बाप खिलाड़ी बेटी महाखिलाड़िन- 9

इस सेक्स कहानी में पढ़ें बाप बेटी का गंदा सेक्स. बाप ने रिया का चुदक्कड़ बेटी वाला रूप देखा था. मगर बाप ने अपनी जवान बेटी से अपनी वो गंदी मनोकामनायें पूरी की जो वो अपनी बीवी से नहीं कर सका.

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दोस्तो, मैं उम्मीद करता हूं कि कहानी में आपको मजा आ रहा होगा. आपके मजे की अगली किश्त के साथ में एक बार फिर से आप लोगों के बीच में हूं.

बाप-बेटी की वासना से सराबोर इस सेक्स कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा था कि कैसे रमेश ने रिया की गांड को चोदने में कोई कसर नहीं छोड़ी. रिया की गांड चुदाई करते हुए उसने अपनी कई फेंटेसी पूरी की.

अब आगे:

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अगले दिन सुबह दोनों फ्रेश हो गए. तब रमेश ने रिया को पूरी तरह से नंगी होकर डांस करने को कहा।
रमेश ने म्यूजिक ऑन किया और एक बेहद सेक्सी गाना
एक तो कम ज़िन्दगानी
कमरे में बजने लगा।

रिया उस गाने की बीट पकड़ कर नाचने लगी। रिया को अपनी माँ से नाचने की कला विरासत में मिली थी। अब तो रमेश का बुरा हाल होने लगा।

इस गाने पर नाचते हुए रिया बेहद कामुक मूव्स कर रही थी जो कि उस भद्दे गाने की बोल से मिल रहे थे- जैसे अपने चूतड़ों को ज़ोर ज़ोर से हिलाना। चूचियों को उठा उठा कर हिलाना। होंठों को रगड़ना, आंखे मारना, अपनी चूत को वो इस सब के दौरान छुपाए हुए थी।

रमेश खुश भी था और हैरान भी अपनी रंडी बेटी का ये रूप देखकर।

थोड़ी देर बाद गाना बंद हो गया और रमेश ने ताली बजाई। रिया ने हंसकर हाथ के इशारे से धन्यवाद किया।

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फिर रमेश उसके पास आ गया और दूसरा गाना लगाया
भीगे होंठ तेरे … प्यासा दिल मेरा
इमरान हाशमी और मल्लिका वाला।

दोनों ही उस धुन पर नंगे होकर नाचने लगे। इस दौरान रमेश और रिया ने एक दूसरे को कितनी बार चूमा, सहलाया उसका कोई हिसाब नहीं था। दोनों बिल्कुल एक दूसरे में मग्न हो गए थे।

जब गाना खत्म हुआ तो रिया रमेश की कमर के आसपास कैंची बनाकर उसकी गोद में चढ़ी हुई थी। रिया को ऐसे ही उठाकर रमेश अब कमरे की ओर बढ़ चला। दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कराते हुए हांफ रहे थे।

रमेश रिया को कमरे में ले आया तो रिया ने रमेश से कहा- डैड आज का दिन यादगार बनाना होगा। तुम्हारे लण्ड की कसम, आज पूरा दिन चुदवाऊंगी. इसलिए आज हम तुम दोनों ही सेक्स की दवा खा लेते हैं।

रमेश- कहाँ रखे हुए हो जान सेक्स की दवा?
रिया- वहां रैक पर रखी है। आज के दिन की तैयारी है।
पहले उसने रिया को बिस्तर पर रखा. फिर वियाग्रा लाया. दोनों ने एक एक गोली खा ली.

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फिर रमेश को देख रिया बोली- ये देखो डैड, तुमको ये देखकर अच्छा लगेगा।
रमेश- क्या?
रिया ने अपनी चूत फैला कर दिखा दी.

