हँसी और बोली, “नंगा तो कर ही दिया है आपने।” मैंने कहा, “मन कर रहा है, तुम नंगी लेटी रहो और मैं तुम्हारे ऊपर चढ़ जाऊँ।” मेघा बोली, “चढ़ तो आप चुके हैं मेरे ऊपर। आगे बताओ।” मैंने कहा, “मन करता है, तुम्हारी दोनों टाँगें पूरी फैला दूँ मेघा।” वो बोली, “मेरी टाँगों को फैलाकर क्या मिलेगा आपको?” मैंने कहा, “तुम्हारी कसी हुई गुलाबी चूत मिलेगी मुझे।” उसने पूछा, “उसके साथ क्या करोगे आप?” मेघा की गर्म साँसें मेरी साँसों में मिल रही थीं। मैंने कहा, “तुम्हारी चूत में अपना मोटा लंड पूरा अंदर तक डाल दूँगा और तुमसे लिपट के खूब कस-कस के चुदाई करूँगा तुम्हारी। खूब कस-कस के मेघा।” मेरी साँसें बहुत तेज थीं। मेघा बोली, “अब डाल भी दो भैया। और इंतजार मत कराओ।” मैंने कहा, “मेरी आँखों में देखती रहो और पलक मत झपकना।” मैं और मेघा एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे। मैंने धीरे से लंड मेघा की चूत में घुसाया। मेघा बोली, “आआह्ह्ह्ह।” लेकिन उसने पलकें नहीं झपकाईं और मुस्कुराकर बोली, “आराम से डालना, आपकी छोटी बहन हूँ।” मैंने कहा, “सिर्फ नाम की छोटी हो तुम मेघा, बहुत जवान हो तुम। सब बड़ा है तुम्हारा।” मैंने हल्के से मेघा की चूत में और धक्का दिया।
मेघा बोली, “आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। क्या बड़ा दिखायी दिया मुझमें आपको?” मैंने कहा, “तुम्हारे बड़े-बड़े दूध मेघा।” मैंने हल्का सा और पुश किया। वो बोली, “आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। दूध तो सच में बहुत भारी हो गए हैं मेरे। 30 नंबर की ब्रा भी टाइट आती है। दूध के अलावा और क्या दिखा आपको?” मैंने कहा, “तुम्हारी मोटी-मोटी जाँघें मेघा। कबसे तुम्हारी जाँघों को देखने का मन था। आज जाकर वो सपना पूरा हुआ।” मैंने हल्का सा मेघा की चूत में और धक्का मारा। मेघा बोली, “आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह, अभी रुक जाओ। मुझसे बातें करो।” मैं मेघा के ऊपर था, उसकी दोनों टाँगें फैली हुई थीं, और मेरा लंड उसकी चूत में 30% घुस चुका था। उसने पूछा, “और क्या अच्छा लगा मुझमें?” मैंने कहा, “तुम्हारे होंठ मेघा। मन करता था, बस एक बार पीने को मिल जाए।” वो बोली, “और क्या अच्छा लगा?” मैं और मेघा एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे। मैंने कहा, “तुम्हारी कमर मेघा। जब साड़ी पहनती थी, तो मन करता था तुम्हारी कमर को प्यार कर लूँ।” वो बोली, “आज तो पूरी मिल गई मैं।” मैंने कहा, “हाँ मेघा।” और मैंने हल्का सा और पुश किया, मेरा लंड मेघा की चूत में 60% अंदर चला गया। मेघा बोली, “आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। आराम से। आपकी बहन कुँवारी है अभी। पहली बार कुछ इतना बड़ा ले रही हूँ नीचे, तो दर्द हो रहा है।” मैंने पूछा, “इससे पहले क्या करती थी?” उसने कहा, “फिंगरिंग की है कई बार।” मैंने कहा, “आज ऐसे मजे दूँगा कि फिंगरिंग भूल जाओगी।” वो मुस्कुराई और बोली, “सुना तो मैंने भी है कि करवाने में मजा बहुत आता है, लेकिन लड़कों को ज्यादा मजा आता है करने में।” मैंने कहा, “नहीं मेरी जान, लड़कियों को ज्यादा अच्छा लगता है।” मैंने हल्का सा और पुश किया, और मेरा लंड 90% अंदर चला गया। मेघा बोली, “आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। अच्छा, आपको मेरे दूध, मेरी कमर, मेरी जाँघें, मेरे होंठ सब इतने अच्छे लगते थे, तो क्या सोचते थे मेरे बारे में?” मैंने कहा, “यही सोचता था कि बस एक बार तुम मिल जाओ मेघा, तो नंगा करके खूब चोदूँ तुम्हें।” वो बोली, “हाय राम। अपनी छोटी बहन के बारे में ये सब सोचते थे आप?” मैंने कहा, “जब बहन इतनी ज्यादा हॉट फिगर वाली हो, तो ऐसा सोचने