मकान मालिक की छोटी बहू को बजाया–1 | Bhabhi Ke Chudai Ki Desi Kahani

 Bhabhi Ke Chudai Ki Desi Kahani, चूत और लंड के सभी खिलाड़ियों को मेरा प्रणाम। मैं रोहित एकबार फिर से आप सबके बीच में एक नई कहानी लेकर हाज़िर हूँ। मैं 22 साल का नौजवान लौंडा हूं। मेरा लंड 7 इंच लंबा है जो किसी भी चूत को उसकी गहराई में जाकर नाप सकता है। मेरे लण्ड को चूत का रस पीने का बहुत ही ज्यादा शौक है।

                             मुझे अक्सर शादीशुदा औरते बहुत ही ज्यादा पसंद है। मेरे लंड को शादीशुदा औरतो को बजाने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आता है। वैसे फ्रेश चूत भी बहुत ही मज़ेदार होती है लेकिन मेरे लण्ड ने अभी तक फ्रेश चुत का स्वाद नहीं चखा है। Desi Sex Story

मैं गांव में रहकर पढ़ाई के साथ साथ मेरी पडोसी भाभियों का भी खूब मज़ा ले रहा था।लेकिन फिर  मुझे कोचिंग करने के लिए कोटा आना पड़ा।फिर यहाँ आने के बाद मैंने मेरे मकान मालिक की बड़ी बहु यानि माहिमा भाभीजी को मैने सेट कर लिया। ” मकान मालिक की बड़ी बहु को जमकर बजाया” कहानी में मैने आपको सबकुछ बताया था।

sexy bhabhi sex story

लेकिन घर में मकान मालकिन और उनकी छोटी बहू यानि प्रतिभा भाभीजी के होते हुए मुझे महिमा भाभीजी को कभी कभी ही चोदने का मौका मिलता था।

महिमा भाभीजी मेरे मकान मालिक की सबसे संस्कारी बहु है लेकिन मेरे लण्ड ने उनकी संस्कारी बहु की चूत में घमासान मचा रखा था। कभी कभी भाभीजी को चोदने का मौका मिलने के कारण मेरा लंड बहुत ही परेशान रहता था। मेरा लंड तो रोजाना भाभीजी की चूत की सैर करना चाहता था लेकिन ये सब संभव नहीं था।

मैं टाइम टाइम से मौका मिलने पर महिमा भाभीजी को बजा रहा था लेकिन कभी कभी इंतज़ार की घड़ियाँ लंबी हो जाया करती थी। ऊपर से महिमा भाभीजी को चुदाने में बहुत ही ज्यादा डर लगता था। फिर धीरे धीरे प्रतिभा भाभीजी को हमारे ऊपर शक होने लगा। वो मेरी महिमा भाभीजी के साथ बढ़ती हुई नजदीकियों को नोटिस कर रही थी।

अब एक दिन मैं महिमा भाभीजी को मेरे कमरे में बजा रहा था तभी मुझे लगा कोई हमें खिड़की से देख रहा है।अब मेरी नज़र भाभीजी को चोदते हुए खिड़की की तरफ थी। तभी प्रतिभा भाभीजी और मेरी नज़रे एकसाथ मिल गई और हमारी सारी पोल खुल गई।

अब मैं महिमा भाभीजी को बजाते हुए खिड़की की तरफ देख रहा था।अब डर के मारे मेरी गांड फट रही थी लेकिन मेरे लण्ड का कहर जारी था। भाभीजी बहुत बुरी तरह से चुद रही थी।

” आह्ह आह्ह आह्ह आईईईई आह्ह उन्ह अहह आह्ह सिससस्स ओह धीरे धीरे………

प्रतिभा भाभीजी हमारी चुदाई का लाइव टेलीकास्ट देख रही थी।मैं डरते हुए भी महिमा भाभीजी को झमाझम चोद रहा था। फिर मैंने महिमा भाभीजी को थोड़ी देर और बजाया।उसके बाद महिमा भाभीजी चुद्वाकर नीचे चली गई।

