होटल में बर्थडे चुदाई गिफ्ट दी अपने भाई को

Hotel me Bhai Bahen ki sex story – five star hotel sex: हेलो दोस्तों, मेरा नाम रश्मि है। मैं 21 साल की हूँ, दिल्ली में रहकर कॉलेज में पढ़ाई करती हूँ। मेरा फिगर 34-28-36 है, गोरी रंगत, लंबे काले बाल जो कमर तक लहराते हैं, और भूरी आँखें जो अक्सर मेरी शरारत बयान करती हैं। मेरा भाई रोहन, 24 साल का है, 6 फुट लंबा, गोरा, और जिम में पसीना बहाने वाला लड़का। उसका बदन तराशा हुआ है, चौड़े कंधे, और सीना ऐसा कि किसी को भी आकर्षित कर ले। वो पहले पुणे में पढ़ाई करता था, लेकिन अब दिल्ली में एक अच्छी कंपनी में नौकरी करता है। उसकी फ्लाइट 24 दिसंबर की रात को टोरंटो के लिए थी, और मेरा बर्थडे 22 दिसंबर को था। उसने सोचा कि मेरे पास रुककर मेरा बर्थडे मना लेगा और फिर कनाडा रवाना हो जाएगा। हम दोनों शुरू से ही खुले विचारों वाले हैं। हर तरह की बातें करते हैं—चाहे गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड की बात हो, सेक्स की बात हो, या कुछ और। हम साथ में शिमला, गोवा घूम चुके हैं, पर कभी हद से आगे नहीं बढ़े। लेकिन इस बार जो हुआ, उसने सारी हदें तोड़ दीं।

22 दिसंबर की सुबह, मैं बिस्तर से अभी-अभी उठी थी। रात को मैंने एक टाइट, काला स्लीवलेस टॉप और गुलाबी रंग की छोटी सी शॉर्ट्स पहनी थी। मैं ब्रा नहीं पहनती सोते वक्त, तो मेरे 34C के बूब्स टॉप से साफ उभर रहे थे। मेरी चूचियां गोल, मुलायम, और गुलाबी निप्पल्स सख्त होकर टॉप के ऊपर से हल्के-हल्के दिख रहे थे। मेरे होंठ लाल, गाल गोरे, और बाल बिखरे हुए थे, जो मुझे और सेक्सी बना रहे थे। मैं जैसे ही बेड से उठकर खड़ी हुई, रोहन ने मुझे देखते ही गले लगाया और बर्थडे विश किया। उसका गले लगाना कुछ ज्यादा ही टाइट था। मेरी चूचियां उसके सीने से दब गईं, और मैंने महसूस किया कि उसका बदन गर्म हो रहा था। उसकी आँखों में एक अलग सी चमक थी, जैसे वो मुझे अपनी बहन की नजर से नहीं, बल्कि किसी और नजर से देख रहा हो। मैंने उसकी इस हरकत को हल्के में लिया, लेकिन मेरे मन में भी कुछ हलचल होने लगी। मेरी चूत में एक हल्की सी गुदगुदी सी महसूस हुई, जो मैंने इग्नोर करने की कोशिश की।

उसने मेरे कान में फुसफुसाते हुए कहा, “रश्मि, आज रात तेरे लिए ग्रैंड पार्टी होगी। गिफ्ट बाद में बताऊंगा, लेकिन जो मांगूंगा, वो देना पड़ेगा।” मैं हंसते हुए बोली, “अच्छा, देखते हैं तू क्या मांगता है, भाई।” मुझे क्या पता था कि वो ऐसा गिफ्ट मांगेगा, जो मेरे होश उड़ा देगा। दिन में मैं अपने दोस्तों के साथ बर्थडे सेलिब्रेशन में बिजी थी। दोपहर को एक रेस्तरां में खाना खिलाया, ढेर सारी मस्ती की। मैंने रोहन के लिए एक काला, मुलायम स्वेटर और रेवन का स्टाइलिश काला चश्मा गिफ्ट में लिया। उसने मेरे लिए दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल में रात के लिए कमरा बुक किया था। उसने कहा, “इस बार तेरा बर्थडे धमाकेदार मनाएंगे। नई नौकरी लगी है, कनाडा जा रहा हूँ, तो तुझे स्पेशल फील करवाना चाहता हूँ।” मैं भी खुश थी। उसकी नई नौकरी, उसका कनाडा जाना, सब कुछ बड़ा था। मैंने सोचा कि इस बार उसकी हर बात मान लूंगी।

