बेटे ने मम्मी को अपना अगला शिकार बनाया-2

Mummy son sex story: हेलो दोस्तों, मैं नील, वापस आ गया हूँ अपनी कहानी का दूसरा हिस्सा लेकर। आपने पिछले भाग में पढ़ा कि कैसे नेहा दीदी और मैं रात-दिन चुदाई के मज़े ले रहे थे। दीदी ने मम्मी से उनकी उदासी का राज पूछा, लेकिन मम्मी ने पूरी बात नहीं बताई। अब इस भाग में कहानी और गर्म होने वाली है, क्योंकि अब मम्मी की ज़िंदगी में एक नया मोड़ आने वाला है।

कहानी का पिछला भाग: बेटे ने मम्मी को अपना अगला शिकार बनाया-1

नेहा दीदी मम्मी के सामने बैठी थीं, उनकी आँखों में जिज्ञासा और चिंता दोनों थीं। दीदी ने मम्मी का हाथ पकड़कर फिर कहा, “मम्मी, प्लीज़ बताइए ना। आपने मेरी कसम खाई है, अब सच-सच बताना होगा।”

मम्मी ने गहरी साँस ली, उनकी आँखें थोड़ी नम हो गईं। “ठीक है, नेहा, मैं बताती हूँ। लेकिन तू ये बात किसी को नहीं बताएगी, वादा कर।”

“पक्का मम्मी, मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगी,” दीदी ने तुरंत वादा किया।

मम्मी ने धीरे से बोलना शुरू किया, “बात ये है, नेहा, कि तेरे पापा अब मुझसे पहले जैसा प्यार नहीं करते। वो दिन-रात बस अपने काम में डूबे रहते हैं। मैं हर रात उनका इंतज़ार करती हूँ कि शायद वो आएँ, मुझसे बात करें, मुझे प्यार करें, मेरे साथ वक्त बिताएँ। लेकिन ऐसा कुछ होता ही नहीं। मैं अकेली पड़ी रहती हूँ। कई बार मन करता है कि किसी से अपनी बात शेयर करूँ, लेकिन किससे कहूँ? इसीलिए मैं बोलते-बोलते रुक जाती हूँ।”

दीदी मम्मी की बात सुनकर हैरान थीं। “मम्मी, आप मुझसे तो ये सब कह सकती हैं। मैं आपकी बेटी हूँ। अब आप वादा करो कि अगर कोई भी ऐसी बात होगी, तो आप मुझसे ज़रूर कहेंगी। मैं आपको समझूँगी और आपका साथ दूँगी।”

मम्मी ने हल्की सी मुस्कान दी। “थैंक यू, बेटा। तू इतना समझती है, इसका दिल से शुक्रिया। मैं अब तुझसे सब कुछ शेयर करूँगी।”

फिर दीदी ने मम्मी को गले लगाया। मम्मी ने भी दीदी को ज़ोर से गले लगाया। ये गले लगना थोड़ा अलग था। मम्मी ने दीदी को इतनी देर तक गले लगाए रखा कि दीदी को हँसते हुए कहना पड़ा, “मम्मी, अब छोड़ो ना, कितना टाइट पकड़ लिया!”

मम्मी ने हँसकर कहा, “बेटा, आज इतना अच्छा लग रहा था। ध्यान ही नहीं रहा।”

इसके बाद दीदी मम्मी को बाय बोलकर कॉलेज चली गईं। दिनभर कुछ ख़ास हुआ नहीं। रात को जब सब सो गए, मैं और दीदी फिर दीदी के रूम में मिले। जैसे ही मैंने दीदी को गले लगाया, उनकी नरम-नरम चूचियाँ मेरे सीने से टकराईं। दीदी ने मुझे देखकर कहा, “नील, आज मम्मी ने मुझे वही गले लगाया था, जैसा तू अभी कर रहा है। और हाँ, मम्मी ने बताया कि पापा अब उनसे प्यार नहीं करते। शायद उन्हें भी सेक्स की कमी खल रही है।”

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मैंने दीदी की कमर पकड़कर उन्हें और करीब खींचा। “हाँ दी, बिना चुदाई के तो कोई भी उदास हो जाएगा। शायद मम्मी को भी लंड की ज़रूरत है।”

दीदी ने शरारती अंदाज़ में मेरी तरफ देखा। “हाँ, ऐसा ही लगता है। लेकिन अब क्या करें?”

मैंने दीदी को बेड पर लिटाया और उनके ऊपर चढ़ गया। “दी, अगर तुम बुरा ना मानो, तो एक बात बोलूँ?”

