Gokuldham me chudai ka hungama गोकुलधाम सोसाइटी की रौनक उस रात कुछ अलग ही थी। आसमान में चाँद अपनी पूरी शिद्दत से चमक रहा था, और हल्की ठंडी हवा खिड़कियों से टकराकर कमरों में घुस रही थी। दया अपने किसी रिश्तेदार के पास गई हुई थी, और बापूजी गाँव चले गए थे। घर में सिर्फ जेठालाल और तापू थे। रात के सन्नाटे में, जेठालाल अपने बेडरूम में सोने चले गए, जबकि तापू अपने कमरे में था, बेचैन और उत्तेजित। उसका मन कुछ गर्मागर्म करने को कर रहा था। उसने फोन उठाया और सोनू को कॉल कर दिया।
“सोनू, आज मम्मी भी घर पर नहीं हैं, और मेरा मन बहुत सेक्स करने का हो रहा है,” तापू ने उत्साह भरे लहजे में कहा।
सोनू ने हँसते हुए जवाब दिया, “अरे, क्लब हाउस में करें या तेरे घर पर?”
तापू ने तुरंत कहा, “नहीं, आज इतनी जल्दी मन कैसे गया? भिड़े अंकल घर पर नहीं हैं क्या?”
सोनू ने शरारती अंदाज में बताया, “अरे, मम्मी किसी रिश्तेदार के यहाँ गई हैं। शायद सेक्स करने ही गई होंगी। बाबा को थ्रीसम का भूत चढ़ा था, तो वो भी किसी औरत के साथ मस्ती करने गए हैं।”
तापू ने मजाक में कहा, “तो मैं मध्वी आंटी के साथ बाहर जाने की जरूरत थी क्या? बाबा को दो औरतों के साथ थ्रीसम करना था, और तूने मुझे अकेले क्यों नहीं करने दिया?”
सोनू ने हँसते हुए कहा, “अरे, तू एक काम कर, मेरे घर आजा। बहुत मजा आएगा। मेरे पास वियाग्रा भी है।”
“नहीं सोनू, मैं सिर्फ तेरे साथ करना चाहता हूँ,” तापू ने जिद की।
“लेकिन जेठ अंकल भी तो घर पर होंगे। अगर उन्होंने भी कुछ किया तो?” सोनू ने थोड़ा डरते हुए पूछा।
“डोन्ट वरी, पापा सो गए हैं। तू बस आजा,” तापू ने भरोसा दिलाया।
“ठीक है, लेकिन चेक कर लेना,” सोनू ने कहा और फोन रख दिया।
सोनू ने अपने घर का ताला लगाया और चुपके से तापू के घर पहुँच गई। लेकिन तापू ने जल्दबाजी में जेठालाल के कमरे में चेक नहीं किया। जैसे ही सोनू अंदर आई, तापू ने उसे एक वियाग्रा की गोली खिला दी और खुद भी एक गोली खा ली। सोनू ने हँसते हुए कहा, “अरे, मुझे दो गोली क्यों खिलाई? अब तो मैं और गर्म हो जाऊँगी। तब तो मजा आएगा न!”
