नमस्ते, मेरा नाम सागर है। ये कहानी है नताशा की, जो एक बेहद खूबसूरत औरत है, जिसकी उम्र 28 साल है। उसका फिगर 36-28-36 है, और उसकी गांड इतनी मस्त है कि कोई भी उसे देखकर पागल हो जाए। उसकी कमर पतली, गोरी और चिकनी है, और उसकी नाभि इतनी गहरी और गोल है कि हर मर्द का दिल ललचा जाए। नताशा का चेहरा गोल, आँखें बड़ी और होंठ रसीले हैं, जो उसे और भी आकर्षक बनाते हैं। वो हमेशा साड़ी पहनती है, जिससे उसका गठीला बदन और भी निखरता है। उसका पति, रोहन, 32 साल का एक हैंडसम और स्मार्ट बिजनेसमैन है, जो नताशा से बहुत प्यार करता है। दोनों की सेक्स लाइफ भी शानदार थी, और नताशा अपने वैवाहिक जीवन से पूरी तरह खुश थी। लेकिन एक ऐसी घटना हुई, जिसने उसकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया।
नताशा हमारे घर के सामने वाली गली में रहती थी। उसका घर एक छोटा-सा लेकिन सुंदर बंगला था, जिसके बाहर हमेशा फूलों की क्यारियाँ सजी रहती थीं। गर्मियों का मौसम था, और उस दिन दोपहर का समय था। सूरज अपनी पूरी ताकत से चमक रहा था, और गली में सन्नाटा छाया हुआ था। रोहन सुबह ही ऑफिस चला गया था, और नताशा घर में अकेली थी, अपने रोज़मर्रा के काम निपटा रही थी। तभी बाहर से एक कर्कश आवाज़ आई, “माई, थोड़ा आटा दे दो!” नताशा ने रसोई से आटा निकाला और बाहर गेट की ओर गई। वहाँ उसने देखा कि एक 62 साल का बूढ़ा भिखारी खड़ा था। वो मोटा था, काला रंग, गंदे कपड़े पहने हुए, और उसकी आँखें नताशा को घूर रही थीं। उसकी दाढ़ी उलझी हुई थी, और चेहरे पर झुर्रियाँ साफ दिख रही थीं। नताशा को पहले तो गुस्सा आया कि ये बूढ़ा उसे ऐसे क्यों घूर रहा है, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। उसने चुपचाप आटा दिया, और बूढ़ा उसे लेके चला गया।
उस दिन के बाद, वो बूढ़ा रोज़ नताशा के घर आने लगा। उसका नाम था रामू, जो गली के आखिरी छोर पर एक झोपड़ी में रहता था। रामू की जिंदगी कठिन थी; वो सालों से भीख माँग रहा था और कभी-कभार मजदूरी करता था। लेकिन नताशा को देखकर उसके मन में कुछ और ही चल रहा था। वो रोज़ आता, आटा लेता, और नताशा को घूरता। पहले नताशा को ये सब अजीब लगता था, लेकिन धीरे-धीरे उसे इसकी आदत पड़ने लगी। उसे लगता कि एक बूढ़ा सिर्फ देखता है, इसमें क्या बुराई है? आखिरकार, उसकी खूबसूरती की तारीफ तो हर कोई करता था।
एक दिन नताशा कपड़े धो रही थी। उसकी साड़ी पानी से भीग गई थी, और उसका गोरा पेट साफ दिख रहा था। उसकी नाभि, जो गहरी और गोल थी, साड़ी के नीचे से चमक रही थी। जैसे ही वो गेट पर आटा देने पहुंची, रामू की आँखें उसकी नाभि पर अटक गईं। वो बार-बार उसे घूर रहा था, जैसे उसने जिंदगी में पहली बार इतनी खूबसूरत चीज़ देखी हो। नताशा ने ये नोटिस किया और थोड़ा गुस्से में बोली, “क्या देख रहे हो?” रामू ने हड़बड़ाते हुए कहा, “कुछ नहीं, माई!” और चुपचाप चला गया। लेकिन नताशा को कहीं न कहीं ये अच्छा लगने लगा। उसे अपनी खूबसूरती पर गर्व था, और रामू का उसे घूरना एक तरह से उसकी तारीफ जैसा था। अब वो जानबूझकर ऐसी साड़ी पहनने लगी, जिसमें उसकी नाभि दिखे।
