भाभी के साथ अफेयर-1

Devar bhabhi sex story – Hot mature bhabhi sex story – Big boobs sucking sex story: ये मेरी बिल्कुल सच्ची कहानी है, जिसमें मैं आपको बताने जा रहा हूँ कि कैसे मैं और मेरी कज़िन भाभी एक-दूसरे के दीवाने बन गए। मैं उस वक्त 25 साल का था, भूरा रंग, इतना हैंडसम तो नहीं लेकिन साफ-सुथरा और भरा-भरा बदन, 6 इंच का मोटा लंड। भाभी उम्र में 39-40 की थीं, साँवला रंग, कातिल फिगर, मुलायम-मुलायम रेशमी त्वचा, थोड़ी चब्बी पर गजब की सेक्सी लगती थीं। उनके बूब्स 38D के भारी-भरकम, कमर 38 इंच और गांड़ 42 इंच की गोल-मटोल, हर कदम पर हिलती हुई।

पिछले साल की बात है, मैं नाशिक में कज़िन भै भैया के घर एक फैमिली फंक्शन में गया था। रिश्तेदारों से मैं ज़्यादा घुलता-मिलता नहीं था, पर भाभी बहुत प्यारी और बिना जजमेंट वाली थीं, इसलिए उनसे खुलकर बात हो जाती थी। घर में सब फंक्शन की तैयारियों में लगे थे। मैं भी मम्मी की मदद कर रहा था। तभी भाभी ने पूछा, “निखिल, स्कूटी चला लेते हो ना?” मैंने कहा, “हाँ भाभी, बिल्कुल।” तो बोलीं, “चलो मेरे साथ मार्केट, कुछ सामान लाना है।”

मैंने मम्मी से पूछ लिया और भाभी के साथ निकल पड़ा। स्कूटी पर पीछे बैठी थीं, उनकी गर्म साँसें मेरी गर्दन पर लग रही थीं, मुलायम बूब्स मेरी पीठ से दब रहे थे। रास्ते में हम खूब हँसे, मजाक किए, पहली बार इतना कंफर्टेबल फील लगा। जब लौटे तो भाभी ने मुस्कुराते हुए थैंक्स कहा और मेरे कंधे पर हल्का सा हाथ रखा, वो टच ही इतना बिजली सा था। उस दिन से हम और करीब हो गए।

शाम को वो मेरी और मेरे कज़िन्स के साथ मस्ती करने लगीं। फिर सब छत पर चले गए जहाँ फंक्शन होना था। भाभी ने मुझे रोका और बोलीं, “थोड़ा इंतज़ार करो, कंबल ले जाना है, रात में ठंड लगेगी।”

अलमारी से कंबल निकालते वक्त भाभी स्टूल पर चढ़ीं। मैंने स्टूल पकड़ा। कंबल निकालते ही वो नीचे कूदीं और सीधे मेरी छाती से टकराईं। उनके भारी बूब्स मेरी छाती पर पूरी तरह दब गए, मेरे हाथ खुद-ब-खुद उनकी नरम कमर पर चले गए। हमारी आँखें मिलीं, वो पल जैसे रुक गया, दिल तेज़ धड़कने लगा, भाभी की गर्म साँसें मेरे चेहरे पर लग रही थीं। अचानक हड़बड़ा कर अलग हुए और ऊपर छत पर चले गए।

इसे भी पढ़ें  Hindi sex story – Bhabhi Poori Masti Me Chudwa Rahi Thi

कुछ घंटे बाद फिर भाभी ने बुलाया, “नीचे चलो मेरी मदद चाहिए।” मैं उनके पीछे-पीछे सीढ़ियां उतर रहा था, उनकी मटकती कमर और हिलती गांड देखकर लंड खड़ा हो रहा था। अचानक वो रुकीं, मुड़कर मेरा हाथ अपने हाथ में लिया और ऐसे चलने लगीं जैसे हम लवर्स हों। एक कमरे से सहन करने की आवाजें आ रही थीं, ग्ग्ग्ग… ओह्ह्ह… आह्ह्ह… हम दोनों समझ गए, भाभी शरमा कर मुस्कुराईं। सीढ़ियां उतरते वक्त भाभी ने शरारत से पूछा, “पता है उस कमरे में क्या हो रहा था?” मैं हकलाया पर मूड अच्छा था तो बोल दिया, “हाँ भाभी पता है।”

