Nana Natin ki pelai sex story: मेरा नाम कशिश है और मैं बीस साल की हूँ, मेरा बदन गोरा और कसा हुआ है, मैं टाइट कुर्ती पहनती हूँ जिसमें मेरे उभरे हुए चूचे साफ दिखते हैं और छोटी सलवार में गांड की शक्ल बनती है, मम्मी पापा दोनों नौकरी करते हैं इसलिए ज्यादातर बाहर रहते हैं, गर्मियों की छुट्टियों में मैं अपने नाना के गाँव जाती हूँ। नाना रघु पचपन साल के हैं लेकिन उनकी चौड़ी छाती और मजबूत बाजू देखकर लगता नहीं, पैंट में उनका मोटा लंड उभरता रहता है जिसे देखते ही मेरी चूत में हल्की सी गुदगुदी होने लगती है, उनकी भूरी आँखों में हमेशा शरारत भरी रहती है और वो मुझे घूर घूर कर देखते हैं, मैं भी जानबूझकर ऐसे कपड़े पहनती हूँ कि मेरे चूचे और गांड अच्छे से नजर आएं, एक दिन नाना ने मुझे अकेले में पकड़ लिया और मेरी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई।
दोपहर का वक्त था और मैं छत पर कपड़े सुखा रही थी, सूरज तेज था लेकिन हवा ठंडी चल रही थी, नाना चुपचाप पीछे से आए और अपनी मजबूत उंगलियों से मेरी कमर को पकड़ लिया, उनकी सांस मेरी गर्दन पर गर्म गर्म लग रही थी, उन्होंने फुसफुसाते हुए कहा कि कशिश तू तो अब बहुत बड़ी हो गई है तेरी चूत को लंड की जरूरत है, मेरी सांसें अटक गईं और मैं शरमाते हुए बोली नाना ये क्या बोल रहे हो, लेकिन मेरी चूत में पहले से ही हल्की सी नमी फैलने लगी थी, नाना ने मेरी कुर्ती का दुपट्टा एक झटके में खींच लिया और मेरे चूचे ब्रा से बाहर आ गए, वो बोले वाह क्या मस्त चूचे हैं तेरे इन्हें चूस चूस कर लाल कर दूंगा, फिर एक निप्पल को मुंह में भर लिया और जीभ से घुमाने लगे, मैं सिसक उठी और बोली आह्ह नाना चूसो जोर से मेरी चूत गीली हो रही है, नाना ने दूसरे चूचे को हाथ से मसलना शुरू किया और निप्पल को दांतों से हल्का काटा जिससे मेरी कमर अपने आप उछल गई।
नाना ने मुझे छत पर ही पुआल के ढेर पर धकेल कर लिटा दिया और बोले कशिश आज तुझे चुदना सिखाऊंगा पूरा मजा दूंगा, फिर मेरी सलवार का नाड़ा खींचा और सलवार नीचे सरका दी, मेरी गीली पैंटी दिखते ही नाना की आँखें चमक उठीं, वो बोले तेरी चूत तो पहले से टाइट और गीली है इसे चोदने का मजा अलग आएगा, फिर पैंटी भी एक झटके में उतार दी और मेरी चूत नंगी होकर चमकने लगी, नाना ने अपनी जीभ मेरी चूत के होंठों पर फेरी और धीरे धीरे चाटने लगे, मैं चिल्ला उठी आह्ह नाना चाटो मेरी चूत को पूरा चूस डालो, नाना ने चूत के अंदर जीभ घुसाई और रस चूसने लगे, मेरा रस उनके मुंह में भर गया, वो बोले क्या स्वाद है तेरी चूत का इसे तो फाड़ने का मन कर रहा है, फिर नाना ने अपनी लुंगी उतारी और उनका मोटा लंबा सख्त लंड बाहर निकला जो नसों से भरा हुआ था, मैं डरते हुए बोली नाना ये तो मेरी चूत फाड़ देगा, नाना हंस पड़े और बोले डर मत पहले धीरे धीरे डालूंगा फिर पूरा मजा दूंगा।
