नमस्ते दोस्तों, आपका स्वागत है एक बार फिर से मेरी नई कहानी में! मैं हूँ युवराज, और आज मैं आपके लिए लेकर आया हूँ एक ऐसी कहानी जो मेरे जीवन की एक सच्ची घटना पर आधारित है। यह कहानी इतनी रोमांचक और उत्तेजक है कि शायद आपको यकीन न हो, लेकिन मेरे साथ ये सब सचमुच हुआ। तो चलिए, बिना देर किए, कहानी की शुरुआत करते हैं।
पिछली कहानी: ट्रेन में वकील साहिबा की चुदाई
बात जनवरी 2022 की है, जब मेरी पहली दो कहानियों को पढ़कर कई महिलाओं ने मुझे मेल किए। उनमें से एक थी सताक्षी (नाम बदला हुआ), जो बंगाली थीं लेकिन गोवा में रहती थीं। सताक्षी की उम्र करीब 40 साल थी, और उनका तलाक हो चुका था। वो और उनके पूर्व पति गोवा में एक बेकरी चलाते थे। उनके मेल में एक अलग ही भावना थी; वो इमोशनल सपोर्ट माँग रही थीं। मैंने उनकी बात सुनी और धीरे-धीरे हमारी बातचीत शुरू हो गई।
हमारी चैट्स से लेकर फोन कॉल्स तक, बातें बढ़ती गईं। सताक्षी मुझे अक्सर डिनर डेट पर बुलाती थीं। उनकी आवाज़ में एक अजीब सी कशिश थी, और उनकी हँसी में एक मासूमियत जो मुझे उनकी ओर खींचती थी। धीरे-धीरे हम काफी करीब आ गए। एक रात, डिनर के बाद, वो मुझे अपने घर ले गईं। हमने सोचा कि नेटफ्लिक्स पर कोई मूवी देखेंगे, लेकिन उनका सब्सक्रिप्शन खत्म हो चुका था। मैंने हँसते हुए उल्लू ऐप खोला और कहा, “चलो, चार्मसुख वेब सीरीज़ देखते हैं, बड़ा मज़ा आएगा।”
वेब सीरीज़ की हॉट सीन देखते-देखते सताक्षी की साँसें गर्म होने लगीं। उनकी आँखों में एक चमक थी, और वो बेचैन सी हो रही थीं। अचानक, हम दोनों एक-दूसरे के इतने करीब आ गए कि हमारे होंठ मिल गए। मैंने धीरे से उनके कंधे पर हाथ रखा, उनकी साड़ी का पल्लू सरक गया। उनकी साँसें और तेज हो गईं। मैंने उनकी साड़ी को धीरे-धीरे खींचा, और वो सिर्फ ब्लाउज़ और पेटीकोट में रह गईं। उनकी गोरी त्वचा चाँदनी रात में चमक रही थी। मैंने बादाम का तेल लिया और उनकी भारी-भारी चूचियों की मालिश शुरू की। उनके मुँह से हल्की सी सिसकारी निकली, “आह… युवी, ये क्या कर रहे हो?”
मैंने उनकी आँखों में देखा और कहा, “बस, तुम्हें मज़ा दे रहा हूँ, जान।” मेरे हाथ उनकी चूचियों पर फिसल रहे थे, और उनकी सिसकारियाँ तेज हो रही थीं। धीरे-धीरे मैंने उनका ब्लाउज़ खोला, और उनकी ब्रा को एक तरफ सरकाया। उनकी चूचियाँ, 38D साइज़ की, मेरे सामने थीं। मैंने उनके निप्पल्स को मुँह में लिया और धीरे-धीरे चूसना शुरू किया। वो तड़प रही थीं, उनके हाथ मेरे बालों में थे, और वो मुझे और करीब खींच रही थीं।
फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए। सताक्षी ने मेरे लंड पर चॉकलेट सिरप डाला और उसे चाटने लगीं जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप चूसता है। मैंने उनकी चूत पर शहद लगाया और उसे चाटने लगा। उनकी चूत की खुशबू और शहद का स्वाद मुझे पागल कर रहा था। “आह… युवी… और चाटो… आह्ह…” उनकी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। हम दोनों इतने खो गए थे कि समय का पता ही नहीं चला। कुछ ही देर में मैं उनके मुँह में झड़ गया, और वो मेरे मुँह में। हमारी साँसें अभी भी तेज थीं।
थोड़ी देर बाद, मैंने उन्हें चूमा और वो मेरे लंड को फिर से सहलाने लगीं। 10 मिनट में मेरा लंड फिर से तन गया। मैंने स्कोर का एक्स्ट्रा डॉटेड कॉन्डम निकाला और उसे पहन लिया। सताक्षी की चूत को मैंने पहले उंगलियों से सहलाया, फिर धीरे से अपना 7 इंच का लंड उनकी चूत में डाला। वो चीख पड़ीं, “आह… धीरे… बहुत टाइट है!” उनकी चूत वाकई कसी हुई थी, शायद तलाक के बाद उन्होंने ज्यादा सेक्स नहीं किया था। मेरे पहले झटके से उनकी चूत से हल्का खून निकला। मैं रुक गया और उन्हें चूमने लगा।
जब वो थोड़ा शांत हुईं, मैंने फिर से धीरे-धीरे झटके शुरू किए। “फच… फच…” की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। सताक्षी की सिसकारियाँ अब मज़े में बदल गई थीं, “आह… युवी… और जोर से… चोदो मुझे!” मैं उनकी चूचियों को दबाते हुए, उनके होंठों को चूमते हुए, नीचे तेज-तेज झटके मार रहा था। बिस्तर की चरमराहट और हमारी सिसकारियों ने पूरे कमरे को उत्तेजना से भर दिया। 20 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैं झड़ गया। सताक्षी को भी ऑर्गज़्म हो चुका था, लेकिन उनकी चूत में दर्द हो रहा था।
मैं तुरंत मेडिकल स्टोर गया और एक दर्द निवारक गोली लाया। गर्म पानी से उनकी चूत की सिकाई की और गोली दी। सुबह तक वो ठीक हो गईं, लेकिन तभी उनके पीरियड्स शुