हेलो दोस्तों, मैं एक बार फिर अपनी नई कहानी लेकर हाज़िर हूँ। मेरी पिछली कहानियों को आप सबने इतना प्यार दिया, ढेर सारे लड़के-लड़कियों और कुछ आंटियों के मेल्स आए। कुछ आंटियों ने तो मिलने की इच्छा भी जताई, जिसे मैंने पूरा भी किया। आप सभी के इस प्यार के लिए दिल से शुक्रिया!
तो दोस्तों, मेरी बीवी रजनी (बदला हुआ नाम) की कहानी तो आप जानते ही हैं। मेरे एक दोस्त ने कैसे मेरे सामने उसे चोदा था, और तब से रजनी को चुदाई का चस्का सा लग गया। अब उसे नए-नए लोगों से दोस्ती करना, और खासकर नए-नए लंडों से चुदवाना अच्छा लगने लगा। लेकिन ये सब सिर्फ मेरी मर्ज़ी से और मेरे सामने ही होता था।
कुछ दिन पहले रजनी के मोबाइल पर एक अनजान आदमी का कॉल आया। उसने बात शुरू की और बताया कि उसका कॉल गलती से रजनी के नंबर पर लग गया, वो किसी और को कॉल करने वाला था। रजनी ने ये बात मुझे बताई तो मैंने मज़े में कहा, “कोई बात नहीं, थोड़ा मज़ा ले लो इसके साथ।” रजनी मान गई और उसने उस आदमी से बातें शुरू कर दीं। कुछ ही दिनों में वो अपने बारे में सब कुछ बताने लगा। उसने बताया कि वो दिल्ली का रहने वाला एक दुकानदार है, उम्र करीब 45-46 साल, और अपनी बीवी के बर्ताव से बहुत परेशान रहता है। उसकी बीवी उसे ना तो प्यार देती थी, ना ही चुदाई का मज़ा।
रजनी को उस पर दया आ गई। उसने उसे समझाया कि हर बीवी एक जैसी नहीं होती। उसने मेरे बारे में भी बताया कि मैं उसका कितना ख्याल रखता हूँ, और हम दोनों कितने खुश हैं। बातों-बातों में रजनी ने अपनी चुदाई की सारी कहानियाँ भी उसे सुना दीं। उस आदमी को ये सुनकर और जोश चढ़ा। उसने रजनी को पैसे का लालच दिया और कहा कि वो उससे मिलना चाहता है, उसके साथ वक्त बिताना चाहता है, और बदले में वो उसे सब कुछ देने को तैयार है।
रजनी ने मुझे ये सब बताया तो मैंने कहा, “अगर तुझे कोई दिक्कत नहीं, तो मुझे भी कोई परेशानी नहीं। चल, दिल्ली चलते हैं, मिलते हैं उससे।” अगले हफ्ते हम दिल्ली के लिए निकल पड़े। उस आदमी ने एक फाइव-स्टार होटल में हमारे लिए एक कमरा बुक किया था, और अपने लिए भी एक दूसरा कमरा लिया था। हम होटल पहुँचे, नहा-धोकर फ्रेश हुए और थोड़ा आराम करने लगे।
थोड़ी देर बाद वो आदमी, जिसका नाम पवन था, मिलने आया। दिखने में वो साधारण सा, मध्यम उम्र का, लेकिन शालीन इंसान लग रहा था। उसने हमसे हाल-चाल पूछा और बैठकर बातें करने लगा। कुछ देर बाद उसने कहा, “मैं शाम को आता हूँ, तब तक आप दोनों आराम करो। और रजनी, तुम तैयार रहना आज की शाम के लिए।” ये कहकर उसने अपने बैग से एक गिफ्ट निकाला और रजनी को दे दिया। फिर वो चला गया।
रजनी ने गिफ्ट खोला तो उसमें सोने की कीमती चूड़ियाँ, एक चेन, कुछ महंगे परफ्यूम, एक घड़ी और एक लाख रुपये कैश थे। रजनी की आँखें चमक उठीं। उसने मुझसे कहा, “देखो जान, इस रॉन्ग नंबर ने कितना महंगा तोहफा दिया है!” हम दोनों हँस पड़े।
