बहन की सहेली घोड़ी बनी फिर खुद बहन भी

Behen ki chudai story sex – cousin sister story sex – threesome story sex: जैसा कि आपने पढ़ा था, मैं ममता को घोड़ी बनाकर जोर-जोर से चोद रहा था, तभी अचानक दरवाजा खुला और मेरी मौसी की लड़की सुनीता अंदर आ गई, वह ममता को देखकर हैरान हो गई और बोली, “ये क्या कर रही हो तुम दोनों?” मैं शर्म से अपना सिर नीचे करके पास में खड़ा था।

कहानी का पिछला भाग: बहन की सहेली को घोड़ी बनाकर पेलते हुए बहन ने रंगे हाथों पकड़ लिया

ममता हड़बड़ाते हुए बोली, “जो तू राहुल के साथ करती है वही।” यह सुनकर मैं तो स्तब्ध रह गया, मेरे दिमाग में बिजली सी दौड़ गई।

सुनीता मुस्कुराई और बोली, “तेरे लिए तो कोई भी लड़का मिल जाता, तुझे मेरा मौसी का लड़का ही मिला?” ममता बेड से उतरी, सुनीता के पास आई और फुसफुसाई, “गौरव का लंड अंदर लेकर तो देख, मजा आ जाएगा, ये राहुल से कहीं बड़ा और मोटा है, और गौरव जिस तरह चोदता है ना, मज़ा ही आ जाता है।”

इनकी बातें सुनकर मुझे धीरे-धीरे समझ आने लगा कि ये दोनों पहले भी कई लड़कों से चुदवा चुकी हैं, मेरी नज़र बार-बार सुनीता की तरफ जा रही थी, मेरी अपनी मौसी की बेटी, मेरी कजिन, मेरी आँखों के सामने उसकी चुस्त चूत का ख्याल आने लगा, पहले कभी ऐसी सोच नहीं थी, लेकिन कमरे का माहौल ही इतना गर्म हो चुका था कि सब कुछ जायज़ लगने लगा।

सुनीता शर्मा गई, बोली, “पागल हो गई है क्या? अपने भाई से थोड़े ही चुदवाऊँगी।” ममता हँसते हुए बोली, “तू भूल गई? तेरे लिए मैं अपने चाचा के लड़के से नहीं चुदी थी क्या?” दोनों एक-दूसरे को चिढ़ाने लगीं, मैं बस देखता रह गया।

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मैंने हिम्मत करके कहा, “ऐसा नहीं हो सकता।” ममता मेरे पास आई, होंठों पर उँगली रखी और बोली, “जानू, बस दो मिनट चुप रहो।” फिर उसने मुझे चूमना शुरू किया, धीरे-धीरे बेड पर लिटाया, सुनीता पास में ही खड़ी देखती रही, ममता ने सुनीता को भी वासना में डुबो दिया, दोनों एक-दूसरे को चूमने लगीं, मैं देखते-देखते मेरा लंड फिर से तन गया।

मैंने अपना कंट्रोल खो दिया, ममता को पीछे से कमर पकड़ी, उसकी चूत पर लंड सेट किया और एक ही जोरदार झटके में पूरा लंड उसकी चूत को चीरते हुए अंदर घुसेड़ दिया, ममता की मुँह से जोर की चीख निकली, “आअह्ह्ह… ओह्ह्ह्ह… मर गयी… आह्ह्हीईई…” मैंने झटके तेज कर दिए, पट-पट-पट-पट की तेज आवाजें पूरे कमरे में गूँजने लगीं, सुनीता पास में खड़ी ये सब देखकर साँसें तेज चलने लगीं।

ममता के भारी-भारी बूब्स जोर-जोर से हिल रहे थे, सुनीता झुककर उन बूब्स को चूसने लगी, मममता की चीखें और तेज हो गईं, “आह्ह… ह्ह्ह… सुनी… चूस… आह्ह्ह्ह…” ममता ने सुनीता को नीचे से खींचा, अब सुनीता मेरे पास आई, मेरे डीले पड़ चुके लंड को देखकर मुस्कुराई।

ममता मेरे पीछे आई, मेरी गांड दोनों हाथों से पकड़कर जोर-जोर से झटके देने लगी, मैं फिर से ममता को पेलने लगा, कुछ देर बाद मेरी स्पर्म की तेज पिचकारी ममता की चूत में ही छूट गई, मैं हाँफते हुए बेड पर गिर पड़ा।