लेकिन सोनू को पता था कि तापू अकेले उसकी आग बुझाने में नाकाम रहेगा। उसने शरारत से कहा, “तापू, सेना के किसी मेंबर को भी बुला लेते हैं।”
तापू ने गुस्से में कहा, “अरे, कभी तो मुझे अकेले करने दे। आज मैं तुझे अकेले ही सारी आग बुझा दूँगा।”
सोनू ने हँसते हुए हामी भरी, लेकिन मन ही मन सोच रही थी, “दो गोली खा ली, लेकिन ये अकेला कुछ नहीं कर पाएगा। चलो, जेठ अंकल से भी एक-दो राउंड करवा लूँगी।”
दोनों ने शुरूआत की। सोनू पहले से ही गर्म थी। उसने तापू के कपड़े उतार दिए और उसका लंड मुँह में ले लिया। तापू बेड के किनारे बैठा था, और सोनू उसके दोनों पैरों के बीच घुटनों पर थी। तापू की सिसकारियाँ निकल रही थीं, “आआआ… आआह्ह…” वह सोनू के बालों को सहलाते हुए जोश में आ रहा था। सोनू ने लंड को चूसते हुए जीभ से चाटना शुरू किया, कभी धीरे, कभी तेज। उसकी गीली जीभ तापू के लंड पर फिसल रही थी, और तापू का बदन सिहर रहा था।
पाँच मिनट में ही तापू झड़ गया। लेकिन सोनू रुकी नहीं। उसने फिर से लंड को मुँह में लिया और चूस-चूसकर उसे दोबारा खड़ा कर दिया। अब सोनू ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और तापू के ऊपर चढ़ गई। दोनों बेड पर थे। सोनू जोश में थी, “तापू, चल जोर से! मुझे और जोर से उछाल!” वह खुद भी कूद रही थी, और उसकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “आआह्ह… ओह्ह… तापू, और जोर से!”
पाँच मिनट बाद सोनू ने पोजीशन बदली। वह अब घोड़ी बन गई, और तापू ने पीछे से उसकी चूत में लंड डालना शुरू किया। सोनू की चीखें निकल रही थीं, “आआह्ह… ओह्ह… तापू, और तेज!” दोनों एक साथ झड़ गए। तापू दो बार झड़ चुका था, लेकिन सोनू का सिर्फ एक बार हुआ था। वह बोली, “तापू, एक राउंड और कर न!”
तापू थक चुका था, “यार, मेरा दो बार हो चुका है। अब बस। रात में या सुबह करेंगे।”
सोनू ने नाराजगी से कहा, “तो दो गोली क्यों खिलाई थी?” तापू ने सॉरी बोला और लेट गया। सोनू को भी वही सोने को कहा। दोनों अंदर के कपड़े पहनकर सो गए। लेकिन पंद्रह मिनट बाद सोनू फिर गर्म हो गई। तापू सो चुका था। वह सोचने लगी, “पानी पीकर आती हूँ। और जेठ अंकल को भी बुला लूँगी। फिर तापू के साथ भी एक राउंड और निकाल लूँगी।”
वह पानी पीने हॉल में गई। लौटते वक्त उसने जेठालाल के कमरे में झाँका। जेठालाल, दया के बिना नींद न आने की वजह से मुठ मारते-मारते सो गए थे। उनकी हल्की झपकी लगी थी। सोनू, जो पहले से ही गर्म थी, चुपके से उनके पास गई और उनका लंड मुँह में ले लिया। जेठालाल को लगा कोई उनका लंड चूस रहा है। पहले तो उन्हें लगा दया आ गई, या शायद सोसाइटी की कोई भाभी होगी। उन्होंने आँखें बंद रखीं और सोनू के सिर को दबाना शुरू किया। फिर आँख खोली तो देखा, ब्रा-पैंटी में सोनू थी।
जेठालाल चौंक गए। उन्होंने सोनू के साथ पहले कभी नहीं किया था। लेकिन सोनू इतनी गर्म थी कि उसे कोई बड़ा लंड चाहिए था। जेठालाल को कोई आपत्ति नहीं थी। सोनू ने कहा, “तापू ने मेरा मुँह चोदा और सिर्फ एक राउंड किया। अब मुझे और चुदवाना है।”
जेठालाल ने हँसते हुए कहा, “मैं उसका बाप हूँ। मेरा इतनी जल्दी नहीं होता।”
सोनू ने सारे कपड़े उतार दिए और जेठालाल के 8 इंच के लंड पर चढ़ गई। उसकी चूत में लंड घुसते ही उसे जलन हुई, लेकिन वियाग्रा का असर था। वह जोश में थी। जेठालाल भी उसकी उत्तेजना देखकर पागल हो रहे थे। उन्होंने पहले कई औरतों के साथ सेक्स किया था, लेकिन सोनू की जोश भरी हरकतें देखकर वह हैरान थे। “इतने जोश में कहाँ से आई?” उन्होंने पूछा।
सोनू ने सारी बात बता दी। जेठालाल ने कहा, “मैं कल तापू से बात करूँगा। ये ठीक नहीं है।”
सोनू बोली, “कल का कल देखो, अभी तो चोदो!”
