मैं रेहान, 24 साल का जवान लड़का हूँ, स्लिम बॉडी, गेहुआं रंग, और मेरा लंड 6 इंच लंबा और औसत से ज्यादा मोटा है। बात उस वक्त की है जब मैं एक रेस्टोरेंट में कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजर की जॉब करता था। मेरी जिंदगी में मस्ती थी, पर दिल में एक खालीपन भी था। फिर एक दिन, मेरी जिंदगी में मीनल आई, और सब कुछ बदल गया। मीनल, 26 साल की, 36-30-34 का फिगर, गोरा रंग, और हुस्न की मल्लिका। उसकी एक झलक किसी का भी लंड खड़ा कर दे। उसकी आँखों में वो कशिश थी कि कोई भी उसे देखकर बस चोदने की सोचे।
ये कहानी पिछले साल की है। हमारे रेस्टोरेंट में फ्रेंडशिप डे की पार्टी थी। करीब 100 लड़के-लड़कियां आए, सबने खूब मस्ती की, डांस किया, खाना खाया। पार्टी खत्म होने के बाद मैंने सबके रिव्यूज लिए। सबने तारीफ की, और उसी में एक नाम था मीनल। उसका पूरा नाम लिखा था, और मेरे दिमाग में बस गया। अगले दिन मैंने फेसबुक पर उसे सर्च किया। उसकी प्रोफाइल देखी तो वो किसी हीरोइन से कम नहीं लग रही थी। उसका स्टेटस सिंगल था, और मेरा भी। बस, मन में ठान लिया कि इस माल को पटाना है। मैंने तुरंत फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी।
शाम को उसका मैसेज आया। मीनल ने पूछा, “हू आर यू?” मैंने जवाब दिया, “हैलो.. मैं रेहान, हाउ आर यू?” वो बोली, “इह.. आई एम गुड.. एंड आई कॅन सी योर नेम हियर.. बट हाउ यू नो मी?” मैंने बताया, “यू नो.. कल तुम रेस्तरां में आई थीं अपने फ्रेंड्स के साथ.. तभी मैंने तुम सभी के व्यूज लिए थे, तुमने भी अपने व्यूज दिए थे, और उसी की डिटेल से मैंने तुमको सर्च किया है।” वो हंसते हुए बोली, “ओह ये बात थी.. गुड..” बस, फिर क्या, हमारी चैट शुरू हो गई। रोज बातें होने लगीं, और धीरे-धीरे हम अच्छे दोस्त बन गए।
मीनल अपने ऑफिस के लिए रेस्टोरेंट से खाना ऑर्डर करती थी। मैं उसे डिलीवरी देने जाता, और हमारी मुलाकातें बढ़ने लगीं। एक बार उसने अपनी जिंदगी की कहानी सुनाई। बताया कि उसके पापा की डेथ हो चुकी है, और अब वो अकेले अपनी माँ और छोटी बहन की जिम्मेदारी संभालती है। उसकी बातें सुनकर मुझे दुख हुआ, और उसी पल मुझे उससे प्यार हो गया। उसकी हिम्मत, उसका हुस्न, सब कुछ मुझे खींच रहा था।
जुलाई में उसका बर्थडे था। मैंने सोचा, ये मौका है उसे इम्प्रेस करने का। मैंने उसके लिए एक खूबसूरत सी ब्लैक ड्रेस खरीदी। ऑफिस के बाद मैं उसके ऑफिस के बाहर इंतजार करने लगा। जब वो बाहर आई, मैंने उसे कॉल किया। वो मेरे पास आई, और मैंने उसे गिफ्ट दिया। पहले तो वो मना करने लगी, लेकिन मेरे जिद करने पर उसने ले लिया। उसकी स्माइल ने मेरा दिल जीत लिया। रात को चैट में उसने बताया, “मैंने ड्रेस पहन कर देखी है, मुझ पर बहुत अच्छी लग रही है… थैंक्स।” मैंने कहा, “दोस्ती में कोई थैंक्स या सॉरी नहीं चलता।” वो फिर भी बोली, “थैंक्स!” मुझे बहुत खुशी हुई।
अब हम और क्लोज हो गए थे। एक दिन मैंने उससे मिलने का प्लान बनाया। हम एक पिज्जा सेंटर पर मिले। वो ब्लैक ड्रेस में थी, एकदम कयामत लग रही थी। उसकी टाइट ड्रेस में उसके मम्मे और गांड उभर कर सामने आ रहे थे। हमने खाना ऑर्डर किया, साथ खाया, और बातें कीं। मैंने कहा, “तुम वाकई बहुत बहादुर लड़की हो.. पूरे घर की जिम्मेदारी को तुम अकेले संभाल रही हो।” मेरी बात सुनकर उसकी आँखों में आंसू आ गए। उसने बताया, “आज मुझे अपने डैड की बहुत याद आ रही है।” मैंने उसके आंसुओं को अपने हाथों से पोंछा और कहा, “बेबी, तुम क्यों अकेली फील करती हो.. मैं हूँ ना यार।” वो मेरी बात सुनकर मुस्कुराई और मेरे कंधे पर सर रख दिया।