सुनीता झुककर ममता की चूत से निकलता माल चाटने लगी, जीभ अंदर-बाहर करते हुए, ममता की फिर से चीख निकली, “ओह्ह्ह… सुनी… आह्ह्ह… चाट… ह्हीईई…” थोड़ी देर में ममता भी झड़ गई।

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ममता ने सुनीता के सारे कपड़े उतार दिए, उसके बड़े-बड़े मुलायम बूब्स मसलने लगी, सुनीता अब पूरी तरह वासना में डूब चुकी थी, उसकी नज़र मेरे लंड पर थी, वह बेड पर घोड़ी बनकर आई, मेरे लंड पर लगे माल को जीभ से चाटने लगी, फिर अंडकोष चूसी, चाटते-चाटते मेरा लंड फिर से कड़क हो गया।

मैंने सुनीता के बाल पकड़े और पूरा लंड उसके मुँह में ठूँस दिया, वह ग्ग्ग्ग… ग्ग्ग्ग… गी… गी… गों… गों… गोग की आवाजें करते हुए बड़े मजे से चूसने लगी, मैं उसकी गोल-गोल गांड पर हाथ फेरता रहा, बहुत मजा आ रहा था।

फिर सुनीता मेरे ऊपर चढ़ गई, मेरे लंड को हाथ में पकड़ा, ममता ने थूककर लंड गीला किया, मैंने भी थूककर सुनीता की चूत पर मला, सुनीता ने लंड को अपनी चूत पर रगड़ा, मैं उसके भारी बूब्स मसल रहा था, उसके बूब्स ममता से भी बड़े और मुलायम थे।

धीरे-धीरे सुनीता लंड पर बैठने लगी, उसकी चूत ममता से भी ज्यादा टाइट थी, जैसे ही आधा लंड अंदर गया, सुनीता की आँखों से आँसू निकल आए, “आह्ह्ह… मर गयी… आह्ह्हीईईई… बहुत मोटा है रे… ओह्ह्ह…” फिर भी उसने हिम्मत की और पूरा लंड अंदर ले लिया।

ममता हँसकर बोली, “आया न मजा?” सुनीता दर्द और मजा दोनों में बोली, “सच कहा था तूने, इसका लंड तो जान ही निकाल देगा, मेरी चूत फट गई… पर मजा… आह्ह्ह… बहुत आ रहा है।”

मैंने सुनीता को पकड़कर ऊपर-नीचे कुदवाया, वह जोर-जोर से उछलने लगी, “आह… आह… आह… गौरव… और तेज… ह्हीईई…” ममता पास आकर मेरे होंठ चूसने लगी, एक तरफ मैं अपनी बहन को चोद रहा था, दूसरी तरफ ममता मुझे चूम रही थी, दोनों मुझे पूरी तरह हावी कर रही थीं।

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फिर सुनीता साइड हुई और बोली, “अब घोड़ी बनाकर चोदो।” दोनों लड़कियाँ आपस में झगड़ने लगीं कि अब किसे चोदा जाए, मैंने कहा, “चुप हो जाओ दोनों, लेटो।”

पहले मैंने सुनीता को पकड़ा, उसकी दोनों टाँगें कंधों पर रखीं और जोर-जोर से पेलने लगा, “पट… पट… पट…” की तेज आवाजें, सुनीता चीख रही थी, “आह्ह्ह… ओह्ह्ह… फाड़ दो… आह्ह्हीईई…” पास में ममता अपनी चूत मसल रही थी।

फिर मैंने ममता को पकड़ा, उसे भी वही पोजीशन दी, ममता चिल्लाई, “गौरव आज चोद-चोदकर फाड़ दे मेरी चूत… आह्ह्ह… और तेज… ह्हीईई…” सुनीता ममता के बूब्स चूस रही थी, मैं सुनीता की गांड पर जोर-जोर से चांटे मार रहा था, उसकी गांड लाल टमाटर जैसी हो गई।

फिर मेरा माल निकल गया, मैं पूरी तरह थककर हाँफते हुए बेड पर लेट गया। उस दिन मैंने दोनों को तीन-चार बार और चोदा, फिर जब भी मौका मिलता, अपनी बहन सुनीता को चुपके से चोद देता, और ममता को बाद में होटल में भी कई बार पेला।

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