एक अनोखी सुहागरात

Bhabhi ke sath suhaagraat sex सबसे पहले मैं सभी कहानी पढ़ने वालों को दिल से नमस्ते कहना चाहता हूँ। आप सबने मेरी पिछली कहानियाँ पढ़ीं और इतना प्यार दिया, इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत शुक्रगुजार हूँ। आपके ढेर सारे मेल्स ने मुझे फिर से आपके सामने एक नई कहानी लाने के लिए प्रेरित किया। एक खास मेल ने मुझे इतना उत्साहित किया कि मैं आज फिर अपनी जिंदगी की एक सच्ची और हॉट घटना आपके साथ शेयर करने जा रहा हूँ।
मेरे बारे में थोड़ा बता दूँ। मेरा नाम फैज है, मैं हैदराबाद में अकेला रहता हूँ और बैचलर हूँ। मेरा इलेक्ट्रॉनिक्स का छोटा-सा बिजनेस है। दिखने में मैं एवरेज हूँ, लेकिन मेरी फिट बॉडी और एनर्जी मुझे खास बनाती है। मैं हमेशा सेक्स के लिए तैयार रहता हूँ, और ये मेरी सबसे बड़ी खूबी है। खासकर मुझे भाभियों में बहुत इंटरेस्ट है। उनकी उछलती गांड और अनुभव भरा अंदाज चुदाई को और मजेदार बना देता है। उनकी हर सिसकारी और हर हरकत मुझे और जोश दिलाती है। मेरा लंड 6.5 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है, जो किसी भी चूत को शांत करने और उसकी आग बुझाने के लिए काफी है।
ये कहानी एक महीने पुरानी है। एक दिन मुझे एक भाभी का मेल आया। उसने लिखा कि मेरी पिछली कहानी पढ़कर उसकी चूत में आग लग गई है। वो इतनी गर्म हो चुकी थी कि अब उसे मुझसे मिलना था। उसने मुझे अपने बारे में बताया और मैंने उसे तुरंत जवाब दिया। करीब एक हफ्ते बाद एक अनजान नंबर से कॉल आई। दूसरी तरफ एक मधुर और थोड़ी घबराई हुई आवाज थी। उसका नाम शाहीन था। वो हैदराबाद की रहने वाली थी और उसका निकाह अभी एक महीने पहले ही हुआ था। लेकिन शादी के दूसरे दिन ही उसके शौहर को काम के सिलसिले में दुबई जाना पड़ा। उसने बताया कि शादी की रात उसके शौहर ने उसे छुआ तक नहीं। वो इतने दिनों से अपनी जवानी की आग को दबाकर रख रही थी, लेकिन मेरी कहानी पढ़ने के बाद उसका सब्र टूट गया। वो अब जबरदस्त चुदाई चाहती थी।
उसने मुझे अपने घर बुलाया और कहा, “फैज, मेरी चूत की आग को ठंडा कर दो। मैं अब और नहीं रुक सकती।” उसकी बातों में इतनी तड़प थी कि मैं अगले ही दिन उसके बताए पते पर पहुँच गया। दरवाजा खुलते ही मेरी आँखें फटी रह गईं। शाहीन सामने खड़ी थी—इतनी गोरी कि चाँद भी फीका लगे। उसकी आँखों में शरारत और होंठों पर हल्की-सी मुस्कान थी। उसने मुझे अंदर बुलाया और कहा, “तुम बैठो, मैं अभी आती हूँ।”
थोड़ी देर बाद जब वो वापस आई, तो मैं तो जैसे पागल हो गया। उसने लाल रंग की ट्रांसपेरेंट नाइटी पहनी थी, जिसमें से उसका गोरा जिस्म साफ झलक रहा था। उसकी चूचियाँ नाइटी के ऊपर से उभरी हुई थीं, और उसकी गांड का उभार देखकर मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया। वो मेरे पास आकर बैठ गई। हम बातें करने लगे, लेकिन उसकी नजरें बार-बार मेरे जिस्म पर रुक रही थीं। अचानक उसने मेरी जांघ पर हाथ रख दिया। उसका गर्म स्पर्श मेरे पूरे बदन में आग लगा गया। मैंने भी हिम्मत करके उसके कंधे पर हाथ रखा और धीरे-धीरे उसकी चूचियों की तरफ बढ़ा।