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रात 8 बजे हम होटल पहुंचे। कमरा शानदार था—बड़ा सा किंग-साइज बेड, सफेद मखमली चादरें, मंद-मंद रोशनी, और खिड़की से दिल्ली की चमकती रात का नजारा। टेबल पर एक बड़ा सा चॉकलेट केक रखा था, जिसके ऊपर क्रीम से “हैप्पी बर्थडे रश्मि” लिखा था। पास में लाल गुलाब का बुके और एक जॉनी वॉकर व्हिस्की की बोतल थी। हमने व्हिस्की के दो पैग बनाए, हल्का सा नशा चढ़ा, और फिर केक काटा। मैंने रोहन को केक खिलाया, उसने मुझे खिलाया। उसने फिर से मुझे गले लगाया, लेकिन इस बार उसका गले लगाना कुछ ज्यादा ही गहरा था। उसने मेरे गाल पर एक हल्का सा किस किया, फिर धीरे-धीरे मेरे होंठों की तरफ बढ़ने लगा। मैं थोड़ा पीछे हटी, मेरे मन में शर्म थी। मैंने कहा, “रोहन, ये क्या कर रहा है? हम भाई-बहन हैं।” उसने मेरी कमर को और टाइट पकड़ा और मेरे कान में कहा, “रश्मि, बस थोड़ा सा मजा। आज तेरा बर्थडे है, इसे यादगार बनाते हैं। कोई नहीं जानेगा।”

उसकी गर्म सांसें मेरे गले पर पड़ रही थीं। मेरे शरीर में एक अजीब सी सिहरन दौड़ रही थी। मैंने खुद को रोकने की कोशिश की, लेकिन मेरी चूत में गुदगुदी बढ़ रही थी। उसने मेरे होंठों को चूमना शुरू किया—पहले हल्के-हल्के, फिर गहराई से। उसकी जीभ मेरे होंठों को चाट रही थी, मेरे मुँह में घुस रही थी। “आह्ह… रोहन…” मेरे मुँह से सिसकारी निकली। मैंने भी जवाब देना शुरू किया। मेरी सांसें तेज हो रही थीं, और मेरे निप्पल्स सख्त हो गए थे। उसने मेरे लाल रंग के टाइट टॉप को धीरे-धीरे ऊपर उठाया। मेरी चूचियां खुली हवा में नंगी हो गईं। मेरे गुलाबी निप्पल्स सख्त और उभरे हुए थे। उसने मेरी चूचियों को अपने बड़े-बड़े हाथों में लिया और हल्के-हल्के दबाने लगा। “रश्मि, कितनी मुलायम और गोल हैं तेरी चूचियां,” उसने कहा और मेरे निप्पल्स को अपनी उंगलियों से मसलने लगा। मैं सिसकार रही थी, “आह्ह… रोहन… धीरे… थोड़ा धीरे…” लेकिन मेरी आवाज में शर्म कम और वासना ज्यादा थी।