रमेश- साली रंडी, आज दिनभर तुमको खूब चोदूंगा. तू टेंशन मत ले।
रिया- जैसे मन करे वैसे चोदो डैड। मैं तुम्हारी दासी हूं.
रमेश- ठीक है, बेड से उतर और कुतिया बन जा फिर।

रिया ने वैसे ही किया। वो कुतिया की तरह चौपाया हो गयी। फिर रमेश उसके बालों को पकड़कर उसको अपने कमरे में ले गया और रिया के गले में कुतिया वाला पट्टा पहना दिया जिसमें चेन भी लगी हुई थी ।

फिर वह रिया को किसी कुतिया की तरह खींचते हुए उसके कमरे में ले गया।
उसने पूछा- लिपस्टिक कहां है तुम्हारी?
रिया- वो वहां दराज़ में है।

इतना कहना था कि रमेश ने एक थप्पड़ उसके गाल पर जड़ दिया और बोला- कुतिया बोलती नहीं सिर्फ भौंकती है. जीभ बाहर लटकाती है। इशारों से बात कर हरामज़ादी कुत्ती कमीनी, तेरी मां को चोदूं भोसड़ीवाली, कुतिया की पिल्ली।

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रिया का चेहरा लाल हो उठा। मगर उसे समझ आ गया था कि रमेश शायद आज कोई नरमी नहीं बरतेगा। कहीं ना कहीं वो भी रमेश के हाथों जलील होना पसंद करती थी।

रिया- भौं-भौं … भौं-भौं … ठीक है?
रमेश- हां ये हुई ना बात, कुतिया साली।
रमेश ने लिपस्टिक निकाला और रिया के माथे पर हिंदी में लिखा- रंडी।

रमेश ने उसके सामने फर्श पर थूका और रिया से बोला- चाट ले इसे। रिया एक पालतू कुतिया की तरह लपलपाती जीभ से बिना एक पल हिचके थूक चाट गयी।
रमेश- और चाटेगी?

रिया- भौं-भौं वुफ.. (जरूर जरूर, हां)।
रमेश ने उसके खुले मुंह में थूक दिया।
रिया उसे अमृत समझ कर निगल गयी।

रमेश- रिया माई बिच, हमारा फोन ले आओ।

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आदेश पर रिया सुरेश का फोन अपने मुँह में उठा लाई. रिया की गांड को सहलाते हुए रमेश ने उससे फोन ले लिया. फिर रमेश ने रिया की कुछ तस्वीरें निकाली. रिया बिल्कुल कुतिया बनी हुई थी।
रमेश- तुम अब वापिस उठ सकती हो।

रिया उठकर रमेश के पास बैठ गयी।
फिर रमेश ने उससे पूछा- कैसा लगा रंडी बेटी ?
रिया- डैड आप बुरा तो नहीं मानोगे ना, या मुझे गलत तो नहीं समझोगे? मुझे गलत मत समझना। जो तुमने अभी किया उसमें मुझे बहुत मज़ा आया। आज तक मैंने ऐसे केवल ब्लू फिल्मों में देखा था.

रमेश- मैं बुरा क्यों मानूंगा? पगला गयी हो क्या? तुझे अगर मज़ा आया तो मुझे डबल मज़ा आया ये करने में।
रिया- मेरा हमेशा से इसी तरह चुदने का मन है। खूब गंदी चुदाई, गाली गलौच से भरी हुई चुदाई। आप मुझे एकदम घटिया सस्ती रंडी बनाकर चोदो। ऐसे चोदो कि कल सुबह मैं अपनी नज़रों से गिर जाऊं।

रिया- आप तो बहुत प्यार से चोदते हो। ना तो भद्दी भद्दी गालियां देते हो, ना मुझे जलील करते हो। मुझे अहसास दिलाओ कि मैं केवल चुदने के लिए ही बनी हूं. तुमने मुझे खरीद लिया है. अब मैं केवल तुम्हारे भोगने की चीज़ हूं. मेरे अंदर अपनी बेटी को नहीं एक कोठे की रंडी को देखो. आपको खुश …

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बीच में टोकते हुए रमेश बोला- एक मिनट … एक मिनट … तुम ये सब जो बोल रही हो, सच में बोल रही हो ना? तुम सच में हमारी बेटी हो ना? मुझे नहीं पता था कि तुझे ऐसे चुदवाने का शौक है। अब तो बस तुम देखोगी कि मैं तुझे जलील करते हुए सस्ती रंडी बना कर चोदता हूं.

