बारिश की रात मम्मी ने मुझे बना दिया पेशाब पीने वाला गुलाम कुत्ता

Mummy ne peshab pilaya sex story: हैलो दोस्तों, मेरा नाम लक्की है, मैं चौबीस साल का हूँ, कद पाँच फुट नौ इंच और मेरा लंड पाँच इंच लंबा और दो इंच मोटा है। पापा दुबई में नौकरी करते हैं, इसलिए घर में सिर्फ मैं और मम्मी ही रहते हैं। मम्मी बयालीस साल की हैं, पाँच फुट पाँच इंच की गोरी-चिट्टी, हल्की मोटी, पर फिगर कमाल का है, छत्तीस-अट्ठाईस-छत्तीस, जब वो मटकती हुई चलती हैं तो पूरा मोहल्ला उनकी गोल-गोल गांड़ और उछलते बूब्स को घूरता रहता है। पापा महीने में सिर्फ एक बार आते हैं और तब मम्मी की इतनी जबरदस्त चुदाई करते हैं कि मम्मी को किसी और की जरूरत ही नहीं पड़ती।

उस दिन शाम से तेज बारिश शुरू हो गई थी, मैं घर में अकेला था और लैपटॉप पर हॉट पॉर्न देखते-देखते इतना गरम हो गया था कि मुठ मारने लगा था। तभी मम्मी का कॉल आया, मैं इतना मदहोश था कि कॉल नहीं उठा पाया, वीर्य निकलने के बाद साफ करके कॉल बैक किया तो मम्मी बोलीं कि वो अपनी सहेली के यहाँ हैं, बारिश बहुत तेज है, आज घर नहीं आ पाएंगी। मैंने कहा ठीक है, पर घर में खाना नहीं था, इसलिए मुझे उनकी सहेली के यहाँ ही जाना पड़ा। रात के दस बज रहे थे, मैं पूरी तरह भीगते हुए वहाँ पहुँचा, दरवाजा मम्मी ने ही खोला। मुझे देखकर वो हंस पड़ीं और बोलीं, “अरे बेटा, तू तो पूरा तरबतर हो गया, चल अंदर आ, मैं तेरे लिए टॉवल लाती हूँ।”

मैंने सफेद शर्ट पहनी थी और बनियान कभी नहीं पहनता, भीगी शर्ट से मेरी छाती और छोटे-छोटे निप्पल बिल्कुल साफ दिख रहे थे, मम्मी की नजर उन पर ठहर गई और उनके होंठों पर शरारती मुस्कान खेल गई। मुझे शर्म से पानी-पानी हो गया। खाना खाकर मैं गेस्ट रूम में चला गया, मम्मी बोलीं, “आज मैं भी यहीं रुक रही हूँ, तू भी यहीं सो जा।” मैंने टीवी ऑन किया, फैशन टीवी लगा दिया, हॉट मॉडल्स के वीडियो देखते-देखते मैंने कंबल ओढ़ लिया, सारे कपड़े उतार दिए, लंड पकड़कर सहलाने लगा और हल्की-हल्की सिसकारियाँ लेने लगा। तभी दरवाजा खुला और मम्मी अंदर आ गईं। मैं घबरा गया, लंड हाथ में ही था, किसी तरह कंबल खींच लिया पर मम्मी ने सब देख लिया था।

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फिर भी वो नॉर्मल बनकर मेरे पास बैठ गईं, जानबूझकर झुककर पानी का ग्लास उठाने लगीं, नाइटी का गला इतना गहरा था कि उनके गोरे-गोरे बूब्स ब्रा से बाहर आने को बेकरार थे। फिर शरमाते हुए बोलीं, “बेटा मुझे अकेले सोने में डर लगता है, आज मेरे साथ सो जाओ ना।” मैंने तुरंत हाँ कर दी। हम एक ही बेड पर लेट गए, बातें करते-करते मम्मी बाथरूम गईं, मैं चुपके से की-होल से झांकने लगा। मम्मी ने साड़ी का पल्लू गिराया, ब्लाउज खोला तो उनके बड़े-बड़े रसीले बूब्स क्रीम कलर की ब्रा से उछल-उछल कर बाहर आने लगे, फिर पेटीकोट नीचे किया तो हैरानी हुई, पैंटी नहीं पहनी थी, एकदम चिकनी, गोरी, क्लीन शेव चूत साफ दिख रही थी। मैं वहीं दरवाजे पर लंड पकड़कर झड़ गया। मम्मी ने नाइटी पहनी और बाहर आ गईं, मैं तेजी से बेड पर लेट गया।