बस फिर क्या था, भाभी ने मेरी पर्सनल लाइफ के सवाल पूछने शुरू कर दिए, कभी किसी लड़की के साथ किया या नहीं। मैं सब बता गया। फिर वो अपनी ज़िंदगी की बातें बताने लगीं। किचन में पहुँचते ही वो पलटीं और पूछा, “तुम्हें कौन सी लड़कियाँ पसंद हैं?” मैंने कहा, “मेच्योर, थोड़ी चब्बी, क्यूट सी।” भाभी ने शैतानी स्माइल दी और तिरछी नज़रों से बोलीं, “तो मेरे बारे में क्या ख्याल है? मैं पसंद आऊँगी?” मैं तो पत्थर रह गया। वो हल्के से मेरे गाल पर थपकी मारकर बोलीं, “बोलो ना।”

मैं शरमाते हुए बोला, “भाभी आप तो गजब की खूबसूरत हो, अगर भाभी ना होतीं तो गर्लफ्रेंड बनाने की पूरी कोशिश करता।” भाभी मेरे और करीब आईं, मेरे कंधे पर हाथ रखा और बिना कुछ कहे मेरे होंठों पर लंबा, गर्म, गीला किस कर दिया, जीभ अंदर डाल दी, फिर हँसते हुए बाहर जाने लगीं। मैं तो पागल सा हो गया, लंड पत्थर जैसा खड़ा। उनके पीछे भागा, दरवाज़ा बंद किया, उन्हें खींचकर अपने सीने से चिपका लिया और पागलों तक किस करते रहे, जीभ एक-दूसरे की मुँह में चूस रहे थे।

इसे भी पढ़ें  बहन के साथ रंगीन रात बिताई

भाभी ने किस तोड़ा और बोलीं, “ये गलत है निखिल, मैंने लाइन क्रॉस कर दी, सॉरी।” पर मैं कहाँ मानने वाला था। मैंने फिर खींचा, गांड़ मसलते हुए बोला, “भाभी अब रुक नहीं सकता।” वो बोलीं, “अभी चलो ऊपर, बाद में बात करेंगे।” जाते-जाते मैंने उनकी गांड पर ज़ोरदार थप्पड़ मारा, आवाज़ तक गूँजी। पूरी रात फंक्शन में थे पर दिमाग सिर्फ भाभी के होंठ और बूब्स में था।

अगले दिन मम्मी-पापा कुछ काम से चले गए, मैं भैया-भाभी के घर रुक गया। भैया को भी ऑफिस से बुला लिया गया। घर में सिर्फ कुछ मेहमान और हम। भाभी ने फिर बुलाया, “छत से सामान लाना है।” मैं तो मैं दौड़ा। आखिरी सीढ़ियों पर पहुँचते ही मैंने पीछे से उनकी पीठ और कमर पर हाथ फेरना शुरू कर दिया। वो शरमाईं और बोलीं, “बदमाशी मत सोचना।” सामान लिया और निकलने से पहले मैंने हाथ पकड़कर खींचा, दीवार से सटा दिया, उनके सामने खड़ा हो गया। वो घबराईं, “अभी नहीं प्लीज, मेहमान हैं।” मैंने कहा, “यहाँ तो कोई नहीं।” और उनकी कमर पकड़कर फिर किस शुरू, जीभ चूसते हुए, उनके बूब्स मेरी छाती पर मसल रहे थे। अचानक बच्चों की आवाज़ आई तो हड़बड़ा कर कपड़े ठीक किए और नीचे आ गए।

