पति का छोटा सा लंड – पार्ट 2

Bhabhi ke sath sex हेल्लो मेरे प्यारे दोस्तों, मैं जोया, फिर से हाजिर हूँ अपनी ज़िंदगी की इस चटपटी और जोश भरी कहानी का दूसरा हिस्सा लेकर। मेरे देवर जतिन का 8 इंच का मोटा लंड मेरी चूत की गहराइयों को छू रहा था, और मैं दर्द और मज़े के बीच तड़प रही थी। अब आगे की कहानी पढ़िए, जो आपको और भी उत्तेजित कर देगी।

कहानी का पिछला भाग: पति का छोटा सा लंड – पार्ट 1

जतिन का लंड मेरी चूत में आधा घुस चुका था, और मैं दर्द से कराह रही थी। उसका सुपाड़ा मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर जा रहा था, जैसे कोई गर्म लोहे की रॉड मेरे जिस्म को भेद रही हो। “आह… जतिन… रुक जाओ…” मैंने दर्द से चीखते हुए कहा, मेरी आँखों में आँसू छलक आए।

लेकिन जतिन ने मेरी एक न सुनी। उसने मेरी कमर को और जोर से पकड़ा और बोला, “भाभी, थोड़ा सब्र करो… अब असली मज़ा आएगा!” उसकी आवाज़ में एक अजीब सा जोश था, जैसे वो मेरी हर सिसकारी को और भड़काना चाहता हो। उसने एक और धक्का मारा, और उसका लंड मेरी चूत में 4 इंच तक घुस गया। मेरी चूत इतनी फैल चुकी थी कि मुझे लगा, अब और नहीं सह पाऊँगी। “जतिन… बस कर… बहुत दर्द हो रहा है!” मैंने लगभग गिड़गिड़ाते हुए कहा।

“भाभी, तुम मेरा पूरा लंड लेना चाहती थीं ना? तो अब थोड़ा और बर्दाश्त करो,” उसने शरारत से कहा और एक और जोरदार धक्का मारा। “आह…” मेरी चीख कमरे में गूँज उठी। उसका लंड अब 5 इंच अंदर था, और मेरी चूत में जलन सी हो रही थी। मैं पसीने से तर-बतर थी, और मेरे पैर काँप रहे थे। “जतिन… प्लीज़… मेरी चूत फट जाएगी!” मैं रोते हुए बोली।

तभी अचानक कॉल-बेल बजी। हम दोनों चौंक गए। “ये कौन आ गया अब?” जतिन ने झुंझलाते हुए कहा।

मैंने हाँफते हुए कहा, “जतिन, पहले जाकर देख तो कौन है… आज के लिए बस कर।”

“नहीं, भाभी! पहले मैं तुम्हारी चूत में पूरा लंड घुसा दूँ!” उसने जिद की।

मैंने कहा, “बाद में कर लेना… प्लीज़, पहले दरवाजा देखो।”

लेकिन जतिन तो जैसे पागल हो चुका था। उसने मेरी कमर को और सख्ती से पकड़ा और बोला, “अपने होंठ जोर से बंद कर लो, चीख मत निकालना!” मैंने डरते हुए अपने होंठ दबाए, और उसने पूरी ताकत से एक धक्का मारा। “उह…” मेरे मुँह से सिर्फ गूँ-गूँ की आवाज़ निकली, क्योंकि उसने मेरा मुँह अपने हाथ से दबा दिया था। उसका 8 इंच का पूरा लंड मेरी चूत में समा गया। “आह…” मैं मछली की तरह तड़प रही थी। मेरी चूत में ऐसा दर्द था, जैसे कोई उसे फाड़ रहा हो। मेरा पूरा बदन पसीने से भीग गया था, और मेरी साँसें इतनी तेज थीं कि मुझे लगा, मेरा दिल बाहर निकल आएगा।

जतिन ने रुककर मुझे देखा और बोला, “देखो, भाभी, अब मेरा पूरा लंड तुम्हारी चूत में है।” उसने एक झटके में अपना लंड बाहर खींच लिया। “पक…” मेरी चूत से एक आवाज़ आई, और मुझे लगा, मेरी चूत भी उसके लंड के साथ बाहर आ गई। उसने अपना लंड मुझे दिखाया, जो मेरे रस से चमक रहा था। “देखो, भाभी, तुम्हारी चूत की निशानी मेरे लंड पर!” उसने हँसते हुए कहा।

तभी फिर से कॉल-बेल बजी। मैंने गुस्से से कहा, “जतिन, पहले जाकर देख तो कौन है!”

