Naukar ki beti ki chudai kahani/sex story – Hotel me pela sex story: मेरा नाम विकास है, मैं अपनी एक छोटी सी कपड़े की दुकान का मालिक हूँ। मेरी उम्र अभी 28 साल है, और मैं दिखने में काफी स्मार्ट हूँ क्योंकि मैं पहले बाहर रहा करता था। अभी-अभी अपना काम शुरू किया है, और मेरे यहाँ पर एक अंकल काम करते थे।
अंकल की एक बेटी थी, और वो दिखने में बहुत खूबसूरत थी। एक दिन वो अंकल का खाना देने मेरी दुकान पर आई, और मैं उसे देखते ही उस पर लट्टू हो गया। उसकी गोरी चमड़ी, भरे हुए होंठ और कसी हुई बॉडी देखकर मेरा मन उसे पेलने का करने लगा। उसकी चाल में एक अदा थी, जैसे वो जानती हो कि वो कितनी हॉट है।
मैंने चोरी से अंकल के मोबाइल से उसका नंबर ले लिया, और उसे मैसेज किया। एक बार तो उसने मेरे मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया, पर कुछ देर बाद मैंने उसका नंबर सेव कर लिया तो उसको मेरी डीपी दिखाई देने लग गई।
मेरी फोटो को देखते ही उसने मेरे मैसेज का जवाब दे दिया।
उसका नाम परी था, और उसकी उम्र 25 साल थी। दिखने में वो दम सेक्सी माल थी, उसके बूब्स को देखकर लगता था कि साली चुदी तो है पहले कहीं न कहीं से। उसकी आँखों में एक शरारत थी, और बातों में वो थोड़ी फ्लर्टी लगती थी।
बात दिवाली की है, मैंने उस दिन दुबारा मैसेज किया और उसने मेरे मैसेज का जवाब दिया। हमारी बात शुरू हो गई। धीरे-धीरे मेरी उसके साथ अच्छी दोस्ती हो गई। अब मेरा मन उसको चोदने का करने लग गया। मैंने उसको धीरे-धीरे अपने प्यार में फंसा लिया, और परी मेरे से प्यार करने लग गई। कुछ दिन बाद मैंने उसको मिलने के लिए कहा।
उसने कोई जवाब नहीं दिया, मैं कंफ्यूज हो गया कि साली चाहती क्या है। मेरे हिसाब से उसका भी चुदने का मन कर रहा था, इसलिए तो उसने मना नहीं किया। मैंने सोचा, ये लड़की तैयार है, बस सही मौका चाहिए।
कुछ दिन बाद मैं उसको घुमाने के लिए ले गया, और मैं उसे होटल में ले गया। वहाँ हमने खाना खाया, पिया, और उसको उसके घर के पास छोड़ दिया। मैं भी अपनी दुकान पर वापस चला गया। लेकिन मन में उसकी बॉडी की गर्मी घूम रही थी, उसके परफ्यूम की खुशबू अभी भी मेरी नाक में थी।
रात को हमने बात की, और मैंने उससे कहा कि किसी होटल में मिलते हैं, मुझे किस करना है। उसने कहा, “मुझे पता है आपको कौन सा किस करना है, मैं नहीं जाऊँगी, आप सेक्स करोगे।”
उसके मुँह से ये सब सुनकर मैं जान-बूझकर अनजान बन गया, और मैंने कहा, “हाँ जी, जरूर बात किस की हुई है। मैं कौन सा कुछ और कर रहा हूँ? मुझे तो आपकी पूरी बॉडी को किस करना है, पहले होंठों को, फिर आपके बूब्स और फिर आपके पेट को, और फिर आपकी चूत को…”
जब मैंने चूत का जिक्र किया तो उसने बोला, “ये भी कोई किस करने की जगह है?”
