आरोही को छत पर बुला कर चोदा

Terrace par chudai – Hot Indian cousin sex: मेरा नाम अमित है। मैं 21 साल का हूँ, गोरा रंग, हल्के घुंघराले बाल, और जिम में पसीना बहाने की वजह से मेरी बॉडी कसी हुई, एथलेटिक है। मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच है, और चेहरा ऐसा कि लड़कियाँ अक्सर मेरी तारीफ करती हैं। मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है, जिसका सुपारा गुलाबी और चिकना है, जो मुझे हमेशा कॉन्फिडेंट रखता है। ये कहानी पिछले साल की है, जब गर्मी की छुट्टियों में मैं चाचा की शादी में उनके गाँव गया था। उस वक्त मेरी एक गर्लफ्रेंड थी, जिसके साथ मैंने कई बार किस किया, उसके बूब्स दबाए, लेकिन चुदाई का मौका कभी नहीं मिला। इसकी वजह से मेरे अंदर सेक्स की आग दिन-ब-दिन भड़क रही थी।

छुट्टियाँ शुरू होते ही मैं घर पर था। रोज़ रात को अपनी गर्लफ्रेंड से फोन पर चुदाई की गंदी बातें करता। वो अपनी चूत का ज़िक्र करती, मैं अपने लंड की बातें करता, लेकिन ये सब सुनकर भी मेरी प्यास बुझती नहीं थी। लंड हिलाने से भी वो तड़प कम नहीं हो रही थी। मैं पागल सा हो रहा था कि किसी तरह ये आग बुझे। तभी पता चला कि चाचा की शादी के लिए पूरे परिवार को उनके गाँव जाना है। अगले दिन हम सब स्कॉर्पियो गाड़ियों में सवार होकर चाचा के गाँव पहुँच गए। वहाँ का माहौल गर्मजोशी से भरा था। रिश्तेदारों ने बड़े प्यार से स्वागत किया। सबने हाल-चाल पूछा, और फिर औरतें और लड़कियाँ अंदर चली गईं। मैं बाहर बरामदे में बैठ गया, क्योंकि अंदर ज़्यादातर औरतें थीं।

तभी मेरा कज़न आया और बोला, “भैया, हाथ-पैर धो लीजिए, मैं पानी लाता हूँ।” मैंने कहा, “ठीक है,” और बाथरूम की तरफ बढ़ गया। मैं नीली टी-शर्ट और काली जीन्स में था। बाथरूम में हाथ-पैर धो रहा था कि किसी ने दरवाज़े को धक्का दिया। मैंने सोचा शायद कज़न है, फिर भी पूछा, “कौन?” बाहर से एक नरम, मधुर आवाज़ आई, “सॉरी, सॉरी! मुझे लगा दी यहाँ हैं।” मैंने दरवाज़ा खोला तो सामने एक 20 साल की लड़की खड़ी थी। उसका नाम बाद में पता चला, आरोही। वो मेरी दूर की कज़न थी। उसका गोरा रंग, काले खुले बाल, और फिगर 32-28-34 इतना परफेक्ट कि मेरा दिल धड़क उठा। उसने हल्का गुलाबी टाइट टॉप और नीली टाइट जीन्स पहनी थी, जिसमें से उसके गोल बूब्स और भरी हुई गांड साफ दिख रही थी। उसकी कमर इतनी पतली थी कि मन किया अभी पकड़ लूँ। मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया।

वो फिर बोली, “सॉरी, अंदर का बाथरूम खाली नहीं था, तो मैं यहाँ चली आई।” उसकी आवाज़ में हल्की सी शरारत थी। मैंने मुस्कुराकर कहा, “कोई बात नहीं, इट्स ओके।” वो एक प्यारी सी स्माइल देकर चली गई। जाते वक्त उसकी गांड की मटक देखकर मेरा मन बेकाबू हो गया। उसकी जीन्स में उसकी गांड इतनी मस्त लग रही थी कि मन किया, अभी दोनों हाथों से पकड़कर मसल दूँ। लेकिन मैंने खुद को कंट्रोल किया और बाहर आ गया। मेरा कज़न पानी लेकर खड़ा था। मैंने तुरंत पूछा, “ये लड़की कौन थी?” उसने बताया, “दूर की रिश्ते में कज़न लगेगी। नाम है आरोही।” बस, उसी पल से मेरा दिमाग उसी के इर्द-गिर्द घूमने लगा।

