पड़ोस वाली सुंदर आंटी को चोदा। Aunty Ki Chudai Hindi Me

Aunty Ki Chudai Hindi Me में पढ़ें कि गांव की महिलाएं और लड़कियां मुझसे चुदवाने को तरसती हैं क्योंकि मैं बहुत मोटा हूँ। लेकिन मैंने सबसे पहले पड़ोस में रहने वाली एक सुंदर आंटी को चोदा था।

मैं ऋतिक हूँ।

मैं गांव का 19 वर्षीय देसी गबरू लड़का हूँ; मैं सांड जैसा हो गया हूँ क्योंकि मुझे अच्छी खिलाई पिलाई मिलती है।

गांव की लड़कियां और महिलाएं मेरी कद काठी को देखकर मुझसे चुदवाने को तरसती हैं।

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अब तक मैंने बहुत सी चूतें फाड़ी हैं।

गांव के नवजात बच्चों का डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा तो मेरे बीज से लगभग आधे बच्चे पैदा होंगे।

मेरा यौन जीवन इस Aunty Ki Chudai Hindi Me से शुरू हुआ।

मैं उस समय तक किसी को नहीं चोदा था।

मैं जानता था कि बहुत सी भाभियां और आंटियां मुझे अपने साथ ले जाना चाहती हैं।

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मेरे आसपास एक आंटी रहती थीं।

हमारे पास उनसे काफी संपर्क था।

मैं लगातार उनके घर आता जाता था।

मैं अक्सर उनके घर में अकेले सो जाता था।

क्योंकि गांव में इसे बुरा नहीं मानते..। और क्योंकि यह मेरे पड़ोस की बात थी, मुझे कुछ अधिक छूट मिली।

पड़ोस में रहने वाली आंटी का फिगर 34-30-36 था।

उनके उठी हुई गांड और बड़े ही सुंदर बूब्स थे।

जब भी मैं आंटी को देखता था, मैं उन्हें चोदना चाहता था।

आंटी एक बार नहाने जा रही थीं जब मैं उनके घर गया।

आंटी ने मुझे देखा तो पूछा: ऋतिक, क्या कर रहे हो?

मैंने कहा कि कुछ नहीं, बस आया था।

ओके, अभी बाहर जाओ, मुझे नहाना है, आंटी ने कहा।

मैंने कहा कि मैं छत पर जा रहा हूँ, आंटी।

हां, जाओ, आंटी ने कहा।

आप सब जानते हैं कि गांव में नहाने के लिए बाथरूम नहीं हैं। या बहुत कम घरों में होते हैं।

आंटी ने कोई बाथरूम नहीं रखा था।

आंगन में स्थित हैंडपंप पर ही वे नहाती थीं।

मैं ऊपर चला गया।

आंटी की छत जाल से ढकी हुई थी।

धूप और ताजी हवा के लिए बनाया गया था।

जाल के पास चुपचाप बैठकर मैं आंटी को देखने लगा।

कुछ देर बाद आंटी ने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिया।

आंटी ने पहले अपना ब्लाउज और फिर अपना पेटीकोट खोला।

अब आंटी पैंटी और ब्रा में थीं।

कुछ देर बाद आंटी ने पैंटी और ब्रा भी उतारे।

अब आंटी पूरी तरह से नंगी होकर पानी पी रही थीं।

मेरा उत्साह लगातार बढ़ा।

आज आंटी को नग्न देखने की पहली बार थी।

उनके बूब्स और गांड बेहद सुंदर लग रहे थे।

आंटी बहुत सुंदर लग रही थीं।

मैं अभी नीचे जाकर आंटी को चोद दूंगा।

वह सिर्फ लंड हिलाने के अलावा कुछ नहीं कर सका।

कुछ देर बाद आंटी ने पानी पी लिया और फिर कपड़े पहन लिए।

फिर आंटी ने कहा कि मैं नीचे आ जाऊँ। मैंने पीया है।

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मैं आंटी के सामने खड़ा हो गया।

मैं सीधा खड़ा था।

मेरे लिंग को आंटी देखने लगी।

वह हैरान होकर मुझे देखकर पूछा: ये क्या है?