अब प्रतिभा भाभीजी का सामना करना मेरे लिए बहुत मुश्किल हो रहा था।मैं बहुत ज्यादा डर रहा था।

प्रतिभा भाभीजी लगभग 34 साल की मस्त सेक्सी बिंदास है।वो गोरे चिट्टे जिस्म की मालकिन है। प्रतिभा भाभीजी के बोबे लगभग 32 साइज के है। वो कभी कभी गलती से अपने बोबो के दर्शन करवा देती थी। भाभीजी के बोबो को देख देखकर कभी कभी मेरा लंड तन जाता था।

भाभीजी के बोबो के नीचे उनकी सेक्सी चिकनी कमर लगभग 32 साइज की है। कमर के ऊपर भाभीजी का चिकना पेट किसी के भी लण्ड में आग लगाने काम कर सकता है। भाभीजी की कमर के नीचे उनकी सेक्सी गांड लगभग 34 साइज की है।वो साड़ी पहनकर अपनी गांड को खूब मटकाती है।

मकान मालिक की छोटी बहू को बजाया–1 | Bhabhi Ke Chudai Ki Desi Kahani

भाभीजी की गांड को देख देखकर कभी कभी लंड मसल लेता था। भाभीजी के चुतड़ो की कसावट उनकी साड़ी में अच्छी तरह से नज़र आती थी। भाभीजी 1 बच्चे की मां है लेकिन चोदने के लिए लंड को भरपूर मज़ा दे सकती है।

Bhabhi xxnx Porn Story in Hindi

खैर Desi Bhabhi Sex Story हमारी पोल प्रतिभा भाभीजी के सामने खुलने पर मैं भाभीजी से बहुत ज्यादा डर रहा था।कहीं वो ये बात सबको नहीं बता दे। वही महिमा भाभीजी को तो इस बारे में कुछ पता भी नहीं था। फिर एकदिन प्रतिभा भाभीजी और मेरी मुलाकात छत पर हो गई।उनको देखकर मैं मेरे कमरे में जाने लगा लेकिन भाभीजी ने मुझे बुला लिया। Desi Sex Story

इसे भी पढ़ें   देवर राजा प्यास बुझा दो

उस टाइम बच्चे भी छत पर खेल रहे थे। डर के मारे मेरी गांड फट रही थी।

भाभीजी– कहाँ भागकर जा रहा है? तुझसे तो बहुत सारी बाते करनी है।

मैं– वो मुझे पढ़ाई करनी थी इसलिये।

भाभीजी– हाँ वो तो मैंने देख ही लिया है कि तू आजकल कौनसी पढाई कर रहा है? चल ये बता कब से चल रहा है ये सब?

अब साला मैं झूठ भी कैसे बोलू कि ये सब नहीं चल रहा है। भाभीजी तो खुद लाइव टेलीकास्ट देख चुकी थी।फिर मुझे कहना ही पड़ा।

“3-4महीनो से।”

भाभीजी– अच्छा। तो ये सब तूने कैसे किया? मेरा मतलब तूने भाभीजी को पटाया कैसे?और फिर….

” वो उस टाइम आप सभी आपके मायके गए हुए थे तब…….. भाभीजी तो नहीं मान रही थी लेकिन फिर मैंने उन्हें मना ही लिया।”

भाभीजी– वाह यार तू तो बहुत बड़ा खिलाडी निकाला। मैं जिस भाभीजी के बारे में कभी भी ये सब नहीं सोच सकती थी तूने तो उनको ही पटाकर सबकुछ कर डाला। वाकई में कमाल कर दिया तूने।

” हाँ ,भाभीजी वो सब हो ही गया।”

अब मैं धीरे धीरे भाभीजी के सामने खुल रहा था।

भाभीजी– सबकुछ पता लगने पर तुझे मेरा डर नहीं लगा?

“डर लगा था ना भाभीजी तभी तो मैं आपके सामने नहीं आ रहा था? लेकिन अब मुझे डरने की कोई ज़रूरत नहीं है।”

भाभीजी– वो कैसे?

