भाभी जी की जम कर चुत चुदाई

यह बात करीब एक साल पुरानी है, जब मेरी फैमिली गांव जा रही थी। हमारी इनोवा कार में सब सवार थे। बड़े भैया ड्राइवर के पास आगे बैठे थे, मॉम और पापा बीच की सीट पर थे, और मैं और भाभी जी पीछे वाली सीट पर। रात का समय था, चारों तरफ अंधेरा छाया हुआ था, और सड़क पर सिर्फ कार की हेडलाइट्स की रोशनी चमक रही थी। मुझे नींद का झोंका आ रहा था, और मैंने बिना कुछ सोचे भाभी की गोद में सर रखकर आंखें मूंद लीं। उनकी साड़ी की मुलायम छुअन और हल्की सी परफ्यूम की खुशबू मेरे होश उड़ा रही थी। मैं गहरी नींद में चला गया।

जब आंख खुली, तो देखा भाभी नीचे की तरफ झुककर सो रही थीं। उनकी साड़ी का पल्लू सरक गया था, और उनके मम्मे मेरे चेहरे के इतने करीब थे कि मैं उनके गहरे क्लीवेज को साफ देख पा रहा था। हाय, क्या मस्त सीन था! उनके बड़े, गोल चूचे ब्लाउज में कसकर भरे हुए थे, और निप्पल्स हल्के से उभरे हुए दिख रहे थे। मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया। दिल में एक अजीब सी हलचल मच गई। मैंने हिम्मत जुटाई और धीरे से अपना मुंह उनके मम्मों के पास ले गया। पहले तो हल्के से होंठों से छुआ, फिर जब भाभी की कोई हलचल नहीं हुई, तो मैंने उनके निप्पल को ब्लाउज के ऊपर से ही हल्के से दबाया। आह, क्या सख्त और रसीले निप्पल थे! मैंने धीरे-धीरे चूसना शुरू किया, जैसे कोई बच्चा मां का दूध पीता है। ब्लाउज की पतली कपड़े की वजह से मुझे उनके निप्पल का पूरा शेप फील हो रहा था।

अचानक भाभी की आंख खुल गई। मैं डर के मारे तुरंत सोने की एक्टिंग करने लगा, आंखें बंद करके सांस रोक ली। भाभी ने कुछ नहीं कहा, लेकिन मैंने महसूस किया कि उन्होंने अपना सीना थोड़ा और ऊपर उठा लिया, जैसे मुझे और मौका दे रही हों। मैं वैसे ही उनकी गोद में लेटा रहा, दिल धक-धक कर रहा था। क्या भाभी को भी मजा आ रहा था? ये सवाल मेरे दिमाग में घूम रहा था।

सुबह हम गांव पहुंच गए। दिन भर घर में रिश्तेदारों से मिलना-जुलना चलता रहा, लेकिन मेरा दिमाग बार-बार रात के उस सीन पर अटक रहा था। भाभी के नुकीले मम्मों का ख्याल आते ही मेरा लंड तन जाता। मैंने दिन में तीन-चार बार बाथरूम में जाकर मुठ मार ली, हर बार भाभी के चूचों और उनकी मुलायम गोद को याद करके। उनकी वो हल्की सी स्माइल, वो बिना कुछ बोले सीना ऊपर उठाना—ये सब मेरे दिमाग में आग लगा रहा था।

शाम को भैया और पापा को किसी जमीन के सौदे के लिए दो दिन के लिए बाहर जाना था। घर में अब सिर्फ मैं, मॉम, और भाभी रह गए थे। मॉम नीचे वाले फ्लोर पर सो गईं, और भाभी को मेरे कमरे में सोने के लिए भेज दिया गया। भाभी को अपने कमरे की तरफ आते देख मेरे दिल की धड़कन फिर से बढ़ गई। मैं बिस्तर पर लेटा था, लेकिन नींद मेरे पास भी नहीं थी। बार-बार भाभी का फिगर मेरे सामने घूम रहा था—उनकी भारी गांड, पतली कमर, और वो बड़े-बड़े चूचे। मेरा लंड फिर से तन गया, और मैं बेचैन होकर करवटें बदलने लगा।