मैंने कहा कि कुछ नहीं है।

यह कहते ही मुझे शर्म आ गई और मैं भागकर अपने घर चला गया।

आंटी जोर से हंसने लगी।

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उन्हें हंसते हुए सुनकर मुझे अजीब सा महसूस हुआ।

मैं अपनी कार्रवाई को समझ नहीं पा रहा था।

लंड ने बैठने का नाम नहीं लिया।

घर पहुंचते ही मैंने बाथरूम की ओर देखा और अंदर जाकर मुठ मारने लगा।

उस समय मेरी आंखें बंद हो गईं और आंटी की नंगी जवानी मेरे सामने थी।

मुठ मारने के बाद शांत हो गया।

फिर मैं नहाने चला गया, और कुछ देर बाद आंटी के घर फिर से आ गया।

ऋतिक, अब क्या हुआ? आंटी पूछा।

मैंने कहा कि मैं सिर्फ आपको देखने आया था, आंटी।

ठीक है, बैठो, आंटी ने हंसकर कहा।

मैंने आंटी को बताया कि मुझे बहुत अच्छा लगता है।

ठीक है, आंटी ने कहा। इसलिए तुम मुझे देखने आते हो क्या?

मैंने कोई उत्तर नहीं दिया।

कुछ देर बाद आंटी ने हंसते हुए कहा कि तुम आ जाओ। तुम भी आना चाहते हैं।

अब मैं हर दिन आंटी के घर जाकर कैरम बोर्ड खेलने लगा।

आंटी के पति, यानी अंकल जी, एक दिन हिमाचल में काम करने चले गए।

मैं आंटी के घर पहुंचा।

ऋतिक ने कहा कि आज तुम्हारे अंकल हिमाचल गए हैं, आंटी ने कहा। अब तुम मेरे घर में सो जाओगे।

मैं एक अवसर पाया।

मैंने कहा: ठीक है, आंटी।

जब मैं घर पहुंचा, मुझे बताया गया कि मुझे आंटी के घर में सोना है।

घरवालों ने कुछ नहीं कहा।

कुछ समय बाद रात हो गई। आंटी के घर मैं गया।

उस समय रात के दस बज चुके थे।

आंटी ने घर में दो कमरे बनाए थे। मेरे लिए आंटी ने एक कमरे में सोने की व्यवस्था की थी।

लेटकर मैं फोन चलाने लगा।

दूसरे कमरे में आंटी टीवी देख रही थीं।

थोड़ी देर बाद आंटी ने टीवी बंद कर दिया और सो गईं।

वे फोन चलाने लगीं।

मैं सो नहीं रहा था।

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मैं चुपचाप आंटी के कमरे के पास गया और धीरे-धीरे दरवाजा खोला।

तो मैंने देखा कि आंटी अपने फोन पर एक काली फिल्म देख रही थीं।

वे अपनी चूत में हाथ डाल रहे थे।

तुरंत आंटी ने सभी कपड़े उतार दिए।

यह सीन देखकर मेरा लंड फट गया।

मैं अभी आंटी के पास जाकर उनको चोद दूंगा।

उस समय आंटी पूरी तरह से गर्म हो गई थीं और चूत में उंगली करती थीं।

“आह ऊह आह” की आवाज उनके कंठ से निकल रही थी।

मैं रहा नहीं गया और आंटी के पास गया।

आंटी ने मुझे देखा और अपने कपड़ों से अपना शरीर ढकने लगी।

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तुम यहाँ क्या कर रहे हो, वे पूछीं। अपनी वार्ड में जाओ।

मैंने कहा कि मैं पहले तुम्हें चोदूंगा। वैसे भी मैं बहुत दिनों से आपको चोदने का विचार कर रहा था।

ठीक है, आंटी ने हंसकर कहा।

मैंने उत्तर दिया: हां, आंटी।

फिर आंटी ने कहा, “आज नहीं, कल।”

मैंने कहा, “एक बार प्लीज, आंटी!”

नहीं, कल मैंने ऐसा नहीं कहा, आंटी ने कहा।

मैंने कहा, “अरे यार आंटी, आप नखरे कर रहे हैं और इधर लंड फटा जा रहा है।”

आंटी ने कहा: “चल, मैं मुँह में लेकर निकाल देती हूँ..।” लेकिन कल दूँगी!

जब मैंने उनकी बात को समझा, तो मैंने कहा, “ठीक है।”

मैं खड़ा होकर आंटी के पास गया।

आंटी मेरे सामने घुटनों पर बैठकर लंड लेने लगीं।

जब मैंने अपना लंड निकाला, आंटी ने मुझे देखकर कहा, “हाय, इतना बड़ा है!” आपके अंकल भी इतना बड़ा नहीं है।

मेरा लंड सामान्य से अधिक मोटा और लंबा है।

मैंने कहा, “अब हाय-हाय न करो आंटी..।” तुरंत चूसना शुरू करो।

मेरा लौड़ा आंटी ने मुँह में लेना शुरू कर दिया।

आंटी के मुँह में मेरा आधा लंड जा पा रहा था।

मैं आंटी का मुँह और सिर चोदने लगा।

कुछ देर के बाद मैंने आंटी के मुँह में अपना सारा सामान डाल दिया।

जब आंटी ने पूरी बोतल पी ली, तो उन्होंने कहा, “यह बहुत अच्छा था!”