हम वहाँ से निकलकर पास के एक पार्क में गए। एक शांत कोने में बैठे, मैंने उसे चॉकलेट दी और कहा, “आई लव यू..” उसने मेरी आँखों में देखा, और मेरे प्रपोजल को एक्सेप्ट कर लिया। उसने मेरे कंधे पर सर रखा, और हम देर तक बातें करते रहे। अंधेरा होने लगा तो मैंने उसके माथे पर किस किया, और हम वहाँ से निकल गए। उस पल ने मेरा अकेलापन दूर कर दिया।
दो दिन बाद हमारे बॉस के दूसरे होटल में मीनल के ऑफिस की मीटिंग थी। उसने मुझे बताया, तो मैं भी वहाँ पहुँच गया। मैं रेस्टोरेंट का स्टाफ था, सो मुझे एंट्री मिल गई। मीनल को देखकर मेरा दिल धक-धक करने लगा। वो वाइट शर्ट और ब्लू जीन्स में थी, एकदम हॉट। उसकी शर्ट में उसके मम्मे टाइट होकर उभर रहे थे, और जीन्स में उसकी गांड मस्त लग रही थी। मेरे दिमाग में बस उसे चोदने का ख्याल आ रहा था। मैंने होटल मैनेजर से रिक्वेस्ट करके 2 घंटे के लिए एक रूम ले लिया। वो मुझे जानता था, सो उसने चाबी दे दी।
मैंने मीनल को मैसेज किया, “प्लीज़ कम ऑन फर्स्ट फ्लोर, आई वांट टू मीट यू..” मीटिंग हॉल दूसरी मंजिल पर था। मीनल मेरे कहने पर आई, लेकिन डरते हुए बोली, “रेहान, क्या कर रहे हो यार.. कोई आ जाएगा, तो दिक्कत हो जाएगी।” मैंने कहा, “ये रूम कुछ समय के लिए मेरा है, यहाँ कोई नहीं आएगा जान।” मैंने दरवाजा लॉक किया और उसे जोर से हग कर लिया। उसने भी मेरी पीठ पर हाथ रखकर मुझे टाइट हग किया। उसकी गर्म सांसें मेरे गले पर लग रही थीं, और मेरा लंड खड़ा होने लगा।
हम कुछ देर एक-दूसरे की बांहों में खड़े रहे। फिर मैंने उसे गोद में उठाया और बेड पर लिटा दिया। मैं उसके ऊपर आ गया और उसके चेहरे को चूमने लगा। उसकी मुलायम गालों से लेकर उसकी गर्दन तक, मैं हर जगह चूम रहा था। उसने मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुए मुझे सहलाना शुरू किया। मैं गर्म हो रहा था। मैंने उसके होंठों को चूमा, उसकी जीभ को अपने मुँह में लिया और स्मूच करने लगा। वो भी मेरा साथ दे रही थी, उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूंज रही थीं। मैंने उसकी गर्दन पर जीभ फेरी, और वो अपने मम्मों को ऊपर उठाने लगी।
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मैंने उसकी शर्ट के बटन खोलने शुरू किए, और साथ-साथ उसे चूमता रहा। उसने कोई विरोध नहीं किया, शायद वो भी यही चाहती थी। शर्ट खुलने के बाद मैंने उसकी पेट की मुलायम चमड़ी को चूमा, और धीरे-धीरे ऊपर बढ़ा। उसने पिंक कलर की टाइट ब्रा पहनी थी, जिसमें उसके मम्मे बाहर निकलने को बेताब थे। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को चूमा, और उसकी क्लीवेज में जीभ डालकर चाटने लगा। वो “आहह.. रेहान..” कहते हुए सिसकार रही थी। उसने मेरी शर्ट और बनियान उतार दी, और मेरे सीने को सहलाने लगी।
