मैं काफी टाइम से अपनी मम्मी को पसंद करता था. लेकिन काफी कुछ करने का मौका ही नहीं मिला. एक बार जब मैं अपने कॉलेज से छुट्टियों में घर गया तो वहां पर ऐसी घटना घटित हो गई कि मम्मी मुझसे चुद गईं. क्या थी वो घटना और कैसे मम्मी मुझसे चुद गईं ये आप इस कहानी में पढ़िए…
हेलो दोस्तों, मेरा नाम ईशान है और मैं कई दिनों से सोच रहा था कि मैं भी अपनी कहानी आप लोगों के साथ शेयर करूं लेकिन मौका ही नहीं मिल पा रहा था. आज मिला तो तो शेयर कर रहा हूं. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं. मेरी उम्र 21 साल है और ये कहानी मेरी मम्मी और मेरे बीच की है. कहानी शुरू करने से पहले मैं अपनी मम्मी के बारे में बता दूं. वो 40 साल की एक खूबसूरत महिला हैं और उनका साइज 32 32 34 का है.
अब आप लोगों का ज्यादा समय न वेस्ट करते हुए सीधे अपनी कहानी पर आते हैं. दोस्तों, मैं काफी पहले से ही अपनी मम्मी के मदमस्त शरीर का दीवाना था. जब भी उन्हें देखता तो चुदाई करने का मन करता था. मैं जब 19 साल का हुआ और मुझे सेक्स के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी हुई तभी से मैं अपनी मम्मी के नाम की मुठ मारने लगा था. इतना ही नहीं कई बार मैं मुठ मरते मम्मी द्वारा पकड़ा भी गया था. तब थोड़ी डांट के बाद वो मुझे छोड़ देती थीं.
मैंने हमेशा एक बात गौर किया था कि मम्मी भी मुझसे कुछ चाहती हैं लेकिन ऐसा मौका नहीं मिला था जब वो मुझसे कुछ कह सकें. 12वीं के बाद मैं कॉलेज की पढ़ाई करने बड़े शहर आ गया. मेरा ग्रेजुएशन का आखिरी साल चल रहा था. तब मैं कुछ दिन की छुट्टी पर अपने घर गया हुआ था.
बात शाम की है. जब मैंने फ्रेश होने जाने के लिए दरवाजा खोला तो देखा कि पापा किसी दूसरे औरत के साथ थे. यह देख मैंने तुरन्त ही दरवाजा बंद कर लिया ताकि मम्मी ना देख पाएं. क्योंकि मम्मी मेरे पीछे ही खड़ी थीं. दोस्तों, एक बात और रोज रात को पापा और मम्मी चुदाई करते थे. दोनों चुदाई के बहुत शौकीन थे. लेकिन फिर भी पता नहीं क्यों पापा किसी और महिला के साथ थे.
दरवाजा बंद करने के बाद मैंने मम्मी को बोला कि मम्मी रूम में आओ, कुछ काम है. फिर दोनों मेरे रूम में चले गए. मैंने देखा कि मेरे रूम की बाहर वाली खिड़की खुली है. यह देख मैंने मम्मी से पूछा कि किसने खोली है तो मम्मी बोली कि मैंने और फिर वो जाकर खिड़की के पास खड़ी हो गईं.
दोस्तों, उस समय तक मेरा चुदाई का कोई मूड नहीं था. लेकिन मम्मी को ऐसे मादक अंदाज में खड़े देख अचानक से मेरा मन हुआ और मैंने पीछे से जाकर मम्मी की कमर पर फिराते हुए हाथ को उनके पेट पर रख दिया.
मेरे इतना करने पर मम्मी कुछ नहीं बोलीं तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने हाथ को अच्छे से उनके पेट पर रखा और सहलाने लगा. मैंने देखा कि इतने पर भी मम्मी कुछ नहीं बोल रही है तो मैंने उनकी गर्दन पर किस करना चालू किया. इस पर वो थोड़ा पीछे हो गईं लेकिन बोलीं कुछ नहीं.
इसके बाद मैंने खिड़की और रूम का दरवाजा बंद किया और दोबारा मम्मी के पास गया. उनके पास पहुंच कर मैंने फिर से पेट पर हाथ रखा और सहलाने लगा. साथ में मैं मम्मी की गर्दन पर किस भी कर रहा था.
फिर मैं उनको बिस्तर पर ले जाकर लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ कर किस करना चालू किया. अब वो भी मेरा साथ देने लगीं. थोड़ी देर किस करने के बाद मैंने उनके बूब्स पर हाथ रखा और ऊपर से ही दबाने लगा. फिर धीरे से साड़ी हटा कर बूब्स को दबाने लगा. साथ में उन्हें किस भी कर रहा था.