का मन कर ही जाएगा ना।” मेघा बोली, “बहुत घूरते थे ना आप मुझे?” मैंने कहा, “हाँ मेघा, बहुत घूरा हूँ तुम्हें।” वो बोली, “आपको मेरे होंठ बहुत अच्छे लगते थे, तो मैंने आज आपको किस कर लिया। मेरे दूध बहुत पसंद थे आपको, तो मैंने अपनी ब्रा उतार के अपने दूध पिला दिए आपको। मेरी जाँघें पसंद थीं आपको, तो मैंने अपना लोअर उतार के अपनी जाँघों को सौंप दिया आपको।” मैंने कहा, “अभी पहली बार है, इसलिए दर्द हो रहा है तुम्हें। जब 2-3 बार करवा लोगी, तब बहुत मजा आएगा।” मेघा बोली, “बस बहुत दर्द मत देना मुझे। अपनी छोटी बहन सोच के प्यार करना मुझे।” और मैंने एक और झटका मारा, और मेरा पूरा लंड मेघा की चूत में अंदर तक चला गया। मेघा चिल्लाई, “आआआह्ह्ह्ह्ह्ह, भैयाAAAAAAAAAAAA। पूरा डाल दिया आपने तो, एकदम अंदर तक।” मैंने पूछा, “कैसा लग रहा है?” वो बोली, “अभी तो दर्द हो रहा है।”
5 मिनट बाद मैंने धीरे-धीरे मेघा की चूत में लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया। मेघा बोली, “आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। आराम से।” मेघा गद्दे पर पूरी नंगी लेटी थी, और मैं उसके ऊपर चढ़ा हुआ था और धीरे-धीरे उसकी चूत में लंड चला रहा था। मेघा बोली, “अब अच्छा लग रहा है।” मैंने स्पीड बढ़ा दी। वो चिल्लाई, “आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” मैंने पूछा, “मजा आ रहा है?” उसने कहा, “हाँ।” मैंने कहा, “मैंने सिर्फ तुम्हारी फोटो देख के हिलाया है मेघा। और आज तुम्हें ही चोद रहा हूँ।” मेघा बोली, “भैया, बहुत अच्छा लग रहा है। करते रहो ऐसे ही। थोड़ा तेज-तेज करो।” वो बोली, “मुझसे बातें करो।” मैंने कहा, “बहुत खूबसूरत हो तुम मेघा।” मैं मेघा को लगातार चोद रहा था। वो बोली, “भैया, मैंने कभी नहीं सोचा था कि आपके साथ ये सब करूँगी।” मैंने कहा, “मेरा तो सपना पूरा हो गया तुम्हें प्यार करने का।” उसने पूछा, “कैसा लग रहा है आपको मुझे प्यार करके?” मैंने कहा, “शब्दों में नहीं बता सकता।” वो बोली, “शब्दों से नहीं बता सकते, तो किसी और तरीके से बता दो।” मैंने मेघा की दोनों टाँगें पूरी फैला दीं और लंड और अंदर डाल दिया और चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी। मेघा हँसने लगी और बोली, “मैं समझ गई, आपको कितना अच्छा लग रहा मुझे प्यार करके।” मेरा लंड मेघा की चूत में कस-कस के अंदर-बाहर हो रहा था, और मेघा के दूध झूल रहे थे। वो चिल्लाई, “आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। बहुत तेज-तेज कर रहे हो आप।” मैंने कहा, “इतनी खूबसूरत हो तुम, तुम्हें तो ऐसे ही प्यार करूँगा मैं।” मैं मेघा को लगातार चोद रहा था। मेघा बोली, “अच्छा, एक बात कहूँ?” मैंने कहा, “हाँ।” वो बोली, “मुझसे डर्टी टॉक करोगे?” मैंने कहा, “नेकी और पूछ-पूछ।” उसने पूछा, “कौन हूँ मैं आपकी?” मैंने कहा, “मेरी छोटी बहन।” वो बोली, “भला छोटी बहन के साथ कोई ऐसा करता है?” मैं मेघा को लगातार चोद रहा था। मैंने कहा, “छोटी सिर्फ नाम की है वो। असली में बहुत बड़ी हो चुकी है वो।” मेघा बोली, “आपको कैसे पता कि वो बड़ी हो चुकी है?” मैंने कहा, “जब मैंने उसकी ब्रा उतारी, तो उसके दूध बहुत भारी-भारी थे। जैसे किसी जवान लड़की के होते हैं।” वो बोली, “अच्छा।” मैंने कहा, “जब मैंने उसकी पैंटी उतारी, तो उसकी चूत बहुत पानी छोड़ रही थी, इसका मतलब वो रेडी थी।” मेघा बोली, “किस चीज के लिए?” मैंने कहा, “बोल दूँ?” वो बोली, “हाँ बोलो।” मैंने कहा, “चुदने के लिए रेडी थी।” मैं मेघा को लगातार चोद रहा था। मेघा बोली, “उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ, ये वर्ड क्यों बोलते हो, बहुत पानी आ जाता है नीचे।” मैंने