शाम को हम तैयार हुए। रजनी ने एक टाइट, पतला सा टॉप पहना, जिसके नीचे उसकी ब्रा की शेप साफ दिख रही थी, और नीचे स्किन-फिट लेगिंग्स, जो उसकी गोरी जाँघों और गांड को पूरी तरह उभार रही थी। उसके बूब्स तो मानो टॉप फाड़कर बाहर आने को बेताब थे। उसे देखकर मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया। मैंने सोचा, आज तो ये बूढ़ा पवन रजनी को देखकर पागल हो जाएगा। मैंने रजनी के बूब्स को ज़ोर से दबाया और उसे गहरा किस किया। रजनी हँसते हुए बोली, “जान, मैं तो तुम्हारी ही हूँ। जब मन करे, चोद लेना। अभी किसी और को मज़ा देना है।”
शाम को पवन आया। रजनी को देखते ही उसकी आँखें फट गईं। उसकी पैंट में उसका लंड साफ उभर रहा था, जैसे अब बस फटने ही वाला हो। लेकिन मेरी मौजूदगी की वजह से वो थोड़ा संकोच कर रहा था। हम तीनों रूम के सोफे पर बैठे। तभी वेटर आया, उसने बियर, वाइन, ग्लास और कुछ स्नैक्स रखे और चला गया।
मैंने माहौल हल्का करने के लिए कहा, “वाह पवन जी, आपकी व्यवस्था तो कमाल की है। आज तो मज़ा आ जाएगा!” पवन ने मुस्कुराते हुए कहा, “आदित्य, ये तो कुछ भी नहीं। तुम्हारे पास जो माल है,” उसका इशारा रजनी की तरफ था, “उसके सामने सब फीका है।” मैं हँस दिया और सोचा, अब माहौल को और रंगीन करना चाहिए। पवन का संकोच भी तोड़ना है।
मैंने रजनी से कहा, “जान, जरा सबके लिए पैग बनाओ और म्यूज़िक चला दो। आज डांस करने का मूड है।” रजनी ने फटाफट तीनों के लिए पैग बनाए और टीवी पर एक मस्त आइटम सॉन्ग लगा दिया। दो-तीन पैग के बाद नशा चढ़ने लगा। हम तीनों मस्ती में उठकर डांस करने लगे। मैंने पवन से कहा, “यार पवन, अब संकोच छोड़ो। रजनी के साथ डांस का खुलकर मज़ा लो।” बस, मेरे इतना कहते ही पवन ने रजनी का हाथ पकड़ा और उसके साथ डांस शुरू कर दिया। उसने एक हाथ रजनी की कमर पर रखा। ये देखकर मुझे हल्का-हल्का मज़ा आने लगा।
कुछ देर बाद पवन के दोनों हाथ रजनी की कमर पर थे। रजनी के बूब्स ऊपर-नीचे उछल रहे थे, और उसकी गांड, उफ्फ, क्या कयामत ढा रही थी। मन तो हुआ कि अभी पटक कर रजनी को नंगी कर दूँ और चोद दूँ, लेकिन मैंने खुद को कंट्रोल किया। नशा और बढ़ रहा था। मैं बैठकर एक और पैग बनाने लगा और उन दोनों को भी एक-एक पैग दिया। वो दोनों खड़े-खड़े डांस करते हुए पैग गटक गए।
बस, फिर क्या था। पवन की हिम्मत जैसे दोगुनी हो गई। उसने रजनी के टॉप के ऊपर से ही उसके बूब्स को ज़ोर से मसल दिया और बोला, “वाह मेरी जान, क्या गज़ब के बूब्स हैं तुम्हारे। मैं तो इन्हें चूसने को बेताब हूँ।” रजनी ने मादक अंदाज़ में कहा, “ओह राजा, किसने रोका है? ये तो तुम्हारे लिए ही हैं। जैसे चाहो, मसलो, चूसो, खा जाओ।” ये कहते हुए उसने अपना टॉप उतार फेंका। अब रजनी सिर्फ काली ब्रा और लेगिंग्स में थी। पवन ने एक झटके में उसकी ब्रा का हुक खींचकर तोड़ दिया और भूखे शेर की तरह रजनी के बूब्स पर टूट पड़ा।
