चुदवा कर जन्मदिन मनाया अमृता ने

मेरा नाम नितिन है। दोस्तो, ये कहानी है मेरे बनारस के मकान के पड़ोस में रहने वाली एक लड़की अमृता की, जिसने अपने 20वें जन्मदिन को एक जबरदस्त चुदाई के साथ मनाया। हमारे पड़ोस में एक अंकल-आंटी रहते हैं, उनके दो बच्चे हैं – एक लड़का और एक लड़की, अमृता। अमृता मेरी एक्स-गर्लफ्रेंड विभा की दोस्त भी है, और उसी दोस्ती ने इस कहानी को एक मस्त मोड़ दिया। मैं बनारस यूनिवर्सिटी में पढ़ता था, और अपने मकान पर अकेला रहता था, बाकी फैमिली बनारस के ही एक कस्बे में रहती थी। ये बात अक्टूबर की है, जब अमृता का जन्मदिन था, और उसने मुझसे ऐसा गिफ्ट माँगा कि मेरी साँसें ही रुक गईं!

एक दिन शाम को मैं अपने घर में घुस ही रहा था कि पड़ोसन आंटी ने मुझे रोका। उन्होंने कहा, “नितिन बेटा, आज शाम 6 बजे हमारे घर आना, और खाना भी यहीं खाना है।” मैं थोड़ा हैरान हुआ, पूछा, “आंटी, कोई खास बात है क्या?” उन्होंने बस मुस्कुराते हुए कहा, “कुछ नहीं, तू बस आ जा।” मैंने सोचा शायद कोई छोटा-मोटा प्रोग्राम होगा, पर ठीक है, मैंने हामी भर दी। बोला, “ठीक है आंटी, मैं आ जाऊँगा।” दिल में थोड़ी उत्सुकता थी, लेकिन मुझे क्या पता था कि ये शाम मेरी ज़िंदगी में एक हॉट चैप्टर खोलने वाली थी।

शाम को मैं तैयार हुआ, बालों में थोड़ी जेल लगाई, एक कैजुअल नीली शर्ट और जींस पहनी, और करीब 7 बजे उनके घर पहुँचा। वहाँ जाकर पता चला कि आज अमृता का 20वाँ जन्मदिन है, और केक काटने का प्रोग्राम है। घर में रंग-बिरंगी लाइट्स लगी थीं, टेबल पर एक चॉकलेट केक रखा था, और कुछ पड़ोसी और अमृता के दोस्त भी मौजूद थे। अमृता ने गुलाबी रंग की टाइट ड्रेस पहनी थी, जो उसके गोरे रंग और कर्व्स को और उभार रही थी। वो सचमुच कमाल लग रही थी। केक कटा, सबने तालियाँ बजाईं, गिफ्ट्स दिए, और फिर खाना खाकर लोग धीरे-धीरे अपने घर चले गए।

मैंने अमृता को बर्थडे विश किया और कहा, “सॉरी अमृता, मुझे पता नहीं था कि तेरा जन्मदिन है, मैं तो गिफ्ट लाना ही भूल गया।” वो हँसते हुए बोली, “अरे, कोई बात नहीं नितिन, इट्स ओके। तू कल दे देना।” मैंने पूछा, “हाँ ठीक है, बताओ ना, तुझे क्या चाहिए?” उसने आँखों में शरारत भरी चमक के साथ कहा, “मैं सोचकर कल बताऊँगी।” मैंने कहा, “ठीक है, सुबह बता देना।” फिर मैं खाना खाकर अपने घर लौट आया, लेकिन दिमाग में ये सोचकर थोड़ा हलचल थी कि अमृता ने इतने रहस्यमयी तरीके से जवाब क्यों दिया। Birthday sex story

अगले दिन सुबह करीब 9 बजे मेरे दरवाजे की घंटी बजी। मैं अभी-अभी नहाकर निकला था, बस तौलिया लपेटे हुए था। दरवाजा खोला तो सामने अमृता खड़ी थी, अपनी कॉलेज की यूनिफॉर्म में – सफेद शर्ट, नीली स्कर्ट, और टाई। उसका गोरा चेहरा, लंबे बाल, और टाइट यूनिफॉर्म में उसकी फिगर देखकर मैं एक पल को तो बस देखता ही रह गया। मैंने कहा, “अरे अमृता, आ जा, अंदर बैठ। बताओ, कैसे आना हुआ?” वो अंदर आई, सोफे पर बैठी, और बोली, “मैं कॉलेज जा रही थी, सोचा रास्ते में तुझसे अपना गिफ्ट ले लूँ।”