“क्योंकि ये बात आप किसी को बताओगी नहीं? आप बहुत समझदार हो इसलिए। आप एक औरत की इच्छाओं को जानती हो और जब औरत को खुला माहौल मिलता है तो उसकी दबी हुई इच्छाएं जाग जाती है।बस जगाने वाला होना चाहिए।”

भाभीजी– वाह तुझे तो बहुत ज्यादा नॉलेज है।

” हाँ,थोडी बहुत तो है ही सही भाभीजी।”

अब मैं भाभीजी के साथ धीरे धीरे नॉर्मल हो रहा था। फिर भाभीजी मेरे साथ बहुत सारी बाते करने लगी।फिर लास्ट में भाभीजी ने बोल ही दिया।

Devar Bhabhi Adult Hindi Story

भाभीजी– चल यार कोई बात नहीं कर लिया कर इंजॉय। तुझे तो बहुत ज्यादा ज़रूरत है।

“हाँ भाभीजी बस आप थोड़ा सा ध्यान रखना।”

भाभीजी– मेरी तरफ से तुझे टेंशन लेने की कोई ज़रूरत नहीं है।

अब महिमा भाभीजी को बजाने का रास्ता मेरे लिए और भी ज्यादा क्लियर हो चूका था।अब धीरे धीरे प्रतिभा भाभीजी भी मेरी हेल्प करने लगी। अब मै महिमा भाभीजी के और अच्छी तरह से मज़ा लेने लगा। मैं झमाझम महिमा भाभीजी को बजा रहा था।फिर एक दिन महिमा भाभीजी को भी पता चल ही गया कि प्रतिभा भाभीजी सबकुछ जान चुकी है। Desi Sex Story

पहले तो महिमा भाभीजी को बहुत ज्यादा डर लगा लेकिन फिर वो नार्मल हो गई और जमकर चुदने लगी। पहले महिमा भाभीजी जितनी संस्कारी थी अब वो बहुत ज्यादा चुदासी बन चुकी थी।अब उन्हें अलग अलग पोजीशन में चुदने में बहुत ज्यादा मज़ा आता था।

अब एक दिन शाम को महिमा और प्रतिभा भाभीजी दोनों छत पर थी।वो बच्चो के साथ बैठी हुई थी। तभी महिमा भाभीजी को बजाने का मेरा मूड बन गया। अब मैंने महिमा भाभीजी का हाथ पकड़ा और उन्हें मेरे कमरे में लाने लगा। तभी भाभीजी मना करने लगी ।

भाभीजी– रोहित क्या कर रहा है तू? सभी यहाँ ही है।

” होने दो भाभीजी ,अब तो प्रतिभा भाभीजी सब सम्हाल लेगी।”

तभी मैंने प्रतिभा भाभीजी को इशारा किया । भाभीजी मेरी तरफ मुस्कुरा दी।अब मैंने महिमा भाभीजी को कमरे के अंदर चारपाई पर पटक दिया और फिर जल्दी से भाभीजी की पेंटी को खोल फेंका। अब मैंने भाभीजी की टांगो को मेरे कंधो पर रखा और फिर भाभीजी को झमाझम बजाने लगा।

भाभीजी– आह्ह आहा अहह अआईईई सिससस्स अहह ओह आह्ह अआईईई मर गईईई।

अब मैं भाभीजी को जमकर चोद रहा था। आज दो दिन बाद मुझे भाभीजी की चूत मिल रही थी। भाभीजी की चीखे कमरे में गूँजने लगी।मैं ताबड़तोड़ ठुकाई करते हुए भाभीजी को बजा रहा था।

” अआहः आह्ह आह्ह आईईईई आह्ह आह्ह उन्ह आहा आहा आईईईई आईईईई।”

तभी कुछ ही देर में भाभीजी पानी पानी हो गई।फिर मैंने भाभीजी को एक घंटे तक खूब बजाया। तब तक भाभीजी बहुत बुरी तरह से थक चुकी थी।अब हम दोनों चुदाई का मज़ा लेकर बाहर निकले।

तब तक प्रतिभा भाभीजी छत पर ही थी।तभी प्रतिभा भाभीजी ने कहा– भाभीजी बहुत ज्यादा थकी हुई नज़र आ रही हो?