“ठीक है, भाभी,” उसने कहा और फिर से दो धक्के मारे, जिससे उसका लंड फिर से मेरी चूत में पूरा घुस गया। “आह…” मैं फिर चीखी। उसने फिर से लंड बाहर निकाला और फिर दोबारा घुसाया। ऐसा उसने तीन-चार बार किया, और हर बार मेरी चूत में दर्द की लहर दौड़ जाती थी। फिर वो उठा और बोला, “तुम चादर ओढ़ लो, मैं देखता हूँ कौन है।”

मैं दर्द से कराह रही थी। मेरी चूत में इतनी जलन थी कि मैं उठ भी नहीं पा रही थी। मैंने चादर ओढ़ ली और बेड पर पड़ी रही। जतिन लुंगी पहनकर दरवाजा खोलने गया। थोड़ी देर बाद वो एक औरत के साथ वापस आया। वो औरत करीब 35 साल की थी, गोरी, खूबसूरत, और बेहद आकर्षक। उसने गहरे नीले रंग की सलवार-कमीज पहनी थी, जो उसके कर्व्स को और उभार रही थी। उसके होंठ लाल लिपस्टिक से रंगे थे, और उसकी ऊँची हील की सैंडल उसकी पर्सनैलिटी को और निखार रही थी।

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मैंने हैरानी से पूछा, “ये कौन है, जतिन?”

जतिन ने मुस्कुराते हुए कहा, “भाभी, ये समरीन हैं। हमारी पड़ोसन। इन्हें मेरा लंड बहुत पसंद है। ये मुझसे चुदवाने आई हैं।”

समरीन ने मुझे देखा और मुस्कुराई। “सलाम अलैकुम, जोया! तुम चादर ओढ़कर क्यों लेटी हो? तबीयत ठीक है?” उसने पूछा।

जतिन ने हँसते हुए कहा, “मैं तो भाभी की तबीयत ठीक कर रहा था, लेकिन तुम आ गईं। मैंने इन्हें बाथरूम जाने को कहा, पर ये दर्द की वजह से उठ नहीं पा रही थीं, इसलिए चादर ओढ़ ली।” इतना कहकर उसने मेरी चादर हटा दी। मैं पूरी तरह नंगी थी, और मेरी चूत लाल होकर सूज गई थी।

समरीन मेरी हालत देखकर हँस पड़ी। “क्या बात है, जतिन! तूने अपनी भाभी को आज पहली बार चोदा है क्या?” उसने शरारत से पूछा।

“अभी चोदा कहाँ, समरीन। बस मेरा लंड इनकी चूत में पूरा घुसाया था, तभी तुम आ गईं,” जतिन ने जवाब दिया।

मैंने हैरानी से पूछा, “तू समरीन को कब से चोद रहा है?”

“लगभग दो साल से,” जतिन ने बेझिझक कहा।

मैंने समरीन से पूछा, “तुझे इसका इतना बड़ा लंड लेने में तकलीफ नहीं होती? इसने तो अभी मेरी चूत में सिर्फ लंड घुसाया है, और मेरी हालत खराब हो गई है।”

समरीन ने हँसते हुए कहा, “पहली बार तो इसने मुझे भी मार ही डाला था। इसका लंड मेरी चूत में ऐसा घुसा कि मैं चीख-चीखकर रो पड़ी। मेरी चूत सूज गई थी, और कई जगह कट गई थी। दो दिन तक मैं ठीक से चल भी नहीं पाई। लेकिन एक बार इसने मुझे चोदा, तो मैं इसकी दीवानी हो गई। मेरे शौहर का लंड छोटा है, उससे मुझे कभी मज़ा नहीं मिला। जतिन ने मुझे असली चुदाई का मज़ा दिया। दो दिन तक मैंने अपनी चूत की गर्म पानी से सिकाई की, फिर मैं इसके पास वापस आ गई। उस दिन इसने मुझे चार बार चोदा, और तब से मैं इसके लंड की गुलाम हूँ। तुमने भी इसका पूरा लंड ले लिया है, अब जब ये तुझे चोदेगा, तब तुझे असली मज़ा आएगा।”

मैंने कहा, “मैं भी तो जतिन से चुदवाना चाहती हूँ। लेकिन तुम आ गईं। तुम थोड़ी देर रुको, पहले मुझे चुदवा लेने दो।”

