नादान भाई से चुत चुदाई

Mastram ki chudai ki kahaniya – रात का समय था, और मैं, नेहा, अपने छोटे भाई राहुल के साथ बिस्तर पर रजाई ओढ़े बैठी थी। मैं 24 साल की हूँ, स्लिम फिगर, लंबे काले बाल, और गोरी त्वचा के साथ मेरे होंठ हल्के गुलाबी हैं। राहुल, 22 साल का, गोरा, मस्कुलर बॉडी वाला लड़का, अपनी शर्ट की आस्तीन मोड़े हुए था, और उसकी जींस में उसकी मजबूत जांघें साफ दिख रही थीं। मैंने एक हल्की सी नाइटी पहनी थी, जो घुटनों तक थी, और नीचे कुछ नहीं पहना था, क्योंकि गर्मी की रात थी। कमरे में सिर्फ टेबल लैंप की हल्की रोशनी थी, जो हमारे चेहरों पर पड़ रही थी।

हम दोनों अपने मोबाइल पर कुछ देख रहे थे। राहुल अपने दोस्तों की तस्वीरें दिखा रहा था, और मैं उसकी बकबक सुन रही थी। वो हंसते हुए फोन स्क्रॉल कर रहा था, तभी एक फोटो आई जिसमें वो सिर्फ अंडरवियर में था। मेरी नजर उस पर ठहर गई। “ये क्या है, राहुल?” मैंने हंसते हुए पूछा, मेरी आंखें उसकी टोन्ड बॉडी पर अटक गईं। “अरे, ये मैं हूँ! देख, मेरी बॉडी कितनी सॉलिड है!” उसने जोश में अपनी बांहें फ्लेक्स कीं, और उसका चेहरा गर्व से चमक रहा था। मैंने मजाक में उसकी अंडरवियर की तरफ इशारा किया, “और ये डंडा जैसा क्या है, भाई?” मेरी आवाज में शरारत थी, और मैंने अपनी हंसी दबाई। “चल हट, ये तो सबके पास होता है!” वो थोड़ा झेंप गया, लेकिन उसकी आंखों में एक शरारती चमक थी। “पर इतना बड़ा?” मैंने और छेड़ा, मेरी हंसी अब शरारत में बदल रही थी। मेरे दिल की धड़कन थोड़ी तेज हो गई। “है तो मैं क्या करूं?” उसने हंसते हुए कहा, और उसकी नजर मेरी नाइटी पर रुकी। “तू बता, तेरे पास क्या है?” “हट, पागल! लड़कियों के पास डंडा नहीं होता,” मैंने हंसते हुए कहा, लेकिन मेरे जिस्म में एक सनसनी सी दौड़ गई। मेरे गाल हल्के लाल हो गए। “अच्छा? तो दिखा ना, तू तो झूठ बोल रही है!” उसने मेरी जांघ पर हल्का सा थप्पड़ मारा, और उसका हाथ मेरी नाइटी के ऊपर से मेरी चूत के पास रगड़ा। “अरे, ये क्या? सच में कुछ अलग है!” उसकी उंगलियां हल्का सा दबाव डाल रही थीं। मेरे बदन में बिजली सी दौड़ गई। मैंने खुद को संभाला, लेकिन मेरी सांसें तेज हो गईं।

“अच्छा, तेरे पास तो है ना?” मैंने हिम्मत जुटाई और उसकी जींस के ऊपर से उसके लंड को हल्का सा छुआ। उसका लंड पहले से ही खड़ा था, और मेरे छूते ही वो हल्का सा कांप गया। “हाय, ये तो पत्थर जैसा सख्त है!” मैंने मजाक में कहा, लेकिन मेरी आवाज में एक अजीब सी उत्तेजना थी। “देख, और फोटो दिखाता हूँ,” उसने फोन उठाया और कुछ और तस्वीरें निकालीं। “ये देख, मेरा लंड, और ये रोहित का है। देख, मेरा कितना मोटा है!” वो जोश में बता रहा था। मेरे मन में खलबली मच रही थी। मेरी चूत हल्की गीली होने लगी थी, और मैं अपनी जांघें बार-बार रगड़ रही थी।