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रिया- मुझे हमेशा से ऐसे ही चुदने का मन है। मगर शर्म से बोल नहीं पाती थी।
रमेश- अरे रंडी की बच्ची, चल अब शर्म को हमेशा के लिए टाटा बोल दो क्योंकि अब जो तुम्हारे साथ होगा उसमें तो शर्म को भी शर्म आ जायेगी। जा अपनी गंदी कच्छी ले आ और किचन से गिलास और खीर ले आओ।

गांड मटकाते हुए रिया चली गयी। रमेश अपने लण्ड को देखकर सोच रहा था कि क्या किस्मत है उसकी। रिया थोड़ी देर बाद वापस आ गयी। उसके हाथ में गंदी मैरून रंग की पैंटी थी। दूसरे हाथ में कटोरी में खीर और गिलास था।

रमेश- छिनाल सुन इधर सामने आ और अपनी बुर को फैला।
उसने रिया की गंदी पैंटी को उसकी चूत में घुसा दिया। उसके बाद उसने रिया को पीछे घोड़ी बनने को बोला।

रिया तुरंत घोड़ी बन गयी और पीछे मुड़कर बोली- क्या करने वाले हो?”
रमेश- चल अपनी गांड को फैला. तुम्हारी गांड में ये सारी खीर जायेगी.
रिया उत्साहित होकर- क्या??

रमेश- हाँ, सही सुना तुमने। चलो फैलाओ।
रिया ने वैसा ही करते हुए कहा- ये लो।
रमेश ने धीरे धीरे एक एक चम्मच करके सारी खीर रिया की गांड में ठूंस दी.

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रिया हंसते-मुस्कराते हुए सब देख रही थी और मज़े ले रही थी। तब रमेश ने रिया के बाल पकड़कर अपनी तरफ घुमा लिया और उसके हाथों में वो कटोरी पकड़ा दी।
रमेश- कैसा लग रहा है तुझे बुरचोदी साली रंडी?
रिया- सारी खीर तो तुमने गांड में डाल दी. अब क्या करोगे?

रमेश- वो अभी रहने दो। पहले अब लण्ड चूसो। जब तुम चुसोगी तो तुम अपना थूक इस कटोरे में चुआओगी। मेरे लण्ड से जो तुम्हारा थूक चूएगा वो भी इस कटोरे में और मैं जो थूकूंगा वो भी इसी में। इसे फेंकना मत हराम की पिल्ली।
रिया- ओह वाओ … ठीक है।

वो रमेश का लण्ड चूसने लगी। रमेश आराम से बेड पर बैठा था और रिया अपने मुंह का जादू दिखा रही थी। रमेश रिया के चूतड़ों को सहलाते हुए उस पर थप्पड़ भी मार रहा था। रिया धीरे धीरे रमेश के लण्ड को कसके चूसने लगी।

रमेश ने रिया को भद्दी भद्दी गालियां देने शुरू कर दिया- क्या बात है माँ की लौड़ी, भोसड़ी वाली, साली तुझे तो पोर्नस्टार होना चाहिए। कहां से तू यहां हमारे घर में पैदा हो गयी? तुझे तो अमेरिका में पैदा होना चाहिए था. वो भी किसी पोर्नस्टार के घर या रंडी के घर। तुझ पर शराफत जंचेगी ही नहीं। अच्छा हुआ अपना असली रूप तूने खुलकर बता दिया, अपने अंदर ऐसी खतरनाक जंगली बिल्ली छुपा कर रखी थी तूने मादरचोद!

रिया मुस्कुराते हुए लण्ड चूस रही थी।

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तभी रमेश ने लण्ड का दबाव रिया के हलक तक पहुंचा दिया। रिया हटना चाहती थी मगर रमेश ने उसपर जोर बनाये रखा। उसके होंठ रमेश के लण्ड की जड़ में टकरा रहे थे। रिया गूं … गूं … करते हुए उबकाई के साथ स्वतः छूट गई।

लण्ड उसके मुंह से बाहर निकल आया जो कि पूरा का पूरा थूक से सना हुआ था. लण्ड से थूक चूने लगा तो रिया ने कटोरी लण्ड के नीचे लगा दी और अपने मुंह से चूते हुई लार को हाथों में इकट्ठा कर उस कटोरी में डाल दिया।

रमेश ने उसी वक़्त रिया से कहा- अरे बड़े घर की छिनाल लड़की, इतने से काम नहीं चलेगा। तुमको टाइम बढ़ाना होगा।
रिया ने हाँ में सर हिलाया। फिर दोबारा से रमेश के लण्ड को मुंह मे घुसा लिया उसने।

