चुदाई की आग में जलते भाई बहन

मेरा नाम राहुल है, और मैं अपनी छोटी बहन रिया के साथ चुदाई करता हूँ। ये बात तब की है जब कोविड का लॉकडाउन अपने पूरे शबाब पर था। हमारा छोटा सा परिवार—मैं (20 साल का), मेरी माँ, और मेरी 18 साल की बहन रिया—एक छोटे से शहर के घर में कैद था। पापा कुछ साल पहले गुजर चुके थे, और लॉकडाउन ने हमारी जिंदगी को और तन्हा कर दिया था। बाहर निकलना बंद, दोस्तों से गपशप बंद, और बस घर की चार दीवारी में बोरियत। इस बोरियत में, मेरा ध्यान रिया पर गया।

रिया तो जैसे कोई अप्सरा थी। गोरा रंग, कजरारी आँखें, और होंठ ऐसे कि बस चूमने का मन करे। उसका फिगर—उफ्फ! टाइट चूचियाँ, पतली कमर, और गोल-मटोल गांड। लॉकडाउन में वो घर में सिर्फ ढीली टी-शर्ट और छोटी सी पैंटी या शॉर्ट्स में घूमती थी। उसकी चूचियाँ टी-शर्ट में उभरती थीं, और जब वो झुकती, तो उसकी पैंटी में उसकी चूत की शेप साफ दिखती। मैं खुद को रोकता, लेकिन लंड तो लंड है, भोसड़ी का। वो हर बार खड़ा हो जाता। मेरा मन रिया को गलत नजरों से देखने लगा था, और शायद वो भी मुझे चोर नजरों से ताड़ रही थी।

माँ को रात में नींद की गोलियाँ लेने की आदत थी। हर रात 9 बजे वो गोली खातीं, और 10 बजे तक गहरी नींद में डूब जातीं। उनका कमरा नीचे था, और हमारा ऊपर। माँ के सोने के बाद, घर में सिर्फ मैं और रिया जागते। समय काटने के लिए हमने रात को पुरानी देसी मूवीज देखना शुरू किया। शुरू में हम सोफे पर अलग-अलग बैठते, पॉपकॉर्न खाते, और मूवी के बकवास डायलॉग्स पर ठहाके लगाते। लेकिन ठंड बढ़ने लगी, और हमने एक कम्बल शेयर करना शुरू कर दिया। रिया मेरे बगल में चिपककर बैठती, और उसकी गर्माहट मेरे लंड को बेकाबू कर देती। उसकी खुशबू—हाय! जैसे कोई जन्नत की सैर करा रही हो।

एक रात, हम फिर से मूवी देख रहे थे। कोई पुरानी मसाला फिल्म थी, जिसमें हीरोइन के आइटम सॉन्ग्स थे। मैं थक गया और सोफे पर ही लुढ़क गया। आधी रात को मेरी नींद खुली। मैंने महसूस किया कि कम्बल मेरे ऊपर से हट रहा है। मैंने आँखें हल्की सी खोलीं, लेकिन हिला नहीं। रिया मेरे बगल में थी, और वो धीरे-धीरे कम्बल को मेरे लंड के ऊपर से हटा रही थी। मैं सिर्फ कच्छा पहने था, और नींद में मेरा लंड आधा तन गया था। रिया ने सिर्फ एक पतली सी टी-शर्ट और काली पैंटी पहनी थी। उसका हाथ मेरे लंड की ओर बढ़ा, और उसने उसे हल्के से छुआ। मेरे शरीर में जैसे करंट दौड़ गया। मेरा लंड पलभर में कड़क हो गया, और उसकी छोटी सी हथेली में वो और बड़ा होने लगा।

मैंने चुपके से उसकी ओर देखा। उसकी आँखें मेरे लंड पर टिकी थीं, लेकिन अचानक उसने ऊपर देखा, और हमारी नजरें टकरा गईं। वो घबरा गई। उसका हाथ पीछे हट गया, और वो बड़बड़ाने लगी, “सॉरी, राहुल… मैं… मैं नहीं जानती थी…” मैंने धीमी, गहरी आवाज में कहा, “कोई बात नहीं, रिया। जो तू चाहे, वो कर। मैं तेरा भाई हूँ, तुझ पर भरोसा है।” मेरी आवाज में उत्तेजना थी, और शायद उसने भी मेरी आँखों में वही आग देखी।

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वो हिचकिचाई। उसकी साँसें तेज थीं, और उसकी चूचियाँ टी-शर्ट में ऊपर-नीचे हो रही थीं। फिर उसने जैसे हिम्मत जुटाई। उसका हाथ फिर से मेरे कच्छे में गया। उसने मेरा लंड बाहर निकाला। सात इंच का मेरा देसी लंड, गर्म और कड़क, अब उसकी हथेली में था। उसने धीरे-धीरे उसे मुठ मारना शुरू किया। उसकी छोटी-छोटी उंगलियाँ मेरे लंड को सहला रही थीं, और मैं बस जन्नत में था। मैंने उसकी पीठ पर हाथ रखा, उसे हौसला देने के लिए। फिर उसने वो किया, जिसने हमारी जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया।