महिमा भाभीजी– हाँ यार, ये ऐसे ही बजाता है।

इसे भी पढ़ें   भाभी ने कुंवारे लंड का सुपाड़ा खोला

” हां नया नया है तो ऐसे ही बजायेगा। खैर ये तो अच्छी बात है।”

फिर दोनों भाभीजी घर परिवार की बाते करती हुई नीचे चली गई। महिमा भाभीजी को चोदते हुए ऐसे ही दिन आगे बढ़ रहे थे।

फिर कुछ महीनो के बाद महिमा भाभीजी उनके पिताजी की तबियत खराब होने के कारण मायके चली गई। अब कुछ दिनों के बाद मैं चूत के लिए तरसने लगा। मैं लंड का पानी निकाल कर खुद को शांत करने लगा।

फिर महिमा भाभीजी से बात करने पर पता चला कि अभी उन्हें आने में और टाइम लगेगा। अब मैं महिमा भाभीजी को चोदने के लिए तड़पने  लगा। तभी एक दिन प्रतिभा भाभीजी मेरे मज़े लेने लगी।

भाभीजी– और रोहित आजकल कैसे निकल रहे है दिन?

“महिमा भाभीजी के बिना मज़ा नहीं  आ रहा है यार। बुलाओ ना आप उन्हें जल्दी।”

भाभीजी– उनको तो आने में अभी टाइम लगेगा।तब तक तु खुद को रोक के रख।

“बस ये ही तो नहीं हो पा रहा है भाभीजी।”

भाभीजी– अब ये तो करना ही पड़ेगा यार।इसके अलावा तो कोई और उपाय नहीं है।

अब मैं प्रतिभा भाभीजी की बाते सुनकर लंड मसलकर रह गया।अब ऐसे ही दिन निकलते जा रहे थे।तभी मेरे मकान मालिक और मालकिन उनके गांव घूमने निकल गए। अब घर में दिन मैं और प्रतिभा भाभीजी ही रहते थे।अब भाभीजी को अकेली देखकर मेरे लण्ड की आग भड़कने लगी।

अब मेरा लंड प्रतिभा भाभीजी की चूत की ओर देखने लगा।वैसे भी प्रतिभा भाभीजी मुझसे अच्छी तरह से खुली हुई थी तो उनकी चूत में लण्ड डालना मेरे लिये बड़ी बात नहीं थी।बस मुझे थोड़ी सी कोशिश करनी थी।

अब जैसे ही सब चले जाते तो मैं भाभीजी के।पास चला जाता और उनके पीछे पीछे मंडराने लगता।फिर भाभीजी से मैं धीरे धीरे टच होने लगा। अब मैं भाभीजी को पूरी खोलने की कोशिश करने लगा।

Bhabhi Ke chudai Ki Antarvasna stories

मैं– भाभीजी यार मुझसे तो कंट्रोल करना बहुत मुश्किल हो रहा है फिर आप कैसे कंट्रोल करती होगी? मेरा मतलब है कि भैया को तो टाइम ही नहीं मिलता है। Desi Sex Story

मकान मालिक की छोटी बहू को बजाया–1 | Bhabhi Ke Chudai Ki Desi Kahani

“अब यार कर लेती हूं ऐसे ही टाइमपास।जितना टाइम वो देते है उतने टाइम में ही मैं खुश रहती हूँ।”

मैं– यही तो सबसे पड़ी परेशानी है भाभीजी, जिसको जो चाहिए उसको वो नहीं मिलता है।आपकी और मेरी परेशानी एक ही सी है।

मैंने ये कहकर भाभीजी पर बहुत तगड़ा पंच मारा।तभी भाभीजी मेरी तरफ देखने लगी।

” तू कहना क्या चाहता है?”