जैसे ही मेरा हाथ उसकी नरम और भरी हुई चूचियों को छुआ, वो सिहर उठी। उसके मुँह से हल्की-सी सिसकारी निकली, “आआह्ह… श्ह्ह…” उसने मेरी आँखों में देखा और बोली, “यहाँ नहीं, बेडरूम में चलो।” मैंने उसे गोद में उठा लिया। उसका नरम जिस्म मेरे सीने से चिपक गया। बेडरूम में जाते ही उसने मुझे धक्का देकर बेड पर गिरा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गई। वो बोली, “फैज, मैं बहुत दिनों से प्यासी हूँ। मेरी जवानी की आग बुझा दो। आज मुझे पूरा खा जाओ। मेरी चूत को चैन दे दो, मेरे राजा… आआह्ह… ओह्ह…”
उसकी बातों ने मुझे जोश से भर दिया। हम दोनों ने एक-दूसरे के कपड़े फाड़ने की तरह उतार दिए। अब हम दोनों पूरी तरह नंगे थे। उसका बदन शीशे की तरह चमक रहा था। उसकी चूचियाँ गोल, भरी हुई और गुलाबी निप्पल्स के साथ इतनी सेक्सी थीं कि मैं उन्हें देखकर पागल हो गया। मैंने उसके रसभरे होंठों को चूसना शुरू किया। वो तड़प रही थी, “आआह्ह… फैज… और जोर से…” मैंने उसकी जीभ को अपनी जीभ से लपेट लिया और गहराई से चूसने लगा। उसका मुँह इतना मीठा था कि मैं रुक ही नहीं पा रहा था।
फिर मैंने उसके गले को चूमा, धीरे-धीरे नीचे की तरफ बढ़ा। उसकी चूचियों को मैंने दोनों हाथों से पकड़ लिया। वो इतनी नरम थीं कि मेरे हाथों में जैसे दबकर पिघल रही थीं। मैंने उसके निप्पल्स को मुँह में लिया और चूसना शुरू किया। वो सिसकारियाँ लेने लगी, “आआह्ह… ओह्ह… फैज… इन्हें खा जाओ… इनकी सारी गर्मी निकाल दो…” मैंने एक चूची को चूसा और दूसरी को मसलना शुरू किया। उसका बदन काँप रहा था। वो मेरे बालों को पकड़कर अपनी चूचियों में और दबाने लगी।
अचानक मुझे अपने लंड पर कुछ गर्म-गर्म महसूस हुआ। शाहीन ने मेरे लंड को अपने नाजुक हाथों से पकड़ लिया और धीरे-धीरे हिलाने लगी। उसका स्पर्श ऐसा था कि मेरे पूरे बदन में करंट दौड़ गया। मैंने कहा, “मेरी जान, इसे और प्यार दो। ये तुम्हारी प्यास बुझाएगा।” वो हँस पड़ी और बोली, “अब देखो, मैं इसे कितना प्यार देती हूँ।” उसने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया। वो इतने प्यार से चूस रही थी, जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप चूसता है। उसकी जीभ मेरे लंड के टोपे पर गोल-गोल घूम रही थी। वो कभी उसे पूरा मुँह में लेती, तो कभी सिर्फ टोपे को चूसती। मैं सिसकारियाँ लेने लगा, “आआह्ह… शाहीन… ओह्ह… और जोर से…”
करीब दस मिनट तक वो मेरे लंड को चूसती रही। उसकी गर्म साँसें मेरे लंड को और सख्त कर रही थीं। अचानक मेरा पानी निकल गया। उसने एक-एक बूंद पी ली और चूसना जारी रखा। जब तक आखिरी बूंद नहीं निकली, वो रुकी नहीं। फिर मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूत की तरफ बढ़ा। उसकी चूत इतनी खूबसूरत थी कि मैं देखता ही रह गया। गुलाबी, चिकनी और बिल्कुल साफ। मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया, जिससे उसकी चूत ऊपर उठ गई।
मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर रखी और धीरे-धीरे चाटना शुरू किया। उसका स्वाद इतना नशीला था कि मैं पागल हो गया। मैंने उसकी चूत के दाने को जीभ से सहलाया। वो तड़पने लगी, “आआह्ह… फैज… ओह्ह… इसे खा जाओ… मेरी चूत को चूस डालो…” मैंने उसकी चूत को और जोर से चूसा। मेरी जीभ उसकी चूत के अंदर तक जा रही थी। वो चीख रही थी, “हाय… यस… यस… ओह्ह… श्ह्ह्ह… मेरी चूत को चैन दे दो…” उसका बदन काँप रहा था। मैंने उसकी चूत के दाने को हल्के से दाँतों से काटा। वो जोर से चीख पड़ी, “आआह्ह… फैज… मार डाला…”