रात हो गई। खाना खाने के बाद मर्दों को छत पर और औरतों को अंदर सोने को कहा गया। मैंने नीली टी-शर्ट और ग्रे ट्रैक पैंट पहनी थी। सब सो गए, लेकिन मेरी आँखों में नींद नहीं थी। मैं अपनी गर्लफ्रेंड से फोन पर चुदाई की बातें करने लगा। वो बोल रही थी, “अमित, तेरा लंड मेरी चूत में कब डालेगा?” मैंने कहा, “बस तू यहाँ होती, अभी तेरी चूत फाड़ देता।” बातों-बातों में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। मैंने ट्रैक पैंट के ऊपर से उसे सहलाना शुरू किया। तभी मुझे लगा कि कोई सीढ़ियों पर बैठा है। मैंने तिरछी नज़र से देखा तो वो आरोही थी! उसने हल्की नीली नाइटी पहनी थी, जिसमें से उसके निप्पल्स हल्के-हल्के दिख रहे थे। मेरे मन में शरारत जागी। मैंने जानबूझकर ट्रैक पैंट नीचे सरकाया और लंड बाहर निकालकर ज़ोर-ज़ोर से हिलाने लगा, ताकि वो देखे। वो चुपके से मुझे देख रही थी। उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी, जैसे वो भी तड़प रही हो। थोड़ी देर बाद मेरा पानी निकल गया। मैंने लंड अंदर किया और देखा तो सीढ़ियाँ खाली थीं। मैंने चादर ओढ़ी और आरोही के बारे में सोचते-सोचते सो गया।

अगले दिन सुबह मैं उठा तो सब जाग चुके थे। मैं नीचे गया, फ्रेश हुआ, और नाश्ता किया। मैंने काली शर्ट और नीली जीन्स पहनी थी। मेरी नज़रें बस आरोही को ढूँढ रही थीं। थोड़ी देर बाद कज़न ने बताया, “भैया, तैयार हो जाइए, शादी मंदिर में है।” मैंने जल्दी से तैयार होकर एक सफेद कुर्ता और क्रीम पजामा पहना। चाचा ने पाँच स्कॉर्पियो गाड़ियाँ बुलाई थीं। मुझे पीछे वाली गाड़ी में बैठने को कहा गया। जैसे ही मैंने दरवाज़ा खोला, देखा कि आरोही मेरी बहन के साथ बैठी थी। उसने लाल रंग की टाइट कैप्री और काला स्लीवलेस टॉप पहना था। टॉप इतना टाइट था कि उसके बूब्स की शेप साफ दिख रही थी, और हल्के भूरे निप्पल्स का उभार भी नज़र आ रहा था। मैं तुरंत उसके पीछे वाली सीट पर बैठ गया।

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मैंने “हाय” कहा, तो उसने शरमाते हुए “हाय” बोला। गाड़ी चलने लगी। मेरा मन कर रहा था कि उसे छू लूँ, लेकिन डर भी लग रहा था। फिर मैंने हिम्मत जुटाई और अपना हाथ उसके सिर के पास रखा। उसके काले, रेशमी बाल इतने मुलायम थे कि मैं बार-बार उन्हें सहलाने लगा। तभी गाड़ी एक गड्ढे से गुज़री, और मेरा हाथ उसके कान को छू गया। उसकी स्किन इतनी सॉफ्ट थी कि मेरे बदन में करंट सा दौड़ गया। उसने पलटकर मुझे देखा, लेकिन कुछ बोली नहीं, बस एक शरारती स्माइल दी और अपना सिर मेरे हाथ पर टिका दिया।