मैं– वो ही जैसा आप समझ रही हो। अगर हम दोनों एकदूसरे का साथ दे तो मज़ा आ जायेगा भाभीजी

“ऐसी परिस्तिथियां अपने सामने आती रहती है लेकिन इसका।मतलब हमें हर एक कदम पर नहीं बहकना चाहिए। तु महिमा भाभीजी को बजा रहा है वो ही बहुत है यार। कुछ टाइम बाद वो आ जायेगी और फिर तेरे फिर से मज़े हो जायेंगे। बस कुछ दिन और इंतज़ार कर ले।”

मैं–भाभीजी बस इंतज़ार ही तो नहीं हो रहा है। अब आप भी मेरी कंडीशन को नहीं समझ रही हो।

“यार मैं महिमा भाभीजी को धोखा नहीं दे सकती। वो मेरी जेठानी है।”

मैं– अरे भाभीजी यार आप भी बड़ा सोच रही हो।

” सोचना पड़ता है यार। हमें तो एक ही घर में रहना है।”

मैं प्रतिभा भाभीजी को पटाने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन भाभीजी पट नहीं रही थी।फिर अगले दिन मैं बाथरूम में नाहा रहा था।भाभीजी मेर सामने ही इधर उधर मंडरा रही थी। तभी मैंने मेरी अंडरवियर जानबूझकर गीली कर दी और फिर भाभीजी को बुलाया।

भाभीजी– क्या हुआ?

“भाभीजी यार मेरी अंडरवियर पानी में गीली हो गई है और अब मेरे पास दूसरी अंडरवियर नहीं है। अब आप कुछ करो ना।”

भाभीजी– अब मैं तेरे लिए अंडरवियर कहाँ से लाऊ?

” आपको कहीं से अंडरवियर लाने की ज़रूरत नहीं है।खुद आपके पास ही अंडरवियर है। उसे ही खोलकर दे दो ना।”

भाभीजी– अच्छा बच्चे अब मेरे ऊपर ही लाइन मार रहा है। अच्छा! ऐसे कैसे मेरी अंडरवियर दे दु तुझे? हाँ।

” दे दो भाभीजी नहीं तो मैं खुद खोलकर ले लूंगा।फिर कुछ मत कहना आप।”

भाभीजी–अच्छा तो तेरी इतनी हिम्मत! तो फिर लेकर बता?

तभी मैं भाभीजी की और लपका और भाभीजी बैडरूम की और भागी।अब भाभीजी रूम के अंदर घुसकर गेट लगाने लगी लेकिन मैंने बिच में ही गेट को रोक दिया। अब भाभीजी गेट लगाने के लिए ज़ोर लगाने लगी और मैं गेट खोलने के लिए भाभीजी से धक्कामुकी करने लगा। फिर कुछ ही देर में मैंने ज़ोर का धक्का दिया और गेट खुल गया।

इसे भी पढ़ें   मकान मालिक की छोटी बहू को बजाया– 2 | Bhabhi sex stories

अब भाभीजी भागकर कहाँ जाती? अब भाभीजी रूम में उछल कूद करने लगी तभी मैंने भाभीजी को दबोच लिया।अब मैं भाभीजी खुद को छुड़ाने की कोशिश करने लगी और मैं भाभीजी की पेंटी खोलने की कोशिश करने लगा। तभी मैंने भाभीजी के पेटिकोट में हाथ घुसा दिया और उनकी पेंटी को खोलने लगा। तभी भाभीजी ने मेरा हाथ पकड़ लिया।

मैं– भाभीजी हाथ छोडो।

भाभीजी– नहीं मैं नहीं छोडूंगी।

भाभीजी मेरे हाथ को उनकी पेंटी तक नहीं पहुचने दे रही थी तभी मैंने भाभीजी को उठाकर बेड पर पटक दिया।अब भाभीजी ने टांगे समेट कर तंग कर दी।अब मैं भाभीजी की टांगे खोलने लगा। भाभीजी बहुत ज्यादा इतरा रही थी। तभी मैंने भाभीजी की टांगे खोलकर उनकी पेंटी खीच डाली।

