Bhabhi sex story – Friend wife fucked: मैं अपने सबसे अच्छे दोस्त मोहित के घर पर शराब पी रहा था, भाभी दिया ने पतली सी ट्रांसपेरेंट नाइटी पहनी हुई थी, शराब का नशा मेरे सिर चढ़ रहा था, नाइटी के पतले कपड़े से भाभी के मोटे बूब्स और गुलाबी निप्पल्स साफ-साफ झांक रहे थे, मुझे पहले से पता था कि भाभी को लंड की सख्त जरूरत है, मोहित उन्हें बिस्तर पर मजा नहीं दे पाता, भाभी की जवानी को देखकर मेरा होश उड़ गया, मैं अपना आपा खो बैठा, अचानक उठा, भाभी को कमर से पकड़कर बेड पर पटक दिया, उनकी नाइटी ऊपर सरका दी और उन मोटे रसभरे बूब्स को मुंह में लेकर जोर से चूसने लगा, भाभी की त्वचा का नमकीन स्वाद और शराब की मिली महक मुझे और पागल कर रही थी.
अब दोस्तों, मैं आपको अपनी ये हॉट कहानी विस्तार से सुनाता हूं.
मेरा नाम पवन है, मैं दिल्ली में रहता हूं, मेरा सबसे खास दोस्त मोहित है, उसकी शादी को कुछ समय हुआ है, भाभी का नाम दिया है, भाभी देखने में कमाल की माल हैं—गोरा बदन, भरे हुए बूब्स, चौड़ी कमर और मोटी गांड, मोहित दिखने में थोड़ा कमजोर टाइप है, मैं जब भी भाभी को देखता हूं, मेरा लंड तुरंत खड़ा हो जाता है, उनकी हल्की मुस्कान और खुली सोच मुझे हमेशा उकसाती रहती है.
एक दिन मैं मोहित के घर गया, सीधा अंदर के कमरे में घुस गया, नजारा देखकर मैं ठिठक गया—भाभी सिर्फ ब्रा पहन रही थीं, उनके गोरे-गोरे बूब्स ब्रा से लबालब भरे हुए थे, निप्पल्स सख्त होकर उभरे हुए थे, मैं टकटकी लगाए देखता रह गया, भाभी ने जल्दी से कमीज पहनी और हंसकर बोलीं, “क्या हुआ पवन, आज तक कभी लड़की के बूब्स नहीं देखे क्या?” उनकी ये खुली हंसी और आंखों में शरारत ने मुझे सन्न कर दिया, मेरी जुबान लड़खड़ा गई, कुछ बोल ही नहीं पाया.
मैंने पूछा, “मोहित कहां है?” भाभी बोलीं, “पता नहीं, बाहर गया होगा,” फिर मुस्कुराकर बोलीं, “पहले ये बता, इतने ध्यान से क्या ताक रहा था?” मैं चुप रहा, भाभी घर पर अकेली थीं, उन्होंने मुझे सोफे पर अपने पास बिठाया, हम बातें करने लगे, हवा में कुछ अलग सा तनाव था.
भाभी ने पूछा, “पवन, गर्लफ्रेंड बना रखी है?” मैंने कहा, “नहीं भाभी, कोई मिलती ही नहीं।” वो हंस पड़ीं, “झूठ मत बोल, इतना स्मार्ट लड़का है, मैं ही करवा दूं?” फिर शरारत भरी नजरों से बोलीं, “अगर मेरी शादी न हुई होती तो मैं खुद तेरी हो जाती।” उनकी ये बात सुनकर मैं सन्न रह गया, मेरा लंड पैंट में तन गया, मैंने कहा, “भाभी, मजाक मत करो, मोहित तो आपको खुश रखता होगा न?” भाभी की मुस्कान फीकी पड़ गई, बोलीं, “खुश? समझ ले, सब ठीक नहीं चल रहा,” उनकी आंखों में वो प्यास झलक रही थी, बार-बार मेरी नजर उनके बूब्स पर जा रही थी, जो कमीज के नीचे से हिल रहे थे, मेरी नजर पूरी तरह बदल चुकी थी.
मुझसे रहा नहीं गया, मैंने उनका हाथ पकड़ा, बोला, “भाभी, एक बात कहूं? तुम्हें देखते ही मेरा दिल कुछ और सोचने लगता है, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं।” भाभी ने हाथ छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन उनकी आवाज कमजोर थी, “पवन, हमारे बीच कुछ नहीं हो सकता…” मैंने उन्हें अपनी बातों में उलझाया, आखिर बोलीं, “ठीक है, सोचकर बताती हूं।” तभी मोहित आ गया, पूछा, “क्या बात कर रहे हो भाभी-देवर?” मैं डर गया, लेकिन भाभी ने मुस्कुराकर कहा, “हमारी पर्सनल बात है, तुझे क्यों बताएं?” उनकी ये बात सुनकर मुझे लगा, हां हो जाएगी, मैं घर चला गया.
