Bra Panty salesman ke sath chudai – काया, एक 28 साल की खूबसूरत औरत, जिसका फिगर 36-28-36 था, अपने दिल्ली के पॉश अपार्टमेंट में अकेली थी। उसकी लंबी काली जुल्फें, गहरी भूरी आँखें और गोरी चमकदार त्वचा उसे किसी हीरोइन से कम नहीं बनाती थी। उसका पति विनोद, 32 साल का एक बिजनेसमैन, जिसकी हल्की दाढ़ी और फिट बॉडी उसे आकर्षक बनाती थी, पिछले तीन महीनों से दुबई में था। काया की जिंदगी में अब सिर्फ खालीपन और एक अनकही प्यास थी, जो उसे हर रात तड़पाती थी।
उस दोपहर, काया अपने पति विनोद से फोन पर बात कर रही थी, अपने बेडरूम में लेटी हुई, जहाँ उसने सिर्फ एक पतली सी सिल्क की नाइटी पहनी थी, जो उसके कर्व्स को और उभार रही थी।
काया: (नरम आवाज़ में, थोड़ी उदासी के साथ) विनोद, तुम्हें और कितने दिन दुबई में रहना पड़ेगा?
विनोद: (दूसरी तरफ से थकी आवाज़ में) हाँ जान, काम बहुत बढ़ गया है। शायद दो महीने और लगें।
काया: (हल्का गुस्सा और बेचैनी) दो महीने और? मैं यहाँ अकेली तड़प रही हूँ, और तुम वहाँ मजे कर रहे हो?
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विनोद: (हँसते हुए) अरे मेरी शेरनी, मैं भी तो तुझ बिना पागल हो रहा हूँ। रात को नींद नहीं आती, बस तेरी याद में तड़पता रहता हूँ।
काया: (मुस्कुराते हुए, थोड़ा नखरा दिखाते) अच्छा? तो बताओ, मेरे बिना कैसे गुजारा कर रहे हो?
विनोद: (चिढ़ाते हुए) क्या बताऊँ, बस तेरे बारे में सोचकर मुठ मार लेता हूँ।
काया: (हँसते हुए) झूठे! कहीं कोई लड़की तो नहीं पटाई तुमने?
विनोद: (मजाक में) अरे, अभी तक तो नहीं, पर पवन की बीवी सोनिया थोड़ा लाइन देती है।
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काया: (चौंकते हुए, फिर हँसते हुए) अरे वाह! तो तुम भी लाइन मारो ना।
विनोद: (हैरानी से) तुझे बुरा नहीं लगेगा?
काया: (खुलकर) नहीं यार, इतने दिन हो गए हैं। मुझे पता है तुझसे रहा नहीं जाता होगा। वैसे मैं भी तो यहाँ अकेली हूँ।
विनोद: (उत्साहित होकर) अच्छा? तो तू कैसे कंट्रोल करती है अपनी प्यास?
काया: (शरारत से) हा… हा… रात को अपनी उँगलियों से या कभी बैंगन, खीरे से चूत को थोड़ा सहला लेती हूँ।
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विनोद: (उत्तेजित होकर) वाह मेरी रानी! तो तू भी कोई ढूँढ ले ना टाइमपास के लिए।
काया: (हिचकिचाते हुए) सचमुच? तुझे बुरा नहीं लगेगा?
विनोद: (जोश में) बिल्कुल नहीं! सोच, जब मैं सोनिया को चोद रहा हूँ और तू यहाँ किसी स्टड के साथ मजे ले रही है, तो कितना मजा आएगा।
काया: (हँसते हुए) ठीक है, तो मैं भी कोई ढूँढती हूँ।
विनोद: (खुश होकर) हाँ, फिर हम फोन पर एक-दूसरे को अपने एक्सपीरियंस बताएँगे। मजा दोगुना हो जाएगा।
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काया: (थोड़ा डरते हुए) इससे हमारे रिश्ते में कोई दिक्कत तो नहीं आएगी?
