गर्म बीवी ने डॉक्टर से चूत चुदवायी

हाय दोस्तो!

मेरा नाम शालिनी है।

मेरी अभी-अभी शादी हुई है, और मेरा पति राहुल है।

वह मुझसे कहता है कि मैं बहुत खूबसूरत और मस्त माल हूँ। लेकिन सच कहूँ तो शादी के बाद से उसने मुझ पर ज्यादा ध्यान ही नहीं दिया। काम के चक्कर में व्यस्त रहने की वजह से वह मेरी पूरी चुदाई भी नहीं कर पाता था। एक दिन तबीयत खराब होने की वजह से राहुल मुझे डॉक्टर के पास ले गया। लेकिन जब मैं अकेली अंदर गयी, तो वहाँ जो हुआ, उसकी कहानी अब मैं तुम्हें बताने जा रही हूँ।

शादी के तुरंत बाद राहुल काम में इतना busy हो गया कि मुझे अकेलेपन का एहसास होने लगा। उसने मुझे वक्त नहीं दिया, और मेरे अंदर की गर्मी बढ़ती ही जा रही थी। इस बीच अपनी इस आग को शांत करने के लिए मुझे डॉक्टर से अपनी चूत चुदवानी पड़ी।

तो चलिए, अब उस वाइफ पोर्न स्टोरी की शुरुआत करती हूँ।

कई दिनों से मुझे अजीब सी बेचैनी हो रही थी। लेकिन इसे बयान करने के लिए मेरे पास कोई नहीं था। राहुल को अपने काम से फुर्सत ही नहीं थी कि मेरी तरफ ध्यान दे सके। एक दिन जब वह घर आया, तो मैं उस पर फट पड़ी। मैंने कहा, “राहुल, तुम्हें मेरी जरा भी फिक्र नहीं है! तुम बस इतना कहते हो कि डॉक्टर के पास जाना है, लेकिन क्या तुम्हें कभी ये ख्याल आता है कि मुझे वहाँ ले जाओ?”

आगे मैंने कहा, “खैर, दो दिन पहले मैं ऑफिस गयी थी, वहाँ मेरी तबीयत बहुत खराब हो गयी। इतनी कि मुझे डॉक्टर के पास जाना पड़ा। आज फिर से बुलाया है। तुम्हें मेरे साथ चलना है तो चलो, वरना मैं अकेली चली जाऊँगी।” मेरी बात सुनकर राहुल चुप हो गया। उसकी चुप्पी में मुझे उसकी गलती का एहसास दिखा।

फिर वह तुरंत तैयार होने लगा और बोला, “माफी तो माँग नहीं सकता, तुम्हें लगेगा कि मैं नाटक कर रहा हूँ। तो पहले डॉक्टर के पास चलते हैं, फिर कहीं घूमने जाएंगे और बाहर कुछ खाएंगे।” मैंने कुछ जवाब नहीं दिया और बस तैयार होने लगी।

कुछ देर बाद हम दोनों डॉक्टर के क्लिनिक पहुँच गए।

डॉक्टर वर्मा कोई 35-37 साल के थे। उनका शरीर गठीला था। दिखने में बहुत सुंदर तो नहीं थे, लेकिन अपने काम के प्रति बहुत गंभीर थे। उनका क्लिनिक आसपास के इलाके में काफी मशहूर था।

थोड़ी देर इंतजार करने के बाद मेरा नंबर आया। मैंने राहुल को बाहर रुकने को कहा और खुद अंदर चली गयी।

डॉक्टर ने मुझे आते ही पहचान लिया और पूछा, “अब आपकी तबीयत कैसी है?” मैंने जवाब दिया, “पहले से दर्द कम है, लेकिन बेचैनी और अजीब दर्द जैसा अभी भी होता है।”

डॉक्टर ने मुझे केबिन में बेड पर लेटने को कहा। मैं पहले भी चेकअप के लिए आ चुकी थी, तो मुझे पता था कि क्या करना है। मैं अंदर गयी, बेड पर लेट गयी और अपनी कमीज को पेट के ऊपर उठा लिया।

डॉक्टर ने पहले सैनिटाइजर से अपने हाथ साफ किए और फिर केबिन में आए। उन्होंने मेरे पेट के दाहिने तरफ दबाया और पूछा, “कहाँ दर्द हो रहा है, यहाँ?” मैंने कहा, “हाँ, थोड़ा दर्द है!”

