छत पर उंगली करती दीदी को लंड खिलाया

Village sex story – Cousin wedding sex story – Desi didi ki chudai sex story – Gaon mein sex story: हैलो दोस्तों, मैं साहिल आज आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची सेक्स की घटना लेकर हाजिर हूं, जिसमें मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने अपने कजिन की शादी में उसके पड़ोस में रहने वाली एक सेक्सी पटाका को अपनी बातों में फंसाकर चोदा और उसे अपनी पहली बार की चुदाई से ही पूरी तरह संतुष्ट कर दिया।

दोस्तों, मैं गांधीधाम का रहने वाला हूं और कुछ समय पहले मुझे पता चला कि हमारे पास के एक गांव में मेरे कजिन की शादी है, इसलिए मैं, मेरा भाई और मेरी मामी शादी से चार दिन पहले ही वहां चले गए। वहां पहले से कई करीबी रिश्तेदार भी आ चुके थे। फिर मैं और मेरा भाई ऐसे ही गांव में चक्कर मारने निकल पड़े और कुछ दूरी चलने के बाद हमें कुछ मकान छोड़कर पास वाले एक घर में एक जबरदस्त लड़की दिखी, वाह क्या मस्त सेक्सी लग रही थी। वो मुझसे करीब तीन-चार साल बड़ी लग रही थी, लेकिन उसके फिगर को देखकर मेरा लंड नाचने लगा, उसका साइज करीब 38-32-36 होगा और वो कलर में थोड़ी सांवली थी, जिससे उसकी त्वचा पर एक गर्माहट वाली चमक थी जो मुझे और ज्यादा उत्तेजित कर रही थी। मैंने पहली बार उसे देखकर स्माइल दी, लेकिन उसकी तरफ से इतना खास जवाब नहीं मिला, तो मैं थोड़ा आगे चला गया। फिर पता चला कि जिस कजिन की शादी है, ये लड़की उसकी सहेली है, क्योंकि वो घर में बहुत आना-जाना कर रही थी, इसलिए मैं अब उससे थोड़ी नजर मिलाने लगा और अब मुझे उसकी तरफ से अच्छा रिस्पॉन्स मिलने लगा, उसकी आंखों में एक शरारती चमक थी जो मुझे बता रही थी कि वो भी इंटरेस्टेड है।

फिर मैं थोड़ी-बहुत बात करने लगा, शाम को जब मैं छत पर गया तो देखा कि वो भी पास वाली छत पर थी, अब हम दोनों बातें करने लगे, उसका नाम सीमा था, मुझे बातों-बातों में पता चला और ये भी मालूम हुआ कि वो मुझसे करीब दो साल बड़ी थी। उसकी आवाज में एक मीठी खनक थी जो मेरे कानों में गूंज रही थी और हवा में उसकी खुशबू, एक हल्की देसी इत्र की महक, मुझे और करीब खींच रही थी। फिर रात को जब हम सोने जा रहे थे तो मामा ने मुझसे कहा कि हमारी छत पर आज बिल्कुल जगह नहीं है, तुम पास वाली छत पर जाकर सो जाना, उनके मुंह से ये बात सुनकर मेरे मन में लड्डू फूटने लगे, तो मैं तुरंत अपना बिस्तर लेकर पास वाली छत पर चला गया। वहां पहुंचकर देखा कि वो भी ऊपर सो रही है, वैसे हमारे अलावा कुछ और लोग भी थे, मैंने अपना बिस्तर उसके पास ही लगा लिया और बातों-बातों में उसने मेरा मोबाइल ले लिया। पहले मुझे थोड़ा डर लगा क्योंकि मैंने ब्लूफिल्म बंद नहीं की थी, अब मैंने सोने का नाटक किया। फिर जब रात के एक बज रहे थे तो मुझे नींद में ही उसकी सिसकियों की आवाज आई, एक हल्की दबी हुई आह की तरह जो मेरे शरीर में सिरहन पैदा कर रही थी, जब मैंने थोड़ी आंख खोली तो देखा कि वो मेरे फोन पर ब्लूफिल्म बिना आवाज के देख रही थी और उसका एक हाथ नीचे उसके कपड़ों के अंदर था, जहां वो धीरे-धीरे हिल रही थी। मैं तुरंत समझ गया कि फिल्म देखकर वो बहुत जोश में आ चुकी है, उसकी गर्म चूत में उंगली कर रही है, उसकी सांसें तेज थीं और हवा में एक हल्की गर्मी की महक फैल रही थी जो उसकी उत्तेजना की गवाही दे रही थी। फिर मैंने कुछ नहीं किया और सो गया। अगली रात को मैंने फिर से उसे अपना मोबाइल दे दिया और दोबारा सोने का नाटक करने लगा, कुछ देर बाद वो दोबारा फिल्म देखकर अपनी चूत में उंगली करने लगी, इस बार उसकी सिसकियां थोड़ी ज्यादा तेज थीं जैसे वो खुद को रोक नहीं पा रही हो, आह इह्ह ओह्ह। फिर क्या था, जब वो कुछ देर बाद झड़कर बिल्कुल शांत हो गई तो मैंने चुपके से उसके कान के पास जाकर कहा कि तुम ये क्या कर रही थी, वो अचानक मुझे अपने पास देखकर और मेरे मुंह से ये बात सुनकर एकदम डर गई, उसकी आंखें चौड़ी हो गईं और उसने कहा कि प्लीज धीरे बोलो वरना किसी ने सुन लिया तो बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी। फिर मैंने कहा कि मैं नीचे पानी पीने जा रहा हूं, तुम मुझे वहां मिलो, अब वो चुपचाप मेरे पीछे-पीछे नीचे आ गई, मैं आगे-आगे नीचे जाने लगा और वो आ गई, अब वो मेरे सामने शर्म से सर नीचे झुकाकर खड़ी थी, उसकी सांसें अभी भी तेज चल रही थीं और उसके गाल लाल हो चुके थे।