मैंने उसकी चूत को करीब पंद्रह मिनट तक चूसा। वो दो बार झड़ चुकी थी। उसकी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी। फिर वो बोली, “अब और मत तड़पाओ… अपनी मूसल जैसी लाठी मेरी चूत में डाल दो…” मैंने उसकी टाँगें चौड़ी कीं और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ा। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि वो शादीशुदा है। मैंने थोड़ा-सा तेल लिया, अपने लंड पर लगाया और उसकी चूत पर भी। फिर धीरे-धीरे लंड को उसकी चूत में डालना शुरू किया।
जैसे ही मेरा लंड थोड़ा-सा अंदर गया, वो मचलने लगी। “आआह्ह… दर्द हो रहा है…” मैंने धीरे-धीरे आगे बढ़ना शुरू किया। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड मुश्किल से अंदर जा रहा था। मैंने थोड़ा जोर लगाया, और मेरा आधा लंड उसकी चूत में समा गया। वो चीख पड़ी और उसकी आँखों में आँसू आ गए। मैं रुक गया। वो बोली, “रुकना मत… मेरे आँसुओं को मत देखो… बस पेल दो…”
मैंने पूरी ताकत से एक धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया। वो दर्द से कराह उठी, “हाय… मार डाला…” लेकिन मैं धीरे-धीरे धक्के मारने लगा। थोड़ी देर बाद उसे भी मजा आने लगा। वो अपनी गांड उछाल-उछाल कर चुदवाने लगी। “आआह्ह… फैज… और जोर से… मेरी चूत को फाड़ दो…” मैंने स्पीड बढ़ा दी। उसकी चूत की गर्मी और टाइटनेस मेरे लंड को पागल कर रही थी। “फच… फच…” की आवाजें कमरे में गूँज रही थीं।
मैंने उसे घोड़ी बनाया। उसकी गांड इतनी सेक्सी थी कि मैंने उसे पहले चाटा। फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत में पीछे से डाला। वो चीख रही थी, “हाय… मेरे राजा… और गहरा… मेरी चूत को चीर दो…” मैंने उसकी कमर पकड़ी और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। वो सिसकारियाँ ले रही थी, “आआह्ह… ओह्ह… श्ह्ह्ह… और जोर से…” करीब बीस मिनट तक मैंने उसे इस पोजीशन में चोदा। वो फिर झड़ गई।
फिर मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी टाँगें अपने कंधों पर रखीं। इस बार मैंने धीरे-धीरे अपना लंड उसकी चूत में डाला और गहरे धक्के मारने लगा। वो चिल्ला रही थी, “हाय… फैज… तुमने तो मेरी चूत की जवानी खोल दी… आज से ये चूत तुम्हारी है… जब चाहो चोदो…” मैंने उसे आधे घंटे तक अलग-अलग पोजीशन में चोदा—कभी मिशनरी, कभी घोड़ी, कभी वो मेरे ऊपर। वो तीन बार और झड़ी।
अंत में मैंने उसकी गांड मारी। उसकी गांड भी इतनी टाइट थी कि मुझे तेल लगाना पड़ा। मैंने धीरे-धीरे अपना लंड उसकी गांड में डाला। वो दर्द से चीख रही थी, लेकिन साथ ही मजा भी ले रही थी। “आआह्ह… फैज… मेरी गांड को भी अपना बना लो…” मैंने उसे बीस मिनट तक गांड में चोदा। आखिरकार मैं भी झड़ गया।
वो बिल्कुल शांत होकर लेट गई और बोली, “फैज, कहने को तो मेरा शौहर कोई और है, लेकिन मेरे दिल में तुम ही मेरे असली शौहर हो। तुमने मुझे वो सुख दिया, जिसके लिए मैं तरस रही थी। आज से मैं तुम्हारी हूँ। बस मुझे ऐसे ही चोदते रहना।” अब उसका शौहर वापस आ गया है, लेकिन हम जब भी मौका मिलता है, चुदाई कर लेते हैं।
आपको मेरी जिंदगी की ये हकीकत कैसी लगी? मुझे जरूर बताइएगा। मैं अपनी और भी कहानियाँ आपके साथ शेयर करना चाहता हूँ। अगर कोई लेडी मुझसे रिलेशन बनाना चाहे, तो मैं हमेशा तैयार हूँ। हमारा रिलेशन पूरी तरह गोपनीय रहेगा।

Related Posts

इसे भी पढ़ें  कुँवारी कजिन मेघा की चुदाई - गन्दी बातों के साथ

Leave a Comment