कॉलेज की रंडी बनी घर की भाभी

Horny bhabhi sex- Devar bhabhi fucking sex story: मेरा नाम रमन है, मैं मुंबई में अपने बड़े भाई रमेश (उम्र 35 साल) और भाभी नयना (उम्र 32 साल) के साथ रहता हूँ, मैं खुद 30 साल का हूँ। भाई-भाभी की शादी को अभी छह महीने ही हुए थे, मैं शादी में शामिल होने के लिए बाहर से आया था। कॉलेज खत्म होने के बाद मैं आगे की पढ़ाई के लिए दूसरे शहर चला गया था, इसलिए मुझे पता ही नहीं था कि भाई का रिश्ता किससे तय हुआ है।

शादी के दिन जब पहली बार भाभी को देखा तो मेरे होश उड़ गए, सुंदरता की वजह से नहीं, बल्कि इसलिए कि मैं उन्हें बहुत अच्छे से जानता था। नयना मेरी कॉलेज की क्लासमेट थी, हम दोनों एक ही बैच में थे। वो मुझे देखकर भी घबरा गई थी, बाद में पता चला कि मैं ही उनका एकलौता देवर हूँ। कॉलेज में नयना बिंदास, खूबसूरत और 34-28-36 की माल थी, उसके ढेर सारे बॉयफ्रेंड थे। वो क्लास बंक करके घूमती, चुदाई करवाती और उसके बॉयफ्रेंड पूरे कॉलेज में उसकी तारीफ करते नहीं थकते थे कि क्या टाइट माल है, लंड चूसती है मानो सारा रस निचोड़ लेगी, उछल-उछल कर चुदती है कि रंडियाँ भी शर्मा जाएँ। कई बार तो ग्रुप में भी चुदवा चुकी थी। पूरा कॉलेज उसकी चूत के नाम पर मुठ मारता था, मैं भी सुनकर लंड तान लेता था, पर नयना सिर्फ अपने पसंदीदा लड़कों से ही चुदवाती थी।

शादी के बाद मैंने कुछ नहीं कहा, चुप रहा। नयना भाभी बनकर घर आ गईं, हम दोनों एक-दूसरे से बचते थे, बस जरूरी बातें होती थीं। तीन महीने ऐसे ही बीते, भैया सुबह ऑफिस जाते, शाम को थककर आते। एक दिन मैं मार्केट से लौट रहा था तो देखा भाभी अपने पुराने बॉयफ्रेंड मोनू के साथ हँस-हँसकर बातें कर रही थीं, फिर बाइक पर बैठकर कहीं चली गईं। मुझे सब समझ आ गया कि शादी के बाद भी भाभी वही पुरानी नयना हैं। गुस्से में घर आया, सोचा और फिर भाभी से बात करने का फैसला किया।

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जब वो किचन में थीं, मैं गया और बोला, “भाभी, ये सब अब नहीं चलेगा।” वो अंजान बनते हुए बोलीं, “क्या नहीं चलेगा?” मैंने मार्केट की पूरी बात बताई और सख्ती से कहा कि अब ऐसा नहीं होना चाहिए। एक-दो दिन तो वो संभलीं, लेकिन एक हफ्ते बाद फिर मार्केट जाने के बहाने निकलीं। मुझे शक हुआ, मैंने पीछा किया तो देखा मोनू फिर आया, भाभी बाइक पर बैठने ही वाली थीं कि मेरी नजर उन पर पड़ी। वो घबरा कर उतर गईं, मोनू को भगा दिया और घर लौट आईं। मैं भी पीछे-पीछे आया और पूछा, “ये क्या चल रहा है?” वो रोने लगीं, “माफ कर दो।” मैंने गुस्से में दो थप्पड़ जड़ दिए और चला गया।

उस शाम भैया का दोस्त अमेरिका जा रहा था, मैंने भाभी से माफी माँगी, वो घूरती रहीं। डिनर के बाद भैया दोस्त को एयरपोर्ट छोड़ने गए, रात के 12 बज चुके थे, दोनों गार्डन में बैठे बातें कर रहे थे। तभी भाभी मेरे कमरे में आईं और फुसफुसाई, “रमन, मेरे कमरे में आओ।” मैं पीछे-पीछे गया। दरवाजा लॉक किया तो देखा भाभी पारदर्शी काली नाइटी में खड़ी थीं, अंदर गुलाबी ब्रा-पैंटी साफ दिख रही थी, गोरा बदन चमक रहा था।

वो मेरे पास आईं, मेरे हाथ पकड़े और बोलीं, “सॉरी रमन, तुम तो मेरी आदत जानते हो, तुमसे कुछ छुपा नहीं। आज के बाद कभी बाहर नहीं जाऊँगी, पर एक शर्त है।” मैंने पूछा, “क्या शर्त?” वो मेरे होंठों से अपने होंठ सटा कर चूम लीं और लिपट गईं। मैं हड़बड़ा कर पीछे हटा, “ये ठीक नहीं।” वो मुस्कुराईं, “तुम नहीं तो बाहर वाला ही करेगा, फिर मत बोलना।” मैंने कहा, “भैया हैं ना।” वो हँस पड़ीं, “तुम्हारे भैया के प्यार से सिर्फ वो संतुष्ट हैं, मैं नहीं।” फिर नाइटी उतार फेंकी और बोलीं, “आज के बाद किसी और से नहीं चुदवाऊँगी, बस तुम चोदोगे।”

