बॉस की बेटी की चुदाई

Teacher ne boss ki beti ko choda पिछले महीने एक दिन मेरे बॉस ने मुझे और मेरी पत्नी को डिनर पर उसके घर बुलाया था। हम दोनों उस शाम उसके घर गए। उसके परिवार में उसकी पत्नी, वह खुद और उसकी एक बेटी है। उसकी बेटी कॉलेज में पढ़ती है, उम्र करीब 20 साल की होगी, गोरी-चिट्टी, लंबे बालों वाली और काफी आकर्षक फिगर वाली लड़की। मैं खुद फिजिक्स का मास्टर हूं, और मेरी पत्नी भी जॉब करती है। उस शाम हम सब काफी घुल-मिल गए। बातों-बातों में बॉस ने बताया कि उसकी बेटी फिजिक्स सब्जेक्ट में काफी कमजोर है। उसने मुझसे रिक्वेस्ट की कि क्या मैं उसकी बेटी को फिजिक्स पढ़ा सकता हूं। मैंने हां कह दी, और मेरी पत्नी ने भी इंसिस्ट किया कि मैं उसे पढ़ाऊं।

फिर मैंने उससे कहा कि तुम शनिवार-रविवार मेरे घर आया करो। मुझे सैटरडे-संडे छुट्टी होती है। उसने हां कह दी। अगले शनिवार को वह मेरे घर आ गई। घर पर मैं अकेला था क्योंकि मेरी पत्नी जॉब करती है और उसे सिर्फ संडे छुट्टी मिलती है। मैंने उसे अपनी पास वाली कुर्सी पर बिठाया और फिजिक्स पढ़ाना शुरू किया। काफी देर तक मैं उसे मन लगाकर पढ़ाता रहा, हर कॉन्सेप्ट को डिटेल में समझाता, डायग्राम बनाता और उदाहरण देता।

थोड़ी देर बाद मैंने उसे कुछ प्रॉब्लम्स सॉल्व करने को दिए और खुद चाय बनाने किचन में चला गया। चाय लेकर जब मैं वापस आया तो मेरी नजर उसकी कमर पर पड़ी। उसने जींस और शॉर्ट टॉप पहना हुआ था। वह टेबल पर झुककर लिख रही थी, इसलिए पीछे से उसका टॉप ऊपर उठ गया था। मैं उसके बगल में आकर बैठ गया। मेरा पूरा ध्यान उसकी नंगी कमर पर था। जींस नीचे सरकी हुई थी, और उसकी पैंटी की लेस दिख रही थी। मैं काफी उत्तेजित हो चुका था, लेकिन खुद को रोकने की कोशिश कर रहा था क्योंकि वह मेरे बॉस की बेटी थी और उम्र में मुझसे काफी छोटी। फिर वह मुझसे क्वेश्चन पूछने लगी। मैं जवाब दे रहा था, लेकिन मेरा ध्यान बार-बार उसकी कमर पर जा रहा था। वह काफी मासूम लग रही थी, आंखें नीचे करके सिर्फ पढ़ाई पर फोकस। थोड़ी देर बाद वह घर चली गई।

वह जाने के बाद मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मेरे दिमाग में उसका फिगर घूम रहा था। मेरा लंड काफी खड़ा हो चुका था। मैं थोड़ी देर बेड पर लेट गया, लेकिन उत्तेजना कम नहीं हुई। फिर मैं उठकर बाथरूम गया और हाथ से हिलाकर खुद को शांत किया। रात को बॉस का फोन आया, वह मेरी तारीफ कर रहा था कि मैंने उसकी बेटी को बहुत अच्छे से पढ़ाया।

रात को जब मैं सोने गया तो पत्नी के साथ सेक्स करते समय मुझे उसकी बेटी(Boss ki beti) का चेहरा नजर आ रहा था। मैंने पत्नी को उसी समझकर जोर-जोर से चोदा। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मुझे क्या हो रहा है। पूरी रात मैं उसके बारे में सोचता रहा। अगले दिन वह फिर आने वाली थी। रविवार को जब वह आई तो सलवार-सूट पहने हुए थी। मैंने थोड़ी देर उसे पढ़ाया, वह ध्यान से सुन रही थी, फिर वह घर चली गई। मेरी पत्नी भी मेरे पढ़ाने की तारीफ कर रही थी।