दीदी ने मेरे होंठों पर एक गहरा चुम्मा लिया और बोली, “बोल ना, मेरी जान।”

मैंने धीरे से कहा, “जैसे तुम सेक्स के लिए तरस रही थीं, वैसे ही मम्मी भी तरस रही हैं। क्यों ना हम उन्हें भी अपने साथ जोड़ लें? घर की बात घर में रहेगी, और मम्मी भी खुश हो जाएँगी।”

दीदी ने एक पल सोचा, फिर बोली, “मम्मी के हिसाब से तो ये गलत होगा। लेकिन एक औरत के हिसाब से देखूँ, तो ये सही लगता है।”

बातें करते-करते हम दोनों ने एक-दूसरे के कपड़े उतार दिए। दीदी सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थीं, और मैं सिर्फ़ अपने लोअर में। मेरा 7 इंच का लंड पहले से ही खड़ा था। दीदी ने मेरे लंड को पकड़ लिया और हँसते हुए बोली, “लगता है इस लंड को अब मुझे शेयर करना पड़ेगा। एक बेटी होने के नाते मम्मी की मदद तो करनी ही पड़ेगी।”

मैंने हँसकर कहा, “हाँ दी, मम्मी के लिए इतना तो बनता है। और इससे हमें भी और मज़ा आएगा। वैसे भी पापा तो अब ज्यादातर बाहर ही रहते हैं।”

दीदी ने मेरे लंड को और ज़ोर से पकड़ा और बोली, “हाँ, बहुत मज़ा आएगा। ठीक है, फिर ये फाइनल कि हम मम्मी को भी जोड़ेंगे। लेकिन अभी अपनी बहन की चूत की आग बुझा, फिर मम्मी के बारे में सोचेंगे।”

मैंने दीदी की ब्रा उतार दी। उनकी 34 साइज़ की चूचियाँ बाहर आ गईं। मैंने उनके निप्पल्स को मुँह में लिया और चूसने लगा। “आह्ह… नील… और ज़ोर से चूस… उम्म्म…” दीदी की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मैंने एक हाथ से उनकी पैंटी के ऊपर से उनकी चूत को सहलाना शुरू किया। दीदी की चूत पहले से ही गीली थी। मैंने उनकी पैंटी उतारी और उनकी चिकनी चूत को देखकर मेरा लंड और सख्त हो गया।

मैंने दीदी को बेड पर लिटाया और उनकी टाँगें फैलाईं। उनकी चूत की गुलाबी पंखुड़ियाँ मेरे सामने थीं। मैंने अपनी जीभ से उनकी चूत को चाटना शुरू किया। “आह्ह… नील… उफ्फ… कितना मज़ा आ रहा है…” दीदी की सिसकारियाँ और तेज हो गईं। मैंने उनकी चूत के दाने को चूसा और अपनी एक उंगली अंदर डाल दी। दीदी की चूत इतनी गीली थी कि मेरी उंगली आसानी से अंदर-बाहर हो रही थी।

“नील… अब और मत तड़पाओ… अपना लंड डाल दो… आह्ह…” दीदी ने मुझसे मिन्नत की। मैंने दीदी को 69 की पोजीशन में लाया। मैं उनकी चूत चाट रहा था, और दीदी मेरा लंड मुँह में लेकर चूस रही थीं। “उम्म… दी, तुम तो लंड चूसने में मास्टर हो…” मैंने सिसकारी भरी। दीदी ने मेरे लंड को गले तक लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगीं।

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कुछ देर बाद मैंने दीदी को पलटा और उनकी टाँगें अपने कंधों पर रखीं। मैंने अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर रखा और धीरे से अंदर धकेला। “आह्ह… नील… कितना मोटा है तेरा लंड… उफ्फ…” दीदी की सिसकारियाँ और तेज हो गईं। मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। हर धक्के के साथ दीदी की चूचियाँ हिल रही थीं। “नील… और ज़ोर से… फाड़ दे मेरी चूत को…” दीदी चिल्ला रही थीं।

मैंने स्पीड बढ़ाई और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। “पच… पच… पच…” की आवाज़ें कमरे में गूँज रही थीं। दीदी की चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। मैंने दीदी को घोड़ी बनाया और पीछे से उनका भोसड़ा चोदने लगा। “आह्ह… नील… और ज़ोर से… उफ्फ… कितना मज़ा आ रहा है…” दीदी की सिसकारियाँ मुझे और जोश दिला रही थीं। मैंने उनकी कमर पकड़ी और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे।

करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मैंने दीदी की चूत में ही अपना माल छोड़ दिया। “आह्ह… नील… कितना गर्म है तेरा माल…” दीदी ने सिसकारी भरी। हम दोनों थककर बेड पर लेट गए। दीदी मेरे सीने पर सिर रखकर बोली, “नील, अब मम्मी को भी ऐसा ही मज़ा देना होगा।”

रात को हमने एक प्लान बनाया। अगले दिन दीदी जल्दी कॉलेज चली गईं। जाते-जाते मम्मी से बोलीं, “मम्मी, नील को ज़रूर उठा देना। वो बहुत गहरी नींद में सोता है। ज़ोर से हिलाना पड़ेगा।”