पूछा, “तुम्हें कैसा लग रहा है?” वो बोली, “पहले तो सिर्फ उंगली से किया था, लेकिन जबसे आपने अपना वाला डाला है, मन कर रहा है, अंदर ही लिए रहूँ इसे।” मैंने पूछा, “ज्यादा लंबा है क्या मेरा?” उसने कहा, “लंबा तो बहुत है, लेकिन मैं भी कम नहीं हूँ। पूरा ले लिया आपके अंदर।” मैंने पूछा, “क्या ले लिया?” वो बोली, “सुनना चाहते हो आप अपनी बहन के मुँह से?” मैंने कहा, “हाँ।” मेघा बोली, “आपका लंड ले लिया मैंने पूरा अपनी चूत में अंदर तक।” मैंने कहा, “उफ्फ मेघा, बहुत हॉट हो तुम।” और मैंने मेघा की चुदाई की स्पीड बढ़ा दी। वो चिल्लाई, “आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” रूम में फच-फच की आवाज आ रही थी। मैंने कहा, “ये लो मेरी जान।” मेघा बोली, “आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। भैयाAAAAAAAAAAAA।” मैंने कहा, “ये लो और कस के।” मेघा बोली, “आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” मैंने कहा, “ये लो मेघा।” वो चिल्लाई, “आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” रूम में फच-फच की आवाज आ रही थी। मैंने कहा, “बहुत माल हो तुम।” मेघा बोली, “आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” मेघा गद्दे पर दोनों टाँगें फैलाए पूरी नंगी लेटी थी, और मेरा लंड उसकी चूत में कस-कस के अंदर-बाहर हो रहा था। मैं मेघा को पूरी रफ्तार से चोद रहा था, और मेघा का पूरा बदन ऊपर-नीचे हो रहा था। उसके दोनों दूध झूल रहे थे। वो चिल्लाई, “आआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” मैंने कहा, “कभी नहीं सोचा था कि तुम्हें ऐसे नंगा करके चोदूँगा।” मेघा बोली, “करते रहो कस-कस के। आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” मैंने कहा, “और तेज मेघा?” वो बोली, “और कस के।” मैंने कहा, “और तेज।” मेघा बोली, “और तेज्ज्ज्ज्ज्ज।” मैंने कहा, “और तेज।” वो बोली, “और तेज्ज्ज्ज्ज्ज।” मैंने कहा, “और तेज मेघा।” वो चिल्लाई, “और तेज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज।” वो मेघा, जो किसी के सामने कपड़े बदलने से भी शर्माती थी, आज वही मेघा पूरी नंगी मेरे नीचे लेटी थी और कस-कस के चुद रही थी। वो चिल्लाई, “आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” मैं मेघा से लिपटा था और उसे किस भी कर रहा था और कस-कस के चोद रहा था। मेघा बोली, “आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, मम्मीYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYYY।” मैंने कहा, “मम्मी को क्यों याद कर रही, मजा नहीं आ रहा क्या?” वो बोली, “बहुत अच्छा लग रहा। लगता है पानी निकल जाएगा मेरा।” मैंने कहा, “तो फिर ये लो।” मैं लगातार मेघा से लिपट के उसे चोद रहा था। मेघा चिल्लाई, “भैयाAAAAAAAAAAAAAAAAAAA। कुछ होने वाला है। आआआआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। आआआआआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। mmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm। mmmmmmmmmmmmmmm।” और मेघा का पानी निकल गया। मैंने भी मेघा की चूत भर दी। मैं और मेघा अगल-बगल लेट गए। मेरी नजर खिड़की पर गई। वहाँ मानसी खड़ी थी, और मेरी और उसकी नजर आपस में मिल गई। वो तुरंत वहाँ से हट गई। मैंने और मेघा ने कपड़े पहने और सो गए। सुबह के 4 बज रहे थे।
