पति के तीन दोस्त और मैं अकेली

Dost ki Biwi ki Group me chudai – Pati ke dost se Gangbang Sex – सभी दोस्तों को मेरा नमस्ते। मेरा नाम ज्योति है। मेरी शादी हो चुकी है और मेरे पति बिजनेस करते हैं। वो व्यापार के सिलसिले में अक्सर बाहर जाते रहते हैं। मैं अपनी इस कहानी में बता रही हूँ कि कैसे मुझे एक शादी में अकेले जाना पड़ा और वहाँ मेरे पति के तीन दोस्तों ने मेरे साथ रात गुजारी।

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एक बार मेरे पति को बिजनेस के काम से दो दिन के लिए बाहर जाना था। उसी दिन हमें एक शादी का न्योता मिला हुआ था। हमें उस शादी में जाना था, लेकिन पति ने कहा कि उनका जाना जरूरी है और वो शादी में नहीं जा पाएंगे। उन्होंने मुझे कहा- ज्योति, तुम अकेले ही शादी में चली जाओ। मैंने मना नहीं किया और तैयार होकर निकल पड़ी।

शाम को मैं शादी में पहुंची। मैंने नीली साड़ी पहनी थी, जिसके साथ काला बैकलेस ब्लाउज था। ब्लाउज का गला इतना गहरा था कि मेरी क्लीवेज साफ दिख रही थी। मेरे बूब्स 38 साइज के हैं, और उस टाइट ब्लाउज में वो जैसे बाहर निकलने को बेताब थे। साड़ी कमर पर थोड़ी नीचे बंधी थी, जिससे मेरी नाभि और कमर का गोरा हिस्सा नजर आ रहा था। मेरे लंबे बाल कमर तक लहरा रहे थे, और मैंने हल्का मेकअप किया था- लाल लिपस्टिक और काजल, जो मेरे चेहरे को और निखार रहा था।

शादी में पहुंचकर मैं एक कोने में खड़ी थी। भीड़ में लोग आते-जाते मुझे घूर रहे थे। उनकी नजरें मेरी चूचियों और कमर पर टिक रही थीं, जैसे मैं कोई चिकन पीस होऊं और वो बस उसे चबाने को तैयार हों। मुझे कोई जान-पहचान की औरत नहीं दिखी, तो मैं बोर होने लगी। तभी मेरे पति के दोस्त राज मेरे पास आए। वो बोले- अरे ज्योति भाभी, भाईसाहब नहीं आए क्या?

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मैंने कहा- नहीं राज, उन्हें बिजनेस के लिए बाहर जाना पड़ा। शादी में आना जरूरी था, तो मैं अकेली ही आ गई।

राज को देखकर उनके दो दोस्त, परम और जय, भी आ गए। मैं इन तीनों को जानती थी। राज कई बार हमारे घर आ चुका था, लेकिन परम और जय सिर्फ तीन-चार बार आए थे। मेरे पति इनके साथ घर पर कई बार दारू पी चुके थे। एक बार तो मैं भी उनके साथ बैठकर दो पैग मार चुकी थी। हम चारों वहाँ खड़े होकर बातें करने लगे। शादी की पार्टी से ज्यादा अब हमें आपस की बातों में मजा आने लगा।

बातों-बातों में परम बोला- यार, यहाँ तो कुछ मजा नहीं आ रहा। इससे अच्छा हम अपनी ही पार्टी करें।

राज हंसते हुए बोला- तू ज्योति भाभी के घर की बात तो नहीं कर रहा?

परम ने मेरी ओर देखकर कहा- हां, सही समझा। भाभी, आप तो यहाँ बोर हो रही होंगी?