दीदी ने मुझे पहले ही उठा दिया था और एक लंबा चुम्मा देकर गई थीं। “नील, अब तू सोने की एक्टिंग करना। देखते हैं मम्मी क्या करती हैं,” दीदी ने शरारती अंदाज़ में कहा।

सुबह मम्मी मुझे उठाने मेरे रूम में आईं। मैं सिर्फ़ लोअर में था, बिना अंडरवेयर के। मेरा लंड पहले से ही खड़ा था, और लोअर में साफ दिख रहा था। मम्मी ने मेरे लंड को देखा और कुछ देर रुक गईं। फिर उन्होंने मुझे हिलाकर उठाने की कोशिश की। मैंने एक्टिंग की और नहीं उठा। मैंने अपने लंड को हल्का सा हिलाया, जिसे मम्मी और ध्यान से देखने लगीं। वो मेरे और करीब आईं, मेरे लंड को गौर से देखा, और फिर मुझे ज़ोर से हिलाकर उठा दिया। “नील, उठ जा, देर हो रही है,” कहकर मम्मी जल्दी से चली गईं।

मैं उठा और तैयार होकर नीचे आया। मम्मी किचन में थीं। मैंने पीछे से जाकर मम्मी को गले लगाया। मेरा खड़ा लंड उनकी गाँड से टच हो रहा था। मम्मी ने कुछ नहीं कहा, बस चुप रही। मैंने थोड़ा और टाइट गले लगाया और उनकी पीठ को सहलाने लगा।

मम्मी ने धीरे से कहा, “बेटा, ये क्या कर रहा है?”

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मैंने मासूमियत से कहा, “बस आपको गले लगा रहा हूँ, मम्मी।”

“लेकिन तूने पहले कभी ऐसा नहीं किया,” मम्मी ने थोड़ा हिचकते हुए कहा।

“तो पहले नहीं किया, तो अब नहीं कर सकता? अगर आपको अच्छा नहीं लगा, तो नहीं करूँगा,” मैंने कहा।

मम्मी ने हल्की सी मुस्कान दी। “नहीं बेटा, अच्छा लगा। और आज तो पहले से भी ज़्यादा अच्छा लगा।”

मम्मी की आवाज़ में एक अजीब सी खुशी थी। मैंने मौका देखकर पूछा, “तो मैं ऐसा कर सकता हूँ ना?”

मम्मी ने हँसते हुए कहा, “हाँ, बेटा, गले लगाने में कोई दिक्कत नहीं। लेकिन आज जैसा किया, वैसा किसी के सामने मत करना।”

मैंने हाँ में सिर हिलाया और बोला, “लव यू मम्मी!” मम्मी ने भी कहा, “लव यू टू, नील।”

फिर हम दोनों ने ब्रेकफास्ट साथ किया। ब्रेकफास्ट के दौरान मैंने कहा, “मम्मी, आज मैं आपको खिलाऊँ?”

मम्मी ने हैरानी से देखा। “क्या बात है, बेटा? आज मम्मी पर इतना प्यार क्यों?”

मैंने गंभीर होकर कहा, “मम्मी, मैं देखता हूँ कि आप पापा को बहुत मिस करती हैं। वो अब ज्यादातर बाहर रहते हैं। मैंने सोचा कि अब मैं आपको पापा की कमी नहीं महसूस होने दूँगा। मैं आपको वो सारा प्यार दूँगा जो पापा को देना चाहिए।”

मम्मी की आँखें नम हो गईं। वो उठीं और मुझे गले लगाया। इस बार उनका गले लगाना और गहरा था। मेरे सीने से उनकी चूचियाँ दब रही थीं, और मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा। मम्मी ने कहा, “बेटा, तू मेरा इतना ख्याल रखता है।”

मैंने उनके आँसू पोंछे और गले लगाते हुए कहा, “मम्मी, अब आपको जो भी चाहिए, मुझसे कह देना। अब से मैं ही आपका सब कुछ हूँ।”

मम्मी की साँसें तेज हो रही थीं। मेरा लंड उनकी चूत के पास टच हो रहा था। मम्मी ने हल्का सा हिलने की कोशिश की, लेकिन गले नहीं छोड़ा। कुछ देर बाद हमने गले लगाना छोड़ा और ब्रेकफास्ट खत्म किया। फिर मैं कॉलेज जाने से पहले मम्मी के फोन में कुछ सेट कर दिया।

अगले भाग में जानिए कि नील ने मम्मी के फोन में क्या किया, और कैसे मम्मी और नील और करीब आए। अपनी राय और कमेंट्स ज़रूर दें।

कहानी का अगला भाग:  बेटे ने मम्मी को अपना अगला शिकार बनाया-3

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