मारवाड़ी मकान मालकिन चुदने को प्यासी थी

मेरा नाम सर्वेश है। मैं 23 साल का हूँ, गठीला बदन, मध्यम कद, और चेहरा ऐसा कि लोग कहते हैं, “लड़का ठीक-ठाक है।” जोधपुर में मेरी नई नौकरी लगी थी, और जवानी की आग मेरे जिस्म में धधक रही थी। मेरा लंड, जो अब नौ इंच लंबा और साढ़े तीन इंच मोटा हो चुका था, हर वक्त कुछ न कुछ तलाशता रहता था। जवानी में ऐसा होता है—लंड तनता है, और दिमाग चूत की तलाश में भटकता है। पहले मैं मुठ मारकर काम चला लेता था। कभी-कभी दो पलंगों के बीच की जगह में लंड फंसाकर चोदने की कोशिश करता, लेकिन मजा वैसा नहीं आता था। एक बार तो मुठ मारते-मारते लंड छिल गया, चमड़ी फट गई, और सुपाड़ा पूरा खुल गया। रोज़ तेल लगाकर मुठ मारने से लंड की ताकत और मोटाई बढ़ गई थी।

मैंने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली थी, लेकिन अब तक किसी चूत का स्वाद नहीं चखा था। मन करता था कि कुछ भी कर लूं—चूत मिले, गांड मिले, बस कुछ तो मिले। मैंने सुना था कि धैर्य का फल मीठा होता है, और सचमुच, मेरा धैर्य एक दिन रंग लाया।

जोधपुर में नौकरी शुरू होने के बाद मैं ऑफिस के पास किराए का मकान ढूंढ रहा था। कई जगह पूछताछ की, लेकिन 4-5 दिन तक कुछ नहीं मिला। एक दिन मैं बाजार में एक दुकान के बाहर खड़ा था। तभी मेरी नजर एक औरत पर पड़ी। घूंघट में थी, लेकिन उसकी आंखें मुझे घूर रही थीं। उसकी उम्र करीब 25-26 साल की रही होगी, गोरा रंग, पतली कमर, और घूंघट के पीछे से भी उसकी खूबसूरती साफ झलक रही थी। जैसे ही मेरी नजर उससे मिली, उसने इशारे से मुझे अपने पास बुलाया। मैं हिचकिचाया, लेकिन हिम्मत करके उसके पास गया।

“जी, आपने मुझे बुलाया?” मैंने धीरे से पूछा।
“हां, भाई साहब, आपणे मकान चाहिए?” उसकी आवाज में मारवाड़ी लहजा था, जो सुनने में बड़ा प्यारा लगा।
“हां, कहीं मिले तो बताइए।”
“मेरे मकान में एक कमरा खाली है। आओ, दिखा दूं।”
“चलो, आप आगे चलो, मैं आता हूं।”

मैंने अपनी मोटरसाइकिल पर उसे बैठाया और पास के एक मोहल्ले में पहुंचा। वहां एक बड़ी-सी बिल्डिंग थी, जिसमें कई कमरे थे। मैंने सुना था कि ये लोग किराए पर कमरे नहीं देते, लेकिन इस औरत ने मुझे कमरा देने की बात की। मैंने कमरा देखा—साफ-सुथरा, हवादार, और मेरे लिए एकदम सही। मैंने तुरंत हां कर दी। सामान के नाम पर मेरे पास एक बेडिंग और एक सूटकेस था। मैं ऑफिस के रेस्ट हाउस से सामान ले आया, नहाया, और कमरे में आराम करने लगा।

तभी एक लड़की कमरे में आई। पतली-दुबली, गोरी, और जींस-टॉप में। उम्र करीब 22-23 साल, चेहरा ऐसा कि किसी को भी देखते ही पसंद आ जाए। उसकी आंखों में शरारत थी, और होंठों पर हल्की-सी मुस्कान। मैं उसे देखकर हैरान रह गया। “जी, आप कौन? किससे मिलना है?” मैंने घबराते हुए पूछा।

इसे भी पढ़ें   बड़ा बढ़िया चोदते हो, बाबू जी !

वो मेरी हालत देखकर हंस पड़ी। “हुकुम, मैं कमली हूं।”
उसकी आवाज से मैंने तुरंत पहचान लिया कि ये वही औरत थी, जो घूंघट में थी। मैं भी हंस पड़ा। “अरे, आप तो बिल्कुल अलग लग रही हो, जैसे कोई कॉलेज की लड़की!”
“खाने का टाइम हो गया है, रोटी लाऊं क्या?” उसने पूछा।

मेरे मना करने पर भी वो मेरे लिए खाना ले आई। मेवाड़ी खाना था—दाल-बाटी, चूरमा, और मिर्ची का तड़का। स्वाद ऐसा कि जीभ चटखारे लेने लगी। बातचीत में पता चला कि कमली की शादी हो चुकी थी। उसका पति मुंबई में बिजनेस करता था, और सास-ससुर सरकारी नौकरी में थे। कमली का रंग गोरा, कद मध्यम, और जिस्म ऐसा कि किसी का भी दिल धड़क जाए।