सिसकारते हुए रमेश बोला- हाँ.. आआहह … आ … आ … बहुत अच्छे मेरी जान … अच्छा कर रही हो। ये लो इनाम।
ये कह कर रमेश ने उस कटोरी में थूक का बड़ा लौंदा गिरा दिया।

रिया ने कटोरी बढाकर उसमें थूक ले लिया। रिया फिर कटोरी को अपने मुंह के ठीक नीचे, जहां लण्ड उसके मुंह मे घुसा था, लगा दिया। उसके मुंह से लगातार थूक और लार अब चूने लगे थे।

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रमेश को ये बेहद कामुक लग रहा था। रिया धीरे धीरे अपनी स्पीड भी बढ़ा रही थी। उसने रमेश के लण्ड को और अंदर लेना शुरू किया। रमेश उसके गालों पर हल्की थपकियां मार रहा था।

रिया ने धीरे से पूरा लण्ड अपने मुंह मे समा लिया और रमेश के लण्ड के अंतिम छोर तक जा पहुंची।
रमेश ने उसका उत्साह बढ़ाया- हां, साली रंडी कुतिया ऐसे ही, बहुत अच्छे। अभी मुंह में लिए रह, देखूं तो सही मैं कि तू कितनी देर तक रुक सकती है।

रिया आँखें बड़ी करके अपने डैड की आंखों में देख रही थी और रमेश के प्रोत्साहन से सांसें थाम कोई 15 सेकण्ड्स तक टिकी रही। फिर गैग रिफ्लेक्स की वजह से स्वतः अलग हो गयी और हांफते हुए हंसने लगी.

रमेश भी हंसने लगा.
रिया- ठीक कर रही हूं ना डैडी मैं?
रमेश- हम्म ….मगर मुझे लगता है कि तुम इससे और अच्छा कर सकती हो. ट्राय करो.

ये कह कर रमेश ने रिया के चेहरे को वापस भीगे लण्ड पर झुका दिया। रिया फिर लण्ड चूसने की प्रक्रिया में लीन हो गयी। रिया इस बार खुद को ही हराने के चक्कर में थी। इस बार उसने पूरे 30 सेकंड तक पूरे लण्ड को अपने हलक में छुपाए रखा।

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रमेश को इतनी देर तक रिया के टिके रहने की उम्मीद नहीं थी। रमेश के आंड रिया की ठुड्ढी पर लटक रहे थे। रिया के चेहरे का निचला हिस्सा पूरी तरह गीला हो चुका था।

उसके हाथों में रखी कटोरी आधी भर चुकी थी। आखिरकार रिया ने मुंह से लण्ड को निकाला। रमेश ने उसके लिए ताली बजाई। रिया करीब 10 मिनट तक लण्ड चूसती रही।
रमेश- चल अब मैं तेरी गांड को चोदने का मजा लूंगा और तुझे भी बहुत मजा आयेगा.

रिया- मगर गांड में तो आपने खीर भर रखी है डैडी।
रमेश- लण्ड अपनी जगह बना लेगा साली रंडी। तू कुतिया बन जा।
रिया फिर चौपाया हो गयी और रमेश के सामने अपनी भूरी छेद वाली गाँड परोस दी।

रमेश ने उसके भारी भरकम चूतड़ों पर पहले थूका और तीन चार करारे थप्पड़ मारे। रिया थप्पड़ से उठे दर्द से ज्यादा आनंद महसूस कर रही थी। उसने खुद ही अपने चूतड़ पर तमाचे मारे- सटाक … सटाक … और मारो.. मेरी गांड पर। लाल कर दो डैडी.

वो ऐसा करते हुए अपनी गांड को जोर जोर से हिला रही थी. रमेश ने कई और थप्पड़ जोर से मारे.
रमेश ने फिर अपना लण्ड रिया की गांड पर रखा और पूछा- क्यों रे रंडी की बच्ची, लण्ड चाहिए?