एक दिन रामू ने कहा, “माई, मुझे प्यास लगी है।” नताशा पानी लेने रसोई गई। रामू उसकी गांड को घूर रहा था, और अपने लुंगी के नीचे अपने लंड को सहलाने लगा। नताशा जब पानी लेकर लौटी और उसे देने के लिए झुकी, तो उसका पल्लू नीचे गिर गया। उसकी गहरी क्लीवेज साफ दिख रही थी। रामू का लंड लुंगी में तंबू बन गया। वो नताशा की चुचियों को घूरने लगा। नताशा ने ये देखा, जल्दी से पल्लू ठीक किया, और रामू को पानी देकर चुपचाप भेज दिया। लेकिन उसकी आँखों में एक अजीब-सी चमक थी। उसे रामू का उसे इस तरह देखना अब बुरा नहीं लग रहा था।
कई दिन तक रामू नहीं आया। नताशा को ये थोड़ा अजीब लगा, लेकिन उसने ज्यादा ध्यान नहीं दिया। फिर एक दिन जब वो वापस आया, नताशा के चेहरे पर एक हल्की-सी मुस्कान थी। उसने जानबूझकर साड़ी इस तरह बाँधी कि उसकी नाभि साफ दिखे। उसने रामू से पूछा, “इतने दिन कहाँ थे?” रामू ने बताया कि वो बीमार था। दोनों ने थोड़ी देर बात की, और धीरे-धीरे उनकी बातचीत बढ़ने लगी। अब रामू रोज़ आता, और नताशा उसके साथ 10-15 मिनट गप्पे मारती। दोनों में अब एक अजीब-सा रिश्ता बनने लगा था। रामू कभी-कभी मजाक भी करता, और नताशा हँस पड़ती।
एक दिन रामू ने नताशा से कहा, “माई, तुम्हारा पति बहुत लकी है।” नताशा ने हँसते हुए पूछा, “क्यों?” रामू ने कहा, “इतनी सुंदर बीवी जो मिली है उसे!” ये कहते ही उसने नताशा की गांड पर हल्के से हाथ फेर दिया। नताशा को गुस्सा आ गया। उसने रामू को डाँटा, “दोबारा ऐसा किया तो बहुत बुरा होगा!” रामू चुपचाप चला गया। अगले दिन जब वो आया, नताशा ने उसे ठीक से देखा भी नहीं। उसने आटा दिया और अंदर चली गई। कई दिन तक यही सिलसिला चला। नताशा गुस्से में थी, लेकिन रामू बार-बार माफी माँगता। एक दिन उसने कहा, “माई, गलती हो गई। आगे से ऐसा नहीं होगा।” नताशा ने सोचा और उसे माफ कर दिया।
अब रामू धीरे-धीरे नताशा के घर के अंदर तक आने लगा। वो किचन में बैठकर उससे बातें करता। एक दिन नताशा ने मजाक में पूछा, “तुम्हारा जन्मदिन कब है?” रामू ने झूठ बोला, “परसों है।” नताशा ने हँसते हुए कहा, “बोलो, क्या गिफ्ट चाहिए?” रामू ने कहा, “जो चाहे दे देना!” और हँसते हुए चला गया। अगले दिन जब वो आया, नताशा ने फिर साड़ी इस तरह बाँधी कि उसकी नाभि दिखे। रामू ने उसकी नाभि को देखा और कहा, “माई, मुझे कल ये चाहिए!” ये कहते हुए उसने नताशा की नाभि पर उंगली फेर दी। नताशा को ये अच्छा नहीं लगा। उसने मना कर दिया। रामू ने कहा, “ठीक है, मैं कभी गिफ्ट नहीं माँगूँगा।” नताशा को उस पर दया आ गई। उसने कहा, “सोचूँगी।”
अगले दिन, रामू सुबह-सुबह खुश-खुश आया। नताशा किचन में काम कर रही थी। वो सीधा किचन में चला गया। नताशा हैरान थी, लेकिन उसने रामू को जन्मदिन की बधाई दी और 100 रुपये दिए, “कुछ ले लेना।” लेकिन रामू ने कहा, “मुझे ये नहीं, कुछ और चाहिए।” नताशा समझ गई। उसने कहा, “ठीक है, तुम एक बार मेरी नाभि टच कर सकते हो, बस!” रामू ने कहा, “माई, आज मेरा जन्मदिन है। मुझे कुछ स्पेशल चाहिए। मैं तुम्हारी नाभि को kiss करना चाहता हूँ।” नताशा ने मना कर दिया। रामू ने बहुत मिन्नतें कीं, लेकिन नताशा नहीं मानी। जब वो उदास होकर जाने लगा, नताशा को दया आ गई। उसने कहा, “ठीक है, लेकिन सिर्फ एक बार, और किसी को बताना नहीं।”