फिर हम दोनों एक साथ बेड पर लेटकर सो गए।

मैं सुबह अपने घर चला गया।

आंटी आज रात वादा करती थी।

मैं रात होने की प्रतीक्षा कर रहा था।

कुछ सोचकर मैं मेडिकल स्टोर में गया और मैनफोर्स टैबलेट और के-वाई जैल खरीद लिया।

मैं भी आंटी की गांड मारने का मन बनाने लगा।

कुछ देर बाद रात गहरा गई।

मैं आंटी के घर गया तो उन्होंने सैक्सी नाईटी पहनी हुई थी।

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वे सिर्फ मेरा इंतजार कर रहे थे।

आंटी मेरे लौड़े से चुदवाने को तैयार थीं।

मैं आंटी से मिलने गया।

हम दोनों ने कुछ देर तक चर्चा की।

तब आंटी ने मुझे पकड़ा और मुझे चुम्मा चाटने लगी।

कोई दो घंटे तक आंटी ने चुम्मा चाटी।

फिर आंटी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए, और मैं भी।

मेरे हाथों में आंटी बिल्कुल नंगी थी।

मैंने आंटी को बिठाकर मुँह में लंड डाला।

आंटी ने मेरा लंड कुछ देर तक चूसा।

मैं आपकी चूत चाटना चाहता हूँ, आंटी।

आंटी ने उत्तर दिया: ठीक है। हम एक दूसरे के लंड चूत से मजा लेते हैं।

हम दोनों 69 में आ गए जब मैंने उनकी बात समझी।

यह पहली बार था जब मैं आंटी की चूत इतनी करीब से देखता था।

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मैंने उसे चाटना शुरू किया।

दस मिनट के भीतर आंटी का पानी निकल गया। मैंने पूरा पानी चाट लिया और चूत को गर्म कर दिया।

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आंटी कुछ देर चुदने के लिए पूरी तरह से गर्म हो गईं।

“अब मुझे चोद दो, ऋतिक,” उन्होंने कहा। मैं अपने लंड को अपनी चूत में लेना चाहता हूँ।

मैंने आंटी को सीधे बेड पर लेटने को कहा।

आंटी लेट गई।

मैंने लंड का सुपारा आंटी की चूत पर रखकर रगड़ने लगा।

अब भी ऋतिक, आंटी ने विनती की।

मैंने तुरंत आंटी की चूत पर लंड रखकर धक्का दिया।

लंड चिकनी चूत में सरकता चला गया।

आंटी ने चीखकर कहा कि वह मर गई।

मैंने दूसरा धक्का लगाया।

आंटी ने फिर से चीखकर कहा कि वह मर गई।

आंटी ने बहुत तेज आवाज निकाली।

मैंने धकापेल मचा दी और उनके मुँह पर अपना मुँह रखा।

धीरे-धीरे आंटी को धक्का लगने लगा।

अब उनका स्वर बदल गया: “ऋतिक, आह चोदो और तेज धक्के लगाओ।” आज मेरी चूत फाड़ दो..। आह, मैं मर गया।

मैं और तेज धक्के मारने लगा।

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मैं लगभग पंद्रह मिनट बाद झड़ गया, और आंटी भी उतनी देर में दो बार झड़ गईं।

कुछ देर बाद लंड उठ गया।

आंटी को फिर से कुतिया बनाकर चोदने लगा।

मैं आंटी को इतनी तेजी से चोद रहा था जितना वे चीख रही थीं।

मैंने इसी तरह आंटी को आठ बार चोदा, लेकिन मेरा लंड अभी भी खड़ा था।

‘अब बस करो, मेरी चूत दुख रही है’, आंटी ने कहा।

मैंने कहा कि मैं गांड मारूँगा।

आंटी ने गांड मरवाने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया।

मैंने सोचा कि आज रहने दो। बाद में गांड मारूंगा।

तीन दिन बाद आंटी ने चूत नहीं चुदवाई।

लेकिन चूत की चुल्ल इतनी बड़ी समस्या है कि बिना लंड के चैन नहीं मिलता।

यही हुआ।

जब मैं अंकल के घर से चला गया, आंटी मुझे घर बुला लेती और हम दोनों सेक्स खेलते।

अब मैं आंटी को हर दिन चोदता हूँ।

मैं अभी भी उनकी गांड नहीं चोद सका।

पर मैं एक दिन आंटी की गांड में मेरा लंड जरूर जाएगा।

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