मैं समझ गया कि वो भी मज़े ले रही है। मैंने धीरे-धीरे उसके earlobe को सहलाना शुरू किया। उसकी साँसें तेज़ हो गईं, और आँखें बंद हो गईं। मैंने हल्के से उसका गाल सहलाया। उसने कोई विरोध नहीं किया, बल्कि मेरे हाथ पर अपना सिर और टिका लिया। हम दोनों शीशे वाली साइड में बैठे थे, तो किसी को कुछ पता नहीं चल रहा था। मैंने हिम्मत बढ़ाई और उसके गाल को और सहलाने लगा। उसकी स्किन की गर्मी मेरे अंदर आग लगा रही थी। वो मेरे हाथ को और दबा रही थी, जैसे कह रही हो, “और करो।” थोड़ी देर बाद हम मंदिर पहुँच गए। हमारी गाड़ी सबसे पहले पहुँची थी, तो हम बाहर बैठकर बाकियों का इंतज़ार करने लगे।

मुझे प्यास लगी थी। मैंने सबको पूछा, “कोई सॉफ्ट ड्रिंक लेने चलेगा?” और जानबूझकर आरोही की तरफ देखकर स्माइल दी। मेरी बहन ने मना कर दिया, लेकिन आरोही तुरंत तैयार हो गई। उसने अपनी लाल कैप्री और काला टॉप संभाला और मेरे साथ चल पड़ी। सॉफ्ट ड्रिंक का स्टोर 500 मीटर दूर था। हम पैदल चलते हुए बातें करने लगे। मैंने पूछा, “क्या कर रही हो आजकल?” उसने बताया, “बी.टेक सेकंड ईयर में हूँ। और तुम?” मैंने कहा, “एम.एससी टेक, फर्स्ट ईयर। वैसे, मेरा नाम अमित है।” उसने मुस्कुराकर कहा, “हम्म, ठीक है।” मैंने हल्के मज़ाक में कहा, “तुम तो बहुत क्यूट हो।” वो शरमाकर हँस दी।

मैंने पूछा, “कोई बॉयफ्रेंड है?” उसने कहा, “नहीं। तुम्हारी गर्लफ्रेंड?” मैंने झट से कहा, “नहीं।” वो हँसते हुए बोली, “अरे, इतने स्मार्ट हो, फिर भी नहीं? झूठ मत बोलो।” मैंने हँसकर कहा, “अरे, सच में! वैसे, तुम्हारे जैसे अगर कोई मिले, तो बात बने।” वो शरमाकर नीचे देखने लगी। तभी एक गाड़ी तेज़ी से पास से निकली, और वो डरकर मुझसे चिपक गई। उसका गोरा, मुलायम बूब मेरे हाथ से टच हुआ। वो इतना सॉफ्ट था कि मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया। उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली, “मैं तुम्हारा हाथ पकड़ सकती हूँ?” मैंने कहा, “बिल्कुल!”

हम कोल्ड ड्रिंक लेकर वापस आने लगे। रास्ते में मैंने कहा, “यार, तुम बहुत सेक्सी हो। आई लाइक यू।” उसने शरमाते हुए कहा, “मैं भी।” मेरे तो जैसे पंख लग गए। मैंने कहा, “मैं तुम्हें हग करना चाहता हूँ।” उसने कहा, “अभी नहीं, बाद में।” मैंने ज़िद नहीं की। मंदिर पहुँचते ही शादी की तैयारियाँ शुरू हो गईं। मैं बार-बार आरोही को देख रहा था, और वो भी मुझे चुपके-चुपके देख रही थी। मैंने उसे इशारे से मंदिर के पीछे बुलाया। उसने इशारे से कहा, “तुम जाओ, मैं आती हूँ।”

मैं मंदिर के पीछे गया और उसका इंतज़ार करने लगा। पाँच मिनट बाद वो सीढ़ियों से उतरती हुई आई। उसकी लाल कैप्री में उसके बूब्स उछल रहे थे, और काला टॉप उसकी गोरी स्किन पर चमक रहा था। वो इतनी सेक्सी लग रही थी कि मुझसे रहा नहीं गया। वो पास आई और बोली, “क्यों बुलाया?” मैंने तुरंत उसे टाइटली हग कर लिया। उसके बूब्स मेरी छाती से दब गए, और मैं उनकी मुलायमियत फील करने लगा। पहले उसने हल्का सा विरोध किया, लेकिन फिर उसने भी मुझे टाइट हग किया। मैंने कहा, “बस, थोड़ा और रुक जाओ।” लेकिन उसने कहा, “चलो, अब चलते हैं।” मैंने मौका देखकर उसके गुलाबी होंठों पर एक हल्की सी किस कर दी। वो शरमाकर मंदिर की तरफ भाग गई।