मैंने कहा, “बात हुई है अपनी की, मैं किस कर सकता हूँ तो अब रोको मत।”
वो राजी हो गई, और मैंने एक होटल बुक कर लिया। दूसरे दिन ही हम दोनों होटल में गए, अपने डॉक्यूमेंट जमा करवाए, और रूम में चले गए।
रूम में जाते ही मैं उसको किस करने लग गया। मैं उसके होंठों को चूस रहा था, उसकी साँसें गर्म हो रही थीं, उसके मुँह से हल्की सी मीठी खुशबू आ रही थी। मैंने अपनी जीभ उसकी जीभ से लड़ाई की, और वो भी मेरे कंधों पर हाथ फेरने लगी। काफी देर चूसने के बाद मैं उसकी टॉप को निकालने लगा, परी ने मुझे रोक दिया।
परी बोली कि ये क्या कर रहे हो, बात सिर्फ किस की हुई है। मैंने भी उसको कहा, “हाँ जी जरूर बात किस की हुई है, मैं कौन सा कुछ और कर रहा हूँ? मुझे तो आपकी पूरी बॉडी को किस करना है, पहले होंठों को फिर आपके बूब्स और फिर आपके पेट को और फिर आपकी चूत को…”
मैंने उसकी टॉप को निकाल दिया, और उसके बाद उसकी ब्रा को निकाल दिया। जैसे ही उसकी ब्रा को निकाला तो उसके बड़े-बड़े बूब्स एक दम से आजाद हो गए। वे गोल, कसे हुए थे, निप्पल्स गुलाबी और सख्त हो चुके थे। मैंने उनको पकड़ा, एक को अपने हाथ में ले लिया और दूसरे को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लग गया। उसकी त्वचा नरम थी, हल्की सी नमकीन, और मैंने हल्के से दांत से काटा तो वो सिहर उठी।
अब परी को भी सेक्स चढ़ने लगा, और वो मेरे बालों में अपने हाथों को फेरने लग गई। उसकी साँसें तेज हो गईं, “आह… विकास… ऐसे मत करो… उफ्फ…” वो बड़बड़ा रही थी। मैं अब रुका और उसको बेड पर लिटाया, उसके पेट पर किस करने लग गया। उसका पेट सपाट था, हल्का सा गर्म, और मैं धीरे-धीरे उसकी चूत की तरफ जाने लगा। मेरी जीभ उसके नाभि में घुमाई, और वो कमर उचका रही थी।
उसने मुझे रोक दिया, पर मैं कहाँ मानने वाला था। मैंने उसकी जीन्स को पकड़ा और नीचे खींच दिया, और उसने इलास्टिक वाली पैंटी पहनी थी तो वो भी साथ ही निकल गई। अब परी मेरे सामने बिलकुल नंगी पड़ी थी। उसकी चूत साफ शेव्ड थी, हल्की सी गुलाबी, और पहले से ही गीली हो रही थी। उसकी खुशबू मुस्की और सेक्सी थी, जो मेरे सिर चढ़ गई।
मैं तो उसके बदन को देख मदहोश हो रहा था। मैंने अपने मुँह को उसकी चूत पर सेट किया, और अपनी जीभ से उसकी चूत को चोदने लग गया। जीभ से उसके क्लिट को चाटा, उंगली से अंदर घुमाया, और वो सिसकारियाँ निकालने लग गई, “आह… इह्ह… ओह्ह… विकास… क्या कर रहे हो… उफ्फ… इतना अच्छा लग रहा है…” उसकी चूत का रस मीठा-नमकीन था, मैं उसे चाटते हुए पी रहा था। उसने मेरे सिर को अपनी चूत पर दबाया, और उसके कूल्हे हिलने लगे।
और बोलने लग गई कि प्लीज कुछ करो, मेरे से कंट्रोल नहीं हो रहा है, और एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया। उसकी उंगलियाँ मेरे लंड पर फिसल रही थीं, जो पहले से ही सख्त हो चुका था, नसें फूल रही थीं।
मैं समझ गया कि अब लोहा गर्म है, चोट कर देनी चाहिए।
मैं खड़ा हुआ और उसकी चूत पर अपना लंड सेट किया। लंड की टोपी उसके गीले होंठों पर रगड़ी, वो तड़प उठी, “डालो ना… प्लीज…” मैंने एक झटके में अपना आधा लंड उसकी चूत में पेल दिया, और साथ ही उसकी चीख निकल गई, “आआह्ह… दर्द हो रहा है…” और मुझे धक्का देने लग गई।
मैं कहाँ मानने वाला था, मैं उसको छोड़ने वाला थोड़ी था। मैंने उसके होंठ पर अपने होंठ रखे, और एक और झटका मार दिया, अपना सारा लंड उसकी चूत में पेल दिया। जैसे ही मेरा पूरा लंड उसकी चूत में गया तो उसकी आँखों से आंसू आने लग गए। उसकी चूत टाइट थी, गर्म और गीली, जैसे लंड को निचोड़ रही हो।