रात गहरी हो चुकी थी। भाभी मेरे बगल में आकर लेट गईं। उनकी साड़ी की सिलवटें और हल्की सी सांसों की आवाज मुझे और बेकरार कर रही थी। मैंने हिम्मत जुटाई और धीरे से अपना हाथ उनके मम्मों पर रख दिया। पहले हल्के से दबाया, फिर जब कोई जवाब नहीं आया, तो मैंने पूरे जिस्म पर हाथ फेरना शुरू किया। उनकी साड़ी के ऊपर से ही मैंने उनकी गांड को सहलाया। आह, क्या मुलायम और मक्खन जैसी गांड थी! ऐसा लग रहा था जैसे मेरे हाथ किसी रसीली चीज में डूब रहे हों। मैंने धीरे-धीरे उनकी साड़ी के अंदर हाथ डाला, और उनकी नंगी गांड को सहलाने लगा। मेरा लंड अब जींस में फंसकर दर्द करने लगा था। डर भी लग रहा था, लेकिन मजा इतना आ रहा था कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था।

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अचानक भाभी जाग गईं और मुझे देख लिया। मेरा हाथ उनकी गांड पर था, और मैं पकड़ा गया। मैंने झट से हाथ खींच लिया और डर के मारे सॉरी-सॉरी बोलने लगा। “भाभी, माफ कर दो, गलती हो गई!” मैंने घबराते हुए कहा।

भाभी ने गुस्से में कहा, “ये क्या कर रहे थे? मैं तेरी भाभी हूँ, कोई गर्लफ्रेंड नहीं! रुक, मैं अभी सबको बताती हूँ, तेरा ये हरकत सबके सामने खोल दूंगी!”

मैं डर के मारे कांपने लगा। “भाभी, प्लीज, ऐसा मत करो! मैं आज के बाद कभी नहीं करूंगा। भाभी, आई एम रियली सॉरी!” मैंने गिड़गिड़ाते हुए कहा।

कुछ देर तक भाभी चुप रही। फिर उनका गुस्सा थोड़ा ठंडा हुआ, और वो बोलीं, “अक्की, तू मेरे साथ ये सब क्यों कर रहा था?”

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मैंने हिम्मत करके सच बोल दिया, “भाभी, आप मुझे बहुत पसंद हो। आपका फिगर, आपकी बातें, सब कुछ अलग है। कल कार में जब मैंने आपके मम्मों को चूसा, आपने कुछ नहीं कहा, तो मुझे लगा शायद आपको भी बुरा नहीं लगा। इसीलिए आज मेरी हिम्मत बढ़ गई।”

भाभी हल्के से हंस पड़ीं और बोलीं, “अच्छा, तो तू मुझे इतना पसंद करता है?”

मैंने कहा, “हां, भाभी, आप तो मेरे सपनों की रानी हो।”

तभी भाभी ने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और स्माइल दे दी। मेरे लिए ये ग्रीन सिग्नल था। मैंने तुरंत भाभी को बिस्तर पर लेटाया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उनके रसीले होंठ चूसते हुए मेरा लंड और कड़क हो गया। मैंने अपनी जीभ उनके मुंह में डाल दी, और हमारी जीभ आपस में लड़ने लगी। मैं उनके पूरे मुंह को चाट रहा था, जैसे कोई भूखा शेर अपने शिकार को खा रहा हो। फिर मैं नीचे की तरफ बढ़ा, उनके गले को चूमने और चाटने लगा। भाभी की सांसें तेज हो गई थीं, और उनके मुंह से हल्की-हल्की “आह… उह…” की आवाजें निकलने लगीं।

मैंने उनकी साड़ी खींचकर उतार दी। अब वो सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थीं। मैंने उनके मम्मों को ब्लाउज के ऊपर से ही चूसना शुरू किया। उनके निप्पल्स इतने सख्त थे कि ब्लाउज में से भी साफ फील हो रहे थे। मैंने एक हाथ से उनके चूचों को मसला, और दूसरे हाथ से उनकी कमर को सहलाया। भाभी करवटें ले रही थीं, जैसे उनकी चुत में आग लग गई हो। मैंने उनका ब्लाउज खोल दिया, और उनकी ब्रा में कैद बड़े-बड़े चूचे मेरे सामने थे। मैंने ब्रा भी उतार दी, और उनके नंगे मम्मों को देखकर मेरा लंड और तन गया। उनके चूचे एकदम सुडौल, गोल, और रसीले थे, जैसे दो बड़े तरबूज। मैंने उनके निप्पल्स को मुंह में लिया और जोर-जोर से चूसने लगा। भाभी के मुंह से “आह… अम्म… उह…” की मादक आवाजें निकल रही थीं।