“आआह्ह्ह, उफ्फ, रजनी, क्या माल है तू! सच में कमाल की औरत है तू!” पवन बड़बड़ा रहा था। रजनी भी सिसकारियाँ ले रही थी, “आआह्ह्ह, उउउम्म्म, पवन, चूसो इन्हें, ज़ोर से चूसो, खा जाओ मेरे बूब्स को।” पवन एक-एक करके दोनों बूब्स को पकड़कर चूस रहा था, उनके निप्पल्स को काट रहा था। उसका लंड अब उसकी पैंट में फटने को तैयार था। रजनी ने ये देख लिया और पवन की पैंट के ऊपर से उसके लंड पर हाथ फेरने लगी। उसने पवन की ज़िप खोली और उसका लंड बाहर निकाला। पवन का लंड औसत साइज़ का था, करीब 6 इंच, लेकिन बिल्कुल तनकर सख्त हो चुका था।
ये सब देखकर मेरा लंड भी फनफनाने लगा। रजनी ने पवन को देखकर कहा, “पवन, अब बिस्तर पर चलो। मेरी चूत गीली हो चुकी है। जल्दी से चोदो मुझे।” पवन ने जवाब दिया, “अभी तो पूरी रात बाकी है, मेरी जान। आज तुझे जी भरकर चोदूँगा। मेरी बीवी तो चुदवाती ही नहीं। आज सारा माल तेरी चूत में उतार दूँगा।” उसने रजनी की लेगिंग्स खींचकर उतार दी। अब रजनी सिर्फ काली पैंटी में थी। उसकी गोरी चिकनी जाँघें और उभरी हुई गांड देखकर पवन पागल हो गया। वो नीचे बैठ गया और रजनी के जिस्म को चूमने-चाटने लगा। उसने रजनी की पैंटी को अपने दाँतों से खींचकर उतार दिया।
अब रजनी और पवन दोनों बिल्कुल नंगे थे। रजनी ने पवन को बिस्तर पर धकेल दिया और उसके ऊपर चढ़ गई। पवन नीचे से रजनी के बूब्स को मसल रहा था, उसके निप्पल्स को चूस रहा था। रजनी भी सिसकारियाँ ले रही थी, “आआह्ह्ह, उउउम्म्म, पवन, ऐसे ही चूसो, उफ्फ, कितना मज़ा आ रहा है।” पवन ने रजनी को नीचे लिटाया और उसकी चूत पर टूट पड़ा। उसने अपनी जीभ रजनी की चूत में घुसा दी और पागलों की तरह चाटने लगा। रजनी ने पवन के सिर को पकड़कर अपनी चूत में दबाया और सिसकारियाँ लेने लगी, “आआह्ह्ह, उउउम्म्म, पवन, और चाटो, मेरी चूत को चूस लो, उफ्फ, कितना मज़ा आ रहा है।” पवन ने रजनी की चूत के दाने को चूसा, उसकी चूत के होंठों को चाटा। रजनी का शरीर काँपने लगा, और उसने पानी छोड़ दिया। पवन ने उसका सारा रस पी लिया।
पवन ने तुरंत अपने लंड पर कंडोम चढ़ाया और रजनी को घोड़ी बनने को कहा। रजनी ने अपनी गांड ऊपर उठाई और पवन ने एक झटके में अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया। “आआह्ह्ह!” रजनी के मुँह से चीख निकल गई। पवन ने उसकी कमर पकड़कर ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए। “थप-थप-थप” की आवाज़ पूरे कमरे में गूँज रही थी। पवन जैसे सातवें आसमान पर था। उसका बूढ़ा शरीर ना जाने कहाँ से इतनी ताकत ला रहा था। रजनी सिसकारियाँ ले रही थी, “आआह्ह्ह, पवन, चोदो, और ज़ोर से चोदो, मेरी चूत फाड़ दो, उउउम्म्म, कितना मज़ा आ रहा है।” पवन ने अपनी स्पीड और बढ़ा दी। उसने रजनी की गांड को ज़ोर-ज़ोर से थप्पड़ मारे, जिससे उसकी गोरी गांड लाल हो गई।