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रिया- हहम्म, हां चाहिए मुझे डैडी.
रमेश- क्या चाहिए कुत्ती खुलकर बोल? रमेश उसके बाल खींचते हुए बोला।
रिया- लण्ड … आपका लण्ड मुझे मेरी गांड में चाहिए डैडी। मुझे अपने लंड का ईनाम दे दो डैडी।

रमेश- भीख मांग लण्ड के लिए।
रिया- प्लीज डैडी, मैं आपके लंड की भीख मांग रही हूं. प्लीज ये मस्त लंड मेरी गांड में डाल दो. मेरी गांड चोद दो डैडी. प्लीज डैडी … मेरी गांड की चुदाई कर दो।

तभी रमेश ने अचानक से लंड के आगे का हिस्सा रिया की गांड में घुसा दिया. रिया के मुंह से चीख निकली मगर रमेश को कोई फर्क नहीं पड़ा। रिया के बाल पकड़े हुए उसने लण्ड को घुसाना चालू रखा। रिया एक हाथ से अपने बाएं चूतड़ को पकड़े हुए थी।

उसकी गांड के अंदर मौजूद खीर लण्ड के दबाव की वजह से और अंदर तक घुस रही थी. रमेश के लण्ड पर खीर का दबाव एक गद्दे की तरह लग रहा था। थोड़ी देर में रिया की गांड रमेश के घुसपैठिये लण्ड से अभ्यस्त हो चुकी थी।

रमेश रिया की गांड में लंड को रखे हुए उसकी गांड का पूरा पूरा अंदाजा लगा पा रहा था. एक तो रिया की गांड में नैचुरल मक्खन जैसा टेक्सचर था और अब खीर उसमें क़यामत ढहा रही थी।

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वो बोला- पता है तुम्हारी गांड लाखों में एक है. बहुत ही मस्त शेप है तुम्हारे चूतड़ों की.
ये बोल कर उसने धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किये. रिया के मुंह से सीत्कारें उठने लगीं.

रमेश उसकी गांड पर बने टैटू को छूते हुए कस कर उसकी गांड मारने लगा. रिया के पास चीखें मारने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। रमेश को उसमें बेहद आनंद आ रहा था।

अब रिया की गांड चुदाई जोर से होने के कारण उसकी गांड से खीर भी बाहर गिरने लगी थी. रमेश ने कुछ नहीं कहा. अब रिया भी गांड में लंड के दिये दर्द से निकल कर आनंद की चौखट को चूम रही थी.

रिया पीछे मुड़ते हुए बड़बड़ायी- आह्हह डैडी, बहुत मजा आ रहा है … आह्ह चोदते रहो डैडी, मेरे प्यारे डैडी, मेरी गांड को दिन रात चोदते रहो. मैं आपके लंड की दीवानी हूं. अब मेरी गांड भी आपके लंड की दीवानी है.

रमेश- हां मेरी रंडी रानी. तेरी गांड में जो खीर है वो मुझे तेरी गांड चुदाई का और ज्यादा मजा दे रही है. तेरी चुदाई के बाद मैं तुझे लंड का स्वाद भी तेरे मुंह में दूंगा. तेरी गांड में हलवा तैयार कर रहा हूं मेरी रंडी बेटी.

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तेरी गांड को चोद चोद कर उसमें एक मिश्रण बना दूंगा. जिसमें खीर और लंड का स्वाद होगा. खायेगी न बेटी?
रिया पर सेक्स और वियाग्रा का नशा चढ़ा हुआ था. वो मदहोशी में बोली- आह्ह … उम्म.. सोच कर ही मुंह में पानी आ रहा है डैडी. ऐसी टेस्टी खीर तो मैं पहली बार खाऊंगी. लाओ दो न डैडी।

रमेश- सब्र करो रंडी रानी, तुमको मीठा फल मिलेगा। पहले अपनी गांड की चुदाई तो करने दे।
रमेश ने उसको करीब पांच मिनट और चोदा. रिया के बार बार कहने पर उसने लण्ड आखिरकार बाहर निकाला और रिया भूखी कुतिया की तरह लण्ड चाटने लगी।

लण्ड पर चिपचिपा लसलसा पदार्थ लगा हुआ था। रिया ने उसे जी भर कर चाटा। रिया की चूत में से उसकी पैंटी बाहर आ रही थी. रमेश ने वो पैंटी उसके मुंह में घुसा दी।

रमेश ने फिर लण्ड वापस रिया की गांड में घुसा दिया और चोदने लगा। रिया के मुंह में उसकी चूत के रस से भीगी पैंटी थी जिससे उसकी आवाज़ सिर्फ गूं …गूं …. करके आ रही थी।

रिया एक हाथ से अपनी चूत को रगड़ रही थी। मगर दोनों में से कोई अभी रुकने को तैयार नहीं था। थोड़ी देर बाद रमेश ने फिर लण्ड निकाला और रिया की चुद कर खुली और फैली गांड को निहारा।

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उसने उसकी गांड में थूका और फिर से अपनी बेटी की गांड चुदाई करने लगा. कुछ देर और उसने रिया की गांड चोदी और फिर कटोरी रिया के हाथ से ले ली. उसने लण्ड निकाला और कटोरी में इकट्ठा हुआ थूक और लार सब डाल दी. उसके बाद उसने फिर से लंड गांड में घुसा दिया.