विनोद: (प्यार से) अरे पगली, उल्टा हमारा रिश्ता और मजबूत होगा। जब हम मिलेंगे, तो अपने तजुर्बों को एक-दूसरे को बताकर इतनी धमाकेदार चुदाई करेंगे कि तू सोच भी नहीं सकती।
काया: (हँसते हुए) हैवान कहीं का!
विनोद: (शरारत से) हाँ, और ये हैवानियत तुझे तब दिखाऊँगा जब तू मुझे किसी स्टड को सिड्यूस करने की कहानी सुनाएगी।
काया: (उत्तेजित होकर) और मैं भी तेरी वो शेरनी वाली सूरत देखूँगी जब तू मुझे बताएगा कि तूने सोनिया को कैसे चोदा।
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विनोद: (प्यार से) मिस यू, मेरी जान! जल्दी मिलते हैं।
दो दिन बाद, काया बाजार से शॉपिंग करके लौटी थी। उसने एक टाइट फिटिंग टॉप और स्कर्ट पहनी थी, जो उसकी भरी-भरी जाँघों और उभरे हुए बूब्स को और आकर्षक बना रही थी। वह थोड़ी थकी हुई थी, लेकिन मन में एक अजीब सी बेचैनी थी। उसने एक गिलास में नींबू के साथ वोडका का तगड़ा पैग बनाया और सोफे पर बैठकर चुस्कियाँ लेने लगी। उसका इरादा था कि दो-तीन पैग पीने के बाद बेडरूम में जाकर कोई हॉट ब्लू फिल्म देखते हुए अपनी चूत को मोटे से केले से चोदे।
पहला पैग खत्म होने के बाद, काया दूसरा पैग बनाने के लिए उठी ही थी कि दरवाजे पर खटखट की आवाज आई। वह थोड़ी झुंझलाहट के साथ बोली, “अरे, ये कौन आ गया? चलो, देखते हैं।” उसने अपने सैंडल की हील्स की खटखट के साथ मार्बल के फर्श पर कदम बढ़ाए और दरवाजा खोला।
दरवाजे पर एक 20 साल का नौजवान खड़ा था। विकास, एक गठीला, हैंडसम लड़का, जिसके चेहरे पर जवानी की ताजगी और आँखों में शरारत थी। उसने नीली शर्ट और काली पैंट पहनी थी, जो उसकी फिट बॉडी को और उभार रही थी। काया ने उसे देखते ही अपने बदन में एक सिहरन सी महसूस की। उसकी चूत में हल्की सी गुदगुदी होने लगी।
काया: (हल्की मुस्कान के साथ) जी, कहिए?
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विकास: (मुस्कुराते हुए) गुड मार्निंग मैडम! मैं अपनी कंपनी के प्रोडक्ट्स का प्रचार करने आया हूँ।
काया: (जिज्ञासा से) अच्छा, क्या बेच रहे हो?
विकास: (आत्मविश्वास से) जी, हमारी कंपनी लेडीज़ पैंटीज़ और ब्रा बनाती है।
काया: (हँसते हुए) अरे, तो तुम्हारी कंपनी ने लड़कियों को क्यों नहीं भेजा? लड़के को क्यों?
विकास: (शरारत से) मैडम, आजकल लेडीज़ हैंडसम सेल्समैन की डिमांड करती हैं। अगर आपको कोई परेशानी है, तो मैं जा सकता हूँ। कल कोई सेल्सगर्ल भेज दूँगा।
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काया: (जल्दी से) नहीं-नहीं, मुझे कोई दिक्कत नहीं है। तुम ठीक हो।
विकास: (खुश होकर) थैंक यू मैडम!
काया: (उसे अंदर बुलाते हुए) आओ, यहाँ सोफे पर बैठो। पानी पियोगे या वोडका?
विकास: (हँसते हुए) जी, नहीं, थैंक यू।
काया: (बात को आगे बढ़ाते हुए) कितने साल से ये काम कर रहे हो?
