Behan ki seal todi sex story – Real brother sister sex story: मेरा नाम विक्की है, सियालकोट में रहता हूँ, उस वक्त 22 साल का था और मेरी छोटी बहन सेहरिश मुझसे ठीक दो साल छोटी थी, यानी 20 की हो चुकी थी, कॉलेज जाने लगी थी, रंग एकदम दूधिया गोरा, फिगर 34-26-32, हाइट 5 फुट 6 इंच, दुबली-पतली पर जिस्म पर कहीं मांस की कमी नहीं, मम्मे भरे-भरे, कमर पतली और गांड एकदम गोल-गोल, जब भी घर में टाइट कुर्ती या टी-शर्ट पहनती तो उसके मम्मों का शेप साफ दिखता, मैं कई बार चुपके से उसकी ब्रा-पैंटी देखकर मुठ मार चुका था।
मैंने नेट पर सैकड़ों भाई-बहन वाली कहानियाँ पढ़ी थीं, ज्यादातर झूठी लगती थीं, पर उनको पढ़ते-पढ़ते मन में ख्याल आने लगा कि अपनी बहन को भी आजमा लूँ, गर्लफ्रेंड्स और दो-तीन कजिन्स के साथ तो मैंने खूब चुदाई की थी, पर सगी बहन के साथ वो अलग ही मजा होता है, ये बात दिमाग में बार-बार घूमती।
सर्दियों का मौसम था, रातें ठंडी, मैं कंबल ओढ़कर लेटा था, लंड अपने आप तन गया, फिर वही भाई-बहन वाली स्टोरीज खोल लीं, एक कहानी पढ़ते हुए दिल जोर-जोर से धड़कने लगा, सेहरिश उसी वक्त दूसरे कमरे में सो रही थी, उस रात उसने कंबल नहीं लिया था, मैंने हल्के कदमों से उसका दरवाजा खोला, कमरे में हल्की सी लाइट आ रही थी, वो करवट लेकर सोई थी, पतली सी सफेद कॉटन की कमीज और हल्की गुलाबी शलवार पहनी थी, कमीज थोड़ी ऊपर उठी हुई थी, पेटी का नाड़ा और उसकी पतली कमर दिख रही थी।
मैं धीरे से उसके बेड के किनारे बैठ गया, दिल इतनी जोर से धड़क रहा था कि लगा आवाज आएगी, पहले तो सिर्फ देखता रहा, उसकी साँसें एकदम आराम से चल रही थीं, मैंने हिम्मत करके कमीज के ऊपर से ही उसके, बहुत हल्के हाथ से उसके एक मम्मे को छुआ, उफ्फ्फ्फ क्या नरमी थी, पहली बार अपनी बहन के मम्मे को छू रहा था, लंड पैंट में फड़फड़ा रहा था, फिर हल्का-हल्का दबाने लगा, निप्पल्स भी महसूस हो रहे थे, वो हल्की सी हिली पर सोई रही।
मैंने धीरे से कमीज का गला और नीचे खींचा, उसकी लाल रंग की ब्रा दिखने लगी, गले से उसकी गहरी क्लिवेज साफ नजर आ रही थी, मैंने उंगली ब्रा के अंदर डाली और निप्पल को हल्का सा मसल दिया, वो फिर हिली, साँसें तेज हो गईं, मैं डर गया, हाथ बाहर निकाल लिया और कमरे से निकल आया, उस रात मैंने तीन बार मुठ मारी, सिर्फ उसकी मम्मों की याद में।
इसके बाद तो ये सिलसिला चल पड़ा, लगभग हर रात मैं उसके कमरे में जाता, जब वो गहरी नींद में होती, कभी उसके मम्मे दबाता, कभी उसकी गांड पर हाथ फेरता, कभी उसकी जाँघों को सहलाता, और हर बार मुठ मारकर चला आता, उसे भी शायद पता चल गया था क्योंकि कई बार वो करवट बदलकर मुझे और आसानी दे देती, कभी उसने शलवार का नाड़ा ढीला छोड़ दिया था, कभी कमीज ऊपर तक चढ़ी रहती, पर वो कुछ नहीं बोलती।