“भाई साहब, मेरे खाने की तारीफ तो की नहीं!” उसने शरारती अंदाज में कहा।
“खाना तो लाजवाब था, और तुम भी कम नहीं हो!” मैंने भी मजाक में जवाब दिया।
“वाह जी, ये क्या बात हुई!” कहकर उसने मेरे गाल पर हल्के से छू लिया।

मैं सकपकाया, लेकिन हिम्मत करके बोला, “प्यार यूं नहीं, मैं भी तो करूं!”
उसने अपना गाल आगे कर दिया। मैंने धीरे से उसके गाल को चूमा। मेरे लिए ये पहला मौका था, जब मैंने किसी औरत को छुआ था। वो बर्तन लेकर इठलाती हुई चली गई। मैं सोच में पड़ गया कि ये क्या था—भाई-बहन वाला प्यार या कुछ और?

शाम को वो फिर आई, इस बार घाघरा-चोली में। उसकी पतली कमर और तीखे नक्श मेरे होश उड़ा रहे थे। चाय लेकर आई थी। “भैया, अब बोलो, कैसी लग रही हूं?”
“परी जैसी!” मैंने तारीफ की।
“तो मुझे चुम्मा दो!” वो पास आ गई।

मुझसे रहा नहीं गया। मैंने उसकी कमर पकड़कर उसे अपने से सटा लिया और गाल पर जोर से चूमा। मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया और उसकी चूत पर ठोकर मारने लगा। उसने खुशबू लगाई थी, जो मेरे होश उड़ा रही थी। मैंने फिर से चूमा तो वो बोली, “भैया, ठीक से करो ना!”

मैंने उसे और कसकर चिपकाया और उसके होंठ चूम लिए। उसने आंखें बंद कर लीं। मेरा लंड अब पूरी तरह तन गया था और उसकी चूत को ठोकर मार रहा था। मेरे हाथ उसके नरम चूतड़ों पर चले गए। इतने मुलायम और लचीले चूतड़! मैंने धीरे से उन्हें दबाया।

अचानक वो मुझसे अलग हुई और बोली, “ये क्या कर रहे हो, भैया!”
“अरे, कमली, तूने भी तो शुरू किया!” मैंने हंसते हुए कहा।
वो शरमाकर भाग गई।

मुझे लगा कि मेरा सवेरा आ गया है। कमली की अदाओं ने मुझे घायल कर दिया था। मेरा लंड उसका दीवाना हो चुका था। रात को उसके सास-ससुर मुझसे मिलने आए। दोनों बुजुर्ग थे, सास करीब 50 साल की, और ससुर 55 के आसपास। दोनों ने मुझसे बात की और खुश होकर चले गए। कमली खाना बनाने में व्यस्त थी।

इसे भी पढ़ें   Amma Bur Chudwane Lagi Bete Ke Lund Se

रात को वो फिर खाना लेकर आई, इस बार छोटी सी स्कर्ट और नाइटी टॉप में। उसकी गोरी टांगें और तीखे नक्श मेरे दिल को चीर रहे थे। “भैया, मेरे खाने की तारीफ तो करो!” उसने शरारत भरी नजरों से कहा।
“अरे, कमली, किस-किस की तारीफ करूं—तेरा खाना, तेरी खूबसूरती, और ना जाने क्या-क्या!”
“हाय, भैया, मुझे एक बार और प्यार करो!” वो जैसे पिघल गई।

मैंने उसे फिर बाहों में लिया। मुझे समझ आ गया था कि वो मेरे जिस्म को छूना चाहती थी। मैंने उसके होंठ अपने होंठों में ले लिए और चूसने लगा। उसकी आंखों में वासना थी। मेरा लंड उसकी चूत में गड़ने लगा। मैंने हल्के से उसकी छोटी-छोटी चूचियां सहलाईं। वो शरमा गई, लेकिन उसका हाथ मेरे लंड की ओर बढ़ा और उसने उसे पकड़ लिया। मेरे पूरे जिस्म में करंट दौड़ गया। मैंने उसकी चूचियां और जोर से मसलीं।

“भैया, मजा आ रहा है… हाय!” उसकी सिसकारियां शुरू हो गईं।

मैंने उसे चूतड़ों से पकड़कर उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया। वो जैसे होश में आई और बोली, “भैया, ये क्या! तुम तो मेरे भैया हो!”
“अरे, ऐसे ही कहना, वरना सबको शक हो जाएगा!” मैंने हंसते हुए कहा और उसे फिर दबोच लिया।