मंदिर में भीड़ बहुत बढ़ गई थी। मैं चुपके से उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया। भीड़ इतनी थी कि हम एक-दूसरे से सट गए। मैं उसकी गांड को अपनी जाँघों से फील कर रहा था। उसने पलटकर मुझे देखा और एक शरारती स्माइल दी। मैं और करीब हो गया, और मेरा खड़ा लंड उसकी गांड से टच होने लगा। मैंने धीरे से उसकी गांड पर लंड रगड़ा। वो भी हल्का सा पीछे हुई, जैसे उसे भी मज़ा आ रहा हो। मैं धीरे-धीरे लंड को उसकी गांड पर रगड़ने लगा, और किसी को कुछ पता नहीं चला। मैंने हिम्मत करके उसका काला टॉप थोड़ा ऊपर किया और उसकी नंगी, गोरी कमर को सहलाया। उसने मना किया और बोली, “ये सब बाद में करना।” थोड़ी देर बाद मैं झड़ गया, और उसने बाद में बताया कि वो भी झड़ गई थी।

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रात को सब घर वापस आ गए। खाना होटल में खा लिया था, तो अब सोने की तैयारी थी। औरतों को छत पर और मर्दों को बाहर खेत में सोने को कहा गया। मैंने काली टी-शर्ट और ग्रे ट्रैक पैंट पहनी थी। मैं बार-बार छत की तरफ देख रहा था। रात के करीब 12 बजे मैंने देखा कि आरोही छत पर खड़ी थी और मुझे इशारे से बुला रही थी। उसने नीली टी-शर्ट और लंबी काली स्कर्ट पहनी थी। उसकी टी-शर्ट इतनी टाइट थी कि उसके हल्के भूरे निप्पल्स का उभार साफ दिख रहा था। उसके खुले बाल हवा में लहरा रहे थे, और वो किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी।

मैं चुपके से उठा और घर के अंदर चला गया। वो भी नीचे आ गई। मुझसे रहा नहीं गया। मैंने उसे दीवार से सटा लिया और उसके गुलाबी होंठों पर अपने होंठ रख दिए। हमारी फ्रेंच किस शुरू हो गई। मैं उसके निचले होंठ को चूस रहा था, और वो मेरे ऊपरी होंठ को। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और उसकी साँसों की गर्मी मेरे अंदर आग लगा रही थी। मैंने उसे चूमते-चूमते गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया। उसे बेड पर लिटाकर मैं उसके ऊपर आ गया। मैं उसके गालों, माथे, गर्दन, हर जगह चूमने लगा। उसकी गोरी गर्दन पर हल्का सा काटा, तो वो सिसकारी, “आह्ह… अमित… धीरे… उफ्फ… मज़ा आ रहा है…”

मैंने उसकी नीली टी-शर्ट के ऊपर से उसके बूब्स पकड़े और हल्के-हल्के दबाने लगा। उसके निप्पल्स सख्त हो गए थे, और टी-शर्ट के ऊपर से साफ दिख रहे थे। वो सिसकार रही थी, “आह्ह… जान… और ज़ोर से दबाओ… उफ्फ… हाँ…” मैंने उसकी टी-शर्ट धीरे-धीरे ऊपर की और उतार दी। उसके गोरे, गोल बूब्स मेरे सामने थे। उसके निप्पल्स हल्के भूरे, छोटे और सख्त थे। मैंने तुरंत एक निप्पल मुँह में लिया और चूसने लगा, दूसरा हाथ से दबाने लगा। वो मेरे सिर को अपने बूब्स पर दबा रही थी, “आह्ह… अमित… चूसो… और ज़ोर से… उफ्फ… मेरी चूचियाँ चूस लो… हाँ…”