मैं नीचे गया और उसकी जीन्स का बटन खोला। जैसे ही मैंने उसकी जीन्स की जिप नीचे की, उसकी चूत की महक मेरे नाक में आई। वाह, क्या मस्त खुशबू थी, किसी पर्फ्यूम से भी ज्यादा नशीली। मैंने उसकी जीन्स नीचे खींची, और उसने अपने चूतड़ उठाकर मेरा साथ दिया। अब वो सिर्फ पिंक ब्रा और पैंटी में थी। उसका गोरा, मुलायम बदन किसी हीरोइन से कम नहीं था। मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को चूमा, और उसकी जांघों को चाटने लगा। उसकी टांगें कांप रही थीं, और वो मादक सिसकारियाँ भर रही थी।
मैंने उसे अपने ऊपर खींच लिया, और अब मैं नीचे था। वो मेरे सीने को चूमने लगी, मेरी गर्दन से लेकर मेरे पेट तक। उसने मेरी जीन्स का बटन खोला और उसे उतार दिया। मेरा लंड अंडरवियर में तंबू बना रहा था। वो मेरे लंड का उभार देखकर मुस्कुराई और अपने दांतों से होंठ काटने लगी। उसने मेरे अंडरवियर को नीचे खींचा, और मेरा 6 इंच का लंड आजाद हो गया। उसने मेरे लंड को अपने मुलायम हाथों में लिया और सहलाने लगी। मेरे बदन में करंट सा दौड़ गया। फिर उसने मेरी आँखों में देखा, मुस्कुराई, और मेरे लंड के सुपारे को अपनी जीभ से चाटा। उसने मेरे लंड को अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। उसकी गर्म जीभ मेरे लंड को मसाज कर रही थी, और मुझे जन्नत का मजा आ रहा था।
करीब 7-8 मिनट तक वो मेरे लंड को चूसती रही। जब मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ, मैंने उसे रोका और उसे नीचे लिटाया। अब उसकी चूत चोदने की बारी थी। उसकी चूत पहले से ही गीली थी, और मेरा लंड उसके थूक से चमक रहा था। मैंने अपने लंड को उसकी चूत के होल पर सेट किया, और उसकी चूत की फांकों को लंड से रगड़ा। वो “आहह.. रेहान.. प्लीज.. अब डाल दो..” कहते हुए तड़प रही थी। मैंने भी देर नहीं की। मैंने एक जोरदार धक्का मारा, और मेरा लंड उसकी गीली चूत में सरसराता हुआ पूरा अंदर चला गया। वो “आहह.. उफ्फ..” कहकर सिहर उठी। उसे थोड़ा दर्द हुआ, लेकिन वो मुझे टाइट हग किए हुए थी।
कुछ पल बाद मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड हर धक्के में उसकी दीवारों को रगड़ रहा था। वो “आहह.. उम्म्ह.. रेहान.. और जोर से..” कहते हुए अपनी कमर उठा रही थी। मैंने स्पीड बढ़ाई, और उसे धकापेल चोदने लगा। उसकी सिसकारियाँ पूरे कमरे में गूंज रही थीं। “आहह.. हय.. याह.. जान.. चोदो मुझे..” वो चिल्ला रही थी। मैंने उसके मम्मों को ब्रा से आजाद किया और उन्हें चूसने लगा। उसके निप्पल कड़क हो गए थे, और मैं उन्हें दांतों से हल्का सा काट रहा था।
करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद उसकी चूत ने गर्म लावा छोड़ दिया। उसका शरीर कांप रहा था, और वो मेरे सीने में चेहरा छुपा रही थी। मैंने चुदाई जारी रखी। वो अब अपने चूतड़ उठाकर मेरे हर धक्के का जवाब दे रही थी। उसकी चूत की गर्मी और टाइटनेस मुझे पागल कर रही थी। कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था। मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके पेट पर सारा माल गिरा दिया। उसने मेरे लंड को पकड़कर मुठ मारी, और बाकी का रस भी निकाल दिया। हम दोनों हांफ रहे थे, लेकिन उसकी आँखों में एक सुकून था।
हमने एक-दूसरे को चूमा, और फिर फ्रेश होकर कपड़े पहने। वो अपनी मीटिंग में चली गई, और मैं अपनी ड्यूटी पर वापस आ गया। उस दिन के बाद हमारी मोहब्बत और गहरी हो गई। मीनल मेरी जिंदगी का वो हिस्सा बन गई, जिसके बिना मैं अब अधूरा था।