फिर डॉक्टर ने मुआयना जारी रखा। उन्होंने नाभि के पास हल्का दबाया। वहाँ भी दर्द था, तो मैंने कहा, “थोड़ा और नीचे भी दर्द है!” डॉक्टर ने अपना हाथ नीचे की ओर ले जाना शुरू किया। मैंने फिर कहा, “हाँ, वहाँ पर भी है।”

उनका हाथ नीचे ले जाते हुए शायद गलती से मेरी योनि के पास छू गया। मुझे लगा कि मेरा बदन गर्म हो गया है। डॉक्टर खुद पर संयम रखने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मेरे लिए ये आसान नहीं था।

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मैं इतनी खूबसूरत हूँ कि बड़े-बड़े योगी का दिल डोल जाए, और यह तो बस एक डॉक्टर था। फिर भी, डॉक्टर वर्मा इस पेशे में 10-12 साल से थे, तो उन्होंने खुद को संभाल लिया। लेकिन उनकी वो छुअन मेरे अंदर एक हल्की सी आस जगा गयी।

काफी समय से राहुल के साथ मेरी कोई नजदीकी नहीं हुई थी, न ही संभोग। एक नवविवाहिता लड़की को अपने पति से बहुत सी अपेक्षाएँ होती हैं, लेकिन राहुल उनमें से किसी में भी खरा नहीं उतर रहा था।

डॉक्टर वर्मा ने अपना हाथ बाहर निकाल लिया। लेकिन मेरे मन में कुछ और चल रहा था। मुझे लग रहा था कि शायद ये आगे बढ़े।

डॉक्टर वर्मा के मन में भी शायद वही बात चल रही थी जो मेरे मन में थी—कि कुछ और आगे बढ़ जाए। उनकी पत्नी पिछले चार साल से बिस्तर पर है, और उनका सेक्स जीवन तो जैसे खत्म ही हो चुका था। वैसे तो हर दिन उनके पास महिला मरीज आती थीं, लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें मुझमें कुछ खास दिखाई दिया।

उन्होंने मुझसे पूछा, “बताएं, क्या महसूस हो रहा है?” मैं थोड़ी झिझक रही थी, लेकिन सच कहूँ तो उनकी छुअन की प्यास मेरे अंदर कहीं न कहीं जाग चुकी थी। मैंने हिम्मत करके कहा, “हाँ सर… थोड़ा दर्द बढ़ा जैसा महसूस हो रहा है।”

डॉक्टर ने कहा, “ठीक है, मैं चेक करता हूँ। आप थोड़ा सलवार को और नीचे कर लीजिए।” फिर उन्होंने अपनी नजर दीवार की ओर कर ली। मैंने सलवार को नीचे किया, और वे अपने हाथ को मेरी नाभि के सबसे निचले हिस्से की ओर ले गए और टटोलने लगे। मैं एकटक उनकी ओर देखती रही। मेरे मन में था कि काश वे मेरी आँखों में देखकर सब कुछ करें।

फिर मैंने हिम्मत की और उनका हाथ पकड़ लिया। मैंने उसे दिशा देते हुए अपनी योनि के थोड़ा ऊपर के हिस्से पर रखा और कहा, “यहाँ सबसे ज्यादा दर्द है।” डॉक्टर ने मेरी तरफ देखा। उन्हें दिखा कि मेरी सलवार पूरी तरह नीचे जा चुकी थी, और उनका हाथ मेरी गोरी योनि के थोड़ा ऊपर रखा हुआ था। वे समझ गए कि मेरा दर्द कुछ और ही है।

उन्होंने कहा, “मुझे समझ नहीं आ रहा कि क्या करना है। आप थोड़ी देर के लिए सलवार ऊपर कर लीजिए!” मुझे लगा कि मेरी उम्मीद पर पानी फिर गया। मैंने कहा, “नहीं डॉक्टर साहब, आप ठीक से चेक कीजिए!” वे समझ गए कि मैं पूरी तरह गर्म हो चुकी हूँ।

फिर उन्होंने कहा, “ठीक है, मैं देखता हूँ। बस आपको कोई आपत्ति न हो!” मैंने तुरंत कहा, “कोई आपत्ति नहीं है!”

