गांड ली शिमला में

हेलो दोस्तों, कैसे हो सब? जो लोग मुझे नहीं जानते, उनको बता दूं कि मैं राज हूं। मेरी उम्र 22 साल है, गोरी चिकनी गांड है मेरी, और मैं ऐसा लड़का हूं जो अपनी जवानी का पूरा मजा लेता है। करीब दो साल पहले मैंने अपनी एक कहानी शेयर की थी, जिसमें मैंने बताया था कि कैसे मैंने अपने भांजे की गांड मारी थी। आज फिर मैं आपके लिए एक सच्ची कहानी लेकर आया हूं, जो मेरी और मेरे दोस्त मोनू की है। ये कहानी इतनी मस्त है कि आपका लंड खड़ा हो जाएगा और गांड में खुजली होने लगेगी। तो बिना ज्यादा बोर किए, चलो कहानी शुरू करते हैं।

वैसे तो मैं गांड मारने का शौकीन हूं, लेकिन जिस दोस्त की मैं बात कर रहा हूं, उसका लंड देखकर तो कोई भी अपनी गांड आगे कर देगा। सच्ची, उसका लंड एकदम मस्त, लंबा, मोटा और रसीला है। बात तब की है जब मैं और मोनू शिमला घूमने गए थे। मोनू के बारे में बता दूं, उसकी हाइट 5 फीट 11 इंच है, तगड़ा शरीर, चौड़ी छाती, और मर्दानगी ऐसी कि देखकर किसी का भी मन डोल जाए। उसका चेहरा भी ऐसा कि लड़कियां तो क्या, लड़के भी लाइन मारते हैं। हम दोनों दोस्त थे, लेकिन अब तक हमारे बीच कभी सेक्स की बात नहीं हुई थी। मैंने उसे कभी नहीं बताया था कि मुझे लड़कों में इंटरेस्ट है, और ना ही उसे मेरे शौक का पता था।

बात दिसंबर की थी, शिमला में सर्दियों का मौसम, ठंड ऐसी कि हड्डियां जम जाएं। हम शिमला पहुंचे तो वहां जबरदस्त भीड़ थी। होटल ढूंढने में हमें पसीना छूट गया। बड़ी मुश्किल से एक शानदार होटल मिला। कमरा इतना आलीशान था कि क्या बताऊं! बड़ा सा गोल बेड, उस पर मखमली बेडशीट, लाइट्स की सॉफ्ट ग्लो, और खिड़की से बाहर बर्फ से ढके पहाड़ों का नजारा। हम दोनों इतने थक चुके थे कि सामान रखते ही बेड पर गिर गए और गहरी नींद में सो गए।

शाम के करीब 4 बजे मेरी आंख खुली। मैंने देखा मोनू अभी भी सो रहा था। सर्दी की वजह से वो रजाई में लिपटा हुआ था, और उसका चेहरा इतना प्यारा लग रहा था कि मैं उसे देखता ही रह गया। उसने नीले रंग का लोअर और टाइट टी-शर्ट पहनी थी, जिसमें उसका तगड़ा बदन साफ दिख रहा था। मेरा ध्यान अचानक उसके लोअर की तरफ गया। उसका लंड वाला हिस्सा थोड़ा उभरा हुआ था, जैसे वो खड़ा हो। मैंने पहले कभी मोनू को इस नजर से नहीं देखा था, लेकिन उस वक्त उसका लंड इतना बड़ा और आकर्षक लग रहा था कि मेरी नजरें उससे हट ही नहीं रही थीं। ऐसा लग रहा था कि वो लंड अभी लोअर फाड़कर बाहर आ जाएगा।

मैंने पहले भी कई लड़कों के साथ सेक्स किया था, तो मुझे लंड का साइज और शेप देखकर अंदाजा हो जाता है। मोनू का लंड देखकर मेरे मन में अजीब सी हलचल होने लगी। मेरा दिल कर रहा था कि बस एक बार उसे छू लूं, उसके गर्म लंड को अपने हाथों में महसूस करूं। लेकिन मैं जानता था कि मोनू और मेरे बीच कभी ऐसी बात नहीं हुई थी। मुझे डर था कि अगर मैंने कुछ किया और उसे बुरा लगा तो हमारी दोस्ती टूट सकती है। मैं कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था, इसलिए चुपचाप बाथरूम में चला गया।