अगले दिन मेघा की ट्रेन थी। स्टेशन घर से 40 किलोमीटर दूर था। मैं और मेघा का छोटा भाई उसे ड्रॉप करने स्टेशन गए, लेकिन ट्रेन 3 घंटे लेट थी। मैंने कहा, “ट्रेन 3 घंटे लेट है, तो अब क्या करें? घर चलना है या यहीं वेट करना है?” मेघा बोली, “मेरी फ्रेंड का रूम यहीं पास में है, उसी के रूम पर चलते हैं।” हम तीनों मेघा की फ्रेंड के रूम पर पहुँचे। 15 मिनट हम तीनों ने खूब बातें की। फिर मेघा की फ्रेंड ने मेघा से कहा, “अगर तुझे कोई प्रॉब्लम ना हो, तो तेरे भाई को साथ ले जाऊँ, अगल-बगल घूम लेगा।” मेघा बोली, “हाँ, ले जाओ। हम और भैया तेरे रूम पर रुक जाएँगे।” मेघा की फ्रेंड और उसका भाई रूम से चले गए। मेघा बोली, “कैसी लगी मेरी प्लानिंग?” मैंने कहा, “तो ये सब तुम्हारा प्लान था?” वो बोली, “और नहीं तो क्या। मैंने घर पर ही ट्रेन का स्टेटस चेक कर लिया था, 3 घंटे लेट थी। और अपनी फ्रेंड से बोलकर पहले से सेटिंग कर ली थी रूम के लिए।” मैंने मेघा को अपनी बाहों में भर लिया और कहा, “मेघा, I love you।” वो बोली, “I love you too भैया।” और फिर मैं और मेघा किस करने लगे। मैंने मेघा को गद्दे पर गिरा दिया और उसके ऊपर आ गया और कस-कस के किस करने लगा। मेघा भी किस कर रही थी और मदहोश हो रही थी। मैंने मेघा की टी-शर्ट उतार दी। उसने अंदर ब्लैक ब्रा पहनी थी। मेघा को ब्रा में देखकर मेरा लंड एकदम टाइट हो गया। मेघा बोली, “ब्रा उतारो मेरी।” मैंने मेघा की ब्रा की हुक खोली और पूरी ब्रा उसके जिस्म से अलग कर दी। मेघा बोली, “दबा लीजिए जितना मन करे।” मैंने मेघा के दोनों दूध हाथ में लिए और कस-कस के मसलने लगा। मेघा चिल्लाई, “आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” मैंने पूछा, “कैसा लग रहा है मेरी जान?” वो बोली, “बस दबाते रहो। आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” मैं मेघा के दोनों दूध कस-कस के मसल रहा था। मेघा बोली, “mmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm।” मैंने कहा, “बहुत मुलायम दूध हैं मेघा तुम्हारे।” वो बोली, “दबाते रहो। आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” मैंने पूछा, “अच्छा लग रहा है?” उसने कहा, “हाँ।” मैंने पूछा, “क्या मन कर रहा है तुम्हारा?” मेघा बोली, “नीचे कुछ लंबा सा लेने का, एकदम अंदर तक।” मैंने धीमे से पूछा, “चुदने का मन है तुम्हारा मेघा?” उसने कहा, “हाँ।” मैंने कहा, “जींस उतार दूँ तुम्हारी?” मेघा बोली, “पूरा नंगा करो मुझे।” मैंने मेघा की जींस उतार दी। उसने अंदर ब्लैक पैंटी पहनी थी, जो पूरी गीली थी। मेघा बोली, “पैंटी भी उतारो मेरी।” मैंने मेघा की पैंटी खिसकाकर उतार दी। मेघा गद्दे पर पूरी नंगी लेटी थी। मैंने मेघा की चूत में दो उंगलियाँ डालकर खोला। उसकी चूत अंदर से गुलाबी और बिल्कुल गीली थी। मैं मेघा के ऊपर आ गया और उसके होंठों को अपने होंठों में भर लिया। फिर मेघा के होंठों को कस-कस के पीने लगा। मेघा भी मेरे होंठों को कस-कस के चूस रही थी। मैंने मेघा की दोनों टाँगें फैलाईं और उसकी गीली चूत में लंड डालने लगा। मेघा बोली, “आराम से। बहुत लंबा है आपका।” मैं मेघा के होंठ चूस रहा था और धीरे-धीरे लंड उसकी गीली चूत में अंदर डाल रहा था। थोड़ी देर बाद मेरा पूरा लंड मेघा की चूत में अंदर तक चला गया। मेघा बोली, “पूरा चला गया अंदर तक।” मैंने धीरे-धीरे मेघा की चूत में लंड चलाना शुरू किया। मेघा चिल्लाई, “आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। बहुत लंबा है भैया आपका।” मैंने कहा, “चुदाई मोटे लंड से ही होती है मेघा।” वो बोली, “इतना मोटा आज तक कभी नहीं लिया मैंने। तभी अजीब सा लग रहा है।” मैंने कहा, “थोड़ी देर में अच्छा लगेगा तुम्हें।” 