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विकास: (गर्व से) जी, लगभग दो साल हो गए।
काया: (शरारत से) तो फिर तुझे तो काफ़ी एक्सपीरियंस होगा लेडीज़ को खुश करने का?
विकास: (थोड़ा शरमाते हुए) जी हाँ, कस्टमर्स को खुश करना मेरा काम है।
काया: (हँसते हुए) अच्छा, चलो देखते हैं तुम कितना खुश कर सकते हो। मेरी पसंद थोड़ी हटके है।
काया ने अपने लिए दूसरा पैग बनाया और एक सिप लेते हुए बोली, “वैसे, तुमने सही कहा था कि तुम्हारी कंपनी के सेल्समैन हैंडसम होते हैं।”
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विकास: (मुस्कुराते हुए) थैंक यू मैडम!
काया: (उत्तेजित होकर) चलो, दिखाओ अपना सामान।
विकास: (थोड़ा चौंकते हुए) जी? ओह, मतलब प्रोडक्ट्स? पहले बताइए, आपका साइज़ क्या है? सारे गार्मेंट्स मेरी गाड़ी में बक्सों में हैं। मैं सही साइज़ वाला बक्सा लाता हूँ।
काया: (नखरे दिखाते हुए) किसका साइज़?
विकास: (हल्का हँसते हुए) आपकी ब्रा और पैंटी का साइज़।
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काया: (मजाक में) मेरे ख्याल से ब्रा साइज़ 36 होगा। चलो, तुम बताओ, मुझे देखकर मेरा साइज़ क्या लगता है?
विकास: (काया के बूब्स को घूरते हुए) जी, मेरे हिसाब से 34 होना चाहिए। अगर आप कहें तो मैं नापकर कन्फर्म कर दूँ?
काया: (शरारत से) हाँ, नापकर देखो।
विकास ने इंची टेप निकाला और काया की पीठ के पीछे से टेप को उसके बूब्स के नीचे लपेटा। उसकी उंगलियाँ हल्के से काया के बूब्स को छू रही थीं। वह इतना करीब था कि उसकी गर्म साँसें काया के बूब्स पर महसूस हो रही थीं। काया के बदन में एक करंट सा दौड़ गया। उसने मन ही मन ठान लिया कि आज वह विनोद के साथ बनाए प्लान को हकीकत में बदलेगी।
विकास: (टेप देखते हुए) आपका अंदाज़ा सही था, मैडम। आपका साइज़ 36 ही है।
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काया: (जानबूझकर भोलेपन से) अच्छा, और कप साइज़?
विकास: (हैरानी से) आपको नहीं पता?
काया: (मजाक में) नहीं, मुझे नहीं पता। तुम नापकर बता दो।
विकास: (हिचकिचाते हुए) जी… मैडम?
काया का दूसरा पैग अब खत्म होने को था। वोडका का हल्का नशा उसके दिमाग पर चढ़ रहा था। जो थोड़ी सी हिचक थी, वह भी अब खत्म हो चुकी थी।
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काया: (खुलकर) सॉरी अगर मैं तुम्हें अनकम्फर्टेबल कर रही हूँ। मेरे पति तीन महीने से बाहर हैं, और मैं बोर हो चुकी हूँ। इसीलिए तुम्हें जल्दी जाने नहीं देना चाहती।
विकास: (मुस्कुराते हुए) कोई बात नहीं, मैडम। मैं जब तक आप चाहें, आपके साथ रहूँगा। वैसे, आपके हसबैंड कितने दिन से बाहर हैं?
काया: (उदास होकर) तीन महीने हो गए, और अभी दो-तीन महीने और लगेंगे।
विकास: (हैरानी से) ओह! इतना लंबा टाइम? ये तो बहुत मुश्किल है।
काया: (खुलकर) हाँ, अब तो हद हो गई है। मेरी भी तो कुछ जरूरतें हैं।
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विकास: (सहानुभूति दिखाते हुए) जी, मैं समझ सकता हूँ।
काया: (जिज्ञासा से) तुम्हारी शादी हुई है?