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अगले हफ्ते शनिवार को मैं उसका इंतजार कर रहा था। जब वह आई तो पैंट और शॉर्ट टॉप पहने हुए थी। उसका फिगर बहुत सेक्सी लग रहा था, टाइट पैंट में उसकी गांड उभरी हुई, और टॉप से उसकी कमर चमक रही थी। मैंने पढ़ाना शुरू किया, लेकिन मेरा ध्यान उसके बदन को छूने पर था। थोड़ी देर मैं ऐसे ही उसके करीब बैठा रहा, फिर हिम्मत करके अपना एक हाथ पीछे से उसकी खुली कमर पर रख दिया और प्यार से सहलाते हुए पढ़ाने लगा। वह भी इंटरेस्ट से पढ़ रही थी, कोई विरोध नहीं किया। धीरे-धीरे मैंने हाथ उसके टॉप के अंदर घुसा दिया और उसकी पीठ पर घुमाने लगा। मैं काफी उत्तेजित हो चुका था, दिल की धड़कन तेज, और समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या कर रहा हूं।

थोड़ी देर मैं ऐसे ही हाथ घुमाता रहा, उसकी ब्रा के ऊपर से सहलाता रहा। वह क्वेश्चन सॉल्व करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसकी सांसें थोड़ी तेज हो गई थीं। मैंने धीरे से उसके चेहरे की तरफ देखा तो उसकी आंखें बंद थीं और वह धीरे से मुस्करा रही थी, जैसे मजा आ रहा हो। मेरी हिम्मत बढ़ गई, मैंने हाथ उसके बूब्स पर घुमाना शुरू किया। वह धीरे-धीरे सिसकारियां लेने लगी, “आह… उह…” जैसी आवाजें निकल रही थीं। फिर मैंने उसका हाथ पकड़कर अपनी पैंट के ऊपर लंड पर रख दिया, लेकिन उसने झट से हाथ छुड़ा लिया।

पर उसने मुझे हाथ घुमाने से नहीं रोका। फिर मैंने उसके ब्रा के हुक खोल दिए और नंगे टिट्स पर हाथ घुमाने लगा। मुझे लग रहा था कि वह काफी उत्तेजित हो चुकी है, उसके निप्पल्स सख्त हो गए थे। मैंने धीरे से उसकी पैंट की चेन खोल दी, लेकिन वह हाथ डालने से रोक रही थी। फिर भी मैंने जबरदस्ती हाथ अंदर डाल दिया और पैंटी के ऊपर से उसकी चूत के साथ खेलने लगा। उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी, चूत की दरार से पानी रिस रहा था। फिर मैंने उसका हाथ दोबारा पकड़ा और पैंट से लंड बाहर निकालकर उसके हाथ में थमा दिया। इस बार उसने विरोध नहीं किया, बस लंड पकड़ लिया और धीरे-धीरे सहलाने लगी। अभी भी वह नीचे देखते हुए मुस्करा रही थी। ये सब करीब 30 मिनट तक चला, लेकिन हमने नजर नहीं मिलाई और कोई बात नहीं की। सब चुपचाप चल रहा था, सिर्फ सांसों की आवाज और हल्की सिसकारियां।

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फिर मैंने उसकी तरफ देखकर कहा कि खड़ी हो जाओ। वह मेरी तरफ पीठ करके मेरे सामने खड़ी हो गई। मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और गर्दन पर किस करना शुरू किया, होंठों से चूमते हुए नीचे की तरफ आया। फिर मैं कुर्सी पर बैठ गया और उसकी पैंट उतार दी। वह अभी भी पीठ करके खड़ी थी। मैंने उसके चूतड़ों को मसलना शुरू किया, दोनों हाथों से दबाते हुए, “कितनी मुलायम गांड है तेरी…” मैंने धीरे से कहा। थोड़ी देर में मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी। अब वह सिर्फ शर्ट पहने हुए पीठ करके खड़ी थी, नंगी गांड मेरी तरफ। फिर मैंने अपनी पैंट उतारी, अपना तना हुआ लंड हाथ में लिया और उसे उल्टा अपनी गोद में बिठा लिया। लंड पीछे से उसकी जांघों में चूत के पास डाल दिया। वह चुपचाप बैठ गई, लेकिन उसकी चूत मेरे लंड पर रगड़ रही थी। मैंने उसका टॉप ऊपर उठाया और पीठ पर चूसने लगा, जीभ से चाटते हुए। दोनों हाथों से उसके बूब्स पकड़ लिए, निप्पल्स को मसलते हुए। वह “आह… उम्म… हां…” सिसकारियां ले रही थी, कमर हिलाते हुए।