रिया की गांड में एक मस्त मीठा मसाला तैयार हो रहा था। रमेश ने उसकी पैंटी निकालकर अपने गले में डाल ली. रिया मस्ती में ठुकवाती जा रही थी।

सिसकारते हुए वो बोली- आह्ह डैडी, ये तो बहुत अच्छा माल तैयार हो रहा है, मुझे खिलाओगे न?
रमेश- हां डार्लिंग. तुम्हारे लिए ही है. तुमको यही खाना है। अभी थोड़ी देर में मैं मुठ भी इसमें गिरा दूंगा. फिर तुम्हारा प्रोटीन भी आ जायेगा इस मीठे मसाले में और फिर ये डिश तैयार हो जायेगी.

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कुछ देर के बाद रमेश जोर जोर से सिसकारने लगा- आह्ह आहाहहा … आआहह … लगता है मुठ आने वाला है.
रिया- आह्ह डैडी, लगता है मेरा भी होने वाला है. आह्ह ऊऊ … अंदर गिराओगे ना अपना गाढ़ा मुठ? अपनी रंडी बेटी को दे दोगे ना अपना मीठा मुठ डैडी? अपना ताजा ताजा मुठ मुझे पिला दो डैडी … आह्ह मैं बहुत प्यासी हूं.

इस तरह से सिसकारियां भरते हुए दोनों साथ में झड़ने लगे. रमेश के लंड से वीर्य की 5-6 पिचकारियां निकलीं और बहुत सारा वीर्य उसने अपनी बेटी की गांड में भर दिया. फिर उसने लंड को बाहर खींच लिया और उसकी पैंटी रिया की गांड में ठूंस दी.

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रिया- ये क्यों ठूस दी?
रमेश- जहाँ तक मैं तुम्हें जानता हूं बेटी, तुम कुछ भी बर्बाद नहीं करना चाहोगी। इसलिए पहले तुम लण्ड से सब चाट कर साफ करोगी और जो डिश तुम्हारी गांड में बनी है उसको तुम्हारी पैंटी रोक कर रखेगी.

रिया मुस्कराने लगी और अपने पापा के लंड को एकटक निहारने लगी. उसके लंड पर सफेद और मटमैला रंग चढ़ा हुआ था. उसमें खीर, थूक और मुठ का मिश्रण था. रिया घुटनों के बल नीचे बैठ गयी. फिर रमेश की ओर देखते हुए उसके लंड के निचले हिस्से को चाटने लगी.

चाटते हुए वो बोली- आह्ह … ये तो मीठा है.
रमेश- हां, क्यों नहीं जान … तुम्हारी गांड और खीर की मिठास ने मिल कर सब कुछ मीठा कर दिया है.
रिया- तुम्हारे थूक और मुठ ने भी डैडी।

रिया चाट चाट कर पूरा लंड साफ कर गयी. फिर रमेश के लंड अंदर से रिस रहा बचा खुचा मुठ भी चूस गयी. रमेश ने रिया को कटोरी वापस दे दी. रिया हगने की पोज में बैठ गयी. उसने कटोरी को ठीक अपनी गांड के नीचे लगा लिया.

रिया- गांड बहुत भारी लग रही है जैसे कि हगने के पहले लगती है.
रमेश- हां तो तुम अभी हगोगी न … उस मीठे मसाले को जिसे तुमने अपनी गांड में भर रखा है.
रिया- पैंटी को निकाल दो डैडी।

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रमेश- ये लो अभी निकाल देता हूँ।
पीछे से जाकर पैंटी रमेश ने पैंटी निकाल दी. पैंटी निकालने के बाद रिया की वीडियो रिकॉर्ड करने लगा. रिया की गांड से चिपचिपा लुवेदार पदार्थ बाहर निकलने लगा. वो पदार्थ सीधा कटोरी में गिर रहा था.