नाना ने मुझे कुतिया की तरह घुटनों के बल झुका दिया और मेरी छोटी सी गांड हवा में तन गई, पहले मेरी गांड पर जोर से थप्पड़ मारा जिससे लाल निशान पड़ गया, मैं चिल्लाई मारो नाना मेरी गांड लाल कर दो फिर अपने लंड से चोदो, नाना ने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा और धीरे से सिरा अंदर धकेला, मैं चीखी आह्ह मेरी चूत फट गई धीरे डालो, नाना बोले शुरुआत में दर्द होगा फिर मजा आएगा, फिर एक जोरदार धक्का मारा और आधा लंड अंदर चला गया, मैंने पुआल को मुट्ठी में कस लिया और बोली आह्ह और जोर से चोदो, दर्द के बाद मजा शुरू हो गया और मेरी चूत उनके लंड को चूसने लगी, नाना ने कमर पकड़ कर धक्के मारने शुरू किए और बोले तेरी चूत तो लंड की भूखी है इसे पेलते हैं, हर धक्के से चप चप की आवाज आ रही थी और मेरी चूत का रस लंड पर लिपट रहा था, नाना मेरे बाल पकड़ कर पीछे खींचते और गांड पर थप्पड़ मारते जिससे मैं और जोर से सिसकती।
फिर नाना ने मुझे पलटा और मेरे ऊपर चढ़ गए, मेरे पैरों को कंधों पर रखा और लंड फिर से चूत में ठोक दिया, इस बार लंड पूरी गहराई तक जा रहा था, मैं चिल्लाई आह्ह नाना मेरी चूत चीर डालो और तेज चोदो, नाना मेरे चूचों को मसलते हुए धक्के मार रहे थे और बोले तेरी चूत रस से भर गई है इसे चोद चोद कर ढीली कर दूंगा, मैंने नाखून उनकी पीठ में गड़ा दिए और कमर ऊपर उठा उठा कर लंड को अंदर ले रही थी, छत पर पुआल हिल रहा था और मेरी सिसकियां तेज हो गईं, मेरी चूत उनके लंड की गुलाम बन चुकी थी, नाना ने मेरे कान में फुसफुसाया कि कशिश तेरी चूत कितनी टाइट है हर धक्के में सिकुड़ रही है, मैंने जवाब दिया हां नाना चोदो मुझे मुझे चुदाई का पूरा मजा सिखाओ।
चुदाई का खेल और गर्म हुआ तो नाना मुझे नीचे कमरे में ले गए, कमरे में ठंडक थी और बिस्तर नरम था, नाना बोले कशिश अब तेरी गांड की बारी है इसे भी चोदूंगा, मुझे बिस्तर पर घुटनों के बल झुकाया और मेरी गांड हवा में तन गई, पहले गांड के छेद पर थूक लगाई और उंगली से रगड़ा, मैं चिल्लाई नाना मेरी गांड में लंड डाल दो, नाना ने लंड गांड के छेद पर रखा और एक धक्के में अंदर पेल दिया, मैं चीखी आह्ह मेरी गांड फट गई और जोर से चोदो, मेरी चूत से रस टपक रहा था और गांड नाना के लंड को चूस रही थी, नाना बोले तेरी गांड तो चूत से भी टाइट है इसे रगड़ डालूंगा, धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी और थप थप की आवाज कमरे में गूंजने लगी, मैंने तकिया मुंह में दबा लिया लेकिन सिसकियां रुक नहीं रही थीं, नाना मेरे बाल खींचते और गांड पर थप्पड़ मारते जिससे मेरी तड़प और बढ़ जाती।
नाना ने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरे होंठ चूसने लगे, उनकी जीभ मेरे मुंह में घुस आई और मैंने भी उनकी जीभ चूसी, नाना बोले तेरे होंठ तो शहद जैसे हैं इन्हें काट डालूंगा, फिर होंठों को दांतों से दबाया, मैंने उनका लंड पकड़ा और मसलते हुए बोली नाना मेरी चूत को भी चोदो पूरा मजा दो, नाना ने मुझे फिर कुतिया बनाया और चूत में लंड ठोक दिया, इस बार लंड और तेजी से अंदर बाहर हो रहा था, नाना चीखे तेरी चूत और गांड दोनों को रस से भर दूंगा, मेरी गांड और चूत दोनों थरथरा रही थीं, मैं चिल्लाई चोदो मुझे नाना मुझे चुदाई का शौकीन बना दो, बिस्तर हिल रहा था और पसीना हम दोनों के बदन पर चमक रहा था, नाना मेरे निप्पल चुटकी में लेकर खींचते जिससे मेरी चीखें और तेज हो जातीं।