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मैंने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा- हां, मैं तो कब से अकेली खड़ी बोर हो रही थी। आप लोग आए तो थोड़ा मन लग रहा है।

जय बोला- तो फिर भाभी, चलो आपके घर चलकर इंजॉय करते हैं।

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मैंने घड़ी देखी, रात के 10 बज रहे थे। मैंने सोचा, घर चलने में क्या हर्ज है। हम चारों ने गाड़ी में जाने का प्लान बनाया। मैं आगे बैठी, राज गाड़ी चला रहा था। उसकी नजर बार-बार मेरी क्लीवेज पर जा रही थी। मैं जानती थी कि वो पहले भी घर पर मेरी चूचियों को ताड़ चुका है। परम और जय भी पीछे बैठे-बैठे मेरी चूचियों को घूर रहे थे। उनकी नजरें मुझे छू रही थीं, और मुझे हल्की सी गुदगुदी हो रही थी।

घर पहुंचे तो वो तीनों हॉल में सोफे पर बैठ गए। मैं किचन से दारू की बोतल, गिलास और चखना ले आई। मेरे पति हमेशा घर में शराब रखते थे। मैंने तीन गिलास रखे, लेकिन राज बोला- अरे भाभी, आप नहीं पिओगी?

मैंने मना किया, लेकिन परम बोला- नहीं भाभी, आप अकेली बैठोगी तो अच्छा नहीं लगेगा।

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तीनों जिद करने लगे, तो मैंने एक गिलास अपने लिए भी ले लिया। राज ने सबके लिए पैग बनाए। हम चारों बातें करते हुए पीने लगे। उनकी नजरें बार-बार मेरी चूचियों, कमर और जांघों पर जा रही थीं। मैं भी मस्ती के मूड में थी, लेकिन शुरूआत करने में हिचक रही थी। दो-दो पैग लगाने के बाद नशा चढ़ने लगा। मेरे बदन में गर्मी सी दौड़ रही थी।

राज बोला- भाभी, थोड़ा म्यूजिक तो बजा दो।

मैंने स्पीकर ऑन किया और हल्का सा डांस म्यूजिक चला दिया। तीसरा पैग भी खत्म हो चुका था। अब हमारी नजरें एक-दूसरे को ताड़ रही थीं। नशे में सब बेकाबू से हो रहे थे। राज अचानक खड़ा हुआ और म्यूजिक पर झूमने लगा। जय और परम भी उसके साथ नाचने लगे। मैं नीचे बैठी उन्हें देख रही थी, मुस्कुरा रही थी। वो भी मुझे देखकर मुस्कुरा रहे थे।

फिर वो मुझे बुलाने लगे- भाभी, चलो ना, साथ में डांस करो।

मैंने मना किया, लेकिन राज मेरे पास आया और बोला- अरे भाभी, बहुत मजा आएगा। चलो ना।

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मैं समझ गई कि वो किस मजे की बात कर रहे हैं। फिर भी मैं उठी और उनके साथ झूमने लगी। राज ने मेरे हाथ पकड़े और हम कपल की तरह डांस करने लगे। फिर बारी-बारी से मैं जय और परम के साथ भी नाची। नशा और तीन मर्दों का साथ मुझे उत्तेजित कर रहा था।

धीरे-धीरे डांस करते हुए राज के हाथ मेरी कमर पर आए। वो मेरी कमर को सहलाने लगा। उसके सख्त हाथों से मेरे बदन में करंट सा दौड़ रहा था। जय ने मेरी पीठ को सहलाया, और परम ने साड़ी के ऊपर से मेरी गांड को छुआ। मैं सिसकारी भरने लगी- आह्ह…।

मेरी साड़ी का पल्लू गिर गया। मैं चाहती थी कि वो मेरी चूचियों की घाटी को खुलकर देखें। राज के हाथ मेरी चूचियों के पास आए, हल्के से छूने लगे। फिर तीनों मेरे बदन को मसलने लगे। राज ने मुझे पीछे से पकड़ा और अपनी तनी हुई लंड मेरी गांड पर सटा दी। मैंने महसूस किया कि उसका लंड कितना सख्त था। जय और परम मेरे हाथ और कंधों को सहलाने लगे।

