पड़ोस की दीपू भाभी ने सिखाया चुदाई

Bhabhi sex story – Titjob with big boobs sex story: हाय दोस्तों, मेरा नाम नितिन चौहान है और मैं लखनऊ का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 20 साल है और अभी मैं बी.कॉम कर रहा हूं, मेरे कॉलेज में मेरी एक गर्लफ्रेंड है लेकिन मेरा इंटरेस्ट बड़ी औरतों में है, मेरा ध्यान हमेशा अपने से बड़ी औरतों पर रहता है और उनको पटाने के फायदे भी बहुत हैं, ये मेरी कहानी इसी पर आधारित है, मेरे घर के सामने रहने वाली एक औरत दीपिका और मेरे बीच की

मैंने अपने बारे में तो बताया ही है, थोड़ा दीपिका के बारे में भी जान लो, रंग गोरा, पतली कमर, दूध बड़े और दिखने में बहुत मस्त, उसकी उम्र 28 साल है और उसकी शादी को 3 साल हो चुके हैं, उसकी एक बेटी भी है, वो हमारे घर के सामने किराए से रहती थी और जैसा कि मैंने बताया मेरा इंटरेस्ट ऐसी औरतों में है, तो मैं आए दिन उसको आंख भर कर देखा करता था

वो भी मेरी हवस भरी निगाहों से वाकिफ थी कि मैं उसको ताड़ता हूं, लेकिन वो कुछ बोलती नहीं थी, बल्कि नजरें झुकाकर निकल जाया करती थी, उसकी एक बेटी थी जिसका नाम शिल्पी था, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि उससे कैसे बात शुरू करूं और कैसे उसे पटाऊं, तो मेरे एक दोस्त जिसका नाम अमन है, उसने मुझे दिमाग दिया कि पहले उस बच्ची से बात करना, खेलना शुरू करो, उससे बात अपने आप हो जाएगी

मैंने ऐसा ही किया, वो बच्ची जब भी बाहर आती थी, मैं उसे खिलाता रहता था और ये पैंतरा काम कर गया, ऐसा करते करते मेरी उससे बात शुरू हो गई, मेरे दोस्त ने मुझे कहा था कि पहले उसको मैं आंटी ही बोलूं, अगर उसे बुरा लगे तो समझ लेना कुछ बात बन सकती है और हुआ भी ऐसा, एक दिन उसने मुझे कहा देखो मुझे ठीक से, मैं क्या आंटी लगती हूं, तो मैंने कहा नहीं, तो उसने कहा अच्छा तो तुम मुझे आज से आंटी नहीं कहोगे

तो मैंने उनसे पूछा कि क्या बुलाऊं फिर आपको, तो उसने थोड़ा सोचा और मुस्कुराते हुए कहा दीपू भाभी, मुझे अपने दोस्त की कही हुई बात याद आ गई और मैंने मन में सोचा कि थोड़े दिन और रुक जाओ दीपू, मैं तुम्हें बेबी बुलाऊंगा, उसके पति की मार्केट में दुकान थी इसलिए वो सुबह जल्दी चला जाता था और रात में देर से आता था, क्या देखकर उसे पसंद किया था, खैर जो भी हो मुझे तो उसकी चूत चाहिए थी और मैं वही पाने में लगा हुआ था

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एक दिन मैं उसके घर गया और शिल्पी को आवाज लगाते हुए अंदर गया, दीपू घर पर अकेली थी और अपने लिए नाश्ता बना रही थी, तो उसने कहा शिल्पी कॉलेज गई है, तो मैंने कहा अच्छा ठीक है, थोड़ी देर बाद आता हूं, तो उसने कहा अरे रुको, मैं नाश्ता बना रही थी, तुम नाश्ता करके जाना, मैंने कहा नहीं मुझे भूख नहीं है, तो उसने कहा चल नाटक नहीं कर, बैठ जाके, मैं नाश्ता लेकर आती हूं

वो आई और जैसे ही उसने नाश्ता टेबल पर रखा, तो उसका पल्लू नीचे हो गया और उसके थोड़े थोड़े दूध दिखने लगे, उसने मुझे ये देखते हुए देख लिया कि मैं उसके दूध देख रहा हूं, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा, फिर हम दोनों बैठकर नाश्ता करने लगे, तभी मेरा फोन बजा और मैंने फोन काट दिया, मुझे फिर से फोन आया लेकिन कॉल कंपनी से था, तो मैंने फिर से काट दिया