कुछ देर ऐसे करने के बाद फिर मैंने उनके ब्लाउज़ का बटन खोला और बूब्स को बाहर निकाल कर दबाना और उनको चूसना चालू किया. मैं बारी – बारी से उनके बूब्स को चूस रहा था. ये सब करने से इधर मम्मी भी गरम होती जा रही थीं.
तभी अचानक से मम्मी ने अपना हाथ मेरी जींस में डाल दिया और लंड पकड़ लिया. मैं समझ गया कि अब सब राज़ी है. फिर मैंने अपनी जींस उतार दी ताकि वो अच्छे से लंड पकड़ सकें. जीन्स उतारते ही उन्होंने लंड को हिलाना स्टार्ट कर दिया. मैं अभी भी उनके बूब्स ही चूसता रहा.
फिर थोड़ी देर बाद मैंने भी अपने एक हाथ से उनकी साड़ी को पकड़ के ऊपर कर दिया और दूसरा हाथ चूत पर रख के ऊपर से ही उसे सहलाने लगा. कुछ समय बाद हम दोनों पूरी तरह गरम हो चुके थे.
अब पहले मैंने अपना कपड़ा निकाला और उसके बाद मम्मी के कपड़े भी निकालने लगा. थोड़ी ही देर में हम दोनों एक दम नंगे हो गए. मैंने पहली बार उनको पूरा नंगा देखा. उन्हें ऐसे देख कर मैं खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाया. दूसरी तरफ मम्मी भी मेरा 7 इंच का लौड़ा देख के कंट्रोल से बाहर हो गईं.
फिर क्या था, दोनों झट से अपनी – अपनी पोजीशन में आ गए. वो बिस्तर में लेट गईं और मैंने उनकी चूत पर अपना लौड़ा टिकाया और धक्के लगा कर अंदर करने की कोशिश करने लगा. लेकिन चूत टाइट थी. इसलिए लंड अंदर नहीं जा रहा था. यह देख मैं लंड को उनकी चूत में रगड़ने लगा. इस कारण थोड़ी देर बाद जब चूत का पानी लंड में लग गया, तब मैं लंड चूत के छेद पर रख कर फिर से धक्का देने लगा.
इस बार धक्का देते ही लंड का सुपाड़ा उनकी चूत के अन्दर चला गया. जिसके जाते ही मम्मी तड़प उठीं और दर्द के कारण मुझे पीछे धकलने लगीं. लेकिन मैं पीछे नहीं हटा बल्कि सुपाड़ा चूत में फंसाए – फंसाए उनके बूब्स को चूसने लगा. इससे उनका ध्यान बंट गया. जिसका मैंने पूरा फायदा उठाया और धीरे – धीरे लंड अंदर डालते गया. इस तरह कुछ समय बाद मेरा पूरा लंड उनकी चूत के अन्दर चला गया.
अब क्या था! अब हमारी चुदाई चालू हुई और जन्नत का मज़ा मिलने लगा. मेरे हर धक्के के साथ मम्मी के मुंह से सिसकियां निकल रही थीं. उनके मुंह से निकल रही “उह आह आह आह आह उह उह उह उह आह आह आह आह आह” की आवाज सुनाई पूरे कमरे में सुनाई दे रही थी. बहुत मज़ा आ रहा था, अपनी मम्मी को चोदने में.
कुछ समय जबरदस्त चुदाई करने के बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और फिर बिना कुछ सोचे – समझे मम्मी की चूत में ही झड़ गया. अब तक उनका भी पूरा हो चुका था. फिर कुछ देर तक मैं उनके ऊपर ही लिटा रहा.
थोड़ी देर बाद दोनों अलग हुए और मम्मी अपना कपड़ा पहनने लगीं. यह देख मैं भी अपना कपड़ा पहनने लगा. तभी मेरी नज़र मम्मी पर पड़ी. मैंने देखा कि आज वो बहुत खुश हैं. यह देख मैं समझ गया कि इनको मुझसे क्या कहना था. आज उनकी ओर मेरी दोनों की एक – दूसरे से चुदाई की इच्छा पूरी हो गई. हालांकि, खास बात ये थी कि हमारे बीच इतना कुछ हुआ लेकिन मम्मी के मुंह से आह के सिवा कुछ नहीं निकला. दोस्तों, ये थी मेरे साथ घटी हुई एक सच्ची घटना. आप लोगों को कैसी लगी? कमेंट करके जरूर बताएं.