समरीन ने मुस्कुराते हुए कहा, “जोया, अगर तुझे ऐतराज न हो, तो पहले मुझे चुदवा लेने दे। जतिन पहले मुझे चोद ले, तो वो जल्दी झड़ेगा नहीं, और तुझे पहली बार में ही पूरा मज़ा मिलेगा।”

जतिन ने हामी भरी, “भाभी, समरीन सही कह रही है। पहले मैं इसे चोद लूँ, फिर तुम्हें इतना मज़ा दूँगा कि तुम भूल नहीं पाओगी।”

मैंने कहा, “ठीक है, जैसा तुम दोनों ठीक समझो।”

जतिन ने समरीन से कहा, “कपड़े उतारो।” समरीन ने अपनी सलवार-कमीज उतारी और सिर्फ अपनी ऊँची हील की सैंडल पहने हुए पूरी तरह नंगी हो गई। उसका गोरा बदन, 36-30-38 की फिगर, और भरी-भरी चूचियाँ देखकर मैं भी हैरान थी। वो मुझसे भी ज्यादा सेक्सी थी।

मैंने जतिन से कहा, “तेरी पसंद तो कमाल की है!”

समरीन बेड पर बैठ गई और जतिन के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। “उह… समरीन…” जतिन सिसकार उठा। उसका लंड फिर से खड़ा हो गया। मैं ये सब देखकर फिर से गीली होने लगी थी। मेरी चूत में फिर से गुदगुदी शुरू हो गई, और मैं चाहती थी कि जतिन जल्दी से मुझे चोदे। अगर समरीन न आती, तो अब तक मेरी चुदाई हो चुकी होती।

समरीन ने घोड़ी बनकर बेड पर पोजीशन ले ली। जतिन उसके पीछे गया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। “आह… डाल दे, जतिन…” समरीन सिसकारी। जतिन ने धीरे-धीरे अपना लंड उसकी चूत में घुसाना शुरू किया। समरीन की चूत ने उसके लंड को आसानी से ले लिया, और उसका पूरा लंड उसकी चूत में समा गया। मैं हैरान थी कि समरीन को जरा सा भी दर्द नहीं हुआ।

जतिन ने समरीन की कमर पकड़ी और जोर-जोर से धक्के मारने शुरू किए। “चट… चट…” उनकी चुदाई की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। समरीन की सिसकारियाँ तेज हो गईं, “आह… जतिन… और तेज… फाड़ दे मेरी चूत…” वो अपने चूतड़ पीछे की ओर धकेल रही थी, और जतिन पूरी ताकत से उसे चोद रहा था। उसका मोटा लंड समरीन की चूत में सटासट अंदर-बाहर हो रहा था।

जतिन ने मुझसे पूछा, “भाभी, कैसा लग रहा है? मैं अच्छे से चोद रहा हूँ ना?”

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मैंने जोश में कहा, “तू तो कमाल है, जतिन! इतनी जोरदार चुदाई… मेरी भी ऐसे ही करना।”

“अभी तो बस शुरुआत है, भाभी। अब देखो मैं समरीन के साथ क्या करता हूँ,” उसने हँसते हुए कहा।

पंद्रह मिनट तक जतिन ने समरीन को घोड़ी स्टाइल में चोदा। समरीन दो बार झड़ चुकी थी, और उसकी चूत से रस टपक रहा था। फिर जतिन ने अपना लंड उसकी चूत से निकाला और उसकी गाँड पर रगड़ने लगा। “जतिन… गाँड में डाल दे…” समरीन ने सिसकारते हुए कहा। जतिन ने धीरे-धीरे अपना लंड उसकी गाँड में घुसाया। मैं हैरान थी कि उसका 8 इंच का लंड समरीन की गाँड में आसानी से समा गया। जतिन ने उसकी गाँड को जोर-जोर से चोदना शुरू किया। “आह… उह… जतिन…” समरीन की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं।

मैं ये सब देखकर इतनी उत्तेजित हो गई थी कि मैंने अपनी चूत में उंगली डाल ली और अंदर-बाहर करने लगी। “आह…” मेरी सिसकारी निकल रही थी। जतिन ने फिर से समरीन की चूत में लंड डाला और तेजी से चोदने लगा। करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद जतिन समरीन की चूत में झड़ गया। समरीन भी तीसरी बार झड़ चुकी थी। जतिन ने अपना लंड निकाला, और समरीन ने लपककर उसे मुँह में लिया, उसके रस को चाट-चाटकर साफ कर दिया।

समरीन ने अपने कपड़े पहने और मुझसे आँख मारते हुए कहा, “जोया, अब तू सारा दिन जतिन से चुदाई का मज़ा ले। और जतिन, इसे एक-दो पैग पिला दे, फिर ये और मस्ती से चुदवाएगी।”