तो दीपू ने मजाक में कहा अरे उठा लो, भाभी के सामने गर्लफ्रेंड से बात नहीं कर सकते क्या, तो मैंने कहा गर्लफ्रेंड का नहीं था, तो दीपू ने कहा अच्छा तो गर्लफ्रेंड का फोन कब आता है रात में, तो मैंने कहा नहीं मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, दीपू मुझसे ज्यादा दूर नहीं बैठी थी और उसने जो कहा वो मुझे सुनाई दे गया, जबकि उसने बहुत धीमी आवाज में कहा था, उसने कहा बेचारा हाथ से काम चलाता है, तो मैंने कहा क्या, तो उसने कहा नहीं कुछ नहीं

फिर नाश्ता करके मैं अपने घर चला गया और जाते ही अपने दोस्त अमन को फोन लगाया और उसे पूरी बात बताई, उसने मुझे कहा एक काम कर, कल सुबह फिर से उसके घर जाना और इस बार कंडोम लेकर जाना, ये सुनकर मुझे थोड़ा अटपटा सा लगा जैसे अगली बार जाऊंगा तो वो मुझसे चुदवा लेगी, लेकिन फिर भी एक बार उसकी बात आजमाने के लिए मैं अगले दिन सुबह उसके घर गया, लेकिन कंडोम लेकर नहीं गया

उसने फिर से मुझे नाश्ते के लिए रोक लिया और नाश्ता करने के बाद मैं जाने को हुआ, तो उसने मुझे रोक लिया और कहा कोई काम है क्या घर में, तो मैंने कहा नहीं, तो उसने कहा तो यहीं बैठो मेरे साथ, तो मैं वहीं बैठ गया, तो उसने कहा वहां नहीं, यहां मेरे पास आकर बैठो, तो मैं उसके बाजू में जाकर बैठ गया

बात करते हुए वो बार बार नीचे झुक रही थी और उसकी साड़ी भी नीचे हो रही थी, जिसकी वजह से उसके ऊपर के दूध दिखने लगे थे, लेकिन वो अपनी साड़ी ठीक नहीं कर रही थी और मेरी नजर बार बार उसके दूध पर जा रही थी, तो मैंने उससे कहा जो आपने कल कहा था न वो मैंने सुन लिया था, तो उसने कहा क्या, तो मैंने कहा जब कहा था मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है और उसके बाद जो आपने कहा था

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तो एक पल के लिए वो शांत रही, फिर उसने मेरी जांघ पर हाथ रखा और कहा तो मैंने कुछ गलत नहीं कहा था, तुम्हें कोई तो चाहिए न अपनी मदद करने के लिए, तो मैंने कहा अच्छा तो आप ही कर दो मेरी मदद, तो वो एकदम से शांत हो गई और नीचे देखने लगी, तो मैंने सोचा चलो अब बारी है अपनी पैंट खोलने की और मैंने अपनी पैंट खोलना शुरू किया, जैसे ही मैंने अपनी पैंट उतारी, उसने एक लंबी सांस ली

फिर मैंने अपनी चड्डी भी उतार दी और जैसे ही मैं अपना लंड पकड़ने को हुआ, तो उसने कहा नहीं और मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी, मैं वहीं बैठ गया और वो जमीन पर बैठ कर लंड हिलाने लगी, उसने धीरे धीरे ऊपर नीचे किया, फिर अपना मुंह खोला और लंड को अंदर लेकर चूसने लगी, ग्ग्ग्ग.. ग्ग्ग्ग.. गी.. गी.. गी.. की आवाजें आने लगीं, वो गहरी गला तक ले रही थी, गों.. गों.. गोग.. करते हुए मेरी गोटियां भी चाटी और चूसीं

फिर उसने अपना ब्लाउज खोला और अपने दूध के बीच में मेरा लंड दबाकर ऊपर नीचे करने लगी, उसके बड़े नरम दूध लंड को घेर रहे थे, मुझे बहुत मजा आ रहा था, वो दूध दबाकर टिटजॉब दे रही थी, इतना मजा आया कि मेरे लंड ने माल छोड़ दिया, सफेद वीर्य उसके दूध पर गिर गया, फिर मैंने कहा दीपू बेबी बहुत मजा आया, तो उसने कहा जानेमन अभी तो असली काम बाकी है