उसने मुझे बेड पर लिटा दिया। मेरी गुलाबी शॉर्ट्स अभी भी मेरे शरीर पर थी। उसने मेरी शॉर्ट्स के ऊपर से मेरी चूत को हल्के से सहलाया। मेरी चूत पहले से ही गीली हो चुकी थी, और शॉर्ट्स के ऊपर से एक गीला धब्बा साफ दिख रहा था। उसने मेरी शॉर्ट्स को धीरे-धीरे नीचे खींचा। मेरी काली पैंटी अब उसके सामने थी। मेरी चूत की शेप पैंटी के ऊपर से साफ उभर रही थी। उसने मेरी पैंटी को भी उतार दिया। मेरी चूत पूरी तरह नंगी थी—गुलाबी, चिकनी, और गीली। मेरी क्लिट सख्त होकर बाहर निकल आई थी। उसने मेरी चूत को देखकर कहा, “रश्मि, तेरी चूत तो बिल्कुल गुलाब की पंखुड़ियों जैसी है।” उसने अपनी उंगली से मेरी चूत को सहलाना शुरू किया। मैं सिसकार उठी, “आह्ह… रोहन… ओह्ह…” मेरी टांगें कांप रही थीं। उसने मेरी क्लिट को अपनी उंगलियों से रगड़ा, और मैं जोर-जोर से सिसकारने लगी।

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उसने अपना चेहरा मेरी चूत के पास लाया और उसे सूंघा। “रश्मि, तेरी चूत की खुशबू तो पागल कर देगी,” उसने कहा और अपनी जीभ से मेरी चूत को चाटना शुरू किया। उसकी गर्म जीभ मेरी क्लिट पर घूम रही थी, मेरी चूत के होंठों को चूस रही थी। “आह्ह… ओह्ह… रोहन… और चूस… आह्ह…” मैं अपने बाल पकड़कर बेड पर तड़प रही थी। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और वो उसे चाट रहा था। उसने अपनी एक उंगली मेरी चूत में डाली और धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा। मेरी सिसकारियां तेज हो गईं, “आह्ह… रोहन… और तेज… आह्ह…” मैंने उसका सिर पकड़ लिया और अपनी चूत पर दबाने लगी।

कुछ देर बाद मैंने उसकी पैंट की तरफ देखा। उसका लंड पैंट के अंदर सख्त होकर उभर रहा था। मैंने उसकी पैंट का बटन खोला और जीप नीचे की। उसकी काली अंडरवियर में उसका लंड साफ दिख रहा था। मैंने उसकी अंडरवियर उतारी। उसका लंड बाहर आया—8 इंच लंबा, मोटा, और सुपारा गुलाबी और चमकता हुआ। मैंने उसका लंड अपने हाथ में लिया और हल्के-हल्के सहलाने लगी। “रोहन, तेरा लंड तो बिल्कुल पत्थर जैसा सख्त है,” मैंने कहा। उसने हंसते हुए कहा, “रश्मि, इसे चूस दे, तुझे मजा आएगा।” मैंने उसका लंड अपने मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। उसका सुपारा मेरे मुँह में गर्म और नमकीन लग रहा था। मैंने अपनी जीभ से उसके सुपारे को चाटा, फिर पूरे लंड को मुँह में लिया। “आह्ह… रश्मि… तू तो कमाल चूसती है… और चूस… आह्ह…” रोहन सिसकार रहा था।

कुछ देर बाद उसने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी टांगें चौड़ी कीं। मेरी चूत पूरी तरह गीली थी। उसने अपने लंड का सुपारा मेरी चूत के मुँह पर रखा और हल्के-हल्के रगड़ने लगा। “आह्ह… रोहन… डाल दे अब… और मत तड़पा…” मैंने कहा। उसने मेरी चूत पर थूक लगाया और धीरे से अपने लंड को अंदर धकेला। मेरी चूत टाइट थी, तो पहली बार में सिर्फ सुपारा ही अंदर गया। मैं कराह उठी, “आह्ह… धीरे… दर्द हो रहा है…” लेकिन वो दर्द भी मजेदार था। उसने फिर से थूक लगाया और इस बार जोर से धक्का मारा। उसका पूरा 8 इंच का लंड मेरी चूत में समा गया। “आह्ह… ओह्ह… रोहन… फट गई मेरी चूत… आह्ह…” मैं जोर-जोर से सिसकार रही थी। उसने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। “चटाक… चटाक…” की आवाज कमरे में गूंज रही थी। मेरी चूचियां हर धक्के के साथ हिल रही थीं। वो मेरी चूचियों को दबोच रहा था, मेरे गुलाबी निप्पल्स को मसल रहा था।