ये सब देखकर मेरा लंड अब बेकाबू हो रहा था। मैं भी नंगा हो गया और अपना लंड रजनी के मुँह के पास ले गया। रजनी ने लपककर मेरा लंड मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। “उम्म्म, स्लर्प, स्लर्प,” उसकी चूसने की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। मेरा 7 इंच का लंड उसके मुँह में पूरा नहीं समा रहा था, लेकिन वो उसे गले तक लेने की कोशिश कर रही थी। पवन ये देखकर और जोश में आ गया। उसका शरीर अकड़ने लगा। रजनी चीखी, “पवन, मैं झड़ने वाली हूँ, और ज़ोर से चोदो!” दोनों एक साथ झड़ गए। मैं भी रजनी के मुँह को चोदते-चोदते झड़ने वाला था, तो मैंने अपना लंड निकाला और उसका सारा माल रजनी के बूब्स पर गिरा दिया।
पवन और रजनी दोनों पसीने से तर-बतर थे। मैं भी ठंडा हो चुका था। थोड़ी देर बाद रजनी बाथरूम गई, और पवन भी उसके पीछे चला गया। मैं रूम में ही था। कुछ देर बाद वो दोनों वापस आए। पवन ने रजनी को गोद में उठाया हुआ था। दोनों बिस्तर पर लेट गए। रजनी बीच में थी, मैं और पवन उसके आजू-बाजू। मैंने एक हाथ से रजनी के बूब्स सहलाने शुरू किए, और पवन दूसरा बूब्स सहला रहा था। रजनी के निप्पल्स फिर से कड़क होने लगे। वो एक हाथ से मेरा लंड और दूसरे से पवन का लंड सहला रही थी। जल्द ही हमारे लंड फिर से तन गए।
रजनी बोली, “चलो, अब तुम दोनों मेरी चुदाई करो।” इस बार मैंने रजनी की चूत में अपना लंड पेला। पवन अपना लंड पकड़कर सहला रहा था। रजनी ने कहा, “पवन, अपने लंड को मेरी गांड में डालो।” पवन खुशी से पागल हो गया। उसने पीछे से रजनी की गांड में लंड डालना शुरू किया। उसकी टाइट गांड में लंड धीरे-धीरे घुस रहा था। रजनी दर्द और मज़े में सिसकार रही थी, “आआह्ह्ह, उफ्फ, पवन, धीरे डालो, उउउम्म्म।” मैं नीचे से उसकी चूत में धक्के मार रहा था। “थप-थप-थप” की आवाज़ फिर से कमरे में गूँज रही थी।
रजनी जन्नत का मज़ा ले रही थी। उसकी चूत और गांड दोनों एक साथ चुद रही थीं। वो ज़ोर-ज़ोर से सिसकार रही थी, “आआह्ह्ह, उउउम्म्म, चोदो, दोनों मेरी चूत और गांड फाड़ दो, उफ्फ, कितना मज़ा आ रहा है।” पूरा कमरा हमारी चुदाई की आवाज़ों से भर गया था। करीब आधे घंटे तक ये चुदाई चली। इस बीच रजनी दो बार झड़ चुकी थी। मैं और पवन भी अब झड़ने को थे। मैं रजनी की चूत में झड़ गया, और पवन ने उसकी गांड में अपना माल छोड़ दिया।
इसके बाद हम तीनों थककर नंगे ही सो गए। कुछ देर बाद उठे और तीनों ने साथ में नहाया। बाथरूम में ही एक और राउंड चुदाई का मज़ा लिया। रजनी की चूत और गांड फिर से चोदी गई, और वो सिसकारियाँ लेती रही, “आआह्ह्ह, उउउम्म्म, चोदो, और ज़ोर से चोदो।” ये चुदाई वाकई यादगार थी। अगले दिन हम वापस जाने वाले थे। पवन ने रजनी को ढेर सारे महंगे कपड़े और एक लाख रुपये और कैश दिए। हम तीनों बहुत खुश थे और फिर अपने शहर लौट आए।
तो दोस्तों, कैसी लगी ये चुदाई की कहानी? कमेंट करके ज़रूर बताएँ! आप चाहें तो मुझे ईमेल भी कर सकते हैं: [email protected]
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