Mami sex story – Bathroom sex story: मेरा नाम भरत कुमार है, मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं, मैं 24 साल का हूं और सिंगल हूं, मेरा लंड 7 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है, जिसे देखकर किसी के भी मुंह में पानी आ जाए.
गर्मी की छुट्टियां हो गई थीं, इसलिए मैं नानी के यहां जाने का प्लान बनाया और अगले ही दिन अपना सामान पैक करके नानी के घर आ गया.
शाम को करीब 7 बजे मैं नानी के यहां पहुंच गया, मैंने बेल बजाई, तो एक खूबसूरत औरत ने दरवाजा खोला, जिसके बूब्स 36 साइज के थे, गोरी चिट्टी स्किन, गदराया हुआ बदन, मस्तानी चाल और चेहरे पर हल्की हंसी के साथ रसीले होंठ, मैं तो उसे देखते ही पागल हो गया, वो मेरी मामी थी.
क्या मस्त माल है मेरी मामी, उसकी मटकती हुई चाल और झूमते हुए चूतड़ों को देखकर मेरा सारा रास्ते का थकान खत्म हो गया, मैंने सबको बारी-बारी से प्रणाम किया और बैठ गया, चाय-बिस्कुट लिया और फिर नानी जी से बातचीत करने लगा.
लेकिन मेरी नजर हमेशा मामी पर ही टिकी रहती थी, वो रसोई में खाना बना रही थी और आ-जा रही थी, मेरे तो दिल के कमल खिल रहे थे उनकी मुस्कुराहट पर, मैंने मामी से पूछा, मामी जी, मामा जी कब आते हैं घर पर, तो वो बोलीं, उनका कुछ भी पता नहीं, वो बड़े बिजी रहने लगे हैं आजकल, कभी-कभी तो वो नहीं भी आते, क्योंकि ऑफिस में सोने की जगह है.
तभी बेल बजी और मामा जी आ गए, मैंने उन्हें भी प्रणाम किया, पर वो मामी जी से बोले, जल्दी मुझे खाना दे दो, मुझे अभी सूरत के लिए निकलना है, जरूरी काम आ गया है, और मामा जी खाना खाकर जल्दी ही चले गए.
फिर मैंने खाना खाने बैठ गया, मामी जी जब भी रोटी देने आतीं, तब उनके बड़े-बड़े गोरे बूब्स का दर्शन हो जाता, मेरी निगाह उनके ब्लाउज के ऊपर से निकले हुए चुचुकों पर ही टिकी रहती, पर वो भी भांप गईं कि मैं उनके बूब्स को ही घूर रहा हूं.
इस बार वो आईं और मुस्कुराते हुए बोलीं, क्या देख रहे हो भरत, मैं मन ही मन सोच रहा था कि मैं तो आपकी चूचियां देख रहा हूं मामी जी, क्या मामा जी दबाते नहीं हैं क्या, क्योंकि ये एकदम टाइट और सुडौल हैं, पर मैंने कह दिया, नहीं-नहीं मामी जी, कुछ भी नहीं, बस यूं ही, आज आप बड़े ही सुंदर लग रही हो.
नानी जी जल्दी ही सो जाती हैं, काफी गर्मी थी, इस वजह से मामी जी बोलीं, मैं नहा लेती हूं, तब तक तुम मूवी देख लो, और मैं टीवी पर मूवी देखने लगा.
तभी बाथरूम से आवाज आई, भरत… भरत, मैं बाथरूम के पास पहुंचा और पूछा, हां जी मामी जी, तो वो बोलीं, थोड़ा पीठ पर एक बार साबुन लगा देना, मैंने दरवाजा खोला, तो देखा वो पेटीकोट पहने थीं और दोनों बूब्स को तौलिए से ढक रखा था.
क्या बताऊं दोस्तों, कैसी हॉट लग रही थीं, उनकी गीली स्किन पर पानी की बूंदें चमक रही थीं, गर्मी से उनका बदन पसीने से तर था, मैंने साबुन लिया और उनकी नंगी पीठ पर हाथ फेरना शुरू किया, धीरे-धीरे रगड़ते हुए, उनकी पीठ इतनी मुलायम थी कि मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया, पैंट में तंबू बन गया.