वो हँसते हुए चली गई। मेरे दिमाग में समरीन की चुदाई का मंजर घूम रहा था। जतिन ने उसे इतने जोश से चोदा था कि मैं भी वैसी ही चुदाई चाहती थी। जतिन ने कहा, “भाभी, समरीन सही कह रही है। मैं तुम्हारे लिए एक पैग बनाता हूँ। नशे में चुदाई का मज़ा दोगुना हो जाएगा।”

वो बाहर गया और एक स्ट्रॉन्ग पैग लेकर आया। मैंने पहले अमित के साथ कई बार ड्रिंक की थी, लेकिन ये पैग इतना तीखा था कि मेरा गला जलने लगा। मैंने किसी तरह उसे गटक लिया। पंद्रह मिनट बाद मेरा सिर हल्का हो गया, और मेरे बदन में मस्ती छाने लगी। मैं और ज्यादा जोश में आ गई थी।

जतिन ने कहा, “भाभी, अब मेरा लंड सहलाओ। मैं तुम्हारी चुदाई करने वाला हूँ।” मैं तो पहले ही उसके लंड की दीवानी थी। मैंने तुरंत उसका लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी। उसने मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरे होंठों को चूमना शुरू किया। “आह… जतिन…” मैं सिसकारी। उसका लंड मेरे हाथ में फिर से सख्त होने लगा। “अब इसे मुँह में लो, भाभी,” उसने कहा।

मैंने उसका लंड अपने मुँह में लिया और तेजी से चूसने लगी। नशे की वजह से मुझे उसका स्वाद और भी अच्छा लग रहा था। “उह… भाभी… क्या चूस रही हो…” जतिन सिसकार रहा था। मैं उसका लंड गहराई तक चूस रही थी, और मेरी जीभ उसके सुपाड़े पर गोल-गोल घूम रही थी। उसने मेरी चूचियों को जोर-जोर से मसला, और मेरे निप्पल्स सख्त हो गए। “आह… और कर, जतिन…” मैं बुदबुदाई।

थोड़ी देर बाद उसका लंड पूरी तरह टाइट हो गया। जतिन ने मुझे बेड पर लिटाया और मेरी टाँगें मोड़कर मेरे कंधों पर रख दीं। मेरी चूत पूरी तरह खुल गई थी, और मैं दोहरी हो गई थी। मैंने अमित के साथ इस स्टाइल में कई बार चुदवाया था, लेकिन उसका छोटा लंड ज्यादा गहराई तक नहीं जा पाता था। जतिन का लंड तो बहुत बड़ा और मोटा था। मुझे पता था कि ये चुदाई मेरे लिए दर्दनाक होगी, लेकिन मज़ा भी उतना ही आएगा।

जतिन ने अपना सुपाड़ा मेरी चूत के मुँह पर रखा और बोला, “भाभी, आज मैं तुम्हारी पहली बार चुदाई करूँगा। चाहे तुम जितना चीखो, मैं रुकने वाला नहीं। ऐसी चुदाई का मज़ा तुम सारी ज़िंदगी याद रखोगी।”

मैंने डरते हुए कहा, “जतिन, प्लीज़… धीरे करना। मैं मर जाऊँगी।”

“अगर तुझे डर लग रहा है, तो मैं नहीं चोदूँगा,” उसने कहकर अपना लंड हटा लिया।

मैं तड़प उठी। “नहीं, जतिन! चोद मुझे… जैसा तू चाहे, वैसे चोद!” मैंने जोश में कहा।

“फिर ठीक है,” उसने मुस्कुराते हुए कहा और अपना सुपाड़ा फिर से मेरी चूत पर रखा। उसने एक जोरदार धक्का मारा। “आह…” मेरी चीख निकल गई। उसका लंड 4 इंच अंदर घुस गया। मेरी चूत फिर से फैल रही थी, और दर्द असहनीय था। उसने मुझे इतनी सख्ती से पकड़ रखा था कि मैं हिल भी नहीं पा रही थी। “जतिन… रुक जा…” मैंने चीखकर कहा, लेकिन उसने मेरी एक न सुनी।

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उसने दूसरा धक्का मारा, और उसका लंड और गहराई तक घुस गया। “आह… मर गई…” मैं चीखी। मेरा पूरा बदन काँप रहा था, और मैं पसीने से नहा गई थी। तीसरे धक्के में उसका पूरा 8 इंच का लंड मेरी चूत में समा गया। “उह… भाभी, तुम्हारी चूत कितनी टाइट है!” उसने सिसकारते हुए कहा।

मैं दर्द से चीख रही थी, लेकिन जतिन रुका नहीं। उसने मेरी चूचियों को मसलते हुए कहा, “कैसा लग रहा है, भाभी?”

