Friend sister sex story – wedding night fuck sex story – village girl chudai sex story – impregnate sister sex story: मेरा नाम राज शर्मा है। हिन्दी सैक्स कहानी पर आपका स्वागत है।
मेरी पिछली कहानी थी: लॉकडाउन के बाद फिर चुदी आंटी
दोस्तो, मुझे शुरू से ही सैक्स की कहानी पढ़ना और मूवी देखना पसंद था। और उनसे चुदाई के नये नये तरीके सीख कर मैंने आंटी, भाभी और कुंआरी लड़कियों को चोदा।
आज की दोस्त की बहन सेक्स स्टोरी है शादी में एक अनजान लड़की को चोदा और फ़िर उसकी सूनी गोद को भर दिया।
मेरा लौड़ा 7″ 3″ का है। मैं 5 फुट 4 इंच का हूं और गुड़गांव में कंपनी में काम करता हूं। वहीं सुनील से मेरी दोस्ती हुई और उसकी शादी में उसके गांव आया था।
शादी में बहुत से लोग आये थे, मैं तो किसी को जानता नहीं था। सर्दी का मौसम था और गांव में अच्छी सर्दी थी। ठंडी हवा में शादी की रौनक अलग ही थी, ढोल की थाप और लोगों की हंसी-मजाक से माहौल गर्म था।
मुझे एक रूम मिला जो थोड़ी अंदर था। वहां कोई नहीं आता था। रात को खाने के बाद मैं अपने रूम में आ गया और खाट पर लेट गया फिर नींद आ गई। कमरे में हल्की ठंड थी, कंबल की गर्मी में मैं गहरी नींद में सो गया।
रात को एकदम से मेरे शरीर में गर्मी होने लगी और मुझे अच्छा लगने लगा। मैं नींद में था कोई मेरे शरीर पर हरकत करने लगा। उनकी गर्म सांसें मेरी गर्दन पर लग रही थीं, एक नरम हाथ मेरी छाती पर फिसल रहा था।
मेरी आंखें बंद थी मैंने देखा तो एक औरत मेरे बिस्तर पर लेटी हुई थी। मैं डर गया फिर मैंने धीरे से उठकर दरवाजा बंद कर दिया और बिस्तर पर आ गया।
रूम में अंधेरा था मैंने उनकी साड़ी अलग की उसकी भरी-भरी चूची जैसे ब्लाउज़ से बाहर आने को तैयार थी। उनकी त्वचा की गर्मी और हल्की परफ्यूम की महक कमरे में फैल रही थी। मैंने हिम्मत करके उसके ब्लाउज के बटन खोल दिए और धीरे धीरे उसके उरोज दबाने लगा। वो इतने मुलायम और भारी थे कि हाथों में समाते नहीं थे, निप्पल सख्त होकर मेरी हथेली में चुभ रहे थे।
उसने एकदम से करवट बदल ली और उसकी मखमली खोल गांड मेरे लौड़े के सामने रख दी। थोड़ी देर तो मैं चुपचाप रहा। फिर मैंने उसकी साड़ी पैरों के ऊपर कर दी और उसकी जांघों पर हाथ फेरने लगा। उनकी गोरी, चिकनी जांघें गर्म थीं, छूते ही मेरे बदन में सिहरन दौड़ गई।
मेरा लौड़ा अब खड़ा हो गया मैंने अपना लोवर और अंडरवियर उतार दिया। अब मेरी हिम्मत बढ़ गई थी। मैंने धीरे धीरे उसकी साड़ी निकाल कर अलग कर दी और उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया। मैंने अपना हाथ डाल दिया उसने अंदर पैंटी नहीं पहनी थी।
उसकी चूत चिकनी थी, बाल साफ़ किए हुए थे। मैंने धीरे धीरे उसकी मखमली गुलाबी चूत में उंगली चलाना शुरू कर दिया और अपने लंड को मसलने लगा। उनकी चूत की गर्मी और हल्का गीलापन मेरी उंगलियों पर लग रहा था।
उसने जैसे ही करवट बदली, ब्रा में बंद उसके चूचे मेरे मुंह में आ गए। मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल कर अलग कर दी। अब उसके पके आम मेरे हाथ में थे।
उसका हाथ पकड़ कर मैंने अपने लौड़े पर रख दिया और मैं बूब्स दबाने लगा। वो भी नींद में लंड को सहलाने लगी। उनकी हथेली की गर्मी मेरे लंड को और सख्त कर रही थी।