मैं बारी-बारी से दोनों बूब्स चूस रहा था। कभी जीभ से निप्पल्स को चाटता, कभी हल्के से दाँतों से कुरेदता। उसकी सिसकारियाँ तेज़ हो गईं, “आह्ह… जानू… और चूसो… उफ्फ… मेरी चूचियाँ लाल कर दो…” मैंने उसके बूब्स को इतना चूसा कि वो हल्के लाल हो गए। फिर मैंने अपनी काली टी-शर्ट और ट्रैक पैंट उतार दी। अब मैं सिर्फ़ काले अंडरवियर में था। मेरा लंड अंडरवियर में तंबू बना रहा था, और उसका गुलाबी सुपारा हल्का सा बाहर झाँक रहा था। आरोही चुपके-चुपके उसे देख रही थी।

मैंने उसकी काली स्कर्ट को धीरे-धीरे नीचे सरकाया। अब वो सिर्फ़ गुलाबी पैंटी में थी। उसकी गोरी जाँघें और पतली कमर देखकर मेरा लंड और सख्त हो गया। मैंने एक चादर हम दोनों के ऊपर डाल ली और उसके ऊपर आ गया। मेरा लंड उसकी चूत से सट रहा था। मैंने फिर से उसके बूब्स दबाने शुरू किए और उसे चूमने लगा। मेरा एक हाथ धीरे से उसकी गुलाबी पैंटी पर गया और उसे सहलाने लगा। उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी। वो सिसकार रही थी, “आह्ह… अमित… उफ्फ… मेरी चूत को सहलाओ… हाँ… और ज़ोर से…” मैंने उसका हाथ अपने अंडरवियर में डाला और मेरा लंड पकड़ा दिया। उसने धीरे-धीरे उसे सहलाना शुरू किया। उसका हाथ इतना मुलायम था कि मेरा लंड और सख्त हो गया।

थोड़ी देर बाद उसकी बॉडी अकड़ने लगी, और वो झड़ गई। उसकी पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी। मैंने धीरे से उसकी पैंटी उतार दी। उसके सामने उसकी साफ, हल्की भूरी चूत थी। उसकी क्लिट छोटी और गुलाबी थी, जो गीली होने की वजह से चमक रही थी। उसकी चूत की खुशबू इतनी मादक थी कि मैं खुद को रोक नहीं पाया। मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया और चाटने लगा। वो ज़ोर से सिसकारी, “आह्ह… जानू… ये क्या कर रहे हो… उफ्फ… मेरी चूत चाट लो… और ज़ोर से… हाँ… आह्ह…” मैं उसकी क्लिट को जीभ से चाट रहा था, कभी हल्के से दाँतों से कुरेदता। वो मेरे सिर को अपनी चूत पर दबा रही थी, “आह्ह… अमित… और चूसो… मेरी चूत फाड़ दो… उफ्फ… हाँ…” थोड़ी देर बाद वो फिर से झड़ गई, और मैंने उसका सारा रस पी लिया। उसका स्वाद हल्का नमकीन, लेकिन मादक था।

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मैंने अपना अंडरवियर उतार दिया। मेरा 7 इंच का लंड उसके सामने था, जिसका गुलाबी सुपारा चमक रहा था। उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं। उसने धीरे से मेरा लंड पकड़ा और सहलाने लगी। मैंने कहा, “मुँह में लोगी?” उसने शरमाते हुए मना कर दिया। मैंने ज़बरदस्ती नहीं की। मैंने उसे लिटाया और उसकी गोरी, मुलायम टाँगें खोल दीं। मेरा लंड उसकी चूत से टकरा रहा था। मैंने कहा, “अब मैं इसे तुम्हारी चूत में डालूँगा। थोड़ा दर्द होगा, सह लेना।” उसने कहा, “अमित, प्लीज़ धीरे-धीरे डालना।”