डॉक्टर वर्मा ने अपनी जगह बदल ली। उन्हें भी तसल्ली थी कि अब वे मेरी मर्जी के खिलाफ कुछ नहीं कर रहे। उन्होंने उस जगह पर हल्के से दबाया। मेरे मुँह से हल्की सिसकारी निकल गयी, और मैंने कहा, “थोड़ा और नीचे जाइए!” वे बोले, “अब तो यहाँ गर्माहट बहुत हो रही है। दर्द भी है क्या?” मैंने हाँ में सिर हिलाया।

मुझे लग रहा था कि डॉक्टर भी अब उत्तेजित हो रहे थे। इतने समय बाद किसी जवान लड़की के शरीर से इस तरह खेलने का मौका उन्हें नहीं मिला था। उनकी पैंट में उनका लिंग उफान मार रहा था, और यह मेरी नजरों से छुपा नहीं था।

डॉक्टर ने मेरी योनि के सबसे ऊपरी भाग पर अपनी उंगली से हल्की खराश की। मुझे ऐसा लगा जैसे करंट लग गया हो। मैं चिहुँक उठी और बोली, “हाँ, वहीं पर कुछ लग रहा है!” फिर मैंने एक जोर की सिसकारी ली।

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उन्होंने मेरी योनि के दोनों होंठों को हल्का सा खोला। अंदर से मेरी योनि पूरी तरह भीगी हुई थी। इतनी नर्म और गुलाबी योनि देखकर वे खुद को रोक नहीं पाए। उन्होंने मेरी योनि के दाने पर अपनी एक उंगली रख दी। मेरी योनि से एक जोर का फव्वारा फूट पड़ा, जो सीधे उनके होंठों के नीचे जा लगा।

डॉक्टर ने कहा, “आपका दर्द कुछ और ही है मैम, इसका इलाज आसान नहीं है!” मैंने जवाब दिया, “आप तो डॉक्टर हैं, समझ सकते हैं! इलाज जो भी हो, मुझे इस दर्द से छुटकारा चाहिए!”

उन्होंने कहा, “सोच लीजिए, फिर मुझ पर किसी तरह का कोई आरोप न लगाएँगी?” मैंने उनका हाथ पकड़कर अपनी योनि पर रखते हुए कहा, “इसकी हालत देखिए। आपको लगता है कोई शिकायत होगी?”

यह सुनते ही डॉक्टर ने अपने गर्म होंठ मेरी योनि के दाने पर रख दिए। मेरे शरीर में जैसे हज़ार वॉट का करंट दौड़ गया। मैं कभी अपनी योनि को सिकोड़ने की कोशिश करती, तो कभी उसे आगे करके उनके होंठों को और करीब लाने की कोशिश करती। वे भी मेरे यौवन के इस रस को पूरा पी जाना चाहते थे।

उन्होंने मेरी जाँघों को फैलाया और जगह बनाकर अपनी जीभ मेरी योनि के अंदर डाल दी। जीभ के अंदर जाते ही मेरी योनि थरथराने लगी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मुझे एक साथी मिल गया हो, जो मेरी प्यास को बुझाने में मेरे साथ है—या शायद इस आग को और भड़का रहा हो।

मैं चाह रही थी कि मेरी योनि में लगी ये आग किसी तरह शांत हो जाए। डॉक्टर भी अब बेकाबू हो रहे थे। वे और जोर-जोर से मेरी योनि के हर भाग को चूसने लगे, मुझे उत्तेजना के चरम तक ले जाने की कोशिश करने लगे।

इतने में मेरी योनि से एक गाढ़ा, सफेद तरल निकलने लगा। यह संकेत था कि अब संभोग के आखिरी पड़ाव की ओर बढ़ने का वक्त आ गया है।

डॉक्टर ने मेरी हालत को भाँप लिया। समय की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने मेरी योनि को ठीक से खोला और अपनी पैंट की जिप खोलने लगे। जिप खुलते ही उनका 7 इंच का मोटा लिंग फुफकारता हुआ बाहर आ गया। मैंने अपनी बंद आँखों की झिरी से उसे देखा और कहा, “प्लीज, अब इसका इलाज आप ही कर सकते हैं। मुझसे और सहन नहीं हो रहा है!”

उन्होंने अपने लिंग को हल्के से मेरी योनि के किनारे पर टिका दिया। इससे पहले कि वे कुछ करते, मैंने अपनी कमर आगे करके उनके लिंग को एक झटके में आधा अंदर ले लिया। लेकिन ऐसा करने से मेरी हालत खराब हो गयी।

डॉक्टर ने कहा, “यह क्या किया तुमने?” मैंने जवाब दिया, “सहन नहीं हो रहा था!” लेकिन उस धक्के से मेरी योनि बहुत फैल गयी। फिर भी उनका मोटा लिंग और ज्यादा मोटा हो गया और अंदर-बाहर करना मुश्किल हो गया।

मैंने अपनी योनि को गीला करने के लिए थोड़ा थूक उनके लिंग के पीछे वाले हिस्से पर लगाया, जिससे योनि पर दबाव कम हुआ। लेकिन उनकी उत्तेजना की वजह से उनका लिंग और फैलता जा रहा था। मैंने कहा, “अंदर-बाहर कीजिए और थोड़ा थूक लगाइए।”