मैं धीरे से उठा और बैग से सेक्स बढ़ाने वाली एक गोली खा ली। सेक्स की गोली मैं हमेशा अपने पास रखता हूँ। तभी मैंने उसका पेटीकोट उतार दिया और उसकी मखमली गुलाबी चूत को चाटने लगा। उनकी चूत का मीठा-नमकीन रस जीभ पर फैल रहा था, क्लिटोरिस को चूसते हुए वो सिसकारी उठी।
वो मेरे सर को अपनी चूत में दबाने लगी और बोली- और तेज़ तेज़! मैंने उसकी गर्म चूत में अपनी जीभ घुसा दी। आनन्द के मारे वो चीख पड़ी। मैंने उसका मुंह बंद कर दिया। फिर मैंने उसकी चूत को जीभ से चोदना शुरू किया, अंदर-बाहर घुमाते हुए, उनकी जांघें कांप रही थीं।
फिर मैंने उसका ब्लाउज भी अलग कर दिया। मैंने अपना लौड़ा उसके मुंह में डाल दिया वो गपागप गपागप चूसने लगी। उसने मेरे लंड को मस्त कर दिया। मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा।
अब दोनों चुदाई के लिए तैयार हो गए। मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और उसके ऊपर आ गया। तब मैंने अपने सख्त लंड को उसकी चिकनी चूत में सैट किया और एक झटका मारा।
मेरा लंड उसकी गीली चूत में घुस गया और साथ ही उसकी चीख निकल पड़ी। मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और आवाज दबा दी और झटके मारने लगा। उनके होंठ गर्म और रसीले थे, जीभ मिलाते हुए मैं धक्के दे रहा था।
वो दर्द से तड़पने लगी लेकिन मैंने दो तीन धक्के मार कर अपने लौड़े को पूरा उसकी गर्म फुद्दी में घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगा। उसकी उईई ईई सीईई ईई ईईई ईच अहह हम्महह की आवाज आने लगी।
अब मैंने चुदाई के झटकों की रफ्तार बढ़ा दी और थपाथप थपाथप चूत चोदन करने लगा। वो भी अपनी चुदाई के मजे में मस्त होकर मेरा साथ देने लगी।
मैंने उससे पूछा- तुम यहां कैसे आ गई? तो वो बोली- मेरी शाम से तुम पर नज़र थी।
वो रोने लगी। मैंने उससे पूछा- क्या हुआ? तुम रोने क्यों लगी? वो बोली- 4 साल हो गये मेरी शादी को! परन्तु आज तक मेरे पति मुझे मां नहीं बना पाए।
अब मेरे लौड़े को जोश आ गया और उसकी सिसकारियां बढ़ गई ‘उईईई अईई ईईश्श सीईई ईईई ईईईई आहहह हहहह!’ वो बोली- राज तुम मुझे मां बना दो। मैं और मेरे पति तुम्हारे एहसानमंद रहेंगे।
मैंने उसे बिस्तर से नीचे किया और हमने जमीन पर बिस्तर लगा दिया। मैं लेट गया और वो मेरे लंड पर बैठ गई लंड फिसलता हुआ चूत में घुस गया।
‘ऊईई ईईईईई अहहह हहहहहह सीईई ईश्स ईईईई ईईईई’ करके वो लंड पर उछलने लगी। उसकी चूत आज भी टाइट थी। उसके बताने से मुझे पता चला उसके पति का लंड सिर्फ 4″ का है।
मैंने लंड निकाल कर उसके मुंह में डाल दिया और वो लोलीपॉप के जैसे चूसने लगी। तभी मैंने सोचा कि यह जो लड़की मुझसे चुद रही है, ये असल में है कौन?
मैंने उससे पूछा- वैसे तुम कौन हो? वो बोली- मैं सुनील की मौसी की लड़की हूं।
मैंने कहा- तुमने पहले क्यों नहीं बोला? ये सब गलत है। सुनील मेरा दोस्त है। और लंड उसके मुंह से निकल लिया।
वो बोली- कुछ ग़लत नहीं है। सुनील भी चाहता है कि मैं मां बनूं। मैंने कहा- जब उसे पता चलेगा कि तुमने मेरे से चुद कर गर्भ धारण किया है तो वो क्या सोचेगा मेरे और तुम्हारे बारे में?