रिया धीरे धीरे सब निकाल रही थी। कटोरी भर गई।
रमेश ने पूछा- सब निकल गया?
रिया- नहीं अभी इतना ही और है अंदर।

रमेश ने फिर से पैंटी उसकी गांड में घुसा दी और चम्मच से गांड के छेद के आसपास लटकते उस पदार्थ को कटोरी में डाल दिया। रिया की ओर कटोरी बढाकर उसने कहा- ये है सब्र का मीठा फल। खा लो इसे।

रिया ने कटोरी ली और एक चम्मच भर कर खा गयी.
वो बोली- वाऊ … बहुत टेस्टी है. बहुत ही मजेदार है.
वो धीरे धीरे उस माल को चम्मच से खा रही थी. रमेश उसकी वीडियो बनाने में लगा हुआ था.

वो बोली- डैडी मैं एक अच्छी लड़की नहीं हूं क्या? मैं क्या करूं डैडी, मेरा मन मुझे ये सब करने को कहता है. आप मुझे अच्छी सोचो या बुरी लेकिन मुझे ये सब करने में बहुत मजा आता है.

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रमेश ने उसके बाल संवारते हुए कहा- तुम एक बहुत अच्छी रंडी हो। जैसी हो वैसे ही रहो, बल्कि तुम्हारा ये रूप देख कर मैं तो तुम्हें और ज्यादा चाहने लगा हूं. ऐसा घिनौना सेक्स तुमको पसंद है ना?
रिया- हां डैडी, इसी में तो असली मजा आता है.
उसने कटोरी को चाट चाट कर साफ कर दिया था अब तक. वो सारा माल खा चुकी थी.

रमेश को पता नहीं क्या सूझा कि वो बोला- खाना हो गया हो तो अब पानी भी पी ले साली रंडी.
ये कह कर रमेश ने गिलास में अपने मूत की धार भरना शुरू कर दी. देखते ही देखते उसके लंड से निकला हल्के पीले रंग का मूत गिलास में भर गया.

गिलास भर कर उसे रिया के हाथ में दे दिया और बोला- ये ले रंडी, पी ले इस अमृत को सारा, तेरा सारा खाना हजम हो जायेगा.
रिया ने गिलास उठा लिया और मुस्कराते हुए रमेश के लंड से निकले पेशाब को गट गट करके पीने लगी. उसने एक ही बार में पेशाब से भरा हुआ पूरा गिलास खाली कर दिया.

पेशाब पीने के बाद उसने गिलास एक ओर रख दिया. फिर दोनों थक कर लेट गये और आराम करने लगे.
इन तीन दिनों में रमेश ने रिया को घर में हर जगह हर तरीके से चोदा. उसने रिया को इतने बुरे तरीके से चोदा जैसे कि वो उसकी बेटी न होकर कोई बहुत सस्ती बाजारू रंडी हो.

वह रिया को कुतिया वाला पट्टा पहनाकर उसे कुतिया की तरह बांध देता था और जमकर उसकी गांड मारता था. रमेश की बीवी रति उसको गांड नहीं देती थी जिसकी सारी कसर उसने रिया की गांड से पूरी की.

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रिया को भी रफ सेक्स करना बहुत पसंद था. रिया की गांड चुदाई करते हुए रमेश उसकी गांड पर थप्पड़ मार मार कर पूरी लाल कर देता था. रिया घर में कहीं भी जाती तो रमेश वहीं पर उसकी गांड चोदने लगता था.

इतनी ज्यादा चुदाई से तंग आकर रिया परेशान हो गयी और काफी थकी थकी रहने लगी. अब वो इतनी ज्यादा मात्रा में चुदाई नहीं करवा सकती थी. उसकी गांड दर्द करती रहती थी. इसलिए अब वो अपने पिता को रोकने का उपाय सोचने लगी.

कहानी अगले भाग में जारी रहेगी.
कहानी पर अपने कमेंट्स के जरिये अपना फीडबैक देते रहें. मुझे आप लोगों के रेस्पोन्स का इंतजार रहेगा.

कहानी का अगला भाग: बाप खिलाड़ी बेटी महाखिलाड़िन- 10

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