मम्मी बेड पर आईं और धीरे से बोलीं, “उठ लक्की, मुझे सब पता है, तू गेस्ट रूम में क्या कर रहा था और अभी बाथरूम के दरवाजे पर भी देख लिया मैंने।” मैं डर से काँपने लगा। मम्मी का चेहरा एकदम सख्त हो गया, अचानक मेरे गाल पर जोरदार थप्पड़ पड़ा, फिर एक और, फिर एक और। वो गुस्से से बोलीं, “साला मादरचोद, अपनी मम्मी को नंगा देखता है? आज से मैं तेरी मालकिन हूँ और तू मेरा कुत्ता है, समझा?” मैंने सहमते हुए कहा, “जी मालकिन।” फिर थप्पड़ों की बौछार शुरू हो गई, मम्मी ने सारे कपड़े उतरवा लिए, मेरी चड्डी एक झटके में उतारकर मेरे मुँह में ठूंस दी और मेरे ऊपर आकर खड़ी हो गईं, उनकी हील मेरे सीने पर दब रही थी।

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“मुझे क्यों देख रहा था हरामी?” मैं चुप रहा तो उन्होंने हील मेरे लंड पर रखकर कुचला, मैं चीख पड़ा, “आह्ह्ह मालकिन, आपकी चूत देखनी थी।” मम्मी जोर से हंस पड़ीं और नाइटी उतार फेंकी, पूरी नंगी खड़ी हो गईं, उनका गोरा बदन चाँदनी में चमक रहा था। मेरे देखते ही देखते मेरा लंड फट पड़ा और वीर्य फर्श पर गिर गया। मम्मी हंसते हुए बोलीं, “साला दो मिनट भी नहीं टिका, अब चाटकर साफ कर अपना गंदा माल, एक बूंद भी बची तो लंड काट दूंगी।” मैं घुटनों के बल बैठकर अपना ही वीर्य चाटकर साफ करने लगा।

फिर मम्मी मेरे मुँह पर अपनी चूत रखकर बोलीं, “अब मेरी पेशाब पी कुत्ते।” और बिना इंतजार किए गरम-गरम मूत की तेज धार मेरे मुँह में छोड़ दी, मैं गटगट गटगट पी गया। उसके बाद मम्मी मेरे मुँह पर अपनी गांड़ रखकर बैठ गईं और बोलीं, “गांड चाटकर साफ कर।” मैंने जीभ अंदर तक डालकर दोनों छेद चाटे, मम्मी की सिसकारियाँ कमरे में गूंज रही थीं, “आह्ह्ह… अच्छा चाट रे कुत्ते… ह्ह्ह… और गहराई में… ओह्ह्ह येस… आह्ह्ह ह ह ह ह्हीईईई…”

फिर मम्मी ने मेरा लंड हाथ में लिया, दो झटकों में खड़ा कर दिया और झुककर मुँह में ले लिया, ग्ग्ग्ग… ग्ग्ग्ग… गी… गी… गों… गों… गोग… गले तक ले रही थीं, मैं पागल होकर चीख रहा था, “आआआह्ह्ह मालकिन… आह्ह्ह…” फिर मम्मी मेरे ऊपर चढ़ गईं, अपनी चूत में मेरा लंड डाला और उछलने लगीं, उनके बूब्स मेरे मुँह पर मार रहे थे, वो चिल्ला रही थीं, “आह्ह्ह… चोद अपनी मम्मी को… ओह्ह्ह येस… तेज… आह्ह्ह ह ह ह ह्हीईईई… ऊउइईई…”

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फिर बोलीं, “डॉगी बना अपनी मालकिन को।” मैंने उन्हें घोड़ी बनाया और पीछे से एक जोरदार झटका मारा, पूरा लंड चूत में घुस गया, मम्मी चीख उठीं, “आआआआअह्ह्ह… फाड़ दी रे… चोद जोर से… आह्ह्ह… ह्ह्ह… ऊउइईई… तेरे पापा में इतना दम नहीं… फाड़ दे आज अपनी मम्मी की चूत… आआआह्ह्ह्ह…” मैं पैंतालीस मिनट तक लगातार पेलता रहा, मम्मी पाँच बार झड़ीं, हर बार उनकी चूत से गरम रस की बौछारें निकलती रहीं, आखिर में बोलीं, “अंदर ही डाल अपना सारा माल कुत्ते।” मैंने उनकी चूत में गाढ़ा वीर्य भर दिया।

फिर मम्मी ने मेरा लंड चाटकर साफ किया और मैंने उनकी चूत चाटकर सारा माल पी लिया। मुझे पता नहीं था कि मम्मी ने पूरी रात कैमरे पर रिकॉर्ड कर लिया था। सुबह उठते ही बोलीं, “अब जिंदगी भर मेरी गुलामी करेगा, वरना ये वीडियो पापा और पूरे रिश्तेदारों को भेज दूंगी।” आज तक मैं मम्मी का पालतू कुत्ता हूँ, वो मुझे अपनी सहेलियों के घर ले जाती हैं और वहाँ मैं सबकी चूत-गांड चाटता हूँ, सबका पेशाब पीता हूँ, सबके पैर चाटता हूँ। अब मैं सिर्फ मम्मी और उनकी सहेलियों का निजी गंदा पेट हूँ।

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4 thoughts on “बारिश की रात मम्मी ने मुझे बना दिया पेशाब पीने वाला गुलाम कुत्ता”

  1. घोड़ी और बहन की लौड़ी तब
    तक बेचैन रहती है जब तक उन पर
    चढ़कर सही से घुड़सवारी ना कर लो😛
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