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फिर मैंने उससे कहा कि तुम मुझसे बिल्कुल मत डरो, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा और ये बात हमेशा हम दोनों के बीच रहेगी, लेकिन अगर तुम मेरा साथ दो तब ऐसा हो सकता है, फिर मैंने उसका एक हाथ पकड़ लिया, उसकी हथेली गर्म और नरम थी जैसे अभी-अभी उत्तेजना से तप रही हो, और उसे स्माइल दी तो वो भी मेरी तरफ हंसने लगी। दोस्तों, अब मैंने उस अच्छे मौके का फायदा उठाया और उसे तुरंत हग कर लिया, वो पहले मुझसे मना करके दूर हटने लगी, लेकिन मैंने कहा कि अब ज्यादा नाटक मत करो वरना मैं सभी को सब कुछ सच-सच बता दूंगा कि तुम क्या कर रही थी। फिर उसने कहा कि प्लीज तुम्हें जो करना है करो लेकिन किसी को बताना मत वरना मेरी बहुत बदनामी होगी और घरवाले मुझे बहुत मारेंगे, अब मुझे उसकी तरफ से ग्रीन सिग्नल मिल गया जिससे मैं मन ही मन बहुत खुश हो गया। मैंने उसे किस करते हुए हग किया, उसके होंठ नरम और गर्म थे जैसे शहद की मिठास से भरे और मैंने धीरे-धीरे अपनी जीभ उसके मुंह में डाली, उसकी सांसों की गर्माहट मेरे चेहरे पर लग रही थी। हम लोग उस समय बहुत अंधेरे में खड़े थे और सभी सो चुके थे इसलिए कोई हमें नहीं देख पा रहा था, फिर कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि वो भी अब हल्की-हल्की गर्म होने लगी, उसकी सांसें तेज हो गईं और उसके शरीर से एक कामुक खुशबू फैल रही थी। मैंने धीरे-धीरे उसके गले पर किस किया, उसकी गर्दन की नरम त्वचा को चूमा और उसके कान में फुसफुसाया कि सीमा तुम कितनी सेक्सी हो, फिर मैंने उसके ब्लाउज के ऊपर से उसके बूब्स को छुआ, वे इतने मुलायम और भरे हुए थे कि मेरे हाथों में दबते ही एक सिरहन दौड़ गई, मैंने उन्हें सहलाया, निप्पल्स को उंगलियों से मसला और वो हल्की सिसकारी लेने लगी, आह ह ह ह ह्हीईई। फिर मैंने पैंटी के ऊपर से ही चूत को सहलाया, उसकी गर्मी मेरी उंगलियों को महसूस हो रही थी जैसे कोई आग सुलग रही हो और छूकर उसकी गर्मी को महसूस किया, जैसे ही कुछ देर बाद मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाला तो महसूस किया कि वो पहले से ही बिल्कुल गीली थी, उसका रस मेरी उंगलियों पर लग रहा था चिपचिपा और गर्म, मैंने धीरे-धीरे उंगली अंदर-बाहर की, उसके क्लिट को रगड़ा और वो मेरे कंधे पर सर टिका कर सिसकने लगी, ओह्ह साहिल आह इह्ह। बस थोड़ी देर चूत पर अंदर-बाहर हाथ घुमाने के बाद मैंने कहा कि कल रात को तुम मुझे फिर से मिलना और फिर वो वहां से चली गई। मैं अब बस अगली रात का इंतजार कर रहा था, मेरा वो दिन बहुत मुश्किल से निकला और मैं पूरे दिन उसकी चूत और बूब्स के बारे में सोचता रहा, उनकी नरमी गर्मी और वो सिसकियां, मेरा बहुत बुरा हाल था।