विकास: (हँसते हुए) नहीं, मैं तो अभी 20 साल का हूँ। शादी के लिए छोटा हूँ।
काया: (शरारत से) अच्छा? तो गर्लफ्रेंड?
विकास: (थोड़ा शरमाते हुए) नहीं, वो भी नहीं। टाइम ही नहीं मिलता। दिन में कॉलेज, और शाम को ये पार्ट-टाइम जॉब।
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काया: (हँसते हुए) तो फिर तुम मेरी जरूरतें क्या समझोगे? वैसे, तुम जैसे हैंडसम लड़के की गर्लफ्रेंड न हो, ये तो बड़ी अजीब बात है।
विकास: (मुस्कुराते हुए) थैंक यू, मैडम।
काया: (उत्तेजित होकर) चलो, अब मेरा नाप लो।
विकास ने फिर से इंची टेप उठाया और काया के और करीब आ गया। इस बार उसने टेप को काया के बूब्स की गोलाइयों पर लपेटा, और उसकी उंगलियाँ जानबूझकर काया के बूब्स को हल्के से दबा रही थीं।
काया: (मुस्कुराते हुए) इतने ढीले-ढाले नापोगे तो सही साइज़ कैसे पता चलेगा?
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विकास: (आत्मविश्वास से) आप सही कह रही हैं, मैडम।
विकास ने अब अपने हाथ काया के टॉप के ऊपर से उसके बूब्स पर रखे और हल्का सा दबाया। काया के निप्पल्स टॉप के अंदर से सख्त होकर उभरने लगे।
विकास: (आँखों में शरारत के साथ) मेरे हिसाब से आपका कप साइज़ डीडी होगा। टॉप और ब्रा की वजह से थोड़ा ज्यादा लग रहा है।
काया: (खुलकर) नहीं-नहीं, मुझे बिल्कुल सही साइज़ चाहिए। मैं टॉप और ब्रा उतार देती हूँ।
विकास: (हैरानी और उत्तेजना के साथ) जी… मैडम?
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काया: (हँसते हुए) अरे, अब इतना शरमाओ मत। तुम मुझे काया बुला सकते हो।
विकास: (हल्का हँसते हुए) जी, ठीक है, काया जी। आप मुझे विकास बुला सकती हैं।
काया ने अपने टॉप को खींचकर उतार दिया। उसकी काली लेस वाली ब्रा उसके गोरे बूब्स को और आकर्षक बना रही थी। उसने पीछे हाथ ले जाकर ब्रा के हुक खोलने की कोशिश की, लेकिन जानबूझकर असफल होने का नाटक किया।
काया: (नखरे से) अरे विकास, मेरी मदद करो ना, ये हुक नहीं खुल रहे।
काया पीछे मुड़ी, और विकास ने उसकी ब्रा की पट्टी पकड़कर हुक खोल दिए। काया ने ब्रा को नीचे गिरने दिया और टॉपलेस होकर विकास की तरफ मुड़ी। उसके बूब्स, गोरे और भरे हुए, निप्पल्स सख्त होकर उभरे हुए थे। विकास की आँखें उन पर टिक गईं। उसने धीरे से अपने हाथ काया के बूब्स पर रखे और हल्का सा दबाया।
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काया: (आँखें बंद करके, हल्की सिसकारी लेते हुए) आहह… विकास…
विकास: (उत्तेजित होकर) काया जी, आपका बस्ट साइज़ 36 डीडी है। वाह, इतना परफेक्ट फिगर तो हर लड़की का सपना होता है।
काया: (आँख मारते हुए) हाँ, लेकिन इस वक्त मुझे तुम लकी लग रहे हो।
विकास: (हँसते हुए) सच में, मेरी तो किस्मत खुल गई। अच्छा, पैंटी का साइज़ भी नाप लूँ?
काया: (शरारत से) हाँ, लेकिन यहाँ नहीं। बेडरूम में चलते हैं। उससे पहले एक-एक पैग और हो जाए?