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अब मेरा भी जोश चढ़ आया, आखिर मैं भी तो कॉलेज में इनकी चूत का दीवाना था। मैंने उन्हें बाहों में कस लिया, पुराने दिन याद आ गए, जब हर लड़का नयना को चोदने को तरसता था। मैंने उनके होंठ अपने मुँह में भर लिए, जीभ अंदर डालकर जबरदस्त फ्रेंच किस करने लगा। वो सिसक रही थीं, आह्ह्ह रमन, आह्ह्ह। मैंने गाल चूमे, कान चाटे, गर्दन पर दाँत गड़ाए तो वो सिहर उठीं। उनका हाथ मेरे लंड पर पहुँचा, हाफ पैंट के ऊपर से सहलाने लगीं, “वाह देवर जी, कितना मोटा और लंबा है।”

मैंने ब्रा की हुक खोली, 36 साइज के भारी भारी बूब्स बाहर आए, ब्राउन निप्पल एकदम खड़े। मैंने एक बूब को मुँह में लिया, जोर जोर से चूसा, आह्ह्ह नयना डार्लिंग, कितने रसीले हैं। वो कराह रही थीं, आह्ह्ह ह्ह्ह्ह रमन, चूसो और जोर से, आह्ह्ह। मैंने दोनों बूब्स को बारी बारी से चबाया, निप्पल दाँतों से काटा तो वो चीखीं, ऊईईई माँ, आह्ह्ह। फिर नीचे नाभि में जीभ घुमाई, पैंटी के ऊपर से चूत पर किस किया तो वो काँप उठीं, आह्ह्ह सस्स्स।

पैंटी नीचे खींची तो साफ शेव्ड गुलाबी चूत चमक रही थी। मैंने चूतड़ दबाते हुए चूत चाटनी शुरू की, जीभ से फाँकों को चीरता हुआ अंदर तक घुसाने की कोशिश की। वो तड़प रही थीं, आह्ह्ह रमन, खा जा मेरी चूत को, आह्ह्ह ऊओह्ह्ह और जोर से, ह्ह्ह्ह इह्ह्ह। मैंने क्लिट पर जीभ से वार किए, दो उंगलियाँ चूत में डालकर तेज तेज अंदर बाहर करने लगा, वो कमर उछालने लगीं, आह्ह्ह ह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह, मैं मर जाऊँगी, आह्ह्ह।

फिर वो मुझे ऊपर खींची, मेरी पैंट उतारी, मेरा 8 इंच का लंड बाहर उछला। वो घुटनों पर बैठीं, सुपारी को मुँह में लिया और ग्ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग्ग गी गी गों गों गों गोग गोग, पूरा लंड गले तक उतार लिया। मैं उनके सिर पकड़कर मुँह चोदा, आह्ह्ह भाभी, क्या चूसती हो, आह्ह्ह। वो एक हाथ से अपनी चूत सहला रही थीं। फिर अचानक उठीं, बिस्तर पर लेटीं, टाँगें चौड़ी कीं और बोलीं, “अब नहीं सहा जाता रमन, डाल दो अपना मोटा लंड, चोदो मुझे जोर जोर से।”

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मैंने अलमारी से कंडोम निकाला, भाभी ने खुद चढ़ाया। मैं उनके ऊपर आया, बूब्स मसलते हुए लंड चूत पर रगड़ा, दो बार फिसला, तीसरी बार वो खुद पकड़कर सेट कर दीं। मैंने पूरा जोश लगाकर एक झटका मारा, पूरा लंड गप्प से अंदर, भाभी चीखीं, ऊऔच आअह्ह्ह माँ मर गई। चूत इतनी टाइट थी कि कंडोम के बावजूद कसकर जकड़ रही थी। नीचे भैया ने आवाज दी, “नयना क्या हुआ?” भाभी ने टीवी चालू कर गाने लगा दिए और बोलीं, “कुछ नहीं, छिपकली थी।”

फिर मैंने धीरे धीरे धक्के शुरू किए, भाभी नीचे से कमर उछाल रही थीं, आह्ह्ह और जोर से मेरे राजा, फाड़ दो चूत को, आह्ह्ह। मैं पूरा लंड बाहर निकालता और फिर ठप्प से पूरा अंदर, पच पच पच ठप ठप ठप की आवाजें गूँजने लगीं। वो मुझे कसकर जकड़ लीं, टाँगें मेरी कमर पर लपेटीं, आह्ह्ह आआईई माँ गईईई फक मी हार्डर चोदो चोदो, और झड़ गईं, चूत से रस की बौछार। मैं रुका नहीं, फिर डॉगी में किया। पीछे से चूत चाटी, लंड सेट कर एक झटका मारा, भाभी फिर चीखीं, ऊईईई माँ। मैंने कमर पकड़कर ताबड़तोड़ पेलाई, बूब्स लटक रहे थे, मैं झुककर मसलता रहा। वो गाण्ड पीछे धकेल रही थीं, आह्ह्ह ह ह ह हा हा और तेज रमन, फाड़ दो।

फिर हम दोनों एक साथ झड़े, मैं भाभी पर लेट गया, दोनों हाँफ रहे थे। कंडोम भरा हुआ था। भाभी ने पैंटी से मेरा लंड साफ किया, मुझे किस किया और बाथरूम चली गईं। उस रात के बाद भाभी सिर्फ मेरी हो गईं, बाहर जाना पूरी तरह बंद। जब भी मौका मिलता, मैं अपनी चुदासी भाभी की प्यास बुझाता और वो मेरे लंड की गुलाम बन गईं।

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