फिर कुछ घंटों बाद रात को मैंने दोबारा पास वाली छत पर उसके पास अपना बिस्तर लगाकर बातें करने लगा, कुछ घंटों बाद की हंसी-मजाक के बाद जब सभी सो गए तो मैंने सही मौका देखकर उसे इशारा किया और कहा कि तुम मेरे पीछे आ जाओ, वो मेरे पीछे आ गई। फिर मैं उसे अपने साथ नीचे ले गया और एक बिल्कुल अंधेरी सुरक्षित जगह देखकर किस करने लगा, इस बार ज्यादा गहराई से उसके होंठों को चूसा जीभ से खेला और उसकी सांसों की गर्माहट को महसूस किया, फिर से उसकी पैंटी में हाथ डालकर चूत में उंगली करने लगा, उसका रस अब और ज्यादा बह रहा था मेरी उंगलियां चिकनी हो गईं, आह ह्ह्ह इह्ह ओह और अपने एक हाथ से उसके बूब्स को दबाने लगा, निप्पल्स को चुटकी में लेकर मसला जिससे वो और जोर से सिसकने लगी, ऊऊ ऊउइ ऊईईई। कुछ देर बाद उसने कहा कि यहां नहीं एक रूम बिल्कुल खाली है तुम मेरे साथ वहां चलो, फिर हम दोनों उस रूम में चले गए। मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो वहां कोई नहीं था बस एक बिस्तर पड़ा हुआ था शायद हमारे लिए ही, मैं उसे कुछ देर खड़े-खड़े जोर से किस करते हुए बिस्तर पर ले गया, उसके शरीर की गर्मी मेरे खिलाफ दब रही थी और मैंने धीरे-धीरे उसके कपड़े उतारने लगा, वो अब तक बहुत गर्म हो गई थी उसकी त्वचा पर पसीने की बूंदें चमक रही थीं। अब मैं उसके गर्म मुलायम बूब्स को दबाने और चूसने लगा, उनकी मिठास मेरे मुंह में घुल रही थी निप्पल्स सख्त हो चुके थे और वो सिसकियां लेने लगी, आह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह साहिल। मैंने धीरे-धीरे उसके पेट पर किस किया नाभि को जीभ से चाटा और फिर चूत की तरफ बढ़ा, उसकी चूत को चाटने लगा, उसका नमकीन गर्म रस मेरी जीभ पर लग रहा था और मैंने क्लिट को चूसा उंगलियां अंदर डाली, बहुत देर तक, वो तड़पकर बोली ओह्ह साहिल आह ह ह ह ह्हीईई ऊऊ ऊईईई। फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके मुंह में देने लगा।

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फिर वो मुझसे साफ मना कर रही थी, मैंने उसका सर जबरदस्ती पकड़ा और अपना लंड उसके बालों को खींचते हुए उसके मुंह में डाल दिया, उसकी गर्म जीभ की छुअन से मेरा लंड और सख्त हो गया, ग्ग्ग्ग गी गी गों गोग और बहुत देर तक जबरदस्ती चुसाने के बाद अब वो खुद बहुत अच्छे से चूसने लगी जीभ से घुमाकर चूसकर। अब उसने कहा कि प्लीज आज तुम मेरी चूत की खुजली को अच्छी तरह मिटा दो मेरी तड़पती तरसती चूत को आज तुम पूरी तरह शांत कर दो। फिर मैंने जोश में आकर उसे नीचे लेटा दिया और उसकी प्यासी चूत में लंड को डालने लगा धीरे-धीरे आगे धकेलने लगा तो वो बहुत जोर-जोर से चिल्ला रही थी, आह्ह्हह उफफ्फ्फ्फ़ आईईई ओह साहिल आह इह्ह, उसकी चूत इतनी टाइट और गर्म थी कि मेरा लंड उसमें घुसते ही सिरहन पैदा कर रहा था और मुझे उसके चिल्लाने से ही पता लग रहा था कि वो कितनी प्यासी है। फिर मैंने उसके मुंह पर अपना एक हाथ रखकर कहा कि प्लीज अब ज्यादा मत चिल्ला वरना कोई सुन लेगा, फिर वो कुछ शांत हो गई और हल्की-हल्की सिसकियां लेने लगी, मैं अब लगातार अपने लंड को अंदर-बाहर करता रहा, उसकी चूत की दीवारें मेरे लंड को जकड़ रही थीं रस की चिपचिपाहट से आवाजें आ रही थीं और मुझे बहुत मजा आ रहा था, लेकिन कुछ देर बाद उसने अपना पानी छोड़ दिया उसका शरीर कांप उठा, आह्ह्ह्ह आऊ ऊऊ ऊईईई और फिर भी मैं उसे चोदता रहा।