थोड़ी देर ऐसे ही चला, फिर मैं उसे बेडरूम लेकर गया। उसे बेड पर बिठाकर उसके बाजू में खड़ा हो गया। वह अभी भी शरमाते हुए स्माइल दे रही थी, कोई बात नहीं की, न मना किया। फिर मैं अपना लंड उसके मुंह के पास ले गया और कहा, “इसे मुंह में लो।” उसने सिर हिलाकर ना कहा, लेकिन मैंने फोर्स करके लंड उसके होंठों पर रख दिया। थोड़ी देर में वह चूसने लगी, पहले हिचकिचाते हुए, फिर सफाई से जीभ घुमाते हुए। “आह… अच्छे से चूस… हां ऐसे…” मैंने कहा। अब मैंने हाथ से उसकी चूत सहलाना शुरू किया, उंगली से क्लिट रगड़ते हुए। वह गीली थी, पानी बह रहा था। फिर मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और दोनों टांगें फैला दीं। अब उसकी चूत पूरी तरह दिख रही थी, गुलाबी, गीली और फैली हुई। मैंने जीभ उसकी चूत में डाल दी और चूसना शुरू किया, जीभ से अंदर-बाहर करते हुए, क्लिट पर चाटते हुए। वह उत्तेजना से छटपटा रही थी, “आह… उह… मत रुको… आह…” सिसकारियां ले रही थी, मेरा सिर दोनों हाथों से पकड़ लिया था, बाल खींचते हुए। थोड़ी देर में मेरा लंड पूरा टाइट हो चुका था, करीब 7 इंच का, मोटा और सख्त। virgin girl chudai

अब मैंने चोदने की पोजिशन ली। उसने मना किया, “नहीं… मैंने कभी नहीं किया… दर्द होगा।” मैंने उसे समझाया, “थोड़ा दर्द होगा, लेकिन मजा आएगा… चुप हो जा।” फिर जबरदस्ती लंड चूत में डाल दिया। वह जोर से चिल्लाई, “आआआ… उई मां… दर्द हो रहा है!” थोड़ा खून निकला, लेकिन मुझे रुकना नहीं आया। मैं उसके ऊपर टूट पड़ा, धक्के मारते हुए। पहले धीरे-धीरे, फिर स्पीड बढ़ाई। थोड़ी देर में उसने दोनों हाथों से मेरी कमर पकड़ ली और जोर-जोर से खींचने लगी, “हां… आह… जोर से… चोदो मुझे…” वह कह रही थी। अब मेरी स्पीड तेज हो गई, लंड अंदर-बाहर, चूत की दीवारें रगड़ रही थीं, “फच… फच…” की आवाज आ रही थी। मुझे लगा अब उसे मजा आ रहा है, वह कमर उठाकर मिला रही थी।

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फिर मैंने पोजिशन चेंज की, उसे घोड़ी बनाया। पीछे से लंड डाला और गांड पकड़कर धक्के मारे, “कितनी टाइट चूत है तेरी… आह…” मैं कहता रहा। वह “उम्म… हां… जोर से… आह…” सिसकारियां ले रही थी, बाल बिखरे हुए, पसीने से भीगी। फिर मैंने उसे ऊपर बिठाया, काउगर्ल स्टाइल में, वह मेरे लंड पर उछल रही थी, बूब्स हिल रहे थे। मैं नीचे से धक्के मारता, “चोद… हां ऐसे… तेरी चूत कितनी गर्म है…”। करीब 20 मिनट ऐसे चला, फोरप्ले मिलाकर। फिर मेरे लंड ने जवाब दे दिया, मैंने बाहर निकालकर उसकी कमर पर माल गिरा दिया। वह पूरी संतुष्ट लग रही थी, सांसें तेज, शरीर कांप रहा था। फिर मैंने उसे उठाकर बाथरूम भेज दिया। बेड की चादर मैंने हटा दी और नई डाल दी। थोड़ी देर में वह फ्रेश होकर कपड़े पहनकर आई। फिर घर जाने लगी। मैंने बात करने की कोशिश की, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा।

उसके जाने के बाद मुझे डर लगने लगा, शायद वह किसी को बता दे। अगले दिन वह क्लास नहीं आई तो मैं और डर गया। ऑफिस में बॉस का बिहेवियर नॉर्मल था, तो थोड़ा टेंशन कम हुआ। इसी बीच उसका कोई कॉल नहीं आया। उस वीक शनिवार को मेरी पत्नी ऑफिस चली गई, मैं कंप्यूटर पर काम कर रहा था। अचानक डोरबेल बजी। दरवाजा खोला तो वह खड़ी थी। शरमाते हुए स्माइल दी और अंदर आ गई। मैंने दरवाजा बंद किया, वह मुझसे लिपट गई। आज मैं उसे सीधे बेडरूम ले कर गया।

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