तभी मम्मी की आवाज आई, “क्या कर रहे हो तुम दोनों? चलो, खाना खा लो!” हम दोनों रजाई से निकले और हंसते हुए डाइनिंग टेबल की तरफ भागे। “खाने के बाद और दिखाऊंगा,” राहुल ने मेरे कान में फुसफुसाया। मेरे दिल की धड़कन और तेज हो गई, और मैंने बस मुस्कुराकर उसकी तरफ देखा।

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खाना खाने के बाद हम वापस अपने कमरे में आ गए। मम्मी-पापा ने कहा, “हम सोने जा रहे हैं। बत्ती बंद करके सो जाना।” मम्मी ने अपना कमरा बंद कर लिया। हमने टीवी चालू किया, लेकिन हमारा ध्यान टीवी पर नहीं था। रजाई अब बगल में पड़ी थी, और राहुल की जींस में उसका खड़ा लंड साफ दिख रहा था। उसने जानबूझकर उसे छुपाया नहीं। मैं समझ गई कि वो मुझे और उकसाना चाहता है।

मैंने भोलेपन का नाटक करते हुए पूछा, “राहुल, ये जो तेरा है ना, इसे क्या कहते हैं?” मैंने उसकी जींस के ऊपर से उसके लंड को फिर छुआ, इस बार हल्का सा दबाया। “अरे, ये तो सू-सू है,” उसने हंसते हुए कहा, लेकिन उसकी सांसें तेज हो रही थीं। “नहीं, सच बता, इसका नाम क्या है?” मैंने उसकी आंखों में देखते हुए पूछा, मेरी उंगलियां उसके लंड पर हल्के-हल्के रगड़ रही थीं। “अच्छा, गुस्सा मत होना। इसे लंड कहते हैं,” उसने धीरे से कहा और मेरी जांघ पर हाथ रख दिया। उसकी उंगलियां मेरी नाइटी के नीचे सरक गईं और मेरी चूत को हल्का सा दबाया। “और इसे? इसे चूत कहते हैं,” उसने कहा, और उसकी उंगली मेरी चूत की फांकों पर रगड़ी। मेरे बदन में आग सी लग गई। “हाय रे… चूत?” मैंने शरमाते हुए कहा, लेकिन मेरी आवाज में वासना साफ झलक रही थी।

“और ये?” मैंने अपनी चूचियों की तरफ इशारा किया। उसने मेरी नाइटी के ऊपर से मेरी चूचियों को छुआ और हल्का सा दबाया। “इसे चूंची कहते हैं,” उसने कहा, और उसका हाथ मेरी चूचियों को मसलने लगा। मेरी सांसें तेज हो गईं। उसका लंड अब जींस में तंबू बना रहा था। मैंने उसका लंड फिर से पकड़ा और जोर से दबाया। “हाय, कितना सख्त है!” मैंने कहा। राहुल सिसक पड़ा, “नेहा, कितना मस्त लग रहा है!”

“अच्छा, तू अपनी चूंची दिखा,” उसने कहा, उसकी आंखों में एक अजीब सी भूख थी। “नहीं, पहले तू अपना लंड दिखा,” मैंने जवाब दिया, मेरी आवाज में शरारत थी। “शरम आती है, तू पहले दबा तो सही,” उसने कहा। मैंने उसकी जींस के ऊपर से उसके लंड को जोर से मसला। वो हाय-हाय करने लगा। मेरे बदन में सनसनी फैल रही थी। “नेहा, कितना मजा आ रहा है!” उसने कहा, और उसकी उंगलियां मेरी नाइटी के नीचे मेरी चूत को फिर से छूने लगीं।

“अच्छा, अब तू मेरी चूंची देख,” मैंने अपनी नाइटी ऊपर उठाई और अपनी चूचियां आजाद कर दीं। मेरी चूचियां, गोरी और मध्यम आकार की, हल्के भूरे निप्पल्स के साथ, राहुल की आंखों के सामने थीं। उसने मेरी चूचियों को पकड़ा और जोर से दबाया। “आह्ह!” मैं सिसक उठी। उसकी उंगलियां मेरे निप्पल्स को मसल रही थीं, और मेरी चूत में गीलापन बढ़ रहा था।