बाथरूम में मैंने अपने कपड़े उतारे और शावर ऑन कर लिया। गर्म पानी की फुहारों के नीचे खड़े होते हुए भी मेरी आंखों के सामने मोनू का लंड घूम रहा था। ये पहली बार था कि मैं किसी लंड के लिए इतना पागल हुआ था। नहाते वक्त मेरे हाथ अपने आप मेरे मम्मों की तरफ चले गए। मैं बता दूं कि मुझे अपने निप्पल्स को मसलना और चुसवाना बहुत पसंद है। मैंने अपने निप्पल्स को जोर-जोर से मसलना शुरू किया, और मेरे दिमाग में एक ख्याल आया कि मैं एक लड़की हूं और बाहर मोनू का लंड मुझे अपनी ओर खींच रहा है। मैंने सोचा, काश मैं उसका लंड अपने मुंह में ले लूं और वो मेरी गांड मारे। उस पल मैं सचमुच एक लड़की की तरह महसूस कर रहा था।

तभी मेरे दिमाग में एक प्लान आया। क्यों ना आज मैं मोनू का लंड अपनी गांड में लूं? लेकिन मैं चाहता था कि पहल मोनू की तरफ से हो, क्योंकि मुझे नहीं पता था कि वो इस बारे में क्या सोचेगा। अगर मैंने गलत कदम उठाया और वो नाराज हो गया तो मेरी बदनामी हो सकती थी। लेकिन उसके लंड की कशिश इतनी थी कि मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा था। मैंने फैसला किया कि आज मैं एक लड़की बन जाऊंगा और उस मस्त लंड का पूरा मजा लूंगा। मैंने रेजर उठाया और अपनी टांगों, गांड, और छाती के सारे बाल साफ कर दिए। नहाने के बाद मैंने शीशे में खुद को देखा। मेरा बदन एकदम चिकना और गोरा लग रहा था, जैसे कोई जवान लड़की। मैंने गर्म पानी से नहाया, टाइट जींस और टी-शर्ट के ऊपर जैकेट पहनी, और बाहर आ गया।

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तब तक मोनू बाथरूम के दरवाजे की आवाज से जाग गया था। उसने मुझे देखा और बोला, “यार, तू कब उठा?” मैंने कहा, “मैं तो नहा भी लिया।” वो उठा और बाथरूम में चला गया। करीब 15 मिनट बाद वो नहाकर बाहर आया, कमर में तौलिया लपेटे हुए। उसकी चौड़ी छाती, गीले बाल, और मर्दाना बदन देखकर मेरा मन और ज्यादा ललचा गया। उसने मेरी तरफ देखा और कुछ देर के लिए उसकी नजर मेरे चिकने बदन पर टिक गई। मेरी टाइट जींस की वजह से मेरी गांड बाहर की ओर उभरी हुई थी, और मैंने देखा कि वो मुझे घूर रहा था।

हम दोनों तैयार हुए और शिमला की रिज पर घूमने निकल गए। वहां खूब रौनक थी। ढेर सारी खूबसूरत लड़कियां इधर-उधर घूम रही थीं। मोनू उन्हें गौर से देख रहा था, और उसकी आंखों में वासना साफ दिख रही थी। उसने मुझसे कहा, “यार, काश आज इतनी ठंड में कोई हॉट लड़की मिल जाए, तो मजा आ जाए।” मैं उसके मुंह से ये सुनकर हैरान रह गया। मैंने हंसते हुए कहा, “हां यार, बात तो सही है, लेकिन शिमला में लड़की कहां से लाएंगे?” मैंने गौर किया कि उसका लंड उसकी जींस में टाइट होने लगा था।

हम लड़कियों को देखते हुए सेक्स के बारे में बात करने लगे। मैंने उससे पूछा, “यार, तूने कभी सेक्स किया है?” उसने बड़े गर्व से कहा, “हां यार, चंडीगढ़ में मैंने कई लड़कियों को चोदा है।” ये सुनकर मेरे मन में उम्मीद जगी कि आज मेरा काम बन सकता है। रास्ते में हमने एक व्हिस्की की बोतल खरीदी, क्योंकि मोनू को भी पीने का शौक था। हम होटल वापस आए और फ्रेश होने लगे। मैंने एक छोटी सी बनियान और सिर्फ अंडरवियर पहन लिया। शेविंग की वजह से मेरी छाती और टांगें एकदम गोरी और चिकनी लग रही थीं। मोनू ने लोअर पहना था, और मैंने देखा कि वो मुझे गौर से देख रहा था। मेरी चिकनी टांगों और बनियान से झांकती छाती को देखकर उसका लंड फिर से खड़ा हो गया। मैंने तिरछी नजर से उसकी ओर देखा और मुस्कुराया। मेरा प्लान काम कर रहा था।