जेठालाल ने पोजीशन बदली। सोनू को नीचे लिटाया और खुद ऊपर चढ़ गए। उनका पूरा लंड सोनू की चूत में घुस गया। सोनू की चीख निकल गई, “आआआ… ओह्ह… अंकल, धीरे!” लेकिन थोड़ी देर बाद उसे मजा आने लगा, “आआह्ह… और जोर से… मजा आ रहा है!”
जेठालाल ने जोर-जोर से धक्के मारे, और सोनू की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं, “आआह्ह… ओह्ह… अंकल, और तेज!”
इधर, दया को लगा कि उसे आने में देर हो जाएगी। उसने सुबह बबीता को फोन करके बता दिया, “मुझे आने में लेट हो जाएगा। तुम अय्यर भाई के साथ सेक्स करने के बाद तापू के पापा और तापू के साथ भी सेक्स कर लोगी? मैं तो अंजलि भाभी को कहने वाली थी, लेकिन मेहता साब बाहर गए हैं न, तो वो पूरी रात बिजी रहेंगे। तापू के पापा को तुम्हारे साथ करना था।”
बबीता ने हँसते हुए कहा, “दया भाभी, प्लीज मत कहो। पिछली बार जब मैं नहीं थी, तुमने अय्यर के साथ एक हफ्ता कैसे किया था? तो ठीक है।”
दया ने कहा, “हाँ, लेकिन तापू के पापा को सेक्स किए बिना नींद नहीं आती।”
बबीता बोली, “वही प्रॉब्लम अय्यर को भी है।”
दया ने पूछा, “तो तुम तापू के पापा के साथ कब करोगी? और वहाँ तो तुम्हें दो मर्दों के साथ करना होगा।”
“मतलब?” बबीता ने हैरानी से पूछा।
“तापू के पापा और तापू,” दया ने बताया।
बबीता चौंकी, “तापू का तुमने बताया ही नहीं।”
“सॉरी,” दया ने हँसते हुए कहा।
बबीता बोली, “तापू के साथ तो मैं अकेले कर लूँगी।”
दया ने कहा, “नहीं, दोनों को साथ में करो। जल्दी निपट जाता है, और मजा भी दोगुना आता है।”
बबीता ने पूछा, “तुम दोनों का एक साथ लेती हो?”
“हाँ, जल्दी निपट जाता है,” दया ने हँसते हुए कहा।
बबीता ने हामी भरी, “ठीक है, मैं दोनों को एक साथ लूँगी। और मजा करूँगी।”
दया ने कहा, “फिर अय्यर भाई का क्या होगा? एक काम करो, मैं आने के बाद सीधे तुम्हारे घर आ जाऊँगी। अय्यर भाई को मैं फटाफट कर दूँगी। लेकिन मुझे 3 बजे तक आएगी।”
बबीता बोली, “टेंशन मत लो। मैं अय्यर के साथ एक राउंड कर लूँगी। और हाठी भी हॉस्पिटल गए हैं, तो मैं अय्यर को कोमल भाभी के पास भेज दूँगी।”
दया ने कहा, “थैंक्स बबीता जी। और तुम्हें मेरी स्टैमिना के साथ एक राउंड अय्यर के साथ, तापू के पापा और तापू के साथ भी करना होगा।”
बबीता ने हँसते हुए कहा, “हाँ, इसमें कौन सी बड़ी बात है? और एक काम करो, आने के बाद सीधे मेरे घर आ जाना। हम साथ में सेक्स करेंगे और लेस्बियन भी करेंगे।”
“मजा आएगा,” दया ने उत्साह से कहा। “मैं जल्दी निकलती हूँ। बाय।”
“बाय, जल्दी आना,” बबीता ने कहा।
बबीता ने अय्यर से कहा, “आज मेरे साथ एक राउंड ही करना।”
अय्यर ने कहा, “जेठालाल भी कमाल है। तापू का तो ठीक है, लेकिन जेठालाल बच्चा थोड़े है, जो उसे रोज सेक्स चाहिए। तापू को हमारे यहाँ बुला लो। थ्रीसम करेंगे। मुझे भी मजा आएगा। मैंने बहुत टाइम से नहीं किया।”
बबीता ने मना किया, “मुझे तापू और जेठ जी के साथ थ्रीसम करना है।”
अय्यर ने कहा, “तो मेरा थ्रीसम का मूड क्या होगा?”
