चढ़ती जवानी और चुदाई

मैं राज अग्रवाल, 25 साल का, हैदराबाद में रहने वाला एक जवान लड़का हूँ। कॉलेज में पढ़ता हूँ, 5 फीट 10 इंच की हाइट, गोरा रंग, और जिम की वजह से फिट बॉडी। मेरा 7 इंच का लंड हर लड़की को पागल कर देता है। मेरी गर्लफ्रेंड माधुश्री, 22 साल की, 34-28-36 का फिगर, गेहुंआ रंग, और कातिलाना मुस्कान वाली लड़की है। वो अपने फ्लैट में अकेली रहती है, और हमारा रिश्ता अब प्यार से आगे बढ़कर चुदाई तक पहुँच चुका है। माधुश्री की बड़ी बहन रिशा, 23 साल की, बैंगलोर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करती है। उसका फिगर 36-28-34, एकदम गोरी, लंबे काले बाल, और ऐसे कर्व्स कि देखते ही लंड तन जाए। उसकी गांड और चूचियों का उछलना किसी का भी दिल चुरा ले। वो बाहर से शर्मीली लगती है, लेकिन अंदर से आग सी जलती है।

माधु और मेरे बीच हर वीकेंड चुदाई का प्रोग्राम फिक्स हो चुका था। उसकी चूत को चोदने का मज़ा ही अलग था। एक दिन मैं माधु के फ्लैट पर गया। उसने बताया कि उसकी दीदी रिशा बैंगलोर से आ रही है, क्योंकि उसके कॉलेज में छुट्टियाँ शुरू हो रही थीं। रिशा माधु के फ्लैट पर रुकेगी। मैंने सोचा, नया माल देखने को मिलेगा। माधु ने ये भी बताया कि वो और रिशा इतनी क्लोज़ हैं कि एक-दूसरे की चूत में उंगली तक करती हैं। ये सुनकर मेरा लंड पैंट में ही तड़पने लगा।

माधु को अपने दोस्त के भाई की शादी के लिए भोपाल जाना था। रिशा तब तक फ्लैट पर रुकने वाली थी। माधु ने मुझे शनिवार को डिनर के लिए बुलाया, जहाँ रिशा भी थी। मैं फ्लैट में घुसा और रिशा को देखते ही मेरे होश उड़ गए। उसने टाइट जीन्स और लो-कट टॉप पहना था, जिसमें उसके बूब्स बाहर निकलने को बेताब थे। जब वो चलती थी, उसकी गांड का हिलना और चूचियों का उछलना देखकर मेरा लंड पैंट में तंबू बना गया। मैं तो उसकी चूचियों का दीवाना हो गया। डिनर के दौरान रिशा ने मेरे बारे में पूछा। उसकी आवाज़ में एक अजीब सी मिठास थी, जैसे वो मुझे टटोल रही हो। माधु ने उसे हमारे रिश्ते और चुदाई की सारी बातें पहले ही बता दी थीं, तो रिशा मुझे देखकर हल्का-हल्का मुस्कुरा रही थी। डिनर के बाद थोड़ी बात हुई, और मैं हॉस्टल लौट गया।

अगले दिन मैं और रिशा माधु को स्टेशन छोड़ने गए। ट्रेन छूटने के बाद हम ऑटो में वापस आ रहे थे। रास्ते में रिशा ने पूछा, “तुम्हारा कोई और गर्लफ्रेंड है?” मैंने हँसकर कहा, “बस, तुम्हारी बहन ही काफी है।” वो हँसी और बोली, “और तुम्हारा?” मैंने पूछा, “तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड?” उसने ना में सिर हिलाया और बोली, “बैंगलोर में टाइम ही नहीं मिलता।” मैंने मौका देखकर पूछा, “तुम हैदराबाद कितनी बार आई हो?” उसने बताया कि वो यहाँ कम ही आती है और शहर को ज्यादा जानती नहीं। फिर उसने कहा, “क्यों ना तुम मुझे हैदराबाद घुमा दो?” मेरे दिमाग में लड्डू फूटने लगे। मैंने तुरंत हाँ कर दी। उसने कहा, “आज मैं थक गई हूँ, कल से शुरू करते हैं।” मैंने सोचा, ये तो रिशा को चोदने का पक्का मौका है।

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अगले दिन मैंने क्लास बंक किया और सुबह 9 बजे रिशा को पिक करने उसके फ्लैट पहुँच गया। उसने टाइट शॉर्ट्स और क्रॉप टॉप पहना था, जिसमें उसका फिगर और भी कातिल लग रहा था। उसकी चूचियाँ टॉप से बाहर झाँक रही थीं, और उसकी गांड शॉर्ट्स में कसी हुई थी। हमने पहले नाश्ता किया। गर्मी बहुत थी, तो मैंने कहा, “आज गर्मी ज्यादा है, क्यों ना वाटर पार्क चलें?” रिशा को मेरे और माधु के रिश्ते का सब पता था, और शायद वो भी मुझसे मज़ा लेने के मूड में थी। उसने तुरंत हाँ कर दी। हमने कैब बुक की और माउंट ओपेरा वाटर पार्क पहुँच गए।