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हमने खाना ऑर्डर किया और व्हिस्की की बोतल खोल ली। दो-दो पेग लगाने के बाद मोनू ने फिर कहा, “यार, आज चुदाई करने का बहुत मन कर रहा है।” मैंने मजाक में कहा, “यार, इसमें मैं क्या कर सकता हूं? अब मैं लड़की कहां से लाऊं?” मोनू ने हंसते हुए कहा, “हां यार, तू लड़की कहां से लाएगा?” फिर उसने कुछ ऐसा कहा कि मेरे होश उड़ गए। वो बोला, “यार, एक बात कहूं? तू किसी सेक्सी लड़की से कम नहीं है। अगर मूड बन गया तो तेरी ही गांड मार लूंगा।” मैंने नाटक करते हुए कहा, “अच्छा! तू मेरी गांड मारेगा?”

मोनू की हिम्मत अब बढ़ गई थी, क्योंकि मैंने कोई नाराजगी नहीं दिखाई थी। वो बोला, “सच कहूं, तुझे देखकर ही मैं एक्साइटेड हो गया था। जब तू नहाकर निकला, तेरा चिकना बदन देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था।” मैंने भी अब नाटक छोड़ दिया और कहा, “यार मोनू, एक बात मैं भी बताऊं? मेरा भी बहुत मन कर रहा है प्यार करने का। भले ही आज मुझे किसी लड़की की तरह चुदना पड़े!”

ये सुनते ही मोनू मेरे करीब आ गया। उसकी आंखों में वासना साफ दिख रही थी। वो बोला, “यार राज, क्या तू आज की रात मेरी रखैल बनेगा?” मैंने कहा, “हां मेरे राजा, आज मैं तेरी रांड हूं। जैसे चाहे मुझे प्यार कर!” मोनू ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मेरे कंधों और कान के पास किस करने लगा। मैं भी उससे लिपट गया। मैं चाहता था कि वो मुझे पूरी तरह से एक लड़की की तरह ट्रीट करे, इसलिए मैंने कोई पहल नहीं की।

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मोनू ने मेरे होठों पर अपने होठ रख दिए, और हम एक गहरे चुम्बन में डूब गए। उसने अपना एक हाथ मेरी बनियान के अंदर डाल दिया और मेरे निप्पल्स को मसलने लगा। मैं तो एकदम लड़की की तरह तड़प रहा था। फिर हम दोनों खड़े हुए और उस गोल बेड पर आ गए। बेड ऐसा लग रहा था जैसे कोई नया शादीशुदा जोड़ा अपनी सुहागरात मना रहा हो। मैंने कहा, “मोनू, मेरे राजा, आज मैं तेरी दुल्हन हूं, तेरी रखैल हूं, तेरी रांड हूं। आज इतना चोद मुझे कि मेरी गांड तेरे लंड की दीवानी हो जाए। सच कहूं, जब से मैंने तेरा खड़ा लंड देखा, मैं उसी वक्त इसका दीवाना हो गया था। मैं इसे मुंह में लेना चाहता था, लेकिन डरता था कि कहीं तू बुरा न मान जाए।”

मोनू ने अपना लोअर उतार दिया, और मैंने भी अपनी बनियान और अंडरवियर उतार दिया। उसने अभी भी अंडरवियर पहना हुआ था, जिसमें उसका खड़ा लंड बाहर आने को तड़प रहा था। मैं उसके करीब गया और अपना चेहरा उसके लंड पर रगड़ने लगा। मैंने आंखें बंद कर लीं और अपने होठों से उसके अंडरवियर को दबाकर नीचे खींच दिया। उसका लंड मेरे होठों और गालों से टकराया। मैंने उसका लंड देखा तो देखता ही रह गया। करीब 7 इंच लंबा, 2.5 इंच मोटा, और उसकी मशरूम जैसी टोपी बाहर निकली हुई थी। मैंने बिना देर किए उसके लंड को अपने होठों में दबा लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगा।