2-3 मिनट बाद मेघा बोली, “अब करिए तेज-तेज।” मैं और मेघा एक-दूसरे की आँखों में देख रहे थे, और मैं मेघा को चोद रहा था। मेघा बोली, “जब आप आँख में देख के मुझे प्यार करते हो, तो मन करता है बस करवाती रहूँ।” मैंने कहा, “बहुत कसी हुई चूत है मेघा तुम्हारी।” मैं मेघा को लगातार चोद रहा था। वो हँसते हुए बोली, “कुँवारी हूँ अभी। कसी तो रहेगी ना।” मैंने कहा, “तुम्हारी चूत में लंड चलाने में बहुत मजा आता है मेघा।” वो बोली, “आप बार-बार मेरा नाम क्यों लेते हैं? नीचे बहुत अजीब लगता है जब आप मेघा बोलते हो।” मैंने कहा, “नाम लेकर चोदने का अलग ही मजा है।” मेघा बोली, “आपने गंदी आदत लगा दी है मुझे।” मैंने कहा, “ये अच्छी आदत है मेघा।” मैं मेघा को लगातार चोद रहा था। वो बोली, “वहाँ हॉस्टल में कौन पूरी करेगा मेरी प्यास?” मैंने कहा, “वहाँ भी आ जाऊँगा, ज्यादा दूर तो जा नहीं रही तुम।” मेघा बोली, “आ जाना, जब भी मैं बुलाऊँ।” मैंने कहा, “हमेशा से तुम्हें ऐसे ही प्यार करना चाहता था मैं।” मैं मेघा को लगातार चोद रहा था। मेघा बोली, “अपनी छोटी बहन के बारे में कितना गंदा सोचते थे आप।” मैंने कहा, “छोटी तुम सिर्फ उम्र से हो मेघा, असली में सब कुछ बहुत बड़ा-बड़ा है तुम्हारा।” वो बोली, “ये बात तो मम्मी भी कह रही थी कि 22 की लगती ही नहीं हूँ मैं। 28 की लगती हूँ।” मैंने कहा, “गर्मी भी तो है ना तुम्हारे जिस्म में।” मेघा बोली, “बहुत गर्मी है भैया। फिंगरिंग काफी करती थी मैं, लेकिन उससे भी शांत नहीं होती थी।” मैंने कहा, “और जो 6 इंच का मैं चला रहा हूँ, उससे?” मैं मेघा को लगातार चोद रहा था। वो बोली, “इतना बड़ा तो कभी नहीं सोचा था कि लूँगी मैं। इसी से मेरी गर्मी शांत होती है भैया।” मैंने पूछा, “कितना मन करता है चुदने का तुम्हारा?” वो बोली, “जब एक बार मन कर जाता है, तो बिना फिंगरिंग किए चैन नहीं पड़ता मुझे।” उसने पूछा, “आपका कितना मन करता है मुझे चोदने का?” मैंने कहा, “मेघा, तुम मुझे कितनी भी मिल जाओ, लेकिन हमेशा कम ही लगोगी। मेरा बस चले, तो तुम्हें कभी कपड़े ही ना पहनने दूँ।” मैं मेघा को लगातार चोद रहा था। मेघा बोली, “भैया, मुझे आपका लंड देखना है, क्या कर रहा है ये।” मैंने मेघा की चूत से लंड निकाला और दिखाया। वो बोली, “कितना लंबा और मोटा है। आप तो मेरी चूत पूरी ढीली कर दोगे।” मैंने कहा, “चूत तो ढीली होगी ही तुम्हारी, चाहे शादी से पहले या शादी के बाद।” मैंने फिर से पूरा लंड मेघा की चूत में अंदर तक डाल दिया। मेघा बोली, “mmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmm।” मैंने कहा, “आज तुम्हें खूब चोदूँगा मेघा।” वो बोली, “और कस के चोदो मुझे।” मैंने कहा, “और कस के जान।” मेघा बोली, “और कस के भैया।” मैंने कहा, “और कस के मेघा।” वो चिल्लाई, “और कस के, और कस के।” मैंने कहा, “और कस के मेघा।” वो बोली, “और अंदर तक भैया।” मैंने कहा, “और तेज जान।” मेघा चिल्लाई, “और तेज्ज्ज्ज्ज्ज्ज।” मैंने कहा, “और तेज।” वो बोली, “और तेज्ज्ज्ज्ज्ज।” मैंने कहा, “और तेज मेघा।” वो चिल्लाई, “और तेज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज, और तेज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज, और कस के चोदिए मुझे, और कस-कस के भैया, कस-कस के चोदिए मुझे। कस-कस के, और कस के, और कस के, और तेज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज, आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। आआआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। और कस के भैयाAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAA।” आखिरकार मेघा का पानी निकल गया, और वो शांत हो गई। मैंने भी मेघा की चूत भर दी।