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मैंने हँसते हुए कहा, “हाँ, बता ना, क्या चाहिए? मैं शाम तक ले आऊँगा।” उसने मेरी तरफ देखा, होंठों पर एक शरारती मुस्कान थी। बोली, “पहले दरवाजा बंद कर दे।” मुझे थोड़ा अजीब लगा, दिल में एक हल्की-सी घबराहट हुई, लेकिन मैंने दरवाजा बंद किया और पूछा, “हाँ, अब बता, क्या चाहिए?” वो मेरे पास आई, इतने करीब कि मैं उसकी साँसों को महसूस कर सकता था। फिर बोली, “विभा, तेरी एक्स-गर्लफ्रेंड, मेरी दोस्त है ना?” मैंने कहा, “हाँ, तो?” उसने अपनी आवाज़ को और धीमा करते हुए कहा, “उसने मुझे बताया कि तेरा… वो… बहुत बड़ा और मोटा है। मैं उसे देखना चाहती हूँ।”

मैं चौंक गया, बोला, “क्या मतलब? वो क्या?” वो हँसी, और मेरे और करीब आ गई। बोली, “अरे, तेरा लंड, और क्या!” मैं एकदम शॉक्ड था, लेकिन साथ ही मेरे बदन में एक गर्मी-सी दौड़ गई। मैंने हकलाते हुए कहा, “अमृता, तू… तू ये क्या बोल रही है?” वो मेरे पास चिपक गई, और इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाता, उसने मेरी तौलिया खींच दी। मेरा 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लंड, जो पहले से ही थोड़ा तनाव में था, अब फड़फड़ाता हुआ पूरा खड़ा हो गया। अमृता ने उसे हाथ में लिया, और उसकी आँखें आश्चर्य से बड़ी हो गईं। बोली, “वाह यार, ये तो सचमुच बहुत बड़ा है! विभा ने सही कहा था, ये तो किसी हथियार जैसा है!”

मैं अभी भी थोड़ा हिचक रहा था, सोच रहा था कि ये सब इतनी जल्दी कैसे हो रहा है। लेकिन अमृता की आँखों में वो शरारत और चाहत देखकर मेरा हौसला बढ़ गया। मैंने पूछा, “तो बस देखना है, या कुछ और भी चाहिए?” वो हँसी और बोली, “जन्मदिन मेरा है, गिफ्ट भी पूरा चाहिए। ये लंड मुझे चाहिए, नितिन।” उसकी बात सुनकर मेरे बदन में आग लग गई। मैंने कहा, “तो फिर रुक क्यों रही है, ले ले मेरी जान।”

वो मुझे पकड़कर बेडरूम की तरफ ले गई। उसने मुझे बेड पर धकेला और खुद मेरे सामने बैठ गई। फिर झट से मेरे लंड को अपने मुलायम हाथों में लिया और चूसने लगी। दोस्तो, क्या बताऊँ, उसकी जीभ मेरे लंड पर ऐसे घूम रही थी जैसे कोई लॉलीपॉप चाट रहा हो। वो कभी टोपे को चूसती, कभी पूरी शाफ्ट को मुँह में लेती, और उसकी गीली जीभ मेरे लंड को और सख्त कर रही थी। मैंने उसके बाल पकड़े और धीरे-धीरे उसके मुँह में लंड को अंदर-बाहर करने लगा। वो “म्म्म… म्म्म…” की आवाज़ें निकाल रही थी, और उसकी आँखों में एक जंगली-सी चमक थी। मैंने कहा, “अमृता, तू तो कमाल चूस रही है, विभा से भी बेहतर!” वो हँसी, मुँह से लंड निकाला, और बोली, “अब देख, मैं तुझे और क्या-क्या दिखाती हूँ।”