बबीता ने हँसते हुए कहा, “तुम कोमल भाभी और गोलू के साथ थ्रीसम करो। मैं कल पोपट के साथ भी करूँगी।”
अय्यर ने कहा, “ठीक है। मैं कोमल भाभी को कॉल करके बता देता हूँ।”
बबीता ने कोमल को फोन किया। कोमल ने हँसते हुए कहा, “मजा आएगा। तुम वहाँ मजे करो, मैं यहाँ करूँगी।”
बबीता और अय्यर ने राउंड शुरू किया। लेकिन अय्यर का लंड का पानी आज निकल ही नहीं रहा था। बबीता जल्दी खत्म करना चाहती थी, लेकिन अय्यर जानबूझकर देर कर रहा था। रात 1:30 बजे दोनों झड़ गए।
दया रात 1:00 बजे घर पहुँची। वह बेडरूम में गई और देखा कि जेठालाल और तापू सेक्स कर रहे थे। थोड़ी देर बाद तापू ने सोनू और जेठालाल को गोद में ले लिया। सोनू जोर-जोर से चीख रही थी। दया को अजीब लगा। उसे लगा कि यह बबीता है। कमरे की लाइट हल्की थी, तो वह बिना हॉल में रुके बेडरूम में घुस गई। उसने सोनू को बबीता समझकर चढ़ने की कोशिश की। सोनू और दया दोनों डर गए। सोनू को लगा कोई तीसरा भी आ गया। उसने बेड से उठकर लाइट ऑन की और दया को देखकर चौंक गई।
दया ने कहा, “सॉरी, मुझे लगा बबीता जी हैं। तो मैं और मजा देने चढ़ गई।”
जेठालाल ने कहा, “बबीता जी यहाँ कैसे आएँगी?”
दया ने सारी बात बता दी। जेठालाल बोले, “मुझे बता देतीं तो मैं दुकान से आते वक्त बबीता जी को ले आता। पिछले बार जब बबीता जी नहीं थीं, तो अय्यर ने तुम्हें एक हफ्ते तक कैसे चोदा था। लेकिन मुझे बबीता जी को चोदने का मौका आज तक नहीं मिला।”
दया ने कहा, “हाँ, लेकिन अब मैं आ गई हूँ। अगली बार कर लेना।”
जेठालाल ने कहा, “बबीता जी ने कहा है न, तो वो आएँगी। मजा आएगा।”
सोनू यह सुनकर चौंक गई। उसे बबीता को नंगे चोदते देखने का मौका मिलेगा, यह सोचकर वह उत्तेजित हो गई। तापू ने कहा, “पापा, आप सोनू और मम्मी के साथ थ्रीसम करो। मैं बबीता आंटी के साथ करूँगा।”
जेठालाल ने मना किया, लेकिन दया के कहने पर मान गए। वह मन ही मन सोचने लगे, “तापू के झड़ने के बाद मैं रात भर करूँगा।”
सेक्स शुरू हुआ। सब एक-दूसरे को किस कर रहे थे। सोनू को बारी-बारी से चूसा जा रहा था। वह सिसकारियाँ ले रही थी, “आआह्ह… ओह्ह…” दया और जेठालाल सोनू को चोद रहे थे। तापू बबीता का इंतजार कर रहा था। तभी तापू ने सोनू को एक और गोली खिला दी और खुद भी दो गोली खा ली। दया और जेठालाल ने तापू पर चिल्लाया। जेठालाल ने भी गोली माँगी, लेकिन गोलियाँ खत्म हो चुकी थीं।
दया ने जेठालाल से कहा, “आपको गोली की जरूरत ही नहीं। आपने मुझे और अंजलि भाभी को कितनी बार बिना गोली के चोदा है।”
सोनू को एक और झटका लगा। फिर दोनों फिर से सोनू पर चढ़ गए। दया सोनू की चूत चाटने लगी, और जेठालाल उसे किस करने लगे।
इधर, बबीता और अय्यर अपना सेक्स खत्म करके निकलने वाले थे। बबीता ने ब्रा और पैंटी कपड़े से निकाली। अय्यर ने पूछा, “तुम हसन क्यों नहीं कर रही?”