अब नशा और हवस दोनों चरम पर थे। डांस करते-करते तीनों ने मेरी साड़ी उतार दी। मैं सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी। हम सब सोफे पर बैठ गए और एक-एक पैग और लगाया। नशा अपने शबाब पर था।

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जय बोला- भाभी, तुम तो बहुत हॉट हो।

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परम और राज ने भी हामी भरी। राज बोला- मगर तुम्हारा फिगर बिना कपड़ों के देखना चाहते हैं।

इतना कहकर राज ने मेरे ब्लाउज के बटन खोलने शुरू किए। जय ने पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया। फिर जय ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे सोफे पर अपनी गोद में बैठा लिया। मैं उसकी गोद में थी, उसका कड़क लंड मेरी गांड पर चुभ रहा था। राज मेरे चेहरे और होंठों को उंगलियों से सहलाने लगा। जय जमीन पर घुटनों के बल बैठकर मेरे पेट और नाभि को चूमने लगा।

मैं मस्ती में बोली- तुम लोग बहुत शरारती हो गए हो। तुम्हारी शिकायत भाईसाहब से करनी पड़ेगी।

वो हंसते हुए बोले- जब शिकायत करनी ही है, तो पहले हम अपना काम पूरा कर लें।

तीनों मेरे बूब्स पर टूट पड़े। बारी-बारी से मेरी चूचियों को दबाने लगे, चूसने लगे। राज मेरे होंठों को चूस रहा था, फिर जय ने मेरे होंठों को काटा। परम मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरे गालों को चूम रहा था। मैं सिसकारी ले रही थी- आह्ह… ऊऊऊ… कितना मजा आ रहा है।

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मैं जानती थी कि अब मैं तीन मर्दों से चुदने वाली हूँ। वो मुझे बिना चोदे नहीं छोड़ेंगे। मैंने जय से एक और पैग बनाने को कहा। उसने मुझे एक हैवी पैग पिलाया। अब मैं पूरी तरह नशे में थी। मेरे बदन पर सिर्फ काली ब्रा और पैंटी बची थी। अपने गोरे जिस्म पर काले अंडरगारमेंट्स में मैं किसी रंडी जैसी लग रही थी, जो तीन मर्दों को एक साथ संभालने वाली थी।

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तीनों मेरे जिस्म को नोच रहे थे। मैं बोली- सिर्फ मेरे ही कपड़े उतारोगे, या अपने भी उतारोगे?

मेरे कहते ही तीनों ने जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए। राज खड़े-खड़े मुझे किस करने लगा। जय ने मेरी ब्रा की स्ट्रैप खोल दी, और परम ने मेरी पैंटी नीचे खींच दी। मैं उनके सामने पूरी नंगी थी।

वो मुझ पर झपटने लगे। मैं बोली- यहाँ नहीं, बेडरूम में चलो।

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राज ने मुझे गोद में उठाया। मैं नंगी उसकी बाहों में थी। वो चलते हुए मेरी चूचियों को मुंह में लेने की कोशिश कर रहा था। परम मेरी चूचियों को दबा रहा था, और जय मेरी गांड के छेद को सहला रहा था। बेडरूम में राज ने मुझे बेड पर बिठाया। जय मेरे पीछे बैठ गया और मेरी चूचियों को मसलने लगा। राज मेरी चूत को चाटने लगा, और परम मेरे होंठों को चूस रहा था।

राज की जीभ मेरी चूत की लिप्स पर घूम रही थी। वो मेरी क्लिट को चूस रहा था, जीभ अंदर-बाहर कर रहा था। मैं सिसकारी- आह्ह… राज, और चाटो… मेरी चूत प्यासी है। मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया। मैं बोली- अब बस करो, मेरा मन चुदने का कर रहा है।