फिर उसने अपनी यूनिफॉर्म उतारनी शुरू की। पहले टाई, फिर शर्ट के बटन खोले, और उसकी गोरी चमड़ी धीरे-धीरे नज़र आने लगी। उसने ब्रा भी उतार दी, और उसके 32 साइज़ के चूचे मेरे सामने थे – एकदम गोरे, गुलाबी निप्पल्स के साथ, जो पहले से ही सख्त हो चुके थे। उसने स्कर्ट भी उतार दी, और अब वो सिर्फ़ पैंटी में थी। उसकी 34 की गांड इतनी मस्त थी कि मैं बस देखता ही रह गया। मैंने उसे अपनी बाहों में खींचा और उसके चेहरे पर चूमना शुरू किया। वो भी मेरे होंठों को चूसने लगी, और हमारी जीभें एक-दूसरे से खेल रही थीं। मैंने उसकी गर्दन पर चूमा, तो वो सिसकारी भरने लगी, “आह… नितिन, और कर… मुझे गर्म कर दे।”

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मैंने उसके चूचों को दबाना शुरू किया, और उसके निप्पल्स को अपनी जीभ से चाटा। वो पागल-सी हो रही थी, बोली, “हाय… तू कितना अच्छा चाटता है, विभा सही कहती थी, तू तो माल है!” मैंने हँसते हुए कहा, “अब तुझे पता चलेगा, मैं और क्या-क्या करता हूँ।” मैंने उसे बेड पर लिटाया, और उसकी एक टाँग अपने कंधे पर रख ली। उसकी गोरी, चिकनी टाँग को मैं चूमने लगा, धीरे-धीरे उसकी चूत की तरफ बढ़ा। उसकी चूत एकदम साफ, बिना बालों वाली थी, जैसे अभी-अभी शेव की हो। गुलाबी रंग की चूत, और उसकी क्लिटोरिस हल्की-सी उभरी हुई थी। मैंने उसकी चूत को जीभ से चाटना शुरू किया, और वो “आह… ऊह… नितिन, और चाट… हाय मर गई!” चिल्लाने लगी।

मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत के अंदर तक डाला, और उसकी क्लिट को चूसने लगा। वो बेड पर तड़प रही थी, अपने चूचों को खुद ही दबा रही थी। तभी उसने कहा, “रुक, मेरा जन्मदिन है, मुझे तेरा लंड चूसने दे।” मैं बेड पर लेट गया, और वो मेरे ऊपर 69 की पोजीशन में आ गई। उसने मेरा लंड फिर से मुँह में लिया, और इस बार और जोश से चूसने लगी। मैं भी उसकी चूत को चाट रहा था, और उसकी गांड के छेद को भी हल्के-हल्के सहला रहा था। मैंने उसकी चूत में दो उंगलियाँ डालीं, और साथ में उसकी क्लिट को चाटता रहा। वो मेरे लंड को इतनी तेजी से चूस रही थी कि मुझे लगा मैं अभी झड़ जाऊँगा।

करीब आधे घंटे तक हम 69 में ही रहे। उसकी चूत ने दो बार पानी छोड़ दिया, और मेरा लंड भी बार-बार झड़ने के कगार पर था। आखिरकार मैंने अपना माल उसके मुँह में छोड़ दिया। उसका मुँह मेरे वीर्य से भर गया, कुछ वो पी गई, और बाकी को उसने मेरे लंड पर ही मल दिया। बोली, “तेरा माल भी उतना ही टेस्टी है जितना तेरा लंड।” मैंने उसे उठाया, बेड पर लिटाया, और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ना शुरू किया। वो बोली, “नितिन, अब और मत तड़पा, डाल दे इसे अंदर।” लेकिन मैं उसे और तड़पाना चाहता था, इसलिए मैंने धीरे-धीरे लंड का टोपा उसकी चूत में डाला। वो सिसकारी, “आह… कितना मोटा है, धीरे डाल।”

