स्कूटी खराब हुई तो मैम ने चुदाई करवा ली

College teacher sex story – Indian teacher student fuck sex story – Physics mam sex story: मेरा नाम करण है, उम्र उस वक्त सिर्फ 19 साल थी। मैं कॉलेज के फाइनल ईयर में था। हमारे कॉलेज में ज्यादातर पुरुष टीचर ही पढ़ाते थे, कोई जवान मैम नहीं थी। फिर एक दिन फिजिक्स के पुराने सर का ट्रांसफर हो गया और उनकी जगह नई टीचर आईं, नाम था काजल मैम।

पहली नजर में ही सब पागल हो गए। उम्र करीब 25 साल, गजब का फिगर, गोरा रंग, बड़े-बड़े चुचे और मटकती हुई गोल गाँड। साड़ी पहनती थीं तो कमर का पतला हिस्सा और नाभि साफ दिखती थी। क्लास में जब ब्लैकबोर्ड पर लिखने मुड़तीं तो उनकी गाँड की शेप देख कर लंड अपने आप खड़ा हो जाता। मैं हमेशा फ्रंट बेंच पर बैठता ताकि पास से सब देख सकूँ।

फेस्ट के दिन तो हद हो गई। काजल मैम ब्लैक कलर की ट्रांसपेरेंट सी साड़ी में आईं, ब्लाउज इतना टाइट कि चुचे उछल-उछल कर बाहर आने को बेताब थे। मैं पूरा दिन बस उन्हें घूरता रहा। फेस्ट खत्म हुआ तो मैं बाइक से घर जा रहा था, रास्ते में देखा कि मैम अपनी स्कूटी पर बैठी परेशान हैं। स्कूटी स्टार्ट ही नहीं हो रही थी।

मैंने बाइक रोकी और पूछा, “क्या हुआ मैम?” उन्होंने कहा, “पता नहीं, अचानक बंद हो गई।”

मैंने चेक किया, प्लग में गंदगी जमा थी। मैंने कहा, “मैम, अभी ठीक नहीं होगी, गैरेज ले जानी पड़ेगी।” उन्होंने मासूमियत से कहा, “मैं किसी को जानती तक नहीं यहाँ।”

मैंने मिस्त्री को फोन किया, स्कूटी गैरेज भिजवा दी और मैम को अपनी बाइक पर घर छोड़ने लगा। रास्ते में उनकी चुचे मेरी पीठ से टकरा रही थीं, लंड पत्थर हो गया। घर पहुँचे तो मैम ने कहा, “अंदर आओ, चाय तो पी कर जाओ।”

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घर में कोई नहीं था। मैम ने बताया कि वो अकेली रहती हैं, फैमिली गाँव में है। उन्होंने मुझे सोफे पर बिठाया और किचन में चाय बनाने चली गईं। साड़ी में उनकी मटकती गाँड देख कर मेरा दिमाग फिर गया। चाय लेकर आईं तो मैं उनके बड़े-बड़े दूध ही घूर रहा था। वो समझ गईं और शरमाते हुए मुस्कुराईं।

फिर वो मुझसे बातें करने लगीं। अचानक पूछा, “गर्लफ्रेंड है?” मैंने कहा, “नहीं मैम।” “तो फिजिक्स में नंबर कम क्यों आते हैं?” मैंने हँसते हुए कहा, “मन भटक जाता है।” “कहाँ भटकता है?” “फोन में मैम, आजकल सब कुछ फोन में मिल जाता है।”

मैम ने मेरा फोन माँगा। मैंने दे दिया। वो गैलरी देखने लगीं, फिर ब्राउजर हिस्ट्री खोल ली। मेरी सारी पोर्न हिस्ट्री खुल गई, ब्लू फिल्में, डाउनलोडेड वीडियो सब। मैं शर्मा गया। मैम चुप रहीं, फिर मुस्कुराई और बाहर चली गईं। मुझे लगा अब डाँट पड़ेगी।

मैं भी बाहर आया तो देखा मैम खड़ी थीं। बोलीं, “तुम ये सब देखते हो?” मैंने कहा, “गलती से खुल गया था।” मैम हँसीं और बोलीं, “इसे छोड़ो, इससे कुछ नहीं होता।”

बस इतना सुनते ही मेरा जोश चढ़ गया। मैंने आगे बढ़ कर मैम को कमर से पकड़ लिया और उनके होंठ चूसने लगा। वो पहले विरोध करने की कोशिश की, फिर मैं उन्हें बेडरूम में ले गया और बिस्तर पर लिटा दिया। वो धक्का दे रही थीं, बोल रही थीं, “नहीं करण, मैं तुम्हारी टीचर हूँ।” मैंने कहा, “मैम, आपको भी तो मर्द की जरूरत पड़ती होगी ना?”

