Bhabhi Devar Hot Sex Story: मेरा नाम सविता है मैं धनबाद की रहने वाली हूँ मेरे शादी को 5 साल हो गई है मैं अपने पति से खुश थी। मेरे ब्रा का साइज़ 32D था जो देवर की चुदाई के बाद 34D हो गया है। मेरे दो बच्चे हैं, मेरे पति के कज़न ने एक बार हमें अपने शहर रहने बुलाया। मेरे पति को बिजनेस के कारण नहीं जा पाए पर मैं उनके शहर चली गई।
मुझे स्टेशन पर रिसीव करने के लिए मेरे पति के कज़न ने मतलब मेरे देवर जिनका नाम दिलीप है मुझे लेने आ गए। मैं उनके साथ चली गई मैं उनके साथ जब बाइक पर बैठी तो वो बोले कि भाभी मुझे पकड़ लेना नहीं तो आप गिर जाएगी। मैंने उन्हें कमर से पकड़ कर बैठ गई मेरे बूब्स उनकी पीठ से पूरी तरह से दब रहे थे।
रास्ते में जितने बार उसने ब्रेक मारा मेरी चूचियाँ उसकी पीठ से टकरा रही थी। हम घर पहुँच गए घर पर सब के साथ थे दिन कैसे बीत गए पता ही नहीं चला। 3 दिन बाद मुझे घर छोड़ने के लिए सबने दिलीप से कहा। और दिलीप मुझे वापस मेरे साथ ट्रेन में बैठ गया ट्रेन में भीड़ होने की वजह से हम चिपक कर बैठ गए। उनका हाथ बार बार मेरे बूब्स से टकरा रहा था। रास्ते में उन्होंने कई बार मेरे बूब्स को अपना हाथ टच किया मैं गर्म हो चुकी थी।
10 मिनट बाद हमारा स्टेशन आने वाला था तो हम खड़े हो गए ट्रेन में बहुत भीड़ थी आगे निकलने की भी जगह नहीं थी। मैं आगे खड़ी हो गई मेरे पीछे दिलीप खड़ा हो गया। वो मेरे से चिपक कर खड़ा था मुझे शरारत सूझी मैंने अपनी गांड दिलीप के लंड से चिपका दी। मेरी गांड से दिलीप का लंड रगड़ रहा था।
मेरी चूत से पानी निकलने लगा थोड़ी देर में हम स्टेशन पर उतर गए। मैं दुखी थी कि अब दिलीप मुझे छोड़ कर चला जाएगा। दिलीप मुझे घर तक छोड़ने आया घर पर आ कर पता चला कि मेरे ससुर की तबियत खराब हो जाने के कारण मेरी सास और मेरे पति ससुर को ले कर दिल्ली चले गए थे।
मैं अकेली थी इस लिए मेरे साथ मेरे देवर को भी रुकना पड़ा। जब हमने अपने पति से पूछा। तो उन्होंने कहा कि मुझे आने में थोड़े दिन लगेंगे तुम दिलीप को घर में रोक लेना। दिलीप को जब मैंने बताया तो वो मान गया। मेरे पति मेरे ससुर को लेकर चले गए साथ में मेरी सास भी चली गई उनके जाने के बाद घर में हम दोनों अकेले थे।
और मैं अब बहुत खुश थी अब मैं नए लंड का मज़ा लेने वाली थी। रात में मैंने अपने बच्चों को खाना खिला के सुला दिया। दिलीप आगे के कमरे में टी.वी देखते हुए सो गया मैं उसके बगल में लेट गई। उसके पैंट में लंड का उभार देख कर मेरा भी मन मचलने लगा।
मैंने उसके लंड को पैंट के ऊपर से ही मसलने लगी। मैंने ज़िप खोल कर चड्डी में से लंड को निकाल कर हाथ में ले लिया। लंड को देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया मैंने आज तक कभी लंड को मुँह में नहीं लिया था। लंड को मैंने तुरंत मुँह में लिया दिलीप का लंड 9 इंच से भी बड़ा था।
मैं हैरान थी मेरे पति का लंड सिर्फ 5 इंच था और अंदर बाहर करने लगी। मेरी चूत से पानी निकलने लगा इतने में दिलीप जाग गया। उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया और कहने लगा कि क्या कर रही हो आप मेरी भाभी हो छोड़ो इसे। मैंने उसे कहा कि नहीं आज से मैं तुम्हारी बीवी हूँ तुम अगर मर्द हो तो मुझे जितना चाहे उतना चोदो।
दिलीप ने मना किया तो मैंने अपने होठ उसके होठ पर रख दिए। और उसे चूसने लगी दिलीप भी मान गया। पहले मैं दिलीप का लंड 10 मिनट तक शक किया जब उसका कम निकला तो उसे मैंने अपने मुँह में ले लिया। फिर उसके लंड को चूस कर खड़ा किया और मैंने अपने सारे कपड़े उतार कर बिस्तर पर लेट गई। “देसी देवर भाभी”
दिलीप ने मेरे बूब्स को अपने हाथ में ले कर दबाने लगा। मेरे बूब्स में से दूध निकलने लगा क्योंकि 1 साल पहले मैं माँ बनी थी। दिलीप मेरे दूध को पीने लगा दिलीप ने मेरी दोनों चूचियों को पी कर खाली कर दिया। उसके बाद उसने मेरी चूत में उंगली डाल कर अंदर बाहर करने लगा।
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था दिलीप ने अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटने लगा। थोड़ी देर बाद मेरी चूत से ढेर सारा पानी निकला उसके बाद दिलीप ने मेरी चूत पर अपने लंड को ले कर रगड़ने लगा और धीरे 2 अंदर करने लगा। मेरी चूत 2 बच्चे होने के बाद भी टाइट थी क्योंकि दोनों बच्चे ऑपरेशन से हुए थे।
दिलीप ने जैसे ही अपना लंड मेरी चूत के अंदर डाला मैं चीखने लगी जैसे कि कोई कुंवारी लड़की पहली बार सेक्स के टाइम चीखती है। मैं रोने लगी लेकिन दिलीप ने मेरे होठ को अपने होठ से जोड़ लिया और अपना पूरा लंड एक झटके में अंदर डाल दिया। मैं उछलने लगी लंड मेरे गर्भाशय को टच कर रहा था।
कुछ देर बाद मैं रिलैक्स फील करने लगी तब दिलीप ने झटके मारने शुरू कर दिए। 25 मिनट की चुदाई के बाद दिलीप के लंड ने अपना पानी मेरी चूत में छोड़ा। उसके बाद मैं बहुत थक गई थी मैंने उसके लंड को अपने मुँह में लिया और उसके लंड को चूसने लगी। थोड़ी देर बाद उसने अपने कम को मेरे मुँह में छोड़ दिया उसके बाद मैंने उसके कम को पी लिया और उसके लंड को चूसते हुए वही सो गई।