“ऊऊम्म्म… पुच पुच पुच… मम्म्म,” मैंने मजे में चूसना शुरू किया। मोनू ने मेरे सिर पर हाथ रखा और मेरे मुंह को अपने लंड पर दबाने लगा। मैं समझ गया कि वो मेरे मुंह को चोदना चाहता है। मैंने उसका लंड मुंह में दबाए हुए उसकी आंखों में देखा। हमारी नजरें मिलीं, और वो मेरे मुंह को चोदने लगा। मैं भी मस्ती में उसका पूरा लंड अपने मुंह में लेने की कोशिश करने लगा। मोनू बोला, “ऊऊम्म्म… आह्ह्ह… मजा आ गया राज, तू तो सचमुच रांड है। चूस मेरा लंड, चूपे मार मेरे लंड पे… आह्ह्ह!” उसकी बातें मुझे और जोश दिला रही थीं।

मैंने कहा, “ऊऊम्म्म… आह्ह्ह… मम्म्म…” तभी मोनू बोला, “आह्ह्ह… मैं छूटने वाला हूं!” और उसने मेरे मुंह में अपना गरम-गरम माल छोड़ दिया। मैंने मजे और स्वाद लेकर उसका सारा माल पी लिया। फिर मैंने उसके लंड को मुंह से निकाला और चाट-चाटकर साफ कर दिया। उसका लंड अभी भी खड़ा था। हमने थोड़ा आराम किया और एक-एक पेग और लगाया।

मैंने पूछा, “क्यों, मजा आया?” मोनू बोला, “बहुत! किसी लड़की ने भी मेरे लंड को ऐसे नहीं चूसा।” वो मेरे करीब आया और मेरे मम्मों पर एक चिकोटी काट ली। मेरे मुंह से “आह्ह” निकल गई। मोनू बोला, “यार, तेरे मम्मे तो किसी लड़की जैसे हैं। आज मैं इनका दूध पी जाऊंगा।” मैंने हंसते हुए कहा, “मेरे राजा, इनमें दूध नहीं आता।” मोनू बोला, “मैं चूस-चूसकर निकाल दूंगा।”

मैंने कहा, “ठीक है, लेकिन मैं चाहता हूं कि तू मेरी गोद में लेटकर, किसी बच्चे की तरह मेरे मम्मे चूसे।” मोनू मेरी गोद में लेट गया, और मैंने अपने निप्पल को उसके मुंह में दे दिया। वो किसी बच्चे की तरह मेरा निप्पल चूसने लगा। मैं मस्ती में डूब गया और बोला, “ओह्ह मोनू, पी ले मेरा दूध… ऊऊम्म्म… चूस ले मेरे मम्मे… आज इन्हें इतना चूस कि ब्रा पहननी पड़े… मेरे निप्पल्स से दूध निकाल दे… आह्ह्ह!” तभी मोनू ने मेरे निप्पल पर हल्का सा काट लिया। मेरे मुंह से एक चीख निकली, “ओह्ह मेरे राजा, इतना जुल्म न कर, काट मत!”

फिर मोनू ने मुझे नीचे लिटा दिया और मेरे ऊपर आकर मेरे निप्पल्स चूसने लगा। मैं मजे में उसके बालों में हाथ फेरने लगा और उसका मुंह अपने मम्मों पर दबाने लगा। वो बारी-बारी से मेरे दोनों निप्पल्स को चूस रहा था और हल्के-हल्के काट रहा था। मैंने उसका लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और मसलने लगा। उसका लंड एकदम सख्त और गर्म था। अब मोनू बोला, “मेरी जान, अब नहीं रहा जाता। अब तो मुझे तेरी गांड मारनी है।”

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मैंने कहा, “ओह मेरे जनू, मैं आज तेरा हूं। आ जा, मैं भी अब और नहीं सह सकता।” मैं उल्टा होकर लेट गया। मोनू ने मेरी गांड पर चुम्बनों की बरसात कर दी। फिर उसने मेरी गांड के छेद पर अपनी जीभ फेरी। उसने ढेर सारा थूक मेरी गांड में डाल दिया, जिससे मेरा छेद गीला और चिकना हो गया। फिर वो उठा और बाथरूम से सरसों का तेल ले आया। उसने अपने लंड पर तेल लगाया और मेरी गांड पर भी ढेर सारा तेल डाल दिया। मैं नीचे लेटा हुआ उसका इंतजार कर रहा था। मेरी गांड में खुजली सी मच रही थी।