हम लोग 10 मिनट ऐसे ही लेटे रहे। मैंने कहा, “मेघा, पीछे से दोगी तुम?” मेघा बोली, “पीछे से दर्द होगा ना भैया?” मैंने कहा, “ज्यादा नहीं होगा। मैं धीरे-धीरे करूँगा।” वो बोली, “ठीक है, कर लो।” मैंने मेघा को डॉगी पोजीशन में गद्दे पर बिठाया और लंड धीरे-धीरे मेघा की गाँड में डालने लगा। मैं थोड़ा सा ऑयल ले आया, और फिर लंड आराम से मेघा की गाँड में चला गया। मेघा बोली, “दर्द हो रहा भैया।” मैंने कहा, “थोड़ा वेट करता हूँ मैं। जब बोलोगी, तभी करूँगा मैं।” थोड़ी देर बाद मेघा बोली, “अब करिए।” मैंने मेघा की मोटी कमर पकड़ी और उसकी गाँड में धक्के मारने शुरू कर दिए। मेघा चिल्लाई, “आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” मैं लगातार मेघा की गाँड मार रहा था। वो फिर बोली, “आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।” मेघा की कमर मेरे हाथ में थी, और मेरा लंड लगातार उसकी गाँड में अंदर-बाहर हो रहा था। तभी मेघा का भाई और मेघा की फ्रेंड रूम में आ गए। मेघा का भाई “दीदी, दीदी” चिल्लाने लगा और उसने अंदर वाले रूम का दरवाजा खोल दिया। उसने देखा, मेघा गद्दे पर झुकी है, और मैं उसकी कमर पकड़ के उसकी गाँड मार रहा हूँ। उसने तुरंत डर से दरवाजा बंद कर दिया। मेघा की फ्रेंड सब समझ गई और बिना देर किए उसने मेघा के भाई के होंठों को अपने होंठों में भर लिया और उसे किस करने लगी। मेघा का भाई पहले तो डर गया, लेकिन फिर उसने भी किसिंग शुरू कर दी। 5 मिनट किसिंग के बाद मेघा की फ्रेंड ने उसकी पैंटी उतारी और जमीन पर बैठकर उसका लंड हाथ में लेकर पीने लगी। 5 मिनट उसने उसका लंड पिया। तभी मैं और मेघा रूम से बाहर आए, तो ये मंजर देखा। मेघा का भाई डर गया। फिर मेघा और वो रूम से बाहर गए और कुछ बातें की, फिर दोनों हँसते हुए अंदर आ गए। मेघा बोली, “अबसे ये मेरा सीक्रेट किसी को नहीं बताएगा, और मैं इसका नहीं बताऊँगी।” हम सब हँसने लगे। तभी ट्रेन का टाइम हो गया, और आखिरकार मैं और मेघा ही स्टेशन पर गए। मेघा के भाई को उसकी फ्रेंड के रूम में छोड़ दिया। मेघा बोली, “आपकी बहुत याद आएगी। वीडियो कॉल करूँगी मैं।” मैंने मेघा के होंठों पर एक किस किया और ट्रेन से उतर गया। फिर हम दोनों स्टेशन से घर वापस आ गए।
घर पर सारे मेहमान जा चुके थे। सिर्फ मेघा की मौसी और उनकी लड़की मानसी बची थीं, जो अगले दिन शाम को जाने वाली थीं। मैंने नोटिस किया कि मानसी मुझे चुपके-चुपके कुछ ज्यादा ही देख रही थी। मुझे कुछ शक हुआ, क्योंकि मानसी ने मुझे और मेघा को सेक्स करते देखा था। अगले दिन सबने ब्रेकफास्ट किया। मौसी और मानसी पैकिंग करने लगे। धीरे-धीरे दोपहर हो गई। मम्मी और मौसी सोने चली गईं। मैंने मम्मी से कहा कि मुझे नहाना है, तो मैं ऊपर नहा लूँगा। मैंने अपने कपड़े लिए और ऊपर वाले बाथरूम में जाने लगा। मैं ऊपर आ गया और छुप गया। थोड़ी देर बाद मानसी भी मेरे पीछे-पीछे ऊपर आ गई और अपने गीले कपड़े फैलाने लगी और मुझे ढूँढने लगी। मैंने पीछे से मानसी को पकड़ लिया और दीवार पर सटा दिया। उसकी और मेरी साँसें तेज-तेज चल रही थीं। मैंने पूछा, “क्यों पीछा कर रही हो मेरा?” वो डर सी गई और बोली, “मैंने कब पीछा किया आपका?” मैंने कहा, “मेरे पीछे-पीछे ऊपर क्यों आई तुम?” वो बोली, “वो तो मैं अपने गीले कपड़े फैलाने आई थी।” मैंने देखा, मानसी की टी-शर्ट, जींस, ब्रा, पैंटी लटक रहे थे। मैंने कहा, “मैंने देखा था, तुम और मेघा का भाई रात में छत पर क्या कर रहे थे।” मानसी शरमा गई और बोली, “वो तो बस मस्ती थी।” मैंने कहा, “और वो जो तुमने मुझे और मेघा को देखा, वो क्या था?” वो बोली, “मैंने कुछ नहीं देखा।” मैंने कहा, “सच-सच बता मानसी, क्या देखा था तुमने?” वो बोली, “मैंने कुछ नहीं देखा भैया।” मैंने मानसी को और दीवार की तरफ दबाया और कहा, “सच बताओ, नहीं तो मैं मेघा के भाई को बता दूँगा कि तुमने हमें देखा।” मानसी डर गई और बोली, “हाँ, मैंने आपको और मेघा को रात में टेरेस पर सेक्स करते देखा था।” मैंने कहा, “और क्या देखा तुमने?” मानसी शरमाते हुए बोली, “मैंने देखा कि आप मेघा को