रिया ने अपना सिर नीचे किया और मेरे लंड को अपने गर्म मुँह में ले लिया। उसकी जीभ मेरे सुपारे पर घूम रही थी, और उसका मुँह मेरे लंड को चूस रहा था। वो ज्यादा अच्छे से नहीं कर रही थी, लेकिन भोसड़ी के, मेरी छोटी बहन मेरा लंड चूस रही थी! मैंने उसकी टी-शर्ट के ऊपर से उसकी चूचियाँ दबाईं। उसकी निप्पल्स टाइट थीं। मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को छुआ। वो इतनी गीली थी कि मेरी उंगलियाँ तर हो गईं। उसकी चूत गर्म थी, जैसे कोई भट्टी जल रही हो। मैंने सोचा, मेरा लंड अब यहीं होना चाहिए। अभी।

मैंने उसे धीरे से धक्का दिया, और वो सोफे पर पीछे लेट गई। उसने अपनी टाँगें फैला दीं। मैंने उसकी पैंटी को एक तरफ खिसकाया। उसकी चूत—हाय राम! गुलाबी, चिकनी, और इतनी रसीली कि मेरा मुँह ललचा गया। मैंने उसकी पैंटी को पूरा उतार दिया, और अपना कच्छा भी फेंक दिया। रिया मेरी ओर देख रही थी, उसकी आँखों में शरम, उत्तेजना, और भरोसा था। मैंने अपने पर्स से एक कंडोम निकाला। रिया ने पूछा, “ये क्या, राहुल?” मैंने हँसते हुए कहा, “अरे, सेफ्टी फर्स्ट, बहन। तुझे कुछ नहीं होने दूंगा।” मैंने कंडोम अपने लंड पर चढ़ाया और उसकी चूत के मुहाने पर सुपारा रखा।

हमारी नजरें मिलीं। मैंने उसे होंठों पर चूमा, और धीरे-धीरे धक्का देना शुरू किया। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड पहले तो फिसल गया। रिया ने सिसकारी भरी, “राहुल… धीरे… दर्द हो रहा है…” मैंने उसकी चूचियाँ दबाईं और फिर से धक्का मारा। इस बार मेरा लंड उसकी चूत में आधा घुस गया। वो हल्के से चीखी, लेकिन उसने मुझे रोका नहीं। मैंने और जोर लगाया, और मेरा पूरा सात इंच का लंड उसकी चूत में समा गया। उसकी चूत ने मेरे लंड को जकड़ लिया था, जैसे वो उसे कभी छोड़ना ही नहीं चाहती थी। मैंने धीमे-धीमे धक्के शुरू किए। हर धक्के के साथ उसकी सिसकारियाँ तेज हो रही थीं। “आह… राहुल… हाय… क्या मस्त है…”

मैंने उसकी टी-शर्ट ऊपर की और उसकी गोल-गोल चूचियाँ आजाद कर दीं। उसकी निप्पल्स भूरी और टाइट थीं। मैंने एक निप्पल को मुँह में लिया और चूसने लगा, जबकि मेरा लंड उसकी चूत को रगड़ रहा था। दस धक्कों के बाद, रिया का शरीर अकड़ने लगा। उसकी चूत ने मेरे लंड को और जोर से जकड़ा, और वो झड़ गई। उसकी चूत से गर्म पानी निकलने लगा, जो मेरे लंड को और गीला कर रहा था। मैंने उसकी कमर पकड़ी और धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी। चप-चप की आवाज पूरे कमरे में गूंज रही थी। मैंने उसे जोर-जोर से चोदना शुरू किया। उसकी चूचियाँ उछल रही थीं, और उसकी सिसकारियाँ चीखों में बदल गईं। “राहुल… हाय… और जोर से… फाड़ दे मेरी चूत…”

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कुछ मिनट बाद, मैंने महसूस किया कि मेरा भी होने वाला है। रिया फिर से झड़ रही थी, उसकी आँखें पीछे चली गई थीं। मैंने आखिरी बार एक गहरा धक्का मारा और कंडोम के अंदर ही झड़ गया। मेरा माल गर्म और भरपूर था। हम दोनों हाँफ रहे थे। मैंने कंडोम उतारा और उसे टिश्यू में लपेटकर फेंक दिया। रिया मेरी बाहों में लेट गई, और हमने एक-दूसरे को चूमा। दस मिनट तक हम सोफे पर ही पड़े रहे, एक-दूसरे को सहलाते हुए। फिर हमने कपड़े ठीक किए और अपने-अपने कमरे में चले गए।