“रश्मि, तेरी चूत कितनी टाइट और गर्म है… आह्ह… मजा आ रहा है,” उसने कहा। मैंने जवाब दिया, “रोहन, और जोर से चोद… मेरी चूत को फाड़ दे… आह्ह…” वो और तेज धक्के मारने लगा। मैं अपने होंठ काट रही थी, मेरी सांसें तेज थीं। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और उसका लंड हर धक्के में मेरी चूत की गहराई तक जा रहा था। कुछ देर बाद उसने मुझे घोड़ी बनने को कहा। मैं बेड पर घुटनों के बल झुक गई। मेरी गोल, मुलायम गांड उसके सामने थी। उसने मेरी गांड पर हल्के से थप्पड़ मारा और कहा, “रश्मि, तेरी गांड तो बिल्कुल मक्खन जैसी है।” उसने फिर से अपने लंड को मेरी चूत में डाला और पीछे से चोदना शुरू किया। “चटाक… चटाक…” की आवाज तेज हो गई। मैं सिसकार रही थी, “आह्ह… रोहन… और जोर से… मेरी चूत को रगड़ दे… आह्ह…”

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लगभग 45 मिनट तक उसने मुझे अलग-अलग पोजीशन में चोदा—मिशनरी, घोड़ी, और फिर मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसके लंड पर बैठ गई। मैं ऊपर-नीचे हो रही थी, मेरी चूचियां उछल रही थीं। “आह्ह… रोहन… तेरा लंड मेरी चूत को पूरा भर रहा है… आह्ह…” मैं चीख रही थी। आखिरकार, मैं झड़ गई। मेरी चूत से रस बहने लगा। रोहन ने भी अपने लंड को बाहर निकाला और मेरी चूचियों पर अपना माल छोड़ दिया। हम दोनों हांफ रहे थे। हमने व्हिस्की के दो और पैग बनाए, और एक-दूसरे की बाहों में लेट गए। मेरे बाल खुले थे, मेरी चूचियां अभी भी गीली थीं। रोहन मेरी चूचियों को सहला रहा था, और मैं उसकी छाती पर सिर रखकर लेटी थी।

कुछ देर बाद वो फिर से तैयार हो गया। इस बार उसने मुझे टेबल पर बिठाया। मेरी टांगें हवा में थीं, और उसने फिर से मेरी चूत को चाटना शुरू किया। “रश्मि, तेरी चूत का स्वाद तो अमृत जैसा है,” उसने कहा। मैं फिर से गर्म हो गई। उसने मुझे टेबल पर ही चोदा, मेरी चूचियां हर धक्के के साथ हिल रही थीं। पूरी रात और अगले दिन दोपहर 12 बजे तक, जब तक होटल से चेक-आउट का टाइम नहीं हुआ, हमने चुदाई का मजा लिया। हमने हर पोजीशन ट्राई की—कभी बेड पर, कभी टेबल पर, कभी खड़े-खड़े। हर बार मेरी सिसकारियां कमरे में गूंज रही थीं।

दोपहर 12 बजे हम होटल से निकले। बाहर जाकर खाना खाया। ये बर्थडे मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगा। रोहन ने मुझे ऐसा गिफ्ट दिया, जो मैं कभी नहीं भूलूंगी, और मैंने भी उसे ऐसा रिटर्न गिफ्ट दिया, जो उसे जिंदगी भर याद रहेगा। दोस्तों, आपको मेरी कहानी कैसी लगी? क्या आपने कभी ऐसा बर्थडे गिफ्ट दिया या लिया? कमेंट में जरूर बताएं।

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