शाम को मोहित का फोन आया, “आजा यार, पार्टी करेंगे।” मैं रात को उनके घर पहुंचा, हम दोनों शराब पीने लगे, नशा चढ़ते ही मोहित बोला, “यार, मैं बहुत टेंशन में हूं, अपनी बीवी को बिस्तर पर मजा नहीं दे पा रहा।” मुझे सब समझ आ गया—भाभी कितने समय से प्यासी हैं, थोड़ी देर बाद भाभी हमारे पास आईं, ट्रांसपेरेंट नाइटी में उनके बूब्स साफ दिख रहे थे, निप्पल्स उभरे हुए थे, मैंने मोहित को और शराब पिलाकर सुला दिया, मेरा लंड पहले से कड़क था, भाभी कमरे में जाने लगीं, मैं पीछे-पीछे गया, बोला, “भाभी, मेरी बात का जवाब?” वो बोलीं, “मोहित उठ जाएगा।” मैंने कहा, “उसे सुला दिया है, मुझे पता है तुम्हें मोहित सुख नहीं दे पाता।”
मैंने भाभी को बाहों में भर लिया, वो सिसकते हुए बोलीं, “प्लीज पवन, छोड़ दे…” लेकिन उनकी सांसें तेज थीं, मैंने उनकी गर्दन पर होंठ रखे, धीरे-धीरे चूसने लगा, उनकी गर्म त्वचा का नमकीन स्वाद और हल्की पसीने की महक मुझे मदहोश कर रही थी, आह्ह… ह्ह्ह… ऊउइ… भाभी का शरीर कांपने लगा, वो छटपटाने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन मैंने कसकर जकड़ रखा था, मेरे हाथ उनकी पीठ पर फिसल रहे थे, नाइटी के नीचे की गर्मी महसूस हो रही थी, मन में सोच रहा था, ‘कितने दिनों से ये जिस्म तड़प रहा होगा, आज मैं इसे पूरी आग दूंगा।’ धीरे-धीरे मैंने उनके कानों में फुसफुसाया, उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए, ग्ग्ग्ग… ग्ग्ग्ग… गी.. गी.. हम दोनों वासना में डूब गए, एक-दूसरे को पागलों की तरह चूसने लगे, चूसते-चूसते बेड पर गिर पड़े.
मैंने भाभी की नाइटी उतार दी, अब सिर्फ ब्रा-पैंटी थीं, उनका पूरा गोरा बदन नंगा सा चमक रहा था, मैंने उनके बदन को चूमना शुरू किया, भाभी की सिसकारियां तेज हो गईं, आह इह्ह ओह्ह ओह, आह.. ह्ह्ह.. इह्ह, उन्होंने चादर मुट्ठी में कस ली, मैंने ब्रा के हुक खोले, वो भरे हुए बूब्स उछलकर बाहर आए, निप्पल्स सख्त और गुलाबी, मैंने उन्हें मसलना शुरू किया, इतने मुलायम थे कि हाथ नहीं हट रहे थे, फिर जीभ से चाटने लगा, गोल-गोल घुमाते हुए, आह्ह.. ह्ह.. आऊ.. ऊऊ.. ऊउइ ..ऊई ..उईईई, भाभी ने मजा आते ही मेरे कंधे पर दांत गड़ा दिए, दर्द और मजा मिलकर मुझे जंगली बना रहा था, मैंने एक बूब मुंह में लिया, जोर-जोर से चूसा, गों.. गों.. गोग, हल्का मीठा दूध सा स्वाद मुंह में घुल रहा था, कमरे में उनकी उत्तेजना की मादक गंध फैल गई थी.
भाभी कराह रही थीं, “अब नहीं रुकता पवन… दिखा ना अपनी जन्नत, घुसेड़ दे अपना मोटा लंड मेरी प्यासी चूत में।” मैंने पैंट उतारी, भाभी ने मेरा अंडरवियर नीचे खींचा, मेरा काला मोटा कड़क लंड देखकर उनकी आंखें चमक उठीं, “उफ्फ… कितने दिनों बाद ऐसा कड़क लौड़ा देखा, मैं तो उम्मीद छोड़ चुकी थी कि कभी ऐसे चुदूंगी,” वो बोलीं और लंड हाथ में लेकर हिलाने लगीं, मुझे बेड पर लिटाया, रसोई से सरसों का तेल लाईं, मेरे लंड पर मलते हुए बोलीं, “ये देसी तेल तेरे लौड़े को और फिसलन देगा… उफ्फ, इसकी महक से ही मेरी चूत गीली हो गई।” मैंने भी तेल लिया, उनकी चूत पर मला, वो बहुत गर्म और चिपचिपी थी.
भाभी मेरे ऊपर चढ़ गईं, लंड को चूत पर रगड़ा, जैसे ही टोपा अंदर घुसा, वो सिसकीं, “आह ह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह्ह… कितना मोटा है रे तेरा,” उनकी टाइट चूत मेरे लंड को निचोड़ रही थी, दीवारें कांप रही थीं, धीरे-धीरे वो नीचे सरकीं, पूरा लंड अंदर ले लिया, मैंने कमर ऊपर उठाकर झटके मारने शुरू किए, हमारी त्वचा की चपचपाहट और पसीने की महक कमरे में गूंज रही थी, भाभी जोर-जोर से उछल रही थीं, “हां रे पवन… आज तूने मुझे सच में जन्नत दिखा दी… और जोर से चोद, फाड़ दे मेरी चूत को… आह्ह… मत रुकना!”
थोड़ी देर बाद मैंने अपना माल उनकी चूत में ही छोड़ दिया, दोनों थककर लेट गए, लेकिन भाभी की आग अभी बुझी नहीं थी, मैंने उन्हें घोड़ी बनाया, पीछे से गांड पकड़कर फिर घुसेड़ा, वो चिल्लाईं, “और जोर से… बुझा दे मेरी प्यास पूरी तरह,” ऐसे करते-करते मैंने रात भर उन्हें तीन-चार बार चोदा, उनकी चूत की लावा जैसी आग में अपने लंड की ठंडक डाली.
अब जब भी मौका मिलता, हम अपनी प्यास बुझाते, भाभी मोहित के साथ भी खुश रहने लगीं क्योंकि मैं उनकी चूत की आग शांत करता था.
आपको कैसी लगी मेरी ये प्यासी भाभी वाली कहानी, अगर कोई गलती हुई तो माफ करना.