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विकास: (जोश में) ठीक है, काया जी।
काया ने दो पैग बनाए। दोनों ने चुस्कियाँ लीं और हँसते-बात करते बेडरूम में चले गए। काया अब पूरी तरह वोडका और वासना के नशे में थी। वह बेड के किनारे बैठ गई, उसकी स्कर्ट उसकी जाँघों तक चढ़ी हुई थी।
काया: (उत्तेजित होकर) अब मेरी पैंटी का साइज़ नाप लो।
विकास ने काया की स्कर्ट को धीरे से ऊपर उठाया। उसकी काली लेस वाली पैंटी उसकी चूत की शेप को साफ दिखा रही थी। विकास ने पैंटी के ऊपर से काया की कमर पर हाथ फेरा, लेकिन उसकी उंगलियाँ जानबूझकर उसकी चूत को हल्के से छू रही थीं।
विकास: (रुंधी आवाज़ में) काया जी, ये स्कर्ट बीच में आ रही है। इसे उतारना पड़ेगा।
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काया: (शरारत से) तो उतार दो ना।
विकास ने काया की स्कर्ट की साइड वाली जिप खोली और उसे नीचे खींचा। काया ने अपनी गाँड उठाकर उसकी मदद की। अब वह सिर्फ पैंटी और हाई हील्स में थी। उसकी चूत की शेप पैंटी से साफ उभर रही थी, और हल्का सा गीलापन भी दिख रहा था। विकास से रहा नहीं गया। उसने पैंटी के ऊपर से काया की चूत को सहलाना शुरू किया। काया के बदन में एक तेज लहर दौड़ गई। उसने अपनी जाँघें जोड़कर विकास का हाथ अपनी चूत और जाँघों के बीच जकड़ लिया।
काया: (सिसकारी लेते हुए) आहह… विकास, मेरी पैंटी कैसी लगी?
विकास: (उत्तेजित होकर) बहुत अच्छी है, लेकिन उतारकर देखनी पड़ेगी।
काया: (हँसते हुए) अरे, मैं तो सिर्फ पैंटी और सैंडल में हूँ, और तुमने पूरे कपड़े पहने हैं। ये तो ठीक नहीं।
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विकास: (शरारत से) तो उतार दो ना, मना किसने किया?
काया ने विकास की शर्ट के बटन खोलने शुरू किए। उसकी उंगलियाँ विकास की फिट छाती पर फिरीं। उसकी बॉडी गठीली और मर्दाना थी। काया ने उसकी बेल्ट खोली और पैंट की जिप नीचे खींची। विकास का लंड, जो अब तक पूरी तरह तन चुका था, उसके अंडरवियर में से तोप की तरह उभर रहा था। काया ने अंडरवियर के ऊपर से उसके लंड को अपनी मुठ्ठी में जकड़ लिया।
काया: (हैरानी और उत्तेजना से) ऊफ्फ… ये कितना बड़ा और मोटा है! रोज एक्सरसाइज करते हो क्या इसे?
विकास: (हँसते हुए) हाँ, रोज मेरी मुठ्ठी में मालिश होती है।
काया: (शरारत से) चलो, अब हम दोनों बराबर हैं। आ, मुझे अपनी बाँहों में ले।
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काया खड़ी होकर विकास से चिपक गई। विकास ने उसे कसकर अपनी बाँहों में जकड़ लिया। काया के बूब्स उसकी छाती पर दबने लगे। विकास का तना हुआ लंड अंडरवियर के नीचे से काया की जाँघों के बीच उसकी पैंटी पर रगड़ने लगा। विकास ने काया के गले पर एक गहरा चुम्बन किया। काया ने एक लंबी सिसकारी भरी, “आआहहह…”
विकास ने काया की पैंटी के अंदर हाथ डाला और उसकी चूत पर उंगलियाँ फेरने लगा। काया की चूत अब तक पूरी तरह गीली हो चुकी थी। उसका रस उसकी जाँघों पर बह रहा था।
काया: (कराहते हुए) आआहह… विकास, मेरी पैंटी उतार दो… मेरे साथ जो करना है, कर लो… मैं आज सिर्फ तुम्हारी हूँ…
विकास: (उत्तेजित होकर) तो मेरा अंडरवियर उतारो और मेरे लंड को चूसो।
काया घुटनों के बल बैठ गई। उसने विकास का अंडरवियर नीचे खींचा। विकास का लंड, लगभग 7 इंच लंबा और मोटा, पूरी तरह तनकर बाहर निकला। काया ने उसे देखकर एक सिसकारी ली, “सुभानल्लाह! इतना बड़ा और तगड़ा!”