मैंने एक जोरदार झटका मारा, और मेरा पूरा 7 इंच का लंड उसकी गीली चूत में समा गया। वो जोर से चिल्लाई, “हाय मर गई… नितिन, निकाल इसे, बहुत दर्द हो रहा है!” मैंने कहा, “बस दो मिनट रुक मेरी जान, ये दर्द मजे में बदल जाएगा।” मैंने धीरे-धीरे लंड को अंदर-बाहर करना शुरू किया, और थोड़ी देर में वो भी अपनी कमर हिलाने लगी। वो बोली, “हाँ, अब मजा आ रहा है… और जोर से चोद मुझे!” मैंने उसकी चूत को अलग-अलग पोजीशन में चोदा – कभी उसे बेड पर लिटाकर, कभी खड़ा करके, और फिर उसे कुतिया बनाया।

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जब वो कुतिया बनी, तो उसकी गोरी गांड देखकर मेरा लंड और सख्त हो गया। मैंने उसकी चूत में लंड डाला, और वो “आह… ऊह… चोद नितिन, फाड़ दे मेरी चूत!” चिल्लाने लगी। मैंने उसकी गांड पर हल्के-से थप्पड़ मारे, और बोला, “तेरी गांड भी तो मस्त है, इसमें डालूँ क्या?” वो घबरा गई, बोली, “नहीं नितिन, तेरा लंड बहुत बड़ा है, मेरी गांड फट जाएगी।” लेकिन मैंने उसे मनाया, “अरे, जन्मदिन का गिफ्ट पूरा ले, चूत में लिया, मुँह में लिया, अब गांड में भी ले ले।” वो हँसी, पर थोड़ा डरते हुए बोली, “ठीक है, पर कंडोम लगा ले, उसकी चिकनाई से शायद कम दर्द हो।”

मैंने एक चॉकलेट फ्लेवर का कंडोम लिया, और उसने मेरे लंड पर चढ़ाया। कंडोम चढ़ाने के बाद वो फिर से उसे चूसने लगी, बोली, “कंडोम से कम मजा आ रहा है, तेरा लंड तो सीधे चूसने में मस्त है।” मैंने उसे खड़ा किया, पीछे घुमाया, और उसकी गांड पर दो-तीन थप्पड़ मारे। फिर उसे कुतिया बनाया, और धीरे-से लंड उसकी गांड में डालने की कोशिश की। सिर्फ़ टोपा ही गया, और वो दर्द से उछल पड़ी, “हाय… निकाल इसे, बहुत दर्द हो रहा है!” मैंने उसे कसकर पकड़ा, और आधा लंड अंदर डाल दिया। वो छटपटाई, लेकिन मैंने उसे छोड़ा नहीं। धीरे-धीरे झटके मारने शुरू किए, और थोड़ी देर में उसे भी मजा आने लगा। वो बोली, “हाँ, अब थोड़ा अच्छा लग रहा है… और मार, मेरी गांड को भी चोद दे।”

करीब 15 मिनट तक मैंने उसकी गांड बजाई। उसकी गांड का छेद अब चौड़ा हो चुका था। मैंने कंडोम उतारा, और फिर से बिना कंडोम के उसकी गांड में लंड पेल दिया। वो चिल्लाई, लेकिन अब उसे दर्द के साथ-साथ मजा भी आ रहा था। मैंने तेजी से झटके मारे, और आखिरकार उसकी गांड को अपने माल से भर दिया। वो हाँफते हुए बेड पर गिर पड़ी, और बोली, “नितिन, ये मेरा बेस्ट बर्थडे गिफ्ट था।” उस दिन हमने समय का हिसाब नहीं रखा। अमृता कॉलेज नहीं गई, और हमने दो बार और जमकर चुदाई की। हर बार वो और जोश में थी, और मैं भी उसकी चूत और गांड को बार-बार चोदता रहा।

अमृता ने बाद में कहा, “नितिन, तूने मेरे जन्मदिन को यादगार बना दिया। अगली बार फिर से ऐसा गिफ्ट चाहिए।” मैंने हँसते हुए कहा, “जब मन करे, बता देना, तेरा गिफ्ट तैयार है।” दोस्तो, ये थी मेरी और अमृता की चुदाई की कहानी। आपको कैसी लगी? क्या आपको भी ऐसा जन्मदिन मनाने का मन है? अपनी राय नीचे बताइए!

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