वहाँ भीड़ कम थी, क्योंकि सोमवार था। मैं जेंट्स टॉयलेट गया, स्विमिंग ट्रंक पहना और बाहर आया। वहाँ कई हॉट लड़कियाँ थीं, जिन्हें देखकर मेरा लंड तड़पने लगा। तभी रिशा चेंज करके आई। उसने काली बिकिनी पहनी थी, जिसमें उसके बूब्स इतने मस्त लग रहे थे कि मेरी आँखें खुली की खुली रह गईं। उसकी चूचियाँ बिकिनी से बाहर झाँक रही थीं, और उसकी गांड का उभार देखकर मेरा लंड पूरा तन गया। मैं उसे देखता रहा, और गलती से मेरे मुँह से “सेक्सी” निकल गया। वो मेरे पास आई और कातिलाना अंदाज़ में बोली, “थैंक यू, राज।” उसकी आवाज़ में वो चुलबुलापन था, जो मेरे लंड को और तड़पा रहा था। उसने कहा, “चलो, नहाने चलते हैं।” मैंने कहा, “हाँ, डियर, बिल्कुल।”

हम रेन डिस्को में गए, जहाँ लोग नाच रहे थे। नाचते-नाचते मैं जानबूझकर रिशा को छूने की कोशिश कर रहा था। वो भी अपनी मोटी गांड मेरे लंड से सटाकर नाच रही थी। मेरा लंड तो लोहे की तरह सख्त हो गया। उसने मेरे लंड को हल्का सा पिंच किया और पलटकर मुझे आँख मार दी। मैं समझ गया, ये साली भी चुदाई की भूखी है। मैंने मन में ठान लिया कि आज इसे चोदकर ही रहूँगा।

शाम को हम रिशा के फ्लैट पहुँचे। हम दोनों थक गए थे, लेकिन मेरे दिमाग में तो बस उसकी चुदाई का ख्याल था। उसने कहा, “राज, तुम यहीं रुक जाओ। मुझे तुमसे माधु के बारे में बात करनी है।” मैं समझ गया कि ये बहाना है। मैंने थोड़ा नाटक किया और फिर हाँ कर दी। रात के 8 बज रहे थे। हम टीवी देख रहे थे, तभी अचानक लाइट चली गई। चारों तरफ अंधेरा हो गया। मैं रिमोट उठाने के लिए हाथ बढ़ा रहा था, तभी मुझे अपनी पैंट के ऊपर कुछ महसूस हुआ। वो रिशा का हाथ था। मैंने उसका हाथ पकड़ लिया। उसने सॉरी बोला और कहा कि वो मोबाइल ढूंढ रही थी। मैं समझ गया कि ये उसका नाटक है।

वो मोमबत्ती लेने उठी और खिड़की की तरफ गई। मैं भी उसके पीछे चला गया। मैंने पूछा, “क्या ढूंढ रही हो?” उसने कहा, “मोमबत्ती।” मैंने मज़ाक में कहा, “मेरे पास 7 इंच की लंबी मोमबत्ती है, उसमें आग लगा दे।” वो हँस पड़ी और बोली, “तुम तो बहुत नॉटी हो, राज।” मुझे हरी झंडी मिल गई। मैंने अपनी पैंट की ज़िप खोली और लंड बाहर निकाला। वो मोमबत्ती ढूंढने में बिजी थी। मैं उसके पीछे गया और अपना लंड उसकी गांड से चिपका दिया। वो थोड़ा डर गई और बोली, “ये क्या है?” मैंने कहा, “मोमबत्ती है, डाल दूँ?” वो पलटी और मेरे लंड को पकड़ लिया। बोली, “मैं सब जानती हूँ, राज। तुमने मेरी बहन की चूत कैसे फाड़ी है।” मैं थोड़ा डर गया, लेकिन उसने कहा, “क्या हुआ, चुप क्यों हो गए?”