नाना ने मुझे घुटनों पर बिठाया और बोले अब मेरा लंड चूस कशिश पूरा मजा ले, लंड मेरे होंठों पर रगड़ा और मैंने जीभ निकाल कर चाटने लगी, लंड का नमकीन स्वाद मुंह में फैल गया, मैं बोली आह्ह नाना आपका लंड तो मजेदार है इसे पूरा मुंह में लूंगी, फिर लंड को गले तक ठूंस लिया, नाना ने मेरे बाल पकड़े और मुंह में धक्के मारने लगे, बोले चूस ले मेरे लंड को तेरे होंठ इसे निचोड़ डालें, मेरी चूत फिर गीली हो गई और मैं उंगलियां उसमें डाल कर हिलाने लगी, मैं फुसफुसाई आपके लंड का रस मेरे मुंह में डाल दो, नाना की सांसें तेज हो गईं और लंड मुंह में फड़फड़ाने लगा।
पहली चुदाई के बाद मेरी प्यास और बढ़ गई, नाना हर दिन मुझे चोदने लगे, एक दिन वो मुझे खेत में ले गए जहां सरसों की फसल लहरा रही थी, नाना बोले कशिश यहां तेरी चूत चोदूंगा खुली हवा में, मुझे झाड़ियों में लिटाया और मैंने सलवार उतार दी, मेरी चूत हवा में ठंडक महसूस कर रही थी, मैं चिल्लाई नाना मेरी चूत फाड़ दो, नाना ने लंड चूत में ठोका और तेजी से पेलने लगे, बोले तेरी चूत मेरे लंड की गुलाम है, मेरे चूचे हवा में उछल रहे थे और मैं चीखी आह्ह और जोर से चोदो, खेत में चुदाई का मजा अलग था, हर धक्के से मेरी चूत रस छोड़ रही थी और मिट्टी पर टपक रहा था, नाना मेरी कमर पकड़ कर मुझे ऊपर उठाते और लंड गहराई तक ठोकते।
अब नाना से चुदना मेरी आदत बन गई, एक रात वो मेरे कमरे में चुपचाप आए, कमरे में सिर्फ ट्यूबलाइट की मद्धम रोशनी थी, नाना बोले कशिश आज तेरी गांड फिर चोदूंगा, मुझे बिस्तर पर झुकाया और मेरी गांड में लंड पेल दिया, मैं सिसकते हुए बोली आह्ह मेरी गांड फट गई और तेज चोदो, मेरी चीखें कमरे में गूंज रही थीं, नाना बोले तेरी गांड मेरे लंड की दीवानी है, मुझे रगड़ने लगे और मेरी चूत से रस टपक रहा था, मैं चिल्लाई चोदो मुझे नाना मुझे अपनी रंडी बना दो, नाना मेरे कूल्हों को दबाते और लंड को गांड में घुमाते जिससे मेरी तड़प बढ़ती जाती।
आखिर में नाना का लंड फट पड़ा, उनका गरम रस पहले मेरी चूत में भरा फिर गांड में और बाकी मेरे चूचों और होंठों पर छिड़क गया, मैं बोली आह्ह नाना आपका रस मेरे मुंह में डाल दो, फिर उनके लंड से टपकते रस को जीभ से चाट लिया, हम दोनों हांफते हुए बिस्तर पर गिर पड़े, नाना हंसते हुए बोले कशिश तूने चुदना सीख लिया, मैंने जवाब दिया हां और अब आपसे ही चुदती हूँ, नाना ने वादा किया हर रात चोदूंगा, मेरी चूत और गांड उनकी चुदाई की आदी हो गई थी।
अब मैं नाना के बिना नहीं रह सकती, वो मुझे हर बार नए तरीके से चोदते हैं कभी खेत में कभी छत पर कभी रात को बिस्तर पर, एक दिन मैंने कहा नाना आपने मुझे चुदाई का मजा सिखाया, नाना हंसते हुए बोले कशिश तेरी चूत और गांड मेरे लंड की गुलाम हैं, उनकी चुदाई की गर्मी मेरे जिस्म में समा गई थी, अब नाना से ही चुदती हूँ और ये सिलसिला कभी खत्म नहीं होगा, घर की दीवारें मेरी चुदाई की गवाह बन गई थीं।