तो मैंने कहा अरे मैं कंडोम तो लाया ही नहीं, तुम रुको मैं अभी लेकर आता हूं, तो उसने कहा तुम बच्चों की यही प्रॉब्लम है कुछ पता ही नहीं होता है, रुको मेरे पास रखा है, कंडोम लेकर आती हूं, फिर वो खड़ी हुई और उसने अपनी साड़ी उतार दी, सिर्फ पेटीकोट में अंदर गई और कंडोम लेकर आई, उसके ऊपर जो वीर्य गिरा था वो भी साफ कर आई, उसने मुस्कुराते हुए मेरे लंड को फिर साफ किया और कंडोम लगाने में मदद की

फिर मैंने कहा अच्छा बेबी एक हवस का नंगा नाच हो जाए, तो उसने कहा क्या, तो मैंने कहा अरे तुम नंगी होकर नाचो न मजा आएगा, तो उसने अपना पेटीकोट और पैंटी उतारी, पूरी नंगी हो गई, उसके गोरे बदन पर बड़े दूध उछल रहे थे, पतली कमर मटकाते हुए एक दो ठुमके लगाए, कमर घुमाई, दूध हिलाए, मैंने ताली बजाई और उसका हाथ पकड़कर अपने पास खींच लिया, किस करने लगा, जीभ अंदर डालकर चूसी, उसके होंठ चबाए

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किस करते हुए मैं उसके दूध भी दबा रहा था, उसके दूध बड़े बड़े थे, निप्पल कड़े हो गए थे, मैंने उन्हें मुंह में लेकर चूसा, काटा, वो आह्ह.. ह्ह्ह.. इह्ह.. करने लगी, फिर मैंने उसको वहीं पर लेटाया, उसकी टांगें फैलाईं और उसकी चूत में ऊंगली करने लगा, चूत गीली हो चुकी थी, मैंने दो उंगलियां अंदर डालीं, अंदर बाहर किया, वो अपने दूध दबाते हुए आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह अहह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआअ करने लगी, उसकी कमर ऊपर उठने लगी

फिर मैंने चूत से ऊंगली बाहर निकाली और उसके मुंह में डाल दी, वो चाटने लगी अपना रस, मैंने अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा, तभी मुझे याद आया मैंने कंडोम तो पहना ही नहीं, तो मैंने जल्दी से कंडोम पहना और उसकी चूत में लंड डाल दिया, मैं उसको धीरे धीरे चोद रहा था, आधा लंड अंदर जा रहा था, वो भी बिना पूरा लंड अंदर डाले सहलाती रही, तो उसने कहा बाकी का किसके लिए बचा रखा है, पूरा डालो नितिन

तो मैंने एक जोर का झटका मारा और पूरा अंदर कर दिया, उसकी आह्ह निकल गई, आह इह्ह ओह्ह ओह, लेकिन अब मुझे मजा नहीं आ रहा था, तो मैंने चूत से लंड निकाल के गांड में डाल दिया, पहले उंगली से गांड ढीली की, थूक लगाया, फिर लंड सेट करके जोर जोर के झटके मारने लगा, जब मैंने उसकी गांड मारना शुरू किया तो उसकी आह्ह्ह्हह्ह्ह्हा ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह अह्ह्हह्ह्ह्ह हह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआआ की चीखें निकलने लगीं, आह ह ह ह ह्हीईई आअह्ह्ह्ह, उसकी गांड टाइट थी, लंड को जकड़ रही थी

मैंने डॉगी स्टाइल में घुमाया, उसके बाल पकड़कर पीछे से ठोका, दूध लटककर हिल रहे थे, फिर मिशनरी में लौटा, उसकी टांगें कंधे पर रखीं, गहराई तक पेला, वो ऊऊ.. ऊउइ ..ऊई ..उईईई.. चिल्लाने लगी, आह्ह.. ह्ह.. आऊ.. ऊऊ, फिर मेरा वीर्य निकल गया और मैं उसके ऊपर लेट गया, पसीने से तर हम दोनों, सांसें तेज, फिर उसके बाद जब भी वो घर पर अकेली रहती थी, मैं पहुंच जाता था और हम चुदाई करते थे, कभी किचन में, कभी सोफे पर, ओरल, एनल, हर पोजिशन ट्राई की, ये सिलसिला कई सालों तक चलता रहा जब तक वो वहां से चली नहीं गई, अब मैंने नई भाभी पटाई है.

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