रामू की आँखों में चमक आ गई। नताशा ने अपनी साड़ी हटाई। रामू जमीन पर बैठ गया और उसकी नाभि पर उंगली फेरने लगा। नताशा ने कहा, “जल्दी करो!” रामू ने उसकी गोरी कमर पकड़ी और उसकी नाभि को kiss किया। नताशा के शरीर में करंट-सा दौड़ गया। ये पहली बार था जब किसी ने उसकी नाभि को kiss किया था। रामू पागलों की तरह उसकी नाभि को चूमने लगा। उसे इतना मज़ा आ रहा था कि उसने रामू को रोका नहीं। रामू ने अपनी जीभ उसकी नाभि के अंदर डाली और 15 मिनट तक उसे चाटता रहा। नताशा का पेट गीला हो गया था। उसने रामू को हटाया और कहा, “अब जाओ।” रामू चला गया, लेकिन नताशा को कुछ अजीब-सा महसूस हो रहा था। उसने अपनी पैंटी चेक की, और वो पूरी गीली थी। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि एक बूढ़े ने उसे इतना उत्तेजित कर दिया। वो दौड़कर बेडरूम गई और अपनी चूत में उंगली करने लगी। उसकी जिंदगी में पहली बार इतना सारा पानी निकला था।
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अगले दिन जब रामू आया, नताशा उससे आँखें नहीं मिला पा रही थी। रामू ने कहा, “माई, कुछ गलत नहीं किया हमने।” उसने 20 मिनट तक नताशा को समझाया, और वो धीरे-धीरे नॉर्मल हो गई। रामू ने कहा, “तुम्हारी नाभि बहुत सुंदर है।” नताशा मुस्कुराने लगी। रामू ने कहा, “मुझे फिर से तुम्हारी नाभि kiss करनी है।” ये कहते हुए उसने उसकी नाभि पर उंगली फेर दी। नताशा ने कुछ नहीं कहा। रामू फिर जमीन पर बैठ गया और उसकी नाभि चाटने लगा। नताशा को बहुत मज़ा आ रहा था। रामू ने ये नोटिस कर लिया। उसने कहा, “माई, मैं थक गया हूँ। तुम बेड पर लेट जाओ, तब मैं kiss करूँगा।” नताशा बेड पर लेट गई। रामू ने उसका पल्लू हटाया और उसकी नाभि को चूमने लगा। उसने नताशा की जांघ पर हाथ रखा और उसकी नाभि चाटता रहा। नताशा को डर था कि कहीं बात आगे न बढ़ जाए। उसने उठकर कहा, “बस, अब बहुत हुआ। तुम जाओ।” रामू ने कहा, “ठीक है, लेकिन एक वादा करो कि रोज़ मुझे नाभि kiss करने दोगी।” नताशा ने हाँ कह दिया।
अब रोज़ रामू नताशा की नाभि kiss करता। नताशा को भी ये अच्छा लगने लगा। वो अब आराम से रामू को घर में आने देती थी। रामू उसके सामने ही अपने लंड को सहलाता था। एक दिन नताशा ने नोटिस किया कि उसका लंड 11 इंच का था। उसका मुँह खुला रह गया। रोहन का लंड सिर्फ 6 इंच का था। इतना बड़ा लंड उसने पहली बार देखा था। रामू उसकी नाभि चाटता, और अब वो नताशा की बॉडी पर कहीं भी हाथ लगा देता। एक दिन उसने नताशा की चुची दबा दी। नताशा ने कहा, “ऐसा मत करो।” रामू ने कहा, “ऊपर से ही तो दबाया, इसमें क्या बुराई है?” धीरे-धीरे वो रोज़ नताशा की चुचियाँ और गांड दबाने लगा।
एक दिन नताशा किचन में काम कर रही थी। रामू पीछे से आया और उसकी चुचियाँ पकड़ लीं। उसका लंड नताशा की गांड को टच कर रहा था। वो उसकी कमर पर kiss करने लगा। नताशा ने पहली बार इतना बड़ा लंड अपनी गांड पर महसूस किया। रामू ऊपर से ही धक्के मारने लगा। नताशा हट गई और बोली, “ये क्या कर रहे हो?” रामू ने कहा, “मुझे पता है तुझे क्या चाहिए!” ये कहते हुए उसने अपना लंड बाहर निकाला। 11 इंच का काला, मोटा लंड देखकर नताशा का मुँह खुला रह गया। उसने कहा, “निकल जाओ यहाँ से!” लेकिन रामू ने कहा, “इतनी शरीफ क्यों बन रही है? मुझे पता है तुझे ये लंड चाहिए!” ये कहते हुए उसने नताशा को होंठों पर kiss करना शुरू कर दिया। रामू सातवें आसमान पर था। उसने जबरदस्ती नताशा का हाथ अपने लंड पर रखा और मुठ मारने लगा। नताशा छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन रामू नहीं रुका। उसने नताशा को गोद में उठाया और बेड पर पटक दिया।