वो थोड़ा पीछे झुकीं, जैसे जानबूझकर मेरे लंड को अपनी गांड से छुआ रही हों, उनकी सांसें तेज हो रही थीं, मैंने साबुन लगाते हुए उनके कंधों तक हाथ बढ़ाया, हल्का दबाया, वो हल्की सी आह भरी, आह… अच्छा लग रहा है भरत, थोड़ा और नीचे, मैंने मन को इधर-उधर दौड़ाया और किसी तरह साबुन लगा के बाहर आया.
अब तो मुझे उनका शरीर ही आंखों के आगे नाच रहा था, लंड बार-बार खड़ा हो रहा था, तभी वो नहाकर बाहर आईं, सिल्क की नाइटी में थीं, अंदर ब्रा नहीं पहनी थी, मैं तो देखते ही रह गया.
उनकी चूचियां गुम्बद की तरह ऊपर की ओर तनी हुई थीं, चलते हुए हिल रही थीं, खुले बालों में बड़ी ही खूबसूरत लग रही थीं, उन्होंने हल्की सी लिपस्टिक और टेम्पटेशन का डियोड्रेंट लगाया था, क्या मस्त महक फैल गई थी कमरे में, तभी वो बोलीं, भरत आज तो मामा जी नहीं हैं, मुझे तो अकेले डर लगता है, क्या तुम मेरे कमरे में सोओगे.
मुझे तो मानो लॉटरी लग गई, मैंने कहा, जैसी आपकी इच्छा, मेरा तो दिल बाग-बाग हो गया था, फिर हम दोनों एक ही बेड पर लेट गए और टीवी देखने लगे, मामी की दोनों चूचियां गुम्बद की तरह ऊपर की ओर तनी हुई थीं, भीनी-भीनी खुशबू आ रही थी.
तभी टीवी का चैनल चेंज करते-करते एक इंग्लिश चैनल पर हॉट किसिंग सीन चल रहा था, मामी वहीं रुक के देखने लगीं, फिर वो बोलीं, भरत कोई गर्लफ्रेंड है, मैंने कहा नहीं, तो बोलीं, कभी किसी को किस किया है, मैंने कहा नहीं.
तो वो बोलीं, बेकार लड़के हो यार, आजकल के कोई भी लड़का ऐसा नहीं है जो ये सब नहीं किया हो, कोई जरूरी नहीं कि गर्लफ्रेंड हो तभी ये सब होता है, तुम किसी को भी पटा कर ये सब कर सकते हो, मैंने थोड़ा हिम्मत से काम लिया और बोल दिया, क्या मैं आपको भी पटा सकता हूं.
वो मेरी तरफ देखकर बोलीं, चल शैतान, बोल के पटाया जाता है क्या, और मेरे में है क्या जो मुझे पटाओगे, मैं तो शादीशुदा हूं, कोई टंच माल को पटाओ, तो मैंने तुरंत ही कह दिया, आप तो बहुत टंच हो, सभी लड़कियां फेल हैं आपके सामने.
फिर वो मेरी तरफ घूम गईं, बोलीं, कितना बड़ा है, मैंने कहा आप खुद ही नाप लो, वो मेरा लंड पकड़ लीं और बोलीं, हे भगवान ये तो खूंटा है, लंड और इतना बड़ा, मैं तो पागल हो जाऊंगी अगर मेरे अंदर ये चला गया तो, और फिर वो मेरे होंठों पर किस कर लीं, उनकी गर्म सांसें मेरे चेहरे पर लग रही थीं, मैंने भी उन्हें किस करते हुए उनकी चूचियों को मसलना शुरू कर दिया.
मैंने उसी वक्त उनके रसीले होंठों को चूसना शुरू कर दिया, इतने रसीले होंठ मैंने अपनी लाइफ में नहीं देखे थे, मामी भी मुझे बराबर रिस्पॉन्स दे रही थीं, आह… भरत… चूसो और जोर से, ये देखकर मुझमें और जोश आ गया, मैं उनकी चूचियों को जोर-जोर से दबाए जा रहा था, उनके निप्पल्स सख्त हो गए थे, नाइटी के ऊपर से कड़े महसूस हो रहे थे.