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फिर वो झुकी और मेरा लंड चूसने लगी। दोस्तों, ऐसा मज़ा पहले कभी नहीं आया। वो मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी, जैसे सालों से भूखी हो। उसने कहा, “राज, आज तू मुझे चोद दे। मुझे अपनी रंडी बना ले।” मैं तो जैसे जन्नत में पहुँच गया। मैंने उसे पकड़ा, उस पर चढ़ गया और ज़ोर-ज़ोर से चूमने लगा। मैंने कहा, “साली, सुबह से मेरा लंड तड़पा रही है। आज तुझे पटक-पटक के चोदूंगा।” वो जोश में आ गई और बोली, “फाड़ दे मेरी चूत को, राज।” मुझे पता चला कि वो वर्जिन थी। मैंने उसे और जोश से चूमा, उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाया। तभी लाइट आ गई। मैंने उसे देखा, वो किसी परी से कम नहीं लग रही थी। मैंने उसे गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया।

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रिशा ने बिना देर किए अपने सारे कपड़े उतार दिए। उसकी चूचियाँ देखकर मैं दंग रह गया। वो बोली, “क्या हुआ? चौंक गए? ये सब माधु का कमाल है, चूस-चूस के इतना बड़ा कर दिया।” मैं हैरान था। फिर मैं उस पर चढ़ गया और अपना लंड उसके बूब्स के बीच रगड़ने लगा। क्या मज़ा आ रहा था! मैंने कहा, “पहले तेरे बूब्स चोदूंगा।” वो बोली, “जो करना है कर ले, आज मैं तेरी रंडी हूँ।” मैंने उसके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से रगड़ा, और वो “उफ्फ्फ, आह्ह्ह, इस्स्स” की आवाज़ें निकाल रही थी। फिर मैं नीचे गया और उसकी चूत की तरफ बढ़ा। उसकी चूत की खुशबू ने मुझे पागल कर दिया। मैंने उसकी चूत को जानवरों की तरह चाटना शुरू किया। वो अपनी कमर उछाल रही थी और चिल्ला रही थी, “राज, खा जा मेरी चूत को! बुझा दे इसकी प्यास! आह्ह्ह, ज़ोर से!”

मैंने उसकी चूत में उंगली डाल दी और उसे और तेज़ी से चाटने लगा। वो पागलों की तरह सिसकारियाँ ले रही थी। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर रखा और हल्के-हल्के रगड़ने लगा। वो तड़प रही थी, “साले, और तड़पा मत! अब चोद दे!” मैंने अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखा और धीरे-धीरे अंदर धकेलने लगा। वो तड़पने लगी। उसके बूब्स उछल रहे थे, जो देखकर मेरा जोश और बढ़ गया। मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा और पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया। वो दर्द से चीख पड़ी। मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और उसके निप्पल्स को ज़ोर-ज़ोर से मसलने लगा। वो दर्द से उछल रही थी, लेकिन कुछ देर बाद शांत हो गई। मैंने फिर एक और धक्का मारा और ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। अब वो मज़े में थी, अपनी मोटी गांड पटक-पटक के चुदवा रही थी।

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सच कहूँ, ऐसी रंडी मैंने पहले कभी नहीं देखी। वो चुदवाने के लिए कुछ भी कर सकती थी। मैं उसके बूब्स का उछलना देख रहा था, और मज़ा दोगुना हो रहा था। वो शायद तीन बार झड़ चुकी थी। उसकी चूत का गर्म पानी मेरे लंड को और गर्म कर रहा था। मैंने कहा, “रिशा, मैं झड़ने वाला हूँ।” उसने कहा, “अंदर झड़ जा, मुझे तेरा माल चाहिए।” मैंने और ज़ोर से धक्के मारे। पच-पच की आवाज़ पूरे कमरे में गूंज रही थी। पांच मिनट बाद मैं उसकी चूत में झड़ गया। हम आधे घंटे तक वैसे ही पड़े रहे। फिर मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया। रिशा ने उसे चूसकर साफ किया। मैंने कहा, “अब तेरी गांड मारूं?” उसने कहा, “आज नहीं, फिर कभी।” हम दोनों थक चुके थे। फिर हम नंगे ही चादर में सो गए।

रात को 4 बजे मेरी नींद खुली। मेरा लंड रिशा की गांड के बीच रगड़ रहा था। उसकी गांड की गर्माहट मुझे और गर्म कर रही थी। वो नींद में “उम्म्म, आह्ह्ह” कर रही थी। मैंने उसे उल्टा किया और अपना लंड उसकी गांड के गड्ढों में रगड़ने लगा। उसकी नींद खुल गई। मैंने कहा, “मुझे तेरी गांड मारनी है।” वो मान गई। मैंने धीरे से अपना लंड उसकी गांड में रखा और एक ज़ोरदार धक्के में पूरा लंड घुसा दिया। वो दर्द से चीख पड़ी, लेकिन मैं रुका नहीं। मैंने आधे घंटे तक उसकी गांड मारी और सारा माल उसकी गांड में डाल दिया। वो दर्द और मज़े में सिसकारियाँ ले रही थी।

सुबह 11 बजे हम उठे। एक साथ नहाए, नाश्ता किया। नहाते वक्त मैंने फिर से उसके बूब्स दबाए और उसकी चूत को चाटा। उसने मुझे किस किया और बोली, “राज, ये दो दिन मेरे लिए सबसे मस्त थे।” अब हम अच्छे दोस्त हैं। उसने हँसते हुए कहा, “अगली बार फिर से चुदाई करेंगे।”

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