रामू नंगा होकर नताशा के ऊपर चढ़ गया और उसके होंठ चूमने लगा। नताशा विरोध कर रही थी, लेकिन धीरे-धीरे चुप हो गई। रामू ने उसका ब्लाउज़ खोलना शुरू किया। नताशा ने रोका, लेकिन रामू ने जबरदस्ती उसकी ब्रा फाड़ दी। उसने जिंदगी में पहली बार इतनी खूबसूरत चुचियाँ देखी थीं। वो पागलों की तरह नताशा की चुचियाँ चूसने लगा। उसने नताशा के निप्पल काटने शुरू किए। 30 मिनट तक वो उसकी चुचियाँ चूसता और निप्पल काटता रहा। नताशा की चुचियाँ सख्त हो गई थीं, और उसे भी अब मज़ा आने लगा था। रामू ने उसका पेटीकोट खोल दिया। नताशा की दूध-सी गोरी जांघें देखकर वो उन पर टूट पड़ा। वो पागलों की तरह उसकी जांघें चूमने और चाटने लगा। नताशा की पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी। रामू ने उसकी पैंटी उतार दी और उसकी चूत देखकर पागल हो गया। उसकी चूत गुलाबी, चिकनी और पूरी गीली थी। रामू ने उसकी चूत को चाटना शुरू किया। उसकी जीभ नताशा की चूत के अंदर तक जा रही थी। नताशा सिसकारियाँ भरने लगी।
15 मिनट तक रामू ने नताशा की चूत चाटी। फिर उसने नताशा को अपना लंड चूसने को कहा। नताशा ने पहले मना किया, लेकिन रामू के कहने पर उसने उसका 11 इंच का लंड मुँह में लिया। उसका लंड इतना मोटा था कि नताशा का मुँह पूरा भर गया। 15 मिनट तक चूसने के बाद रामू उसके मुँह में ही झड़ गया। नताशा ने सारा माल निगल लिया। फिर रामू ने नताशा की टाँगें खोलीं और अपना 11 इंच का लंड उसकी चूत में घुसा दिया। नताशा की चीख निकल गई, “आह्ह्ह! रुक जाओ! लंड निकालो!” लेकिन रामू नहीं रुका। उसने जोर-जोर से धक्के मारने शुरू किए। नताशा की चूत टाइट थी, और इतना बड़ा लंड उसने कभी नहीं लिया था। दर्द के साथ-साथ उसे मज़ा भी आ रहा था। रामू ने एक घंटे तक अलग-अलग पोज़ में उसकी चूत मारी। कभी वो उसे मिशनरी में चोदता, कभी डॉगी स्टाइल में। आखिरकार, वो नताशा की चूत में ही झड़ गया। फिर उसने नताशा को उल्टा किया और उसकी गांड में अपना लंड घुसा दिया। नताशा की फिर चीख निकली, लेकिन रामू ने उसकी गांड भी फाड़ दी। उसकी गांड इतनी टाइट थी कि रामू को और मज़ा आया। वो जोर-जोर से उसकी गांड मारने लगा, और आखिरकार उसकी गांड में भी झड़ गया।
उस दिन के बाद, रामू और नताशा का रिश्ता बदल गया। अगले चार साल तक रामू रोज़ नताशा के घर आता और उसकी चूत और गांड के मज़े लेता। नताशा को भी अब उसका लंड इतना पसंद हो गया था कि वो उसे मना नहीं कर पाती। हर दिन वो नए-नए तरीकों से चुदाई करते। कभी किचन में, कभी बाथरूम में, कभी बेडरूम में। नताशा को यकीन नहीं हो रहा था कि उसने एक बूढ़े भिखारी के साथ ऐसा रिश्ता बना लिया। लेकिन रामू का 11 इंच का लंड और उसकी चुदाई की ताकत ने उसे पूरी तरह से दीवाना बना दिया था।