वो बोली- किसी को पता नहीं चलेगा। और कुछ ग़लत नहीं है। मैं भी तो मां बनना चाहती हूं। और वो मेरे लौड़े को मुंह में लेकर चूसने लगी।
अब मैं मजबूर हो गया और लन्ड को तुरंत निकाल कर उसे बिस्तर पर लिटा दिया। उसकी चूत में मैंने एकदम से लन्ड घुसा दिया और जोर जोर से उसकी चूत में झटके मारने लगा।
‘उईई ईईई ईईई सीईईई ईईई ईईईई आहहह हह उईई ईईई’ की आवाज अब तेज़ हो गई और अब मेरे लौड़े की रफ्तार भी तेज हो गई। वो भी उछल उछल कर चुदवाने लगी।
तब वो बोली- राज, आज से तुम मेरे पति हो। मुझे अपने बच्चे की मां बना ही दो। मेरे तेज़ तेज़ झटकों से उसकी चूत ने जल्दी पानी छोड़ दिया।
लेकिन मेरा लौड़ा तो फच्च फच्च फच्च फच्च फच्च करके अंदर बाहर हो रहा था। अब लंड और आसानी से घुसने लगा उसकी चूचियां दबाने लगा।
अब सिसकारियों से कमरा गूंजने लगा और मेरे लंड की रफ्तार कम होने लगी। उसने अपनी चूत से मेरे लंड को जकड़ लिया।
एकदम से मेरे लौड़े की रफ्तार बढ़ गई और झटके पे झटके मारने लगा। थोड़ी देर में मेरा शरीर भी अकड़ने लगा और आहहह आहहह आहहह करते हुए मेरे लौड़े से वीर्य निकल पड़ा और उसकी चूत में भर गया।
मैं ऐसे ही उसके ऊपर लेट गया। थोड़ी देर बाद वो उठी और उसने लंड को पकड़ कर अपनी चूत से बाहर कर दिया।
20-25 मिनट बाद उसने अपना हाथ मेरे लौड़े पर रख दिया और हिलाने लगी। मैं समझ गया कि वह एक बार और चुदाई का मज़ा लेने के मूड में है।
मैंने उसका मुंह अपने लौड़े पर रख दिया और उसकी मखमली गुलाबी चूत को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा। अब दोनों दोबारा से पूरे गर्म हो गये थे।
मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चिकनी चूत में लन्ड घुसा दिया और झटकों की रफ़्तार शुरू से ही तेज़ कर दी। ‘उईईई अई आह ईईईई सीईई ईश्स ईईईई ईईईई उईईई!’ करके वो भी अब लंड को अंदर-बाहर करने लगी।
वो बोली- मेरे राज, तुम मेरी जिंदगी में फरिश्ता बनकर आए हो। मैंने उसे बिस्तर से उठा लिया और गोद में उठा कर चोदने लगा।
उसकी सांसें तेज होने लगी ‘आहह हह हहह आहहह अम्मह हहहह सीईईई ईईश्स ईईईई ईईईई उईईई!’ वो बोली- राज, मेरी कभी ऐसी चुदाई नहीं हुई। मेरा पति तो 5 मिनट में लन्ड निकाल कर सो जाता है।
अब उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और फच्च फच्च फच्च फच्च फच्च की आवाज आने लगी। मैं खुश था कि मैं भी बाप बनूंगा, मेरी वजह से उसकी जिंदगी में खुशियां आएंगी।
मेरा लंड अंदर बाहर हो रहा था और वो खुश थी। अब मेरे लंड की रफ्तार तेज होने लगी और थोड़ी देर बाद मेरे लौड़े से वीर्य निकालना शुरू हो गया और उसकी चूत में भर गया।
मैं उसके मुंह में लंड डालकर सो गया। उस रात मैंने उसे 3 बार चोदा। तीन रात और वो मेरे लन्ड का पानी अपनी चूत में डलवाती रही।
उसके बाद मैं गुड़गांव आ गया। हमने एक दूसरे के फोन नम्बर ले लिए थे। उसने एक महीने बाद मुझे बताया कि वो गर्भवती हो गयी है। और 9 माह बाद उसने बेटे को जन्म दिया।
मैं अपने बेटे को देखना चाहता था। तो मैंने सुनील से बात की और उसे पूरी बात बतायी। पहले तो सुनील को बहुत गुस्सा आया पर जब मैंने उसे बताया कि पहल उसकी मौसी की बेटी ने ही की थी तो उसका गुस्सा काफूर हो गया।
मैंने सुनील से अपने बेटे को देखने की इच्छा जाहिर की तो सुनील मुझे अपनी मौसेरी बहन की ससुराल ले जाने के लिए मान गया। सुनील बहुत खुश था। और फिर हम उसकी ससुराल गये।
मैं अपने बेटे को देखकर खुश था। और यह देख कर भी कि मेरे कारण उसकी जिंदगी में खुशियां आ गई थी। हम दो दिन वहां रूके।
तो एक रात वो मुझे धीरे से उठाकर पीछे कमरे में ले गई और बोली- राज, चोदो मुझे! मैं बोला- कोई आ गया तो? अब ये गलत है। सुनील को पता चला तो?
वो नहीं मानी और उसने अपनी साड़ी और कपड़े उतार दिए और मेरे लौड़े को मुंह में लेकर चूसने लगी। मैं भी नंगा हो गया और वहीं बोरी पर लिटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा।
और फिर लंड चूत में घुसा कर 20 मिनट चोदने के बाद दोनों अपने अपने रूम में जाकर सो गए। उसके बाद मैं कभी उसके सामने नहीं आया।
दोस्तो, मैं खुश था कि मेरा लौड़ा किसी के काम आया। कैसी लगी मेरे दोस्त की बहन सेक्स स्टोरी जरूर बताएं आपका राज शर्मा।
कहानी का अगला भाग: विधवा बुआ की सूखी चूत में लंड पेला
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