“तूने तो मुझे मार डाला, जतिन… धीरे नहीं कर सकता था?” मैंने कराहते हुए कहा।

“धीरे-धीरे में मज़ा कहाँ, भाभी? असली मज़ा तो ऐसे आता है,” उसने हँसते हुए कहा।

फिर उसने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। मेरी चूत ने उसके लंड को जकड़ रखा था, जिससे वो तेजी से धक्के नहीं मार पा रहा था। “चट… चट…” चुदाई की हल्की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। मैं दर्द से सिसकार रही थी, लेकिन धीरे-धीरे मेरा दर्द कम होने लगा। पाँच मिनट बाद मैं पहली बार झड़ गई। मेरी चूत से रस टपकने लगा, और जतिन का लंड अब आसानी से अंदर-बाहर होने लगा। “आह… जतिन… अब मज़ा आ रहा है…” मैं सिसकारी।

जतिन ने अपनी रफ्तार बढ़ाई। “भाभी, अब तुम्हें असली चुदाई का मज़ा दूँगा,” उसने कहा और तेजी से धक्के मारने लगा। “चट… छप… चट…” कमरे में चुदाई की आवाज़ तेज हो गई। बेड जोर-जोर से हिल रहा था। मैंने अपने चूतड़ उठाने की कोशिश की, लेकिन जतिन ने मुझे इतनी सख्ती से पकड़ रखा था कि मैं हिल नहीं पा रही थी। उसका सुपाड़ा मेरी बच्चेदानी को छू रहा था, और हर धक्के के साथ मुझे मज़ा बढ़ता जा रहा था। “आह… जतिन… और तेज…” मैं चीख रही थी।

दस मिनट की चुदाई के बाद मैं दूसरी बार झड़ गई। मेरी चूत पूरी तरह गीली थी, और जतिन का लंड मेरे रस से चमक रहा था। उसने मेरी टाँगें और ऊपर उठाईं और और तेजी से चोदना शुरू किया। “भाभी, तुम्हारी चूत ने तो मेरे लंड को गुलाम बना लिया,” उसने जोश में कहा।

मैं भी पूरे जोश में थी। “जतिन… फाड़ दे मेरी चूत… और जोर से चोद…” मैं चीख रही थी। उसने मेरी चूचियों को मसला और और तेज धक्के मारे। “धप… धप…” चुदाई की आवाज़ अब तूफान की तरह गूँज रही थी। मैं तीसरी बार झड़ गई, और मेरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। “आह… उह… जतिन… और… फाड़ दे…”

पंद्रह मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद जतिन मेरी चूत में झड़ गया। “उह… भाभी…” उसने सिसकारते हुए अपना सारा रस मेरी चूत में छोड़ दिया। मैं भी उसके साथ चौथी बार झड़ गई। उसने मेरी टाँगें छोड़ीं और मेरे ऊपर लेट गया। उसका लंड अभी भी मेरी चूत में था, और हम दोनों के रस से बेड की चादर भीग गई थी। मेरी जाँघें भी रस से सनी थीं।

हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे। मैं उसकी कमर सहलाने लगी, और वो मेरी चूचियों को मसलते हुए मेरे होंठ चूम रहा था। “भाभी, तुम्हारी चूत किसी कुंवारी लड़की से कम नहीं। भैया तो तुम्हें औरत नहीं बना पाए, लेकिन मैंने तुम्हें आधी औरत बना दिया,” उसने शरारत से कहा।

मैंने हँसते हुए पूछा, “आधी कैसे? अब तो तूने मुझे पूरी औरत बना दिया!”

“अभी कहाँ, भाभी? थोड़ी देर बाद मैं तुम्हें पूरी औरत बनाऊँगा,” उसने आँख मारते हुए कहा।

“वो कैसे?” मैंने उत्सुकता से पूछा।

———–क्रमशः————–

जानती हूँ, आपको ये कहानी बीच में रोकना अच्छा नहीं लग रहा, लेकिन मैं भी तो जतिन के लंड के लिए कितना तड़पी थी। अगला और आखिरी भाग जल्दी ही आएगा।

कहानी का अगला भाग: पति का छोटा सा लंड – पार्ट 3

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