फिर मैंने उनका पेटीकोट भी खोल दिया। अब भाभी सिर्फ पैंटी में थीं। उनकी चुत पैंटी के ऊपर से ही गीली दिख रही थी। मैंने उनका पेट चाटना शुरू किया, उनकी नाभि में जीभ डालकर चक्कर काटने लगा। भाभी हिल रही थीं, जैसे कोई बिजली का झटका लग रहा हो।

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भाभी बोलीं, “अक्की, तू भी अपने कपड़े उतार दे।”

मैंने कहा, “भाभी, आप ही उतार दो।”

उन्होंने मुझे धक्का देकर लेटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गईं। पहले उन्होंने मुझे गहरा किस किया, फिर मेरी शर्ट और जींस उतार दी। जब उन्होंने मेरा अंडरवियर खींचा, तो मेरा 7 इंच का लंड बाहर आया, एकदम तना हुआ। भाभी उसे देखकर बोलीं, “हाय, अक्की, तेरा लंड तो इतना बड़ा और मोटा है! तेरे भैया का तो छोटा और पतला है, और स्टैमिना भी नहीं है।”

मैंने जोश में कहा, “भाभी, आज मैं आपकी सारी प्यास बुझा दूंगा। आपकी चुत को ऐसा मजा दूंगा कि आप भूल जाओगी भैया को!”

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भाभी ने पागलों की तरह मुझे चूमना शुरू किया। वो मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगीं, और फिर उसे मुंह में ले लिया। हाय, क्या मस्त ब्लोजॉब दे रही थीं! उनकी जीभ मेरे लंड के टोपे पर चक्कर काट रही थी, और वो उसे पूरा मुंह में लेकर चूस रही थीं। मैं आसमान में उड़ रहा था। दस मिनट तक उन्होंने मेरा लंड चूसा, और मैं बस “आह… भाभी… उह…” करता रहा।

फिर मैंने भाभी को नीचे लिटाया और उनकी पैंटी उतार दी। उनकी चुत एकदम चिकनी, पिंक, और हल्की ब्राउन थी। मैंने पहले उनकी चुत को हाथ से सहलाया, फिर जीभ से चाटना शुरू किया। जैसे ही मेरी जीभ उनकी चुत के दाने को छूई, भाभी की “आह… हाय… उम्म…” की आवाजें तेज हो गईं। मैंने अपनी जीभ उनकी चुत के अंदर डाल दी, और उनके चुत के रस को चाटने लगा। उनका पानी इतना रसीला था कि मैं सारा चाट गया। भाभी की सांसें बुलेट ट्रेन की तरह चल रही थीं, और वो चिल्ला रही थीं, “आह… अक्की… चाट ले… मेरी चुत को खा जा… उह… हाय…”

कुछ ही देर में भाभी ने पानी छोड़ दिया। मैंने सारा रस पी लिया, और उनकी चुत को चाटता रहा। मैंने एक उंगली उनकी चुत में डाली, और वो फिर से गरम होने लगीं। भाभी चिल्लाईं, “अक्की, अब बस कर! अपना लंड डाल दे, मुझे और मत तड़पा!”

मैंने फिर भी उनकी चुत को चाटा, और थोड़ी देर में उन्होंने फिर से पानी छोड़ दिया। अब भाभी ने मेरे सर पर हाथ फेरा और बोलीं, “चाटता ही रहेगा, या लंड भी डालेगा, मेरे राजा?”

मैंने भाभी को चूमा और उनकी टांगें फैला दीं। उनकी चुत एकदम गीली और लपलप कर रही थी। मैंने अपने लंड को उनकी चुत की दरार पर रगड़ा, और भाभी तड़पने लगीं। “हाय… डाल दे, अक्की… मेरी चुत फट रही है…” वो चिल्लाईं। मैंने लंड को उनकी चुत के छेद पर सेट किया और एक जोरदार धक्का मारा। मेरा आधा लंड उनकी चुत में घुस गया। भाभी जोर से चीखीं, “आह… मर गई… धीरे, साले!”