एक रात मैं गया तो उसकी शलवार चूत के ठीक ऊपर से फटी हुई थी, जैसे जानबूझकर फाड़ी हो, मैंने और थोड़ा फाड़ दिया, उसकी गोरी चूत मेरे सामने थी, ऊपर हल्के-हल्के बाल, बिल्कुल साफ-सुथरी, मैंने उंगली फिराई तो पूरा रस से लथपथ, मैं समझ गया कि ये सोने का नाटक कर रही है और मजा ले रही है, मैंने उसकी चूत पर जीभ फेरी, हल्का सा चाटा, वो हिली पर आँखें नहीं खोली, मैंने दो मिनट तक उसकी चूत चाटी, उसकी सिसकारियाँ आने लगीं, ह्ह्ह्ह आह्ह्ह, पर फिर भी सोने का नाटक, उस रात मैंने उसकी चूत चाटकर ही मुठ मार ली।
अब मेरा धैर्य जवाब दे रहा था, मैं उसकी सील तोड़ना चाहता था, और किस्मत ने मौका दे दिया, घर में एक शादी थी, सब चले गए, मैंने बहाना बनाया कि सरदर्द है, सेहरिश ने भी कहा वो थक गई है, घर पर रुक जाएगी, सबके जाने के बाद घर में सिर्फ हम दोनों थे, सेहरिश ने मुझे देखकर मुस्कुराते हुए कहा, विक्की भाई मैं सोने जा रही हूँ, मुझे लगा आज इसका भी मन है।
वो अपने कमरे में चली गई, मैंने एक घंटा इंतजार किया, फिर चुपके से उसके कमरे में घुसा, उसने बहुत पतली सफेद कमीज और व्हाइट कॉटन शलवार पहनी थी, ब्रा की लाल रंग की लेस कमीज से साफ दिख रही थी, मैं उसके पास बैठ गया, पहले वही मम्मे दबाने लगा, आज उसके निप्पल्स कुछ ही सेकंड में पत्थर जैसे सख्त हो गए, वो करवट बदली और सीधी लेट गई, कमीज पेट तक ऊपर उठ गई थी, मैंने धीरे से कमीज ऊपर की और लाल ब्रा को ऊपर सरका दिया, उसके गोल-गोल दूध जैसे मम्मे बाहर आ गए, गुलाबी निप्पल्स तने हुए, मैं पागल हो गया, छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा, दस-पंद्रह मिनट तक बारी-बारी दोनों मम्मे चूसता रहा, नीचे हाथ डाला तो शलवार पूरी गीली, जैसे उसने चुदाई कर ली हो।
मैंने शलवार का नाड़ा खोला और धीरे से नीचे सरका दिया, उसकी गुलाबी चूत एकदम साफ, बिल्कुल गीली, मैंने जीभ से चाटना शुरू किया, वो सिसकारियाँ लेने लगी, आह्ह्ह विक्की भाई बहुत गुडगुडी हो रही है, पर अभी भी आँखें बंद, मैंने जीभ अंदर तक डालकर चाटा, वो काँपने लगी, ऊईईई माँँँ ह्ह्ह्ह आह्ह्ह, उसका रस मेरे मुँह में आ रहा था।
तभी अचानक वो उठी और बोली, विक्की भाई ये क्या कर रहे हो, उसकी आवाज में गुस्सा था पर आँखों में शरारत, मैं डर गया, हकलाने लगा, वो बोली अब अब्बू को बता दूँगी, मैंने कहा तुम्हें तो पहले से पता था ना, तुम भी तो जागती थी, अब्बू का नाम सुनते ही वो घबरा गई, बोली ठीक है कर लो जो करना है पर तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है, मेरी चूत में नहीं ले पाऊँगी, डर लग रहा है।
मैंने फौरन उसकी कमीज ऊपर से निकाल दी, फिर ब्रा भी उतार दी, उसके मम्मे हवा में उछलते हुए बाहर आए, मैंने उसकी शलवार भी पूरी उतार दी, पहली बार अपनी सगी बहन को पूरा नंगा देख रहा था, वो हाथ से चूत छुपाने की कोशिश कर रही थी पर मैंने हटा दिया, उसका गोरा जिस्म रौशनी में चमक रहा था, मैंने भी सारे कपड़े उतारे, सिर्फ अंडरवियर रहा, सेहरिश बोली ये भी उतार दो ना विक्की भाई, मैंने कहा तुम उतारो, उसने काँपते हाथों से मेरा अंडरवियर नीचे किया, मेरा आठ इंच का मोटा लंड बाहर आया तो उसका मुँह खुला रह गया, बोली उफ्फ्फ अल्लाह इतना बड़ा, मैं तो मर जाऊँगी।
