Gay incest sex story – Indian gay sex story – First time anal sex story: मेरी सच्ची कहानी पढ़ने आए सभी बड़े-बड़े मुम्मे वाली लड़कियों, मोटे लंड वाले हसीन लड़कों और मेरे जैसे प्यारे गांडू लड़कों को प्यार भरा नमस्कार।
मेरा नाम साहिल है, उम्र अभी 20 साल की है। मेरा पूरा परिवार गांव में रहता है और हम सब एक साथ ही रहते थे। मेरे चाचा का लड़का विकास मुझसे दो साल बड़ा है, कसरती बदन, गोरा रंग और हम दोनों की गहरी दोस्ती है।
एक दिन चाचा के घर बड़ा प्रोग्राम था, पूरा परिवार इकट्ठा था, इसलिए नीचे जगह नहीं बची। मैं और विकास छत पर सोने चले गए। गर्मी की रात थी, हम दोनों एक ही चादर पर लेटे थे। कुछ देर बातें कीं, फिर विकास बोला, “यार नींद आ रही है” और करवट लेकर सो गया।
मुझे नींद नहीं आ रही थी। अंधेरे में मैंने धीरे से उसकी पीठ पर हाथ फेरना शुरू किया। उसकी गर्म त्वचा छूते ही मेरे मन में कीड़ा जाग उठा। हाथ नीचे सरकता गया, लोअर के अंदर घुसा दिया और उसकी गोल-मटोल गांड पर फेरने लगा। मुलायम थी उसकी गांड, मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया।
हाथ फेरते-फेरते पता ही नहीं चला कि कब मेरा हाथ उसके लंड पर पहुँच गया। जैसे ही मैंने उसे पकड़ा, दिल जोर से धड़का। मोटा, गर्म और पहले से ही आधा खड़ा था। मैं सहलाने लगा। तभी विकास हड़बड़ाकर उठा, उसने अपनी लोअर एक झटके में नीचे सरका दी। उसका 7 इंच का काला मोटा लंड मेरे सामने लहराने लगा।
मैं तो पागलों की तरह उसे पकड़े हुए था। अगर उस वक्त छोड़ देता तो शायद मेरी गांड बच जाती, लेकिन मैंने नहीं छोड़ा। विकास ने मेरे सिर को पकड़ा, नीचे दबाया और बोला, “चूस ले साहिल, अब किसका इंतजार है?”
मैंने मुंह खोला और उसका सुपारा अंदर लिया। ग्ग्ग्ग… ग्ग्ग्ग… गी.. गी.. गों.. गों.. जैसे-जैसे मैं गहराई में लेता गया, विकास की सिसकारियाँ शुरू हो गईं, “आह्ह्ह… साहिल… और गहरा… आह इह्ह्ह… बहुत मजा आ रहा है यार… ओह्ह्ह…”
दस मिनट तक मैंने उसका लंड चूसा, गले तक ले लिया। फिर उसने मुझे उठाया, पलट दिया, मेरी लोअर एक झटके में नीचे कर दी। मेरी गांड पर थूक लगाया, दो उंगलियाँ अंदर डालकर फैलाने लगा। मैं काँप रहा था। उसने अपने लंड पर भी खूब थूक लगाया और मेरी गांड पर सुपारा सेट किया।
एक जोरदार झटका… आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह… मेरी चीख निकल गई, ऐसा लगा कोई लोहे की रॉड घुस रही हो। मैं पीछे हाथ करके धक्का देने लगा, लेकिन विकास ने मेरी कमर कसकर पकड़ी और दूसरा झटका मारा। पूरा 7 इंच का लंड मेरी छोटी सी गांड में समा गया। मेरी आँखों से आंसू निकल आए, “विकास… निकाल… मर जाऊंगा… आह ह ह ह ह्हीईईई…”
नीचे प्रोग्राम चल रहा था, किसी को कुछ सुनाई नहीं दिया। विकास रुक गया, मेरे लंड को पकड़कर मुठ मारने लगा। धीरे-धीरे दर्द कम हुआ और मजा आने लगा। मैं खुद ही गांड आगे-पीछे करने लगा। विकास समझ गया, उसने स्पीड बढ़ा दी, “आह… साहिल… तेरी गांड तो मक्खन जैसी है… ओह्ह्ह… ले… ले मेरा लंड…”
दस मिनट की जोरदार चुदाई के बाद विकास ने मेरी गांड में ही अपनी गरम पिचकारी छोड़ दी, ऊऊउइइ… ऊईईई… और मेरे लंड से भी वीर्य निकल गया। मैं पलटा और बोला, “यार तूने अपने ही भाई की गांड मार दी?” विकास हँसा, “मजा नहीं आया क्या?” मैं शरमाते हुए बोला, “बहुत दर्द हुआ, पर मजा भी खूब आया।”
उसने फिर मेरा हाथ अपने लंड पर रख दिया। पाँच मिनट में ही फिर खड़ा हो गया। बोला, “अबकी बार घोड़ी बन, प्यार से करूँगा।” मैं मान गया। घोड़ी बना तो उसने फिर थूक लगाया और धीरे-धीरे घुसाया। पहले तो प्यार से किया, लेकिन जैसे ही मजा चढ़ा, कमर पकड़कर जानवरों जैसी ठुकाई शुरू कर दी। मैं चिल्लाया, “धीरे यार… आह्ह्ह… फट जाएगी…” लेकिन वो नहीं माना। पूरे बीस मिनट तक मुझे चौदता रहा और फिर गांड में ही झड़ गया।
सुबह देर से उठा। बाथरूम में जाकर देखा तो गांड चारों तरफ से फट चुकी थी, अंडरवियर पर खून के धब्बे। फिर भी मन करने लगा। उसके बाद तो विकास ने मौका देखकर कभी घर में, कभी खेत में, कभी बगीचे में मेरी गांड मारी।
एक दिन खेत में विकास मेरी गांड मार रहा था, तभी उसका दोस्त अचानक ऊपर आ गया। दोनों ने मिलकर मुझे पलट-पलट कर मुझे चौदा। उस दिन के बाद से मैं पूरी तरह उनका रखैल बन गया।
ये थी मेरी सच्ची कहानी, मजाक-मजाक में गांड पेश की और अब पेश किए बिना रहा नहीं जाता।