डॉक्टर ने वैसा ही किया। साथ ही उन्होंने मेरी कमीज को मेरे स्तनों के ऊपर कर दिया और दोनों स्तनों को पकड़कर निप्पल मसलने लगे। उत्तेजना के चरम पर मेरी योनि का रस बार-बार उनके लिंग पर बौछार कर रहा था, उसे संभोग के लिए और उत्साहित कर रहा था। मेरी योनि से टपकते रस की महक कुछ अलग ही थी।

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डॉक्टर को इतने सालों की तपस्या के बाद मेरे जैसे सुंदर, गदराए बदन वाली युवती के साथ ये आनंद मिल रहा था। ये अनुभूति हमें दोनों को चरम की ओर ले जा रही थी। मैंने अपने दोनों पैरों से उनकी कमर को जकड़ रखा था। वे चाहते थे कि पूरा लिंग बाहर निकालकर अंदर करें, लेकिन मैं उन्हें छोड़ ही नहीं रही थी।

डॉक्टर स्खलित होने की स्थिति में थे, लेकिन उनका मन नहीं भर रहा था। उन्होंने कहा, “अभी बाहर निकालने दो, नहीं तो पूरा अंदर ही गिर जाएगा।” मैंने उनके कान में कहा, “पूरा अंदर ही डाल दो। मेरी योनि को अपने रस से सराबोर कर दो, डॉक्टर साहब!”

अब मेरी योनि के यौवन रस की मादक गंध, उनके लिंग के अंदर-बाहर जाने से गूंजने वाली आवाज, और मेरी मंद-मंद सिसकारियाँ—ये सब उन्हें वीर्य छोड़ने की सीमा तक ले जा चुके थे। डॉक्टर ने झटके तेज किए, और मैं भी अपनी कमर उठा-उठाकर उनका भरपूर साथ देने लगी।

लिंग का अंदर-बाहर जाना इतना तेज था कि कई बार झटके से उनकी लिंग मेरी योनि के आखिरी हिस्से तक जा लगती, जिससे मेरी साँस अटक जाती। लेकिन इस काम-क्रिया की तृप्ति के आगे ये सब घबराहट से ज्यादा उत्तेजना और संभोग की इच्छा का नतीजा था।

डॉक्टर को कई साल बाद इतना अच्छा महसूस हुआ। उनके सामने मैं थी—एक यौवन से भरी सुंदर लड़की, जिसके भरे हुए स्तन उनके हाथों में थे और सुर्ख गुलाबी योनि उनके लिंग में फंसी हुई, संभोग के लिए छटपटा रही थी। उन्हें और क्या चाहिए था!

मैं पूरी तरह थक गयी थी। आखिरी झटके के साथ मेरी योनि से बहुत जोर का फव्वारा निकला, जो उनके लिंग के हर तरफ से बाहर निकलकर नीचे गिर रहा था। उनके लिंग से निकलने वाला गाढ़ा वीर्य मेरी योनि की गहराइयों में समा रहा था। उस गर्म-गर्म बहाव को मैं अपनी योनि के आखिरी छोर तक महसूस कर रही थी।

मैंने अपनी योनि को सिकोड़कर उनके वीर्य की आखिरी बूंद तक को समाहित करने की पूरी कोशिश की। फिर भी बहुत सारा वीर्य बाहर निकल ही गया। थोड़ी देर बाद हम दोनों निढाल हो गए।

डॉक्टर मेरे ऊपर ही गिर गए। उनका लिंग मेरी योनि से बाहर निकला हुआ था, लेकिन बिल्कुल चिपका हुआ था। फिर कपड़े पहनते हुए मैंने उनके लिंग को पकड़कर कहा, “डॉक्टर साहब, मैं तो कल ही ठीक हो गयी थी। लेकिन कल जब आपने गलती से मेरी योनि को छुआ, तब से मैं तड़प रही थी।” इतना कहकर मैं जाने के लिए उठने लगी।

तब डॉक्टर ने कहा, “मुझे याद ही नहीं ऐसा कुछ, लेकिन आज तुमने मुझे जिंदा होने का अहसास दिला दिया।” मैंने आँख मारते हुए कहा, “यह अहसास आगे भी जारी रख सकते हैं।”

दोस्तो, मेरी यह वाइफ पोर्न स्टोरी आपको पसंद आई होगी। मुझे मेल में बताइएगा! आगे की कहानी बहुत जल्द लेकर आऊँगी।

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