मैं कुछ देर वैसे ही रुका रहा, उसके बूब्स को सहलाया, निप्पल्स को चूसा, और फिर मैं झटके मारने लग गया। अब परी को भी मजा आने लग गया, “आह… हाँ… ऐसे ही… जोर से…” उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। फिर मैंने उसको 10 मिनट तक चुदाई की, हर धक्के में उसकी चूत फच-फच की आवाज कर रही थी, और फिर अपना सारा माल उसकी चूत में ही छोड़ दिया। हम दोनों थक गए, और मैं उसके पास ही लेट गया। हम दोनों बिना कपड़ों के थे, उसकी बॉडी की गर्मी मेरे बदन से लग रही थी।
कुछ देर बाद उसके सेक्सी बदन को देख कर मेरा एक बार फिर मूड बन गया। इस बार मैं खड़ा हुआ और उसके बाल पकड़ कर उसके मुँह में अपना लंड डालने लगा। एक बार तो उसने मना किया, “नहीं… गंदा है…” पर बाद में मैंने उसके मुँह को पकड़ा और लंड को पेल ही दिया।
कुछ देर ना-नुकुर के बाद बड़े मजे से परी मेरे लंड को चूसने लग गई। उसकी जीभ लंड की टोपी पर घूम रही थी, ग्ग्ग्ग… ग्ग्ग्ग… गी… गी… की आवाजें आ रही थीं, वो गले तक ले रही थी, आँखें बंद करके। अब मैं भी 69 की पोजीशन में आ गया, और अब हम एक दूसरे को चूस रहे थे। मैं उसकी चूत में जीभ डालकर चाट रहा था, उंगली से जी-स्पॉट रगड़ रहा था, और वो मेरे लंड को गहराई से चूस रही थी।
मैं खड़ा हुआ और उसको घोड़ी बनाया, और उसकी चूत में अपना लंड पेल दिया। चुदाई शुरू कर दी। पूरे होटल में फच-फच की आवाजें आने लग गईं, और परी भी, “आह्ह… फाड़ दो… मेरी चूत को… यह्ह्ह्ह… और जोर से… जानू बहुत मजा आ रहा है चोदो…” मैंने उसकी गांड पर थप्पड़ मारे, जो लाल हो गई, और वो और तड़प उठी।
मैं भी ऐसी आवाजें सुन कर मजे में आ गया, और जोर-जोर उसकी चुदाई करने लग गया। इस बार मैंने उसको करीब 15 मिनट तक पेला, इस बार इतनी देर में परी दो बार झड़ चुकी थी, उसका रस मेरे लंड पर बह रहा था। और इस बार मैंने अपने लंड को निकाला और उसके बूब्स पर अपना माल निकाल दिया।
बाद में हम दोनों उठे और बाथरूम में चले गए, और एक दूसरे को साफ करने लग गए।
मैं उसकी चूत को अपने हाथ से साफ करने लग गया, और साफ करते-करते उसकी चूत से पानी निकलने लग गया। उधर परी भी मेरे लंड को साफ कर रही थी, लंड भी खड़ा हो गया।
परी बोली, “जानू आपका तो फिर से खड़ा हो गया।” मैंने भी उसकी चूत में उंगली डाल दी, और अब परी समझ गई कि अब एक बार फिर से चुदाई होगी।
परी नीचे बैठ गई और मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया, और चूसने लग गई। ऊपर से पानी गिर रहा था, और उधर परी ने मेरा लंड मुँह में ले रखा था, और वाह क्या मजा आ रहा था। गों… गों… गोग… की आवाजें पानी की फुहार के साथ मिल रही थीं।
मैंने उसे उठाया और उसकी एक टांग को पकड़ा, और अपने कंधे पर रख लिया, और उसकी चूत में लंड पेल दिया, और चुदाई शुरू कर दी। पानी हमारे बदन पर बह रहा था, उसकी चूत और गीली हो गई, फिसलन से धक्के और गहरे लग रहे थे। “आह… इह्ह… ओह्ह… विकास… और तेज…” वो चिल्ला रही थी।
करीब 20 मिनट बाद हम दोनों थक गए, और रूम में वापस आ गए। इस बार मैं नीचे लेट गया, और परी को ऊपर बिठा लिया, और उसको बोला कि अब उछलो। परी भी अपनी चूत मरवाने के लिए मरी जा रही थी, तो वो भी मेरे लंड पर उछलने लगी, और साथ में, “आह्ह… यह्ह्ह… जानू आपका लंड बहुत मस्त है… आऊ… ऊऊ… ऊउइ… ऊई… उईईई…” उसके बूब्स उछल रहे थे, मैंने उन्हें पकड़कर मसला।
करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद मैंने अपना माल उसकी चूत में ही निकाल दिया। अब हम दोनों बहुत थक गए, और अपने-अपने घर के लिए निकल गए।
तो ये थी मेरी और परी की चुदाई, जिसमें मैंने अपनी दुकान में काम करने वाले अंकल की बेटी की दमदार चुदाई की, और मजे लिए।
अब जब भी मौका मिलता, मैं परी की चुदाई किया करता। एक बार की बात रात को परी का कॉल आया कि उसकी बहन को मेरे से मिलना है।
उसकी बहन परी से भी बवाल थी, क्या ही उसकी गांड, मेरा तो उसकी गांड देख कर ही लंड का पानी निकल जाता था।
उसके बारे में हम अगली कहानी में बात करेंगे।