बबीता ने कहा, “वो गंदी हो गई है।”
अय्यर ने कहा, “तो टी-शर्ट, पैंट और जैकेट पहन लो।”
बबीता बोली, “मैं वहाँ सेक्स करने जा रही हूँ, घूमने नहीं। मैं सिर्फ नाइट गाउन की नाड़ी बाँधकर जाऊँगी। अगर पोपट ने देख लिया, तो सीधे शुरू हो जाएगा।”
अय्यर ने कहा, “ठीक है। लेकिन तुम पोपट और मेरे साथ थ्रीसम कर लो। कोमल भाभी को वहाँ भेज दो।”
बबीता ने गुस्से में कहा, “तुमने दया भाभी के साथ किया, तो ठीक। लेकिन मुझे जेठ जी के साथ करने से मना कर रहे हो? ये नाइंसाफी है।”
अय्यर ने सॉरी कहा, “लेकिन जेठालाल तुम्हें जानबूझकर वेट लगाएगा।”
बबीता ने कहा, “इट्स ओके। तुमने भी तो दया भाभी के निप्पल कितने चूसे थे। और मुझे फोटो भेजे थे। पोपट के साथ भी थ्रीसम किया था।”
अय्यर ने कहा, “ठीक है। मैं भी नाइट गाउन पहन लेता हूँ। सीधे जाकर निकाल दूँगा।”
बबीता ने कहा, “लेकिन पोपट के साथ कौन करेगा?”
अय्यर बोले, “वो अपने देख लेंगे। और अगर कॉल आए, तो कोमल भाभी को घर भेज देना।”
बबीता ने कहा, “कोमल भाभी रंडी नहीं हैं जो तुम सबको लेके जाओगे। मैंने थ्रीसम के लिए उन्हें तैयार किया है। और तुम 3 बजे तक घर आ जाना। कल हमें 9 बजे बाहर जाना है।”
बबीता और अय्यर घर से निकले। दोनों के कपड़े इतने गंदे थे कि ऊपर से ही पता चल रहा था। अगर कोई लड़का देखता, तो बबीता को कंपाउंड में ही चोद देता। और अगर कोई लड़की होती, तो अय्यर की गोद में चढ़ जाती। दोनों सी विंग की सीढ़ियों से अलग हो गए। अय्यर कोमल के घर गया। दरवाजा खुला था। अंदर कोमल और गोलू ब्लू फिल्म देख रहे थे, आधे नंगे। अय्यर ने दरवाजा लॉक किया और अपनी नाइट गाउन की नाड़ी खोल दी। उसका 7.9 इंच का लंड कोमल के सामने आया। कोमल पागल हो गई। गोलू भी लंड देखकर चौंक गया, क्योंकि उसका सिर्फ 5 इंच का था।
गोलू बोला, “अय्यर अंकल, मुझे भी हाथ लगाने दो। मैं देखना चाहता हूँ।”
अय्यर ने कहा, “हाँ, हाँ, तुम भी ट्राई करो। तुम्हें मेडिकल स्टूडेंट के तौर पर जानकारी होनी चाहिए।”
कोमल सोफे पर आधे लेटी थी, और आइसक्रीम की तरह लंड को देख रही थी। गोलू ने लंड को हाथ में लिया, लेकिन कोमल ने कहा, “मुझे मजा लेने दो। तुम अय्यर को अकेले घर ले जाओ।”