हम दोनों बेड पर लेट गए, मैं उसके ऊपर चढ़ गया, उसके मम्मे चूसने लगा, एक हाथ से उसकी चूत सहलाने लगा, वो सिसकारियाँ ले रही थी, आह्ह्ह विक्की भाई बहुत मज़ा आ रहा है, चूत में कुछ कुछ हो रहा है, मैंने कहा लंड मुँह में ले लो, वो मना करने लगी, मैंने कहा या तो मुँह में या चूत में डालूँगा, उसने डरते हुए मेरा लंड हाथ में लिया और मुँह में ले लिया, ग्ग्ग्ग ग्ग्ग्ग गी गी गों गों, बोली विक्की भाई ये क्या लेसदार नमकीन सा है, मैंने कहा बस चूसो आराम से, वो सिर्फ सुपारा ही ले पा रही थी, मैंने उसकी टांगों की तरफ मुँह करके 69 पोजीशन बना ली, उसकी चूत फिर से चाटने लगा, जीभ अंदर-बाहर कर रहा था, वो मेरे लंड को चूसते हुए पागल हो रही थी, आह्ह्ह्ह ऊईईई माँँँ विक्की भाई चूत फट जाएगी।
मैं झड़ने वाला था तो लंड उसके मुँह से निकाल लिया और उसकी चूत पर रख दिया, वो बोली नहीं विक्की अंदर मत डालो, मैंने कहा ऊपर ऊपर ही रगड़ता हूँ, वो मान गई, मैं उसकी चूत पर लंड रगड़ने लगा, कभी दानों पर, कभी चूत के छेद पर, वो तड़प रही थी, आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह विक्की भाई कुछ करो ना, पाँच मिनट बाद वो खुद बोली थोड़ा सा अंदर कर दो बस, मैंने मौका देखा और लंड का सुपारा अंदर ठूँसा, वो चीख पड़ी, आआआह्ह्ह्ह मर गई विक्की बाहर निकालो, बहुत दर्द हो रहा है।
मैं रुका रहा, उसके मम्मे चूसता रहा, दो मिनट बाद फिर धीरे से धक्का मारा, आधा लंड अंदर चला गया, वो फिर चीखी, ओयईईई माँँँ मर गयी रे, मैंने फिर रुककर उसको चूमा, उसकी आँखों में आँसू थे, मैंने कहा बस थोड़ा और, फिर धीरे से एक जोर का झटका मारा, पूरा आठ इंच का लंड उसकी चूत में समा गया, वो ऊँची आवाज में चिल्लाई, आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह मर गयी विक्कीईईई निकालो बाहर, मैं मर जाऊँगी कसम से, उसकी चूत से खून बहने लगा, बेडशीट लाल हो गई।
मैं दस मिनट तक रुका रहा, उसके मम्मे चूसता रहा, उसको सहलाता रहा, जब वो थोड़ी शांत हुई तो धीरे-धीरे हल्के हल्के झटके देने लगा, पहले वो रो रही थी पर धीरे-धीरे उसकी सिसकारियाँ बदलने लगीं, आह्ह्ह विक्की भाई अब मज़ा आने लगा, थोड़ा तेज करो, मैंने स्पीड बढ़ा दी, अब कमरा सिर्फ चपचप चपचप और उसकी सिसकारियों से भर गया, आह्ह्ह ह्ह्ह्ह ऊईईई माँँँ विक्की भाई चोदो मुझे, अपनी बहन को खूब चोदो।
दो मिनट बाद वो झड़ गई, उसकी चूत से पानी की फुहार निकली, मैंने भी उसकी चूत में ही सारा माल उड़ेल दिया, हम दोनों पसीने से तर, एक दूसरे से लिपटे लेटे रहे, वो बोली विक्की भाई अब क्या होगा, मैंने कहा कुछ नहीं होता, टेबलेट खिला दूँगा, जब वो उठी तो खून देखकर घबरा गई, चल भी नहीं पा रही थी, मैंने उसको गोदी में उठाकर बाथरूम ले गया, दोनों नहाए, फिर अब्बू का फोन आया कि आज नहीं आ रहे, मैं खुश हो गया।
उस रात मैंने सेहरिश को चार बार और चोदा, हर बार नई पोजीशन, कभी डॉगी, कभी उसको ऊपर बिठाया, सुबह तक उसकी चाल ठीक हो गई, अब चार महीने से हम मौका मिलते ही चुदाई करते हैं, कभी वो मना करती है पर मैं मान जाता हूँ, अपनी सगी बहन का पूरा मज़ा लूट रहा हूँ।