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अचानक मुझे मेरी गांड के छेद पर उसका लंड महसूस हुआ। उसने थोड़ा दबाव डाला, और मेरे मुंह से चीख निकल गई, “आह्ह्ह… थोड़ा आराम से जनू, अभी कुंवारी है मेरी गांड!” मोनू ये सुनकर और खुश हो गया। वो बोला, “वाह, आज तो एकदम कुंवारी गांड मिली है मारने को!” उसने फिर से कोशिश की, और इस बार उसका मशरूम जैसा टोपा मेरी गांड में घुस गया। मैं दर्द से तड़प उठा, लेकिन अब पीछे हटना नहीं चाहता था। मोनू थोड़ा रुका, फिर धीरे-धीरे अपने लंड को और अंदर धकेलने लगा। मैंने अपने होठों को दांतों में दबा लिया। एक जोरदार धक्के के साथ उसका आधा लंड मेरी गांड में था।

वो थोड़ा रुका और मेरे ऊपर लेट गया। मेरे दर्द को कम करने के लिए उसने मेरे कंधों और गर्दन पर चुम्बन देने शुरू किए। थोड़ी देर बाद जब मेरा दर्द कम हुआ, उसने अपनी कमर हिलानी शुरू कर दी। अब मुझे भी मजा आने लगा। दिसंबर की ठंड में उसका गर्म-गर्म लंड मेरी गांड में जा रहा था, और मैं सातवें आसमान पर था। मोनू अपने आधे लंड से मेरी गांड मार रहा था। मैंने मजे में कहा, “ओह्ह मेरे जनू, अब पूरा डाल दे… फाड़ दे मेरी गांड… जोर से मार मेरी!” मैं भी नीचे से अपनी गांड हिला रहा था।

मोनू ने एक और जोरदार धक्का मारा, और उसका पूरा 7 इंच का लंड मेरी गांड में उतर गया। मेरे मुंह से दर्द और मजे की एक चीख निकली, लेकिन मैं रुका नहीं। मोनू भी लगातार धक्के मार रहा था। वो बोला, “आह्ह्ह… ओह्ह… बहुत मजा आ रहा है… ये ले मेरी रखैल… ये ले पूरा… आज से तू मेरी रांड है… रोज तेरी गांड मारूंगा… साले, तू तो एकदम चिकना है… इतनी गोल-मटोल गांड… इतनी टाइट… आह्ह्ह!”

मैंने कहा, “ओह्ह मोनू, मैं भी आज के बाद जब तू कहेगा, तेरे सामने अपनी गांड खोल दूंगा… जितना मर्जी मार ले… रोज मरवाऊंगा तुझसे… मेरे राजा, तेरा लंड अब मेरा है!” मोनू के धक्के और तेज हो गए। हम दोनों स्वर्ग के मजे में डूबे हुए थे। उसका लंड मेरी गांड को चीरता हुआ अंदर-बाहर हो रहा था, और हर धक्के के साथ मेरी गांड में एक गर्म लहर दौड़ रही थी।

तभी मोनू बोला, “आह्ह्ह… राज, मेरा छूटने वाला है… आह्ह्ह!” और उसने मेरी गांड में अपने गरम-गरम माल की फुहारें छोड़ दीं। मेरी गांड उसके माल से भर गई थी। वो थककर मेरे ऊपर गिर गया। मैं उसके नीचे लेटा हुआ अपने आप को एक लड़की की तरह महसूस कर रहा था। सच कहूं, उस रात मुझे जन्नत का मजा मिला था। इसके बाद हम दोनों नंगे ही सो गए।

सुबह जब मेरी नींद खुली, मोनू का लंड अभी भी मेरी गांड से चिपका हुआ था। उसकी गर्मी मेरे बदन में उतर रही थी। हमने शिमला में तीन रातें और बिताईं, और हर रात मैं मोनू की दुल्हन बनकर चुदवाया। हर बार वो मुझे नए-नए तरीकों से चोदता, कभी मेरे मम्मों को चूसता, कभी मेरी गांड पर थप्पड़ मारता, और कभी मुझे अपनी गोद में बिठाकर मेरी गांड में अपना लंड पेलता।

शिमला से वापस आने के बाद भी मोनू मेरी गांड मारता रहा। हम अक्सर टूर पर जाते हैं और हर बार नए मजे लेते हैं। ये थी मेरी और मोनू की चुदाई की कहानी। अगर आपको मेरी कहानी पसंद आई, तो जरूर बताइए।

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