सिनेमा-हाल में गाण्ड मरवाई

दोस्तों एक बार फ़िर सनी का गीली गाँड से घोड़ी बन कर नमस्ते। अभी चिकना मस्त गाँडू नम्बर एक बन चुका हूँ। पिछली ठुकाई छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के डिब्बे में दो हट्टे-कट्ठे फौजी से करवाई। फौजी से चुदवाने के बाद १० दिन मुझे लंड नहीं मिला। मैं अपनी सोसाइटी में अमीर लड़कों से कभी नहीं मरवाता, स्कूल और आसपास के लोगों को मैंने अब तक भनक भी नहीं पड़ने दी है कि मैं गाँडू हूँ। मुझे चैट पर मेरे जैसे एक गाँडू ने मुझे बताया कि सिनेमा में लगने वाली ब्लू देखने जाने पर वहाँ बहुत बढ़िया लंड भी जाते हैं और मुझे उसी लड़के ने कहा कि तू अपने साथ निरोध रख कर डालकर मरवाया कर, उस वक्त से मेरी जेब में हर वक़्त निरोध रहते हैं।
मैं सिनेमा इन्दर पैलेस पहुँचा जिसमें ब्लू फ़िल्म लगी थी, वहाँ पर ज़्यादा लोग रिक्शा वाले या प्रवासी मर्द थे। मैं अकेला ही एक अच्छी सोसाईटी का लग रहा था। मैं वहाँ खड़े मर्द लोगों को निहारने लगा, तभी मेरे पास एक मर्द खड़ा था, मैंने अपना मोबाईल निकाला ख़ुद बेल बजाई ताकि उसको लगे, किसी का फ़ोन है, “हैलो राजू, तुम… एँ…. क्यों… नहीं… मैं अकेला देखने में क्या फ़ायदा…” कहकर मैंने मोबाईल बन्द कर दिया और वहाँ से निकलने लगा। मैंने उसकी ओर देख मुस्कुरा दिया। वह शरारती नज़रों से देख मेरी ओर मुड़ा, “अकेले देखने में मुझे भी मज़ा ही नहीं आता।” और वह वहीं रुक गया। फिर न मैंने बात की, न उसने। मैंने पैसा निकाल बालकनी की टिकट ले ली। वह बिल्कुल पीछे खड़ा टिकट लेने लगा। मैं टिकट लेकर अन्दर गया, लेकिन अभी बालकनी के बाहर रुक कर उसका इन्तज़ार करने लगा। उसे देख मैं बाथरूम की ओर गया। वह वहीं बोला, “चल चलें, अच्छी सी सीट लेते हैं।”
दोनों अन्दर गए, पहले कुछ न दिखा। अंधेरा ही अंधेरा, वही मेरा हाथ पकड़ कर कोने में ले गया बालकनी में। सिर्फ हम दोनों और मुश्किल से ३ और लोग होंगे। हम डबल सीट पर बैठ गए। पीछे बॉक्स था जो खाली था। बत्ती बन्द होते ही मैं उसके साथ चिपक कर बैठ गया। उसने अपना हाथ मेरी जाँघ पर फिराना शुरु किया, मेरी गाल को चूमने लगा। मैंने उसका लंड पकड़ लिया, ज़िप खोलकर लंड निकाल सहलाते हुए झुककर चूम लिया। अब मैंने ज़ुबान निकाल कर लंड चाटना चालू किया, तो वह मेरे बालों में हाथ फिराने लगा। मैं भी चूसने लगा। मौक़ा देखकर मैं बॉ़क्स में कूद गया। वह भी पीछे आया और मुझे पकड़ लिया। उसका ज़बर्दस्त लंड थाम मेरी गाँड मरवाने की चाहत बढ़ गई। मैंने ख़ुद ही पैन्ट उतार कर घुटनों तक सरका ली। वह मेरी सफ़ेद जाँघों को देख कर बोला, “तू तो साले टाइम निकाल कर चोदने की चीज़ है।”
मैंने कमीज़ ऊपर कर उसे अपना निप्पल चूसने को कहा, तो वह बोला “तू कहीं कोई लड़की तो नहीं? वह बिना बोले चूसता गया, उसने आहें ले-लेकर मेरी गाँड में ऊँगली डाल दी। वहीं नीचे ज़मीन पर सीट से निकली फोम पड़ी थी, मैं उस पर गिर गया। वह मेरे ऊपर चढ़ गया, चुम्मा-चाटी करवाने के बाद मैं घोड़ी बन गया। जेब से निरोध निकाल उसके लंड पर डाल दिया। उसने धक्के दे-देकर अपना पूरा लंड अन्दर पहुँचा दिया। मैंने बिना किसी परेशानी के उसका लंड ले लिया। वह चोदने लगा, अलग-अलग मुद्राओं में। हम इतने मगन थे कि इन्टरवल में बत्ती जल जाने के बाद भी चुदाई का मज़ा लेने में लगे ते। तेज़ धक्के मारते हुए वह झड़ गया और मेरे ऊपर लुढ़क गया, पर मुझे अभी संतुष्टि नहीं मिल पाई थी।
तभी टॉर्च की रोशनी हम पर पड़ी, “यह क्या हो रहा है।”
उस साले ने ज़िप तो खोल ही रखी थी, झट से लंड अन्दर डाला और कूदकर वहाँ से भाग गया। मैं वहाँ अब अकेला रह गया था। इससे पहले कि मैं पैन्ट पहनता, हॉलकीपर कूद कर वहाँ आया और उसने मुझे पैन्ट पहनने से रोका, बोला, “मैं तुम्हें संतुष्ट कर दूँगा, मौक़ा दे, या फिर बताऊँ नीचे जाकर।” वह काला-कलूटा भयानक आदमी था।
मैंने उसे रोका, “नहीं।” और उसे पकड़ लिया। मुझे सचमुच अभी तसल्ली नहीं मिली थी। वह जल्दी चोद गया। काफी दिनों के बाद लंड मिला था। मैंने उसके लंड को मुँह में ले लिया। उसने कहा, “यहाँ मज़ा नहीं आएगा। चल पास में ही मेरा घर है।”
वह मुझे उसके घर पर ले गया। हम दोनों एक-दूसरे से लिपटे हुए मज़े लेने लगे। उसका ताक़तवर लंड मेरी गांड के अन्दर-बाहर हो रहा था। मैं आहें भर-भर कर गांड मरवा रहा था। उसमें इतना दम था कि आधा घंटा उसने बिना रुके घोड़ी बनाकर मुझे चोदा, और फिर ऊपर से चढ़ गया। जब वह झड़ने लगा, लंड निकालने के बाद, निरोध उतार कर उसने सारा माल मेरे मुँह में निकालना शुरु किया। मैंने कुछ तो पी लिया, बाकी का उसने चटवा कर साफ़ करवा लिया।
मुझे दसवाँ लंड मिल गया और इस लंड से मैंने लगातार सोमवार से शनिवार तक चुदवाया, उसके बाद वह मुझे बोर लगने लगा, और मैं निकल पड़ा अगले लंड की तलाश में। और जल्द ही अगला लंड मुझे दिल्ली में मिला, जब पापा ने मुझे फिर से कुछ पैसे का भुगतान करने के लिए दिल्ली भेजा।
अधिक प्रतीक्षा न करवाते हुए मैं जल्द ही अगली कहानी लिखूँगा।

Related Posts

इसे भी पढ़ें   अंकल से मरवाया गांड | Hot Gay Sex Stories In Hindi
Report this post

Leave a Comment