वो कराह उठी। “भैया, अभी नहीं… प्लीज!” फिर वो नशीली निगाहों से मुझे देखकर भाग गई।

अगले दो-तीन दिन वो मेरे पास नहीं आई। मुझे लगा कि सब बिगड़ गया। वो मुझे अपने घर खाना खाने बुलाती, लेकिन नजरें झुकाकर चुपचाप खाना खाती। मैं निराश हो गया। एक दिन मैं अपने कमरे में नंगा लेटा अपने लंड से खेल रहा था। अचानक दरवाजा खुला और कमली धीरे-धीरे मेरी ओर बढ़ी। मैं घबरा गया और चादर खींचने लगा, लेकिन उसने चादर छीनकर फेंक दी।

उसने अपनी नाइटी आगे से खोल दी और मेरे पास बैठ गई। “अब सहन नहीं होता, भैया!” कहकर वो मेरे ऊपर झुक गई। उसका नंगा जिस्म मेरे जिस्म से सट गया। उसका मुलायम शरीर मेरे अंदर आग भर रहा था। वो बोली, “भैया, मेरे तन में भी आग लगी है… मुझे जी भरकर चोद दो!”

उसकी बातें सुनकर मेरा लंड फुफकारने लगा। वो अपनी चूत मेरे लंड पर रगड़ने लगी। “आह्ह… हाय रे…” उसकी सिसकारियां कमरे में गूंजने लगीं। उसने मेरे होंठ चूसने शुरू किए, उसकी जीभ मेरे मुंह में थी। मेरा लंड उसकी चूत के द्वार पर था। उसने कमर हिलाई और मेरा सुपाड़ा फचाक से उसकी चूत में समा गया।

“हाय रे, भैया… थारा लौड़ा तो बहुत भारी है!” उसकी सिसकारी निकली।

मैंने धीरे-धीरे कमर हिलाई और लंड को और अंदर सरकाया। “आह्ह… ओह्ह…” उसकी चूत गीली थी, और मेरे धक्कों से भच-भच की आवाजें आने लगीं। उसने मेरे लंड को बाहर निकाला और अपनी गांड के छेद पर रखा। “भैया, मेरी गांड भी मारो!” उसने जोर लगाया और मेरा सुपाड़ा उसकी गांड में घुस गया।

इसे भी पढ़ें   मम्मी पापा को चुदाई करते देखा | Mom-Father Hot Sexy Kahani

“हाय रे… यो जवानी की आग!” वो सिसकारियां ले रही थी। मैंने धीरे-धीरे पूरा लंड उसकी गांड में उतार दिया। उसकी गांड टाइट थी, और मेरा लंड जैसे जन्नत में था। “आह्ह… मारी गांड मस्त हो रही है!” वो चिल्लाई।

“कमली, तेरी चूत और गांड दोनों भोसड़े जैसी हैं… इतनी छोटी उम्र में इतनी खुली!” मैंने गंदी बातें शुरू कीं।
“साला मरद तो बस एक इंच डालकर छोड़ देता है… मेरी प्यास बुझती ही नहीं!” उसकी आवाज में तड़प थी।

मैंने उसे पलट दिया और अब वो मेरे नीचे थी। उसने मेरा लंड पकड़कर फिर से अपनी चूत में घुसेड़ लिया। “चोदो, भैया… जोर से चोदो!” वो चिल्ला रही थी। मैंने धक्के तेज कर दिए। भच-भच की आवाजें कमरे में गूंज रही थीं। उसकी चूत पानी छोड़ रही थी, और मेरा लंड पूरा अंदर-बाहर हो रहा था।

“आह्ह… ओह्ह… चोद मारो, भैया… मेरा भोसड़ा फाड़ दो!” वो सिसकारियां ले रही थी। उसकी टांगें मेरी कमर से लिपट गईं। मैंने देखा कि उसकी चूत और गांड दोनों ही लंड खाने में माहिर थीं।

अचानक उसकी चीखें तेज हुईं, “हाय रे… मेरा पानी निकल रहा है… चोदो… आह्ह!” उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया, और वो ढीली पड़ गई। मैं भी अब रुक नहीं सका। मेरा लंड पिचकारी छोड़ने लगा। वीर्य की बौछारें कमली के जिस्म पर गिरीं। वो मुझे प्यार से खींचकर गले लगाने लगी।

“भैया, थारा लौड़ा तो जादू करता है… मेरी चूत धन्य हो गई!” वो हंसते हुए बोली।
“कमली, जब चाहे इशारा कर दे, मेरा लौड़ा हाजिर है!” मैंने भी हंसकर जवाब दिया।

वो खुशी से चहक उठी और मुझे चूमने लगी। मेरी किस्मत खुल चुकी थी। कमली जैसी खूबसूरत औरत मुझे मिली थी, जो पहले से ही चुदाई का मजा ले चुकी थी।

क्या आपको ये कहानी(Hot Rajasthani Bhabhi, Marwadi Bhabhi, Chudai Kahani, Desi Sex Story, Kamuk Kahani) पसंद आई? अपने विचार कमेंट में जरूर बताएं!

Related Posts

Report this post

Leave a Comment