अगली सुबह, रिया मेरी ओर देखकर शरमा रही थी। लेकिन उसकी आँखों में एक नई चमक थी। उस दिन हमने ज्यादा बात नहीं की, लेकिन रात को माँ के सोने के बाद वो मेरे कमरे में आई। उसने सिर्फ एक पतली सी नाइटी पहनी थी, जिसमें उसकी चूचियाँ और गांड साफ दिख रही थी। “राहुल… कल रात वाला… फिर से?” उसने शरारती अंदाज में पूछा। मैंने उसे बिस्तर पर खींच लिया। इस बार मैंने उसकी नाइटी उतारी और उसकी चूत को चाटना शुरू किया। उसकी गुलाबी चूत का स्वाद नमकीन और मादक था। मैंने अपनी जीभ को उसकी चूत की दरार में घुमाया, और उसका पानी मेरे मुँह में आने लगा। वो मेरे सिर को अपनी चूत में दबा रही थी। “राहुल… हाय… और चाट… मेरी चूत का रस पी ले…”

वो दो बार झड़ गई। मैंने एक और कंडोम निकाला, लेकिन रिया ने कहा, “राहुल, मैंने मम्मी की ड्रॉअर से गोलियाँ निकाल ली हैं। अब कंडोम की जरूरत नहीं।” मैं हैरान था, लेकिन उसकी बात ने मुझे और गर्म कर दिया। मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया, इस बार बिना कंडोम के। उसकी गर्म, टाइट चूत मेरे लंड को निगल रही थी। मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से चोदना शुरू किया। उसकी गांड हर धक्के के साथ हिल रही थी। “राहुल… और जोर से… मेरी चूत को रगड़ दे…” मैंने उसकी चूचियाँ पकड़ीं और उसे रगड़-रगड़कर चोदा। उसकी चूत ने तीन बार पानी छोड़ा, और आखिरकार मैंने उसके अंदर ही माल निकाल दिया।

हम दोनों पसीने से तर थे। रिया मेरे सीने पर लेट गई और बोली, “राहुल… ये गलत है, लेकिन मुझे तुझसे चुदवाने में जन्नत मिलती है।” मैंने उसकी आँखों में देखा और कहा, “रिया, जब तक हम दोनों खुश हैं, दुनिया जाए भाड़ में।” इसके बाद, ये हमारा रोज का रिवाज बन गया। हर रात, माँ के सोने के बाद, रिया मेरे पास आती। कभी वो मेरे लंड को चूसती, कभी मैं उसकी चूत को चाटता। हमने हर तरह से चुदाई की। एक रात, उसने कहा, “राहुल, मेरी गांड में डाल ना… मैंने सुना है, बहुत मजा आता है।” मैंने उसकी गांड में नारियल का तेल लगाया और धीरे-धीरे अपना लंड डाला। वो दर्द से चीखी, लेकिन फिर उसे मजा आने लगा। “हाय… राहुल… मेरी गांड मार… और जोर से…” उसकी टाइट गांड ने मुझे पांच मिनट में झड़ा दिया।

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रिया को एक और किंक था। उसे हमारी चुदाई को रिकॉर्ड करना पसंद था। उसने कहा, “राहुल, दिन में जब तू ऑनलाइन क्लास करता है, मैं ये वीडियोज देखती हूँ और अपनी चूत में उंगली करती हूँ।” हमने 40-50 क्लिप्स बना लिए। कुछ छोटे, कुछ आधे घंटे के। एक बार उसने मुझे एक वीडियो दिखाया, जिसमें वो मेरे लंड को चूस रही थी, और उसकी चूत कैमरे में चमक रही थी। वो वीडियोज देखकर इतनी गर्म हो जाती थी कि रात को और जोश के साथ मेरे पास आती।

एक दिन, रिया ने कहा, “राहुल, मैं चाहती हूँ कि हम अपना फ्लैट लें। सिर्फ तू और मैं। जहाँ मैं तेरी रंडी बनकर रह सकूँ।” उसकी बात सुनकर मेरा दिल भर आया। मैंने कहा, “हाँ, रिया। हम ऐसा करेंगे।” लेकिन इसके लिए पैसे चाहिए थे। मैंने ऑनलाइन फ्रीलांसिंग शुरू की, और रिया ने सुझाव दिया कि हम अपने वीडियोज को बेच सकते हैं। “लोग ऐसी देसी चीजें पसंद करते हैं,” उसने कहा। मैं हिचकिचाया, लेकिन उसने मुझे मना लिया। हमने कुछ क्लिप्स ऑनलाइन डाले, और हमें अच्छा रिस्पॉन्स मिला।

अब हमारा सपना है कि हम जल्दी से एक फ्लैट ले लें। जहाँ रिया और मैं खुलकर अपनी जिंदगी जी सकें। रिया मेरी बहन है, लेकिन मेरे लिए वो मेरी रानी है। हर रात, जब वो मेरे पास आती है और अपनी चूत में मेरा माल लेने की गुहार करती है, मुझे लगता है कि मैं दुनिया का सबसे सुखी मर्द हूँ। हमारा रिश्ता शायद दुनिया की नजरों में गलत हो, लेकिन हमारे लिए ये प्यार, आग, और देसी मस्ती का मेल है।

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