मैंने पहले लंड को उसकी चूत पर रगड़ा। उसकी क्लिट पर मेरा सुपारा टच हो रहा था, और वो सिसकारने लगी, “आह्ह… अमित… अब डाल दो… प्लीज़… तड़पाओ मत…” मैंने लंड उसकी चूत पर सेट किया और धीरे से दबाव डाला। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि लंड अंदर नहीं जा रहा था। मैंने उसे चूमना शुरू किया, उसके बूब्स दबाए, और एक ज़ोरदार धक्का मारा। मेरा 2 इंच लंड अंदर चला गया। वो चिल्लाने वाली थी, लेकिन मैंने उसके होंठ अपने होंठों से दबा लिए। उसके आँसू निकल आए। मैंने उसे चूमते हुए उसके बूब्स दबाए, ताकि उसका ध्यान दर्द से हटे।

थोड़ी देर बाद मैंने फिर एक ज़ोर का धक्का मारा। इस बार मेरा आधा लंड अंदर चला गया, और उसकी सील टूट गई। वो तड़पने लगी, लेकिन मैंने उसे कसकर पकड़ रखा था। मैंने तीसरा धक्का मारा, और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। “पच-पच” की आवाज़ कमरे में गूँजने लगी। वो दर्द से छटपटा रही थी, लेकिन मैं उसे चूमता रहा। थोड़ी देर बाद मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। अब उसे भी मज़ा आने लगा। वो सिसकारने लगी, “आह्ह… अमित… हाँ… और ज़ोर से… उफ्फ… चोदो मेरी चूत को… हाँ…”

मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी। उसकी चूत अब गीली हो चुकी थी, और लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था। “पच-पच” की आवाज़ तेज़ हो गई। वो चिल्ला रही थी, “आह्ह… जान… और तेज़… मेरी चूत फाड़ दो… उफ्फ… हाँ… चोदो मुझे…” मैंने उसे घोड़ी बनाया और पीछे से उसकी चूत में लंड डाला। उसकी गोरी, भरी हुई गांड को पकड़कर मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा। वो चादर को मुँह में दबाकर सिसकार रही थी, “आह्ह… अमित… और गहरा… उफ्फ… मेरी चूत को बर्बाद कर दो… हाँ…”

थोड़ी देर बाद मैंने उसे फिर से लिटाया और उसकी टाँगें अपने कंधों पर रखीं। इस पोजीशन में मेरा लंड उसकी चूत की गहराई तक जा रहा था। वो चिल्ला रही थी, “आह्ह… अमित… हाँ… और ज़ोर से… उफ्फ… मेरी चूत में आग लगा दो…” उसकी बॉडी अकड़ने लगी, और वो फिर से झड़ गई। मैंने भी महसूस किया कि मैं झड़ने वाला हूँ। मैंने पूछा, “कहाँ निकालूँ?” उसने कहा, “अंदर ही निकाल दो… आई लव यू, बेबी…” मैंने ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारे और उसकी चूत में ही झड़ गया। मेरा गर्म माल उसकी चूत में भर गया।

मैं उसके बूब्स पर सिर रखकर लेट गया। वो मेरे बालों में उँगलियाँ फिरा रही थी। थोड़ी देर बाद वो उठी और मेरे ऊपर आ गई। उसने मुझे चूमना शुरू किया। हम 10 मिनट तक चूमते रहे। फिर हमने कपड़े पहने और जाने लगे। वो सीढ़ियों तक पहुँची ही थी कि मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और फिर से चूमने लगा। मैंने उसकी काली स्कर्ट ऊपर की, गुलाबी पैंटी साइड की, और सीढ़ियों पर ही उसकी चूत में लंड डाल दिया। मैंने उसे दीवार के सहारे चोदना शुरू किया। “पच-पच” की आवाज़ फिर से गूँज रही थी। वो सिसकार रही थी, “आह्ह… अमित… हाँ… और ज़ोर से… उफ्फ… मेरी चूत को चोद डालो…” थोड़ी देर बाद मैं फिर से उसकी चूत में झड़ गया, और वो भी दो बार झड़ चुकी थी।

मैंने उसे चूमा और वो “आई लव यू” बोलकर छत पर सोने चली गई।

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