वो उठीं और बाहर भागीं, दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। मैं सोच रहा था अब तो गया। लेकिन दो मिनट बाद दरवाजा खुला और मैम अंदर आईं। साड़ी उतार चुकी थीं, सिर्फ स्लीवलेस लॉन्ग मैक्सी में थीं, बिना ब्रा के। चुचे पूरी तरह उभरे हुए।

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उन्होंने दरवाजा बंद किया और बोलीं, “अब घोंचू सा क्यों खड़ा है?”

मैंने एक झटके में उन्हें बिस्तर पर गिराया और ऊपर चढ़ गया। उनके होंठ चूसने लगा, जीभ अंदर डाल दी। पहले वो हल्के से विरोध कर रही थीं, फिर खुद मेरा साथ देने लगीं। मैंने मैक्सी ऊपर सरका दी, चुचे बाहर निकाल कर मसलने लगा। बहुत नरम और बड़े थे। मैम सिसक रही थीं, “आह्ह्ह करण… धीरे…”

मैंने मैक्सी पूरी उतार दी, ब्रा-पैंटी भी खोल दी। मैम एकदम नंगी थीं। मैंने भी सारे कपड़े उतार दिए। मेरा 7 इंच का लंड तन कर खड़ा था। मैम ने उसे हाथ में लिया और सहलाने लगीं। मैंने कहा, “मुंह में लो ना मैम।” पहले मना किया, फिर मान गईं। जैसे ही लंड मुंह में लिया, ग्ग्ग्ग… ग्ग्ग्ग… गी… गी… गों… गों… की आवाजें आने लगीं। मैंने उनके सिर को पकड़ कर हल्का-हल्का धक्का देना शुरू किया, लंड गले तक जा रहा था।

फिर मैं नीचे आया, उनकी चूत पर जीभ फेरने लगा। बिल्कुल साफ-सुथरी, गुलाबी चूत थी। जैसे ही जीभ अंदर डाली, मैम की कमर ऊपर उठ गई, “आआह्ह्ह… करण… हाँ… और जोर से… आह्ह्ह इह्ह्ह्ह… चाटो मुझे…” मैंने उनकी चूत को पूरा चाट डाला, रस पी गया। वो झड़ गईं, पूरा रस मेरे मुंह में छोड़ दिया।

फिर मैम बोलीं, “अब मत तड़पाओ… डाल दो अंदर।” मैंने लंड चूत पर रखा और एक जोर का धक्का मारा। टाइट चूत थी, आधा ही गया। मैम चीखीं, “आआह्ह्ह्ह… धीरे करण… दर्द हो रहा… ओह्ह्ह्ह…” मैंने एक और धक्का मारा, पूरा लंड अंदर तक घुस गया। फिर तेज-तेज धक्के मारने लगा। कमरे में चप-चप… चप-चप की आवाजें गूंजने लगीं। मैम भी अब पूरी तरह मस्त हो चुकी थीं, अपनी गांड ऊपर उठा-उठा कर लंड ले रही थीं, “हाँ करण… और तेज… चोदो मुझे… आह्ह्ह ह्ह्ह्ह आआह्ह्ह…”

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दस मिनट बाद मैं झड़ने वाला था, लंड बाहर निकाला और उनके चुचों पर सारा माल गिरा दिया। मैम भी दो बार झड़ चुकी थीं। थोड़ी देर आराम किया, फिर 69 में आ गए। मैं उनकी चूत चाट रहा था, वो मेरा लंड चूस रही थीं। फिर दूसरा राउंड शुरू हुआ। इस बार मैम ने दोनों टांगें कंधों पर रख दीं, मैंने खूब जोर-जोर से ठोका। वो चिल्ला रही थीं, “आह्ह्ह ह ह ह… मैं गई करण… आह्ह्ह्ह ऊईईई… फिर से आ गई…”

फिर मैंने उनकी गांड मारने की इच्छा जताई। मैम पहले डरीं, फिर मान गईं। पहले उंगली से ढीला किया, फिर लंड टॉपिक पर रख कर धीरे-धीरे घुसाया। बहुत टाइट थी, मैम चीख रही थीं, “आआह्ह्ह्ह… फट जाएगी… धीरे करो… ओह्ह्ह्ह…” आधा गया तो रुक गया, फिर एक जोर का धक्का, पूरा अंदर। फिर धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाई। मैम को भी मजा आने लगा, “हाँ करण… गांड भी मार लो अपनी मैम की… आह्ह्ह्ह…” मैंने सारी वीर्य उनकी गांड में ही छोड़ दी।

फिर हम नंगे लेटे रहे। जाते वक्त मैम ने कहा, “फिर आना।” मैंने उनके दूध दबाते हुए कहा, “जब बुलाओगी, हाजिर रहूँगा।”

तब से हर वीकेंड हम मिलते हैं और खूब चुदाई करते हैं।

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