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विकास: (जोश में) चूसो ना इसे…
काया ने लंड की टोपी को अपने होंठों से चूमा, फिर धीरे-धीरे सुपाड़े को मुँह में लिया। उसकी जीभ लंड की नसों पर फिसल रही थी। विकास ने काया का सिर पकड़ा और अपने लंड को उसके मुँह में धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा। काया ने लंड को पूरा चूसना शुरू किया, बीच-बीच में उसे निकालकर उसकी पूरी लंबाई को चाट रही थी। विकास की सिसकारियाँ बढ़ने लगीं, “आहह… काया जी… कितना अच्छा चूसती हो…”
थोड़ी देर बाद विकास ने लंड बाहर निकाला, ताकि वह जल्दी न झड़ जाए।
काया: (शरारत से) मजा आया?
विकास: (हाँफते हुए) हाँ, बहुत! अब अपनी चूत दिखाओ ना…
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काया अब पूरी तरह वासना में डूबी थी। उसने अपनी पैंटी उतार दी और हाई हील्स के अलावा पूरी नंगी खड़ी हो गई। उसकी चूत का रस उसकी जाँघों पर चमक रहा था। विकास ने उसे बेड पर लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया। उसने काया के बूब्स को जोर-जोर से चूसना शुरू किया, कभी एक निप्पल को चूसता, तो कभी दूसरे को।
काया: (कराहते हुए) ऊईईई… आहह… विकास… थोड़ा धीरे… आआहह…
विकास ने अपनी जीभ को काया की नाभी पर फिराया, फिर धीरे-धीरे नीचे की ओर बढ़ा। उसने काया की चूत के होंठों को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया। उसकी जीभ काया की क्लिट पर गोल-गोल घूम रही थी। काया का बदन उत्तेजना में काँप रहा था। वह जोर-जोर से सिसकारियाँ ले रही थी, “आआआ… ऊईईई… विकास… मैं मर जाऊँगी…”
विकास ने अपनी जीभ को काया की चूत के अंदर डाला और उसे चाटने लगा। काया ने अपने चूतड़ उठाकर विकास का मुँह अपनी चूत पर दबा दिया। उसका बदन अब पूरी तरह काँप रहा था।
काया: (चिल्लाते हुए) आआआ… विकास… अब बस… चढ़ जा मेरे ऊपर… अपनी लंड से मेरी चूत को चीर डाल… आआहह…
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विकास उठा और काया की जाँघें फैलाकर उसके ऊपर चढ़ गया। उसने अपने लंड को काया की चूत के मुहाने पर रखा और हल्का सा धक्का दिया। लंड का सुपाड़ा काया की गीली चूत में फिसल गया। काया ने एक दर्द भरी सिसकारी ली, “आआहह… ऊईईई…” लेकिन उसने अपनी टाँगें और फैला दीं।
विकास ने धीरे-धीरे अपना पूरा लंड काया की चूत में उतार दिया। काया की चूत इतनी टाइट थी कि लंड को अंदर जाने में थोड़ी मुश्किल हुई, लेकिन उसका गीलापन काम आसान कर रहा था। विकास ने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए। हर धक्के के साथ काया की सिसकारियाँ बढ़ रही थीं, “आआआ… ऊफ्फ… विकास… कितना बड़ा है तेरा लंड… आआहह…”
विकास ने काया के होंठों को चूसना शुरू किया, उसके बूब्स को मसलते हुए अपने धक्कों की रफ्तार बढ़ाई। काया ने अपनी जाँघें विकास की कमर पर लपेट लीं और अपने चूतड़ उठा-उठाकर चुदवाने लगी। हर धक्के के साथ उसकी चूत से फच-फच की आवाज़ आ रही थी।