शाम को मेहमान चले गए पर मम्मी-पापा और भैया वापस आ गए, कुछ कर नहीं पाए। अगले दिन सुबह मम्मी-पापा फिर बाहर, भैया ऑफिस, घर में सिर्फ मैं, भाभी और उनका छोटा बच्चा। हम फ्लर्ट कर रहे थे, गंदी-गंदी बातें। बच्चे ने चिल्लाकर कहा, “मैं नीचे खेलने जा रहा हूँ।” मैं मन ही मन बोला, भगवान इसका भला करे। फटाक से दरवाज़ा लॉक किया। भाभी पहले से समझ गई थीं, किचन से निकलकर लिविंग रूम में आईं। हमने एक-दूसरे को कसके गले लगाया और खड़े-खड़े ही किस करना शुरू कर दिया, ग्ग्ग… म्म्म्ह्ह… आह्ह्ह…

इसे भी पढ़ें  भाई ने मुझे ऊँगली करते पकड़ लिया

फिर भाभी ने मुझे सोफे पर धकेला, मेरी गोद में बैठ गईं, मेरे बाल पकड़कर खींचे और फिर गहरी स्मूचिंग, उनकी जीभ मेरे मुँह में, मेरे हाथ उनकी मोटी गांड मसल रहे थे, थप्पड़ पर थप्पड़ मार रहा था। मैंने किस रोका और उनके नाइट सूट के ऊपर से ही निप्पल्स चूसने लगा। वो शरमाईं और धीमी आवाज़ में बोलीं, “अगर टॉप उतारना है तो कोई रोक नहीं रहा।” मैंने फटाक से टॉप ऊपर किया और साइड में फेंक दिया, ब्रा के ऊपर से बूब्स चूमने लगा। ब्रा खोलने में हाथ काँप रहे थे, वो हँस पड़ीं और खुद ब्रा निकाल दीं।

उफ्फ्फ क्या नज़ारा था, साँवले जिस्म पर दूध से भरे 38D बूब्स, काले-काले निप्पल्स तने हुए। मैं बस देखता रह गया। भाभी शरमाते हुए बोलीं, “बस देखोगे ही या कुछ करोगे भी?” मैंने उन्हें कसके गले लगाया और एक बूब चूसने लगा जैसे भूखा बच्चा, ज़ोर-ज़ोर से चूस रहा था, भाभी की सिसकियाँ निकल रही थीं, आह्ह्ह… निखिल धीरे… आअह्ह्ह्ह… पर मैं पागल था, दूसरा बूब हाथ से मसल रहा था। भाभी ने मेरा सिर पकड़ा, मुझे ऊपर खींचा, किस किया और बोलीं, “आराम से मेरी जान, मैं कहीं नहीं भाग रही।”

मैंने सॉरी कहा, वो हँस दीं, “चूसो ना मेरे राजा।” फिर मैंने गले पर किस किया और फिर बूब्स चूसने लगा, निप्पल्स को दाँतों से हल्का काटा तो भाभी की कमर उठ गई, ओह्ह्ह्ह्ह… निखिल्ल्ल… फिर वो उठीं गैस बंद करने किचन गईं। मैं पीछे-पीछे, वो पलटीं तो मैं सामने खड़ा था। हँसकर बोलीं, “दो मिनट भी नहीं रुक सकते?” मैंने फिर गले लगाया, उनकी टी-शर्ट उतार कर फेंक दी। वो मेरा सीना चूमने लगीं। मैंने उन्हें किचन काउंटर पर बिठाया और दस मिनट तक वहीं किस करते रहे, उनके बूब्स मसलते हुए, गांड पर थप्पड़ मारते हुए।

आगे की कहानी अगले पार्ट में ज़रूर पढ़िएगा।

कहानी का अगला भाग: भाभी के साथ अफेयर-2

Leave a Comment