गोद में उठाकर रूम में ले गए और फिर उसे गद्दे पर लेटाकर उसके ऊपर चढ़ गए।” मैंने पूछा, “और?” वो बोली, “मैंने देखा कि आपने मेघा की टी-शर्ट और ब्रा उतारी और उसके बूब्स को चूसने लगे।” मैंने कहा, “पूरा सच बता मानसी, और क्या देखा?” वो और शरमाते हुए बोली, “मैंने देखा कि आपने मेघा की जींस और पैंटी भी उतार दी और फिर उसकी चूत चाटने लगे। मेघा बहुत जोर-जोर से मोनिंग कर रही थी।” मैंने पूछा, “तुझे कैसा लगा ये सब देखकर?” मानसी की साँसें तेज हो रही थीं, वो बोली, “मुझे बहुत अजीब सा लगा। मैंने पहले कभी ऐसा कुछ नहीं देखा था। लेकिन देखकर नीचे कुछ गीला-गीला सा होने लगा।” मैंने कहा, “तो तू भी चाहती है कि मैं तेरे साथ वैसा ही करूँ?” मानसी डर गई और बोली, “नहीं भैया, ऐसा कुछ नहीं।” मैंने कहा, “डर मत, मैं किसी को नहीं बताऊँगा। सच बता, तेरा मन नहीं करता कि कोई तुझे भी ऐसे प्यार करे?” मानसी की नजर नीचे थी, वो धीरे से बोली, “हाँ, मन तो करता है, लेकिन डर भी लगता है।” मैंने मानसी का चेहरा ऊपर उठाया और उसकी आँखों में देखकर कहा, “मुझ पर भरोसा है ना?” वो बोली, “हाँ भैया, आप पर भरोसा है।”
मैंने मानसी को अपनी बाहों में खींच लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। मानसी पहले तो हड़बड़ा गई, लेकिन फिर उसने भी मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए। हम दोनों बाथरूम के पास दीवार के सहारे खड़े थे और एक-दूसरे को कस-कस के किस कर रहे थे। मानसी की साँसें बहुत तेज थीं, और उसका बदन गर्म हो रहा था। मैंने मानसी की टी-शर्ट ऊपर उठाई और उसे उतार दिया। उसने अंदर लाल रंग की ब्रा पहनी थी। मानसी का फिगर भी मेघा जैसा ही था—5 फुट 5 इंच हाइट, गोरा भरा हुआ बदन, और 30D के बूब्स। मैंने मानसी की ब्रा की हुक खोली और उसकी ब्रा उतार दी। उसके बूब्स एकदम टाइट और गोरे थे, जिन पर हल्के भूरे रंग के निप्पल थे। मैंने मानसी के बूब्स को हाथ में लिया और धीरे-धीरे मसलने लगा। वो बोली, “आआह्ह्ह्ह, भैया, धीरे करो।” मैंने उसके निप्पल मुँह में लिए और चूसने लगा। मानसी की साँसें और तेज हो गईं, वो बोली, “आआआह्ह्ह्ह्ह, बहुत गुदगुदी हो रही है।” मैंने करीब 10 मिनट तक मानसी के बूब्स चूसे और मसले। वो पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी।
मैंने मानसी की जींस का बटन खोला और उसे नीचे खींचकर उतार दिया। उसने अंदर लाल रंग की पैंटी पहनी थी, जो थोड़ी गीली हो चुकी थी। मैंने मानसी की पैंटी भी उतार दी। अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी। मानसी की चूत पर हल्के-हल्के बाल थे, और वो पूरी गीली थी। मैंने मानसी को दीवार के सहारे खड़ा रखा और उसकी एक टाँग ऊपर उठाकर अपनी कमर पर रख ली। फिर मैंने उसकी चूत पर जीभ लगाई और चाटने लगा। मानसी चिल्लाई, “आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह, भैया, ये क्या कर रहे हो? बहुत अजीब लग रहा है।” मैंने कहा, “बस मजा ले मेरी जान।” मैंने मानसी की चूत को कस-कस के चूसना शुरू कर दिया। वो बोली, “आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह, मर जाऊँगी मैं।” मैंने उसकी चूत की फाँकें खोलीं और जीभ अंदर डालकर चाटने लगा। मानसी का पूरा बदन काँप रहा था, और वो बार-बार चिल्ला रही थी, “आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह, भैया, कुछ होने वाला है।” 5 मिनट बाद मानसी का ऑर्गेज्म निकल गया, और मैंने उसका पूरा रस पी लिया। मानसी ढीली होकर दीवार के सहारे खड़ी थी।