“अब लंड दिखा ना, प्लीज,” मैंने कहा, मेरी आवाज में एक अजीब सी बेचैनी थी। राहुल ने अपनी जींस और अंडरवियर नीचे खींचा। उसका लंड, करीब सात इंच का, मोटा और कड़क, मेरे सामने था। मेरी आंखें फटी रह गईं। “हाय, कितना बड़ा है!” मैंने कहा और उसे पकड़ लिया। वो गर्म लोहे जैसा था। मैंने उसे हल्का सा हिलाया, और राहुल की सिसकियां बढ़ गईं। “नेहा, हाय… और कर!” उसने कहा।

“अब तू अपनी चूत दिखा,” उसने कहा, उसकी आवाज में उत्तेजना थी। मैंने शरमाते हुए अपनी नाइटी और ऊपर उठाई और अपनी टांगें फैलाईं। मेरी चूत, हल्की गीली, उसके सामने थी। उसने अपनी उंगली मेरी चूत की फांकों पर फिराई और छेद में डाल दी। “आह्ह्ह!” मैं तड़प उठी। उसकी उंगली अंदर-बाहर हो रही थी, और मेरी चूत और गीली हो गई। मैंने उसका हाथ हटाया, लेकिन सच में मुझे और चाहिए था।

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“चल, अब सो जा, बाकी कल करेंगे,” मैंने कहा, लेकिन मेरे मन में आग भड़क रही थी। राहुल मेरे पास लेट गया और बोला, “नेहा, चूत में लंड कैसे जाता है? तुझे पता है?” मेरे मन में वासना की लहरें दौड़ने लगीं। “नहीं पता, तू कोशिश करके देख,” मैंने कहा, मेरी आवाज में शरारत थी। “शायद तेरा लंड घुसे ही ना।” “कैसे करूं?” उसने पूछा, उसकी सांसें तेज थीं। “ऐसा कर, मेरे ऊपर आ, और लंड को चूत पर रखकर जोर लगा,” मैंने कहा। मेरे बदन में सिरहन हो रही थी।

राहुल मेरी टांगों के बीच आ गया। उसने अपनी जींस और अंडरवियर पूरी तरह उतार दी। उसका लंड अब मेरी चूत के मुहाने पर था। मेरी चूत पहले से गीली थी, और मेरे बदन में वासना की लहरें दौड़ रही थीं। उसने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा। “आह्ह, राहुल, डाल ना!” मैंने सिसकते हुए कहा। उसने धीरे से जोर मारा, और उसका लंड आधा अंदर घुस गया। “आह्ह्ह!” मैं चीख पड़ी। दर्द और मजा दोनों एक साथ थे।

“और जोर से, पूरा डाल!” मैंने कहा, मेरी सांसें तेज थीं। वो मेरे ऊपर लेट गया और एक जोरदार धक्का मारा। उसका पूरा लंड मेरी चूत में समा गया। “हाय रे… कितना मोटा है!” मैं सिसक रही थी। राहुल ने धक्के मारने शुरू किए। “पच-पच” की आवाज कमरे में गूंज रही थी। मेरी चूत की दीवारें उसके लंड को जकड़ रही थीं। “आह्ह… ऊह्ह… राहुल, और जोर से!” मैं चिल्ला रही थी।

“दीदी, कितना मजा आ रहा है!” उसने कहा और मेरी चूचियों को मसलना शुरू कर दिया। उसकी उंगलियां मेरे निप्पल्स को खींच रही थीं। मैं आनंद में डूब रही थी। उसने अपनी रफ्तार बढ़ाई, और धक्के तेज हो गए। “पच-पच, फच-फच” की आवाजें मेरे कानों में मधुर संगीत जैसी थीं। मैंने अपनी टांगें और चौड़ी कर दीं, ताकि उसका लंड और गहराई तक जाए।

“राहुल, और जोर से चोद! हाय… कितना मस्त है!” मैंने कहा। उसने मुझे जोर से जकड़ लिया और धक्के मारने की रफ्तार बढ़ा दी। मेरी चूत अब पूरी तरह गीली थी, और हर धक्के के साथ मेरे बदन में बिजली सी दौड़ रही थी। मैंने उसकी पीठ पर नाखून गड़ा दिए। “आह्ह… ऊह्ह… राहुल, चोद ना मुझे!” मैं चिल्ला रही थी।