काया: (कराहते हुए) आआआ… और जोर से… चोद मुझे… ऊईईई… फाड़ दे मेरी चूत को…
कुछ देर बाद काया का बदन अकड़ने लगा। उसने एक लंबी चीख मारी, “आआआआआ…” और उसका पहला ऑर्गेज्म आ गया। विकास ने अपनी रफ्तार और बढ़ाई। उसने काया को पलटा और उसे घोड़ी बनने को कहा। काया घुटनों के बल झुक गई, उसकी गाँड हवा में उठी हुई थी। विकास ने पीछे से उसके बूब्स को जकड़ लिया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। इस पोजीशन में लंड और गहराई तक जा रहा था।
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काया: (चिल्लाते हुए) आआआ… ऊफ्फ… विकास… तेरा लंड मेरी बच्चेदानी तक जा रहा है… आआहह…
विकास ने अपने धक्के और तेज किए। हर धक्के के साथ काया की गाँड हिल रही थी, और फच-फच की आवाज़ पूरे कमरे में गूँज रही थी। काया ने फिर से एक चीख मारी और दूसरी बार झड़ गई। विकास अब भी रुका नहीं। उसने काया को फिर से सीधा किया और उसकी टाँगें अपने कंधों पर रखीं। इस बार उसने अपने लंड को और गहराई तक डाला और तेज धक्के मारने लगा।
काया: (कराहते हुए) आआआ… ऊईईई… विकास… और जोर से… चोद मुझे… फक मी हार्ड… आआआ…
काया का बदन फिर से काँपने लगा, और उसका तीसरा ऑर्गेज्म आ गया। विकास अब अपने चरम पर था। उसका लंड और सख्त हो गया। उसने एक लंबा धक्का मारा और एक जोरदार सिसकारी के साथ अपना सारा माल काया की चूत में छोड़ दिया। काया ने भी उसी वक्त चौथी बार झड़ते हुए एक लंबी चीख मारी, “आआआआ…”
दोनों थककर बेड पर लेट गए, एक-दूसरे से चिपके हुए। काया की साँसें अभी भी तेज थीं।
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विकास: (हाँफते हुए) काया जी, मजा आया?
काया: (मुस्कुराते हुए) ऊफ्फ… बहुत मजा आया। आज के बाद तू रोज आया कर। जब तक विनोद नहीं आता, मेरी प्यास तू ही बुझाएगा।
विकास: (हैरानी से) लेकिन तुम्हारे पति को पता चला तो?
काया: (हँसते हुए) उसकी चिंता मत कर। उन्हें पता है कि मैं किसी गैर मर्द के साथ चुदाई करूँगी। हमने ये सब पहले से तय किया था।
विकास: (हैरानी से) सच में? तुम और तुम्हारे पति तो कमाल के हो।
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काया: (शरारत से) हाँ, और शायद उनके आने के बाद मैं उन्हें थ्रीसम के लिए भी मना लूँ। तुझे मजा आएगा? मेरी तमन्ना है कि मेरी चूत और गाँड में एक साथ दो लंड लूँ।
विकास: (जोश में) वाह! मेरी तो किस्मत खुल गई।
दोनों ने अगले दिन फिर मिलने का प्लान बनाया। विकास ने काया को एक जालीदार नीली ब्रा और पैंटी का सेट गिफ्ट किया। काया ने वादा किया कि अगली बार वह उसी सेट में मिलेगी। विकास ने काया के होंठों को चूमा और चला गया।
जैसे ही विकास गया, काया ने विनोद को फोन किया और सारी बात बताई। विनोद ने भी बताया कि उसने सोनिया के साथ चुदाई की है। दोनों ने वादा किया कि मिलने के बाद वे अपनी सेक्स लाइफ को और रोमांचक बनाएँगे।
———-समाप्त———-
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