इतने में उन्होंने हांफते हुए बोला, होंठ और चूच ही दबाएगा या और भी कुछ करेगा, ओह्ह… इतना सुनते ही मैंने उनकी नाइटी को ऊपर कर दिया, वो ब्लैक कलर की पैंटी पहने थीं, मैंने पैंटी को खोल दिया और नाक में लगाकर सूंघा, क्या मादक खुशबू थी, वो बोलीं, इसको क्यों सूंघ रहा है, चूत जब तेरे सामने है, मैंने तुरंत ही उनकी चूत को चाटना शुरू कर दिया.
वो तो मानो पागल सी हो गईं, आह… इह्ह… ओह्ह… भरत चाट डालो आज चूत को, तुम्हारी ही है, तुम्हारे मामा से तो कुछ नहीं होता लाइफ में, ये सुनकर मुझमें और जोश आ गया, मैं और ज्यादा जोर से चूत चाटने लगा, उनकी चूत गीली हो चुकी थी, रस बह रहा था, चपचप की आवाज आ रही थी, वो अपनी कमर उछाल रही थीं, आह्ह… ह्ह… आऊ… ऊउ… ऊई… उईईई… और उसी समय एक अंगड़ाई ली, वो झड़ गईं, मैंने उनका सारा रस अपने मुंह में ले लिया.
फिर मैंने मामी को अपना लंड दिया, इतना लंबा लंड देखकर तो वो पागल सी होकर टूट पड़ीं और मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया, ग्ग्ग्ग… ग्ग्ग्ग… गी… गी… गी… गों… गों… गोग… वो डीपथ्रोट कर रही थीं, लंड को गले तक ले रही थीं, क्या फीलिंग थी दोस्तों उस टाइम की.
फिर मैंने मामी को चोदना शुरू किया, एक ही बार में पूरा लंड अंदर डाल दिया, वो जोर-जोर से चिल्लाने लगीं, आह… भरत… मार डालेगा क्या, मैंने कहा हां रंडी, तुझे चोद-चोद के मार डालूंगा, फिर मैं जोर-जोर से धक्के लगाने लगा, आह… इह्ह… ओह्ह… ओह… आह… ह ह ह… ह्हीईई… आअह्ह्ह्ह…
उसके बाद मैंने मामी की गांड मारना शुरू कर दिया, वो बस आह… आअह… ओह्ह्ह… ओह्ह… ओह्ह्ह कर रही थीं और बीच-बीच में अंगड़ाई लेकर झड़ रही थीं.
पर मैं एक भी बार नहीं झड़ा था, फिर गांड मारते-मारते मैं झड़ने ही वाला था कि मैंने अपना लंड मामी के मुंह में डाल दिया, वो जोर-जोर से चूसने लगीं, ग्ग्ग्ग… ग्ग्ग्ग… और मैंने अपना सारा माल मामी के मुंह में निकाल दिया, जिसे वो पी गईं.
तब भी हम दोनों का सहलाने का सिलसिला जारी रहा, मामी जी तभी उठीं और अलमारी से एक टेबलेट निकाली और बोलीं, ले इससे खा ले, मैंने टेबलेट खा ली, तभी 5 मिनट बाद मेरे अंदर पता नहीं कहां से इतना जोश आ गया.
मेरा लंड तन गया, अब मैं मामी की चूत को चोदना शुरू किया, क्या बताऊं दोस्तों, फिर तो रात भर मामी ने चुदवाया और मैंने चोदा, जब 4 बार चुदाई की तो दोनों थक गए, उस समय सुबह के पांच बज गए थे, रात भर की चुदाई करने के बाद मैं सो गया.
जब उठा तो देखा मामी जी नहा-धोकर खाना बना रही थीं, फिर मामी बोलीं, अभी तीन दिन तक मामा जी नहीं आएंगे, मैंने कहा ठीक है, मैं हूं ना, और वो हंसने लगीं.
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