मैंने दूसरा धक्का और जोर से मारा, और मेरा पूरा लंड उनकी चुत में समा गया। भाभी की आंखों से आंसू निकल आए, और वो चिल्लाईं, “मार दिया, भोसड़ी के! मेरी चुत फाड़ दी… हाय… धीरे कर, मादरचोद!”

मैं समझ गया कि भैया का लंड छोटा था, तो भाभी की चुत को इतना बड़ा लंड झेलने की आदत नहीं थी। मैंने गालियां सुनकर और जोश में आ गया। “साली, अभी तो शुरुआत है! आज तेरी चुत का भोसड़ा बना दूंगा! ले, रंडी, चुद ले मेरे लंड से!” मैंने कहा और जोर-जोर से धक्के मारने लगा।

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भाभी की चीखें अब मादक सिसकारियों में बदल गई थीं। “आह… उह… हाय… चोद दे… मेरी चुत को फाड़ दे… आह…” वो चिल्ला रही थीं। उनकी चुत इतनी गीली थी कि मेरा लंड सटासट अंदर-बाहर हो रहा था। मैं उनके मम्मों को जोर-जोर से दबा रहा था, उनके निप्पल्स को चूस रहा था। भाभी के चूचे लाल हो गए थे, और वो मजे से चुद रही थीं।

मैंने कहा, “भाभी, तुम्हारी चुत तो जैसे आग का गोला है! इसका पानी अमृत जैसा है, और तेरे चूचे तो जैसे जन्नत के फल हैं! ले, मेरी रंडी, चुद ले!”

भाभी भी जोश में बोलीं, “हाय, अक्की, चोद दे मुझे! मेरी चुत का भोसड़ा बना दे! साले, तू तो मेरा असली मर्द है! चोद… आह… मुझे कुतिया बना दे!”

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मैं और जोश में आ गया। मैंने उनकी टांगें अपने कंधों पर रखीं और और गहरे धक्के मारने लगा। उनकी चुत की गहराई तक मेरा लंड जा रहा था, और हर धक्के के साथ उनकी “आह… उह… हाय…” की आवाजें कमरे में गूंज रही थीं। बीस मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद भाभी ने फिर से पानी छोड़ दिया। उनकी चुत अब इतनी लिसलिसी हो गई थी कि मेरा लंड और आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था।

मैंने और तेजी से चोदना शुरू किया। भाभी चिल्ला रही थीं, “हाय… चोद दे, साले! मेरी चुत को रगड़ दे! आह… तेरा लंड तो जन्नत का मजा दे रहा है!” मैं उनके मम्मों को दबाते हुए, उनके होंठों को चूमते हुए, और जोर-जोर से धक्के मार रहा था।

आधे घंटे की चुदाई के बाद मेरा पानी भी निकल गया। मैंने सारा माल उनकी चुत में ही डाल दिया। भाभी संतुष्ट होकर हांफ रही थीं, और उनकी आंखों में एक अलग सी चमक थी। वो बोलीं, “अक्की, तूने तो मेरी सारी प्यास बुझा दी। तेरे भैया से ये कभी नहीं हुआ।”

उस रात मैंने भाभी को तीन बार चोदा। हर बार उनकी चुत को नए तरीके से रगड़ा, कभी उनकी गांड को सहलाते हुए, कभी उनके मम्मों को चूसते हुए। आखिरी बार तो मैंने उन्हें कुतिया की तरह चोदा, उनकी गांड को थपथपाते हुए। हम दोनों नंगे ही सो गए, एक-दूसरे की बांहों में।

सुबह भाभी ने मुझे होंठों पर चुम्बन देकर जगाया। मैंने उनकी नंगी बॉडी देखी तो फिर से जोश आ गया। मैंने उन्हें बांहों में भर लिया और चूमने लगा। “भाभी, एक बार और?” मैंने पूछा।

भाभी हंसकर बोलीं, “रात को, मेरे राजा। अभी मॉम जाग जाएंगी।” वो मेरी बांहों से निकलकर भाग गईं।

अब भाभी मेरी रखैल बन चुकी हैं। जब भी मौका मिलता है, मैं उनकी चुत का भोसड़ा बना देता हूँ। नौ महीने बाद भाभी को एक लड़का हुआ, और मुझे यकीन है कि वो मेरा ही था।

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