फिर कुछ देर बाद मैंने लंड को चूत से बाहर निकालकर उसकी गांड में डालने लगा तो वो बहुत जोर से चिल्लाने लगी, उसने कहा कि प्लीज इसे बाहर निकालो प्लीज उफ्फ्फ्फ़ माँ आईईइ मैं मर जाऊंगी मुझे बहुत दर्द हो रहा है, उसकी गांड टाइट थी लेकिन गर्म, लेकिन फिर भी मैं थोड़ा सा रुककर चुदाई करने लगा और कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा उसकी सिसकियां अब आनंद की हो गईं, आह ह्ह्ह ओह्ह साहिल। मैंने अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ाई, अब वो कहने लगी कि प्लीज तुम अपना पानी मेरे मुंह में छोड़ देना मुझे उसे चखकर भी देखना है। फिर कुछ देर उसकी चुदाई करने के बाद फिर से अपने लंड को उसकी गांड से बाहर निकालकर उसके मुंह में दे दिया और वो बहुत मजा लेकर चूसने लगी, उसकी जीभ की गर्मी और चूसने की रिदम से मैं पागल हो रहा था, ग्ग्ग्ग गों गोग गी गी, लेकिन कुछ देर बाद मैंने अपना गर्म पानी उसके मुंह में छोड़ दिया और वो उसे बहुत मजा से चूसकर चाटकर गटक गई उसके होंठों पर बूंदें चमक रही थीं। थोड़ी देर तक उसकी चूत से खेलने के बाद उंगलियां डालकर क्लिट रगड़कर फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने उसे अपना लंड उसकी चूत में डालकर चोदना शुरू कर दिया कुछ देर के धक्कों के बाद मैंने पोजिशन बदल ली और अब उसे डॉगी स्टाइल में चोदने लगा, उसकी गांड मेरे खिलाफ टकरा रही थी धप-धप की आवाजें गूंज रही थीं, आह इह्ह ओह्ह साहिल जोर से और बहुत देर तक लगातार धक्के देकर चुदाई करने के बाद मैंने उसकी गांड में दोबारा से अपना लंड घुसा दिया और जोर से धक्के देकर चोदने लगा लेकिन मैंने महसूस किया कि अब वो कुछ ज्यादा ही जोर से चिल्लाने लगी। फिर भी मैं नहीं रुका और अपना लंड डालता रहा और अब मैंने उसके मुंह में अपना लंड देकर लेट गया और वो बहुत देर तक चूसती रही, उसकी लार मेरे लंड पर चमक रही थी, ग्ग्ग्ग गी गों गोग और अब उसने खुद कहा कि मेरी गांड में अपना लंड घुसा दो, मैं फिर से अपना लंड उसकी गांड के अंदर डालने लगा और अब मैंने उसके दोनों पैरों को पूरे फैला दिए थे और साथ ही उसकी चूत में उंगली भी कर रहा था, दोनों जगह की गर्मी और रस से मेरे हाथ गीले हो गए। अब फिर से उसकी चूत का पानी निकल गया उसका शरीर फिर कांपा आह्ह्ह्ह ऊऊ ऊईईई और अब उसे और भी मजा आने लगा था और फिर से मैं उसकी गांड में ही दूसरी बार झड़ गया, मेरा गर्म वीर्य उसमें भर गया और कुछ देर उसके पास थककर लेट गया।

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फिर कुछ देर बाद मैंने उठकर अपने कपड़े पहने और टाइम देखा तो रात के करीब 3:45 हो रहे थे, मैं ऊपर जाकर सो गया और कुछ देर बाद वो भी मेरे पास आकर लेट गई और मुझे पता ही नहीं चला कि कब सुबह हो गई। दोस्तों, अब शादी को दो दिन और थे लेकिन फिर से मैंने शादी के जागरण वाली रात को उसे एक बार फिर से बहुत जमकर चोदा, मैंने उसकी चुदाई करके उसके जिस्म के बहुत मजा लिए और उसने भी मुझसे मेरी चुदाई से खुश होकर मेरा हमेशा पूरा-पूरा साथ दिया, लेकिन शादी के दो दिन बाद मैं अपने घर पर आ गया और उस समय मैंने उससे मिलकर कहा कि मैं दोबारा जरूर आऊंगा और हम दोबारा चुदाई के ऐसे ही मजा लेंगे। अब मैं इंतजार कर रहा हूं कि कब मैं फिर से अपने गांव जाऊंगा और फिर से उसकी चुदाई करूंगा, मैं अब भी उसकी चुदाई को याद करके कभी-कभी मुठ मार लिया करता हूं और मैं आज तक उस चुदाई को नहीं भुला सका हूं।

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