परम बेड पर लेट गया और मुझे अपने ऊपर आने को कहा। मैं उसकी गोद में बैठी। उसने अपने 7 इंच के तने हुए लंड को हाथ में लिया और मुझे उस पर बैठने को कहा। मैंने अपनी गांड उठाई और उसकी लंड पर चूत रखकर धीरे से बैठ गई। फच… उसका लंड मेरी चूत में उतर गया। मैं चिल्लाई- आआआ… कितना मोटा है… ऊईई…

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परम का लंड लेकर मैं उछलने लगी। राज ने मुझे रोका और आगे झुकने को कहा। मैं झुकी तो उसने मेरी गांड पर थूक लगाया और अपने 8 इंच के लंड का सुपारा मेरी गांड के छेद पर रखा। एक झटके में उसने लंड अंदर पेल दिया। मैं चीखी- ऊईई मां… फट गई मेरी गांड… धीरे राज… आह्ह…

मेरी चूत में परम का लंड और गांड में राज का लंड था। दर्द से मैं चिल्ला रही थी। तभी जय घुटनों पर आया और अपने 7 इंच के लंड को मेरे मुंह में डाल दिया। मैं गूं… गूं… की आवाजें निकाल रही थी। राज धक्के मारने लगा, जिससे मेरी चूत में परम का लंड और मुंह में जय का लंड अंदर-बाहर होने लगा। फच फच… की आवाज कमरे में गूंज रही थी।

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तीनों मेरी चूचियों को मसल रहे थे, मेरी गांड पर थप्पड़ मार रहे थे- थप थप…। मैं मस्ती में चुद रही थी- आह्ह… चोदो मुझे… और जोर से। वो चिल्ला रहे थे- आह्ह… सेक्सी भाभी… तेरी चूत कितनी टाइट है… ले रंडी… फाड़ देंगे तेरी भोसड़ी।

कुछ देर बाद राज ने मेरी गांड से लंड निकाला। जय पीछे आया और मेरी गांड में लंड पेल दिया। राज मेरे मुंह में लंड चुसवाने लगा। फिर परम को हटाकर राज नीचे लेट गया और मेरी चूत में लंड डाल दिया। परम मेरे मुंह को चोदने लगा।

काफी देर तक वो मेरे तीनों छेदों को बारी-बारी से चोदते रहे। जय बोला- मुझे भी भाभी की चूत चोदनी है।

राज हटा, जय ने मेरी चूत में लंड पेल दिया। परम मेरी गांड में और राज मेरे मुंह में। मैं बदहवास थी। मेरी चूचियां और गांड दर्द कर रही थीं। आधे घंटे की चुदाई के बाद तीनों ने बारी-बारी से मेरी चूत में पानी छोड़ा। मैं चिल्लाई- आह्ह… भर दो मेरी चूत को… ऊऊऊ…

चुदाई के बाद हमने कुछ देर आराम किया। फिर तीनों ने मेरे जिस्म को फिर से छेड़ना शुरू किया। उनके लंड फिर तन गए। मैंने बारी-बारी से तीनों के लंड चूसे। फिर तीनों ने अलग-अलग मेरी चूत चोदी। मैं थककर चूर हो गई थी। सुबह चार बजे तक चुदाई चली। फिर हम सो गए।

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सुबह सात बजे वो फिर शुरू हो गए। एक रात में मैं तीन-तीन बार चुद गई। मेरी हालत चलने लायक नहीं थी। वो मुझे नंगी बेड पर छोड़कर अपने घर चले गए। मैं उठ नहीं पाई, फिर से सो गई। शाम चार बजे उठी। मेरी चूत और गांड में दर्द था, लेकिन मजा बहुत आया।

उसके बाद कई बार वो दो-दो या तीनों मिलकर मुझे चोद चुके हैं।

दोस्तो, आपको मेरी ग्रुप सेक्स की कहानी कैसी लगी? मुझे जरूर लिखें। अपनी चुदाई की और भी कहानियां मैं आपके लिए लाऊंगी। कमेंट्स में अपनी राय जरूर दें।

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