फिर उसने मुझे घोड़ी बनने को कहा। मैंने करवट ली और घुटनों के बल हो गई। उसने मेरी नाइटी पूरी तरह ऊपर कर दी, और मेरी चूत फिर से उसके सामने थी। उसने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ा और एक जोरदार धक्का मारा। “आह्ह्ह!” मैं फिर सिसक उठी। उसका लंड अब और गहराई तक जा रहा था। “पच-पच” की आवाज तेज हो गई। मैंने अपने कूल्हे हिलाए, ताकि उसका लंड और अंदर जाए। “हाय, राहुल, चोद ना, और जोर से!” मैं चिल्ला रही थी।

वो मेरे कूल्हों को पकड़कर धक्के मार रहा था। उसकी उंगलियां मेरी चूचियों को मसल रही थीं, और मेरे निप्पल्स को खींच रही थीं। मैं आनंद के समंदर में डूब रही थी। अचानक मुझे लगा कि मैं झड़ने वाली हूँ। “राहुल, मैं… मैं झड़ रही हूँ!” मैंने चीखा, और मेरी चूत ने उसके लंड को और जोर से जकड़ लिया। उसी वक्त राहुल भी झड़ गया। उसका गर्म माल मेरी चूत में भर गया। वो मेरे ऊपर ढेर हो गया, और हम दोनों हांफ रहे थे।

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“अरे, हट ना! ये क्या कर दिया?” मैंने हंसते हुए कहा, मेरी सांसें अभी भी तेज थीं। “मुझे क्या पता, दीदी! अपन तो बस कोशिश कर रहे थे,” उसने हंसते हुए कहा। “ये तो चुदाई कहलाती है, है ना?” “हां, और मस्त चुदाई थी!” मैंने कहा। “अब पीछे भी कोशिश करेगा?” “कहां? गांड में?” उसने चौंकते हुए पूछा। “हां, देख ना, घुसता है कि नहीं,” मैंने शरारत से कहा।

मैंने करवट ली और अपनी गांड उसके सामने कर दी। उसका लंड फिर से कड़क हो गया था। मैंने अपनी गांड ढीली की, और उसने अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रखा। “हल्के से डाल,” मैंने कहा। उसने धीरे से जोर लगाया, और उसका लंड मेरी गांड में सरकने लगा। “आह्ह… धीरे!” मैं सिसक उठी। दर्द था, लेकिन मजा भी आ रहा था। उसने मेरी चूचियों को पकड़ लिया और धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। “पच-पच” की आवाज फिर शुरू हो गई।

“हाय, दीदी, गांड चोदने में तो और मजा है!” उसने कहा। मैंने भी अपनी गांड को और ढीला किया, ताकि उसका लंड और अंदर जाए। उसकी रफ्तार बढ़ी, और मेरी गांड का तंग छेद उसके लंड को जकड़ रहा था। कुछ ही मिनटों में उसका माल फिर छूट गया, और मेरी गांड गर्म माल से भर गई।

“हाय, राहुल, तू तो कमाल है!” मैंने हांफते हुए कहा। “दीदी, रोज करेंगे ना?” उसने पूछा, उसकी आंखों में शरारत थी। “हां, पर मम्मी-पापा को मत बताना, वरना पिटाई हो जाएगी,” मैंने हंसते हुए कहा। “अरे, मरना थोड़े है!” उसने कहा। “और चोदेगा?” मैंने शरारत से पूछा। “हां, दीदी, तुझे खूब चोदूंगा!” उसने जोश में कहा।

मैंने फिर अपनी टांगें चौड़ी कीं, और उसका लंड फिर मेरी चूत में घुस गया। “आह्ह… ऊह्ह…” मेरी सिसकियां फिर शुरू हो गईं। उसने मुझे अलग-अलग पोजीशन में चोदा—कभी मेरे ऊपर, कभी मुझे घोड़ी बनाकर, कभी मेरी टांगें अपने कंधों पर रखकर। हर धक्के के साथ मेरी चूत और गीली होती जा रही थी। “पच-पच, फच-फच” की आवाजें कमरे में गूंज रही थीं। मैंने अपने नाखून उसकी पीठ पर गड़ाए, और वो मेरी चूचियों को मसल रहा था। रात भर हमने चुदाई की, और मेरा सारा खुमार उतर गया।

सुबह हम दोनों के बदन टूट रहे थे, लेकिन हमारे चेहरों पर मुस्कान थी। हम रात का इंतजार करने लगे। क्या आपको लगता है कि हमें ऐसा रोज करना चाहिए?

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