Bhabhi Ki sexy Kahani

अब भाभीजी अपनी पेंटी को बचाने की कोशिश करने लगी लेकिन अब पेंटी को बचाना भाभीजी की बस की बात नहीं थी।मैं भाभीजी की पेंटी को घुटनों तक खीच लाया था। तभी छीनाझपटी में मेरा टॉवल खुल गया और मेरा लंड दहाड़ मारता हुआ बाहर निकल आया।मेरे लण्ड को देखते ही भाभीजी की पकड़ ढीली पड़ गई और फिर उनकी पेंटी खुल चुकी थी। Desi Sex Story

अब भाभीजी शरमाने लगी।तभी मैंने मौके का फायदा उठाते हुए उनकी टांगो को खींचकर मेरे कंधो पर ले लिया और लंड को भाभीजी की चूत पर सेट करने लगा लेकिन तभी भाभीजी सम्हल गई और उन्होंने मेरे लण्ड को पकड़ लिया।

भाभीजी– नहीं रोहित ,आगे कुछ नहीं।

मैं– करने दो ना भाभीजी ,बहुत तड़प रहा हूँ।

” नहीं यार, मैं धोकेबाज़ नहीं बन सकती।बसस्स।”

और भाभीजी धक्का देकर उठ गई।अब भाभीजी की पेंटी मेरे हाथों में ही रह गई।फिर मैंने भाभीजी को रोका और फिर उन्हें उनकी पेंटी वापस पहना दी। अब मैंने मेरे लंड को सम्हाला।फिर बड़ी मुश्किल से मेरी रात निकली।

अब सुबह होते ही मेरा लण्ड फिर से भाभीजी की ओर हवस भरी नज़रो से देखने लगा।आज भाभीजी की आँखों में भी चमक नज़र आ रही थी। शायद आज भाभीजी चुदने का मूड बना चुकी थी। भाभीजी बाथरूम में कपडे धो रही थी।

तभी मैंने भाभीजी से कहा– भाभीजी क्यों? इतना मज़ेदार टाइम बर्बाद कर रही हो? मज़े लेने के टाइम तो आप कपडे धो रही हो।

भाभीजी– नहीं मज़े लेने का मेरा कोई इरादा नहीं है।

मैं– इरादा बनता नहीं, बनाना पड़ता है भाभीजी।

तभी मेने मेरा लोअर खोल फेंका और लंड को हिलाने लगा।

मैं– अब बोलो भाभीजी क्या अब भी इरादा नहीं है क्या?

मेरे लण्ड को देखकर भाभीजी सकपका गई। वो मेरे लण्ड को देखकर शरमाने लगी और बिना कुछ कहे वापस कपडे धोने लगी। तभी मैंने हँसते हुए भाभीजी से कहा– बोलो भाभीजी घोड़ी बनोगी या फिर टांगे खोलोगी? Desi Sex Story

मेरी बात का भाभीजी ने कोई जवाब नहीं दिया। तभी मैंने भाभीजी से फिर पूछा– बोलो ना भाभीजी।

तभी भाभीजी ने जवाब दिया– तू मुझसे ये पाप करवाकर मानेगा ही। पता नहीं भाभीजी मेरे बारे में क्या सोचेगी। चल अब अंदर। जैसी तेरी मर्ज़ी हो वो बना ले मुझे।

बस फिर क्या था!

कहानी जारी रहेगी……..

आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी मुझे मेल करके ज़रूर बताये |

इसे भी पढ़े –

दिप्प्रेस्सेद भाभी को मैं थोड़े देर के लिए खुस कर दिया | Indian Hot Bhabhi Ki Chudai

भाभी ट्रेन से लेकर घर तक चोदा | Bhabhi Ki Train Me Chudaai Ki Kahani

Related Posts

Report this post

Leave a Comment