मैंने मानसी को गोद में उठाया और बाथरूम के अंदर ले गया। वहाँ मैंने उसे फर्श पर लेटाया और उसके ऊपर आ गया। मैंने फिर से उसके होंठ चूसने शुरू कर दिए। मानसी भी मुझे कस-कस के किस कर रही थी। मैंने पूछा, “मन कर रहा है मेरा तुझे चोदने का, दोगी?” मानसी शरमाते हुए बोली, “हाँ भैया, लेकिन धीरे करना, मैंने पहले कभी नहीं किया।” मैंने कहा, “डर मत, मैं धीरे-धीरे करूँगा।” मैंने मानसी की दोनों टाँगें फैलाईं और अपनी कमर उसके बीच में सेट की। मेरा लंड एकदम टाइट था। मैंने धीरे से लंड मानसी की चूत में डालना शुरू किया। वो बोली, “आआह्ह्ह्ह, दर्द हो रहा है।” मैंने थोड़ा रुककर फिर धीरे-धीरे लंड अंदर डाला। मानसी की चूत बहुत टाइट थी। मैंने धीरे-धीरे लंड पूरा अंदर तक डाल दिया। मानसी चिल्लाई, “आआआह्ह्ह्ह्ह, भैया, बहुत दर्द हो रहा है।” मैंने 2 मिनट रुककर उसे किस किया और फिर धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया। मानसी बोली, “आआह्ह्ह्ह, अब थोड़ा अच्छा लग रहा है।” मैंने स्पीड थोड़ी बढ़ा दी। वो चिल्लाई, “आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह, और तेज करो।” मैंने मानसी को कस-कस के चोदना शुरू कर दिया। रूम में फच-फच की आवाज गूँज रही थी। मानसी बोली, “आआआआह्ह्ह्ह्ह, बहुत मजा आ रहा है भैया।” मैंने कहा, “तू भी बहुत हॉट है मानसी।” वो बोली, “आपके साथ ये सब करने में बहुत अच्छा लग रहा है।” मैंने मानसी को करीब 15 मिनट तक चोदा। वो फिर चिल्लाई, “आआआआह्ह्ह्ह्ह, कुछ निकलने वाला है मेरा।” और उसका पानी निकल गया। मैंने भी उसकी चूत भर दी।
हम दोनों ने जल्दी से कपड़े पहने और बाहर आ गए। मानसी बोली, “भैया, ये सब किसी को मत बताना।” मैंने कहा, “तू भी मेघा और मुझे देखने वाली बात किसी को मत बताना।” वो हँसकर बोली, “डील।” फिर हम दोनों नीचे चले गए। शाम को मौसी और मानसी ट्रेन से चली गईं। मेघा का मैसेज आया, “मानसी से कुछ हुआ क्या?” मैंने जवाब दिया, “नहीं, बस थोड़ी बातें हुईं।” मेघा ने लिखा, “झूठ मत बोलो, मुझे सब पता है। मानसी ने मुझे बताया कि उसने तुम्हें बाथरूम में पकड़ लिया था।” मैंने लिखा, “अरे, ऐसा कुछ नहीं।” मेघा ने लिखा, “ठीक है, लेकिन अगली बार मुझे पहले बता देना।” मैंने जवाब दिया, “पक्का।”
कुछ दिन बाद मेघा ने वीडियो कॉल किया। वो अपने हॉस्टल के रूम में थी। उसने कहा, “भैया, तुम्हारी बहुत याद आ रही है।” मैंने कहा, “मुझे भी।” वो बोली, “कब आओगे मिलने?” मैंने कहा, “अगले महीने आता हूँ।” मेघा ने अपनी टी-शर्ट उतारी और ब्रा में आ गई। वो बोली, “देखो, तुम्हारे लिए नई ब्रा ली है।” मैंने कहा, “उतार के दिखाओ।” मेघा ने ब्रा उतारी और अपने बूब्स दिखाए। वो बोली, “इनकी बहुत याद आती है ना तुम्हें?” मैंने कहा, “हाँ, बहुत।” फिर मेघा ने अपनी जींस और पैंटी भी उतार दी और पूरी नंगी होकर बोली, “अब बताओ, क्या करोगे मेरे साथ?” मैंने कहा, “तुझे गोद में उठाकर खूब चोदूँगा।” मेघा हँसकर बोली, “तो जल्दी आ जाओ।” हम दोनों ने वीडियो कॉल पर खूब डर्टी टॉक की। मेघा बोली, “तुमने मुझे चुदाई की ऐसी आदत लगा दी है कि अब बिना इसके चैन नहीं पड़ता।” मैंने कहा, “तो मैं हूँ ना, जब मन करे बता देना।”
अगले महीने मैं मेघा से मिलने उसके हॉस्टल गया। उसने अपने रूममेट को बाहर भेज दिया, और हम दोनों ने पूरे दिन रूम में खूब सेक्स किया। मेघा बोली, “भैया, तुमने मेरी जिंदगी बदल दी।” मैंने कहा, “मेरी जिंदगी तो तुमने पहले ही बदल दी थी।” हम दोनों हँसने लगे। इसके बाद मैं और मेघा जब भी मौका मिलता, मिलकर खूब प्यार करते। मानसी से भी कभी-कभी मैसेज पर बात हो जाती थी, और वो भी मिलने की जिद करती थी। लेकिन मैंने मेघा से वादा किया था कि अब सिर्फ उसी के साथ रहूँगा।
और इस तरह मेरी और मेघा की प्यार भरी कहानी चलती रही। हम दोनों ने एक-दूसरे को कभी छोड़ने का नहीं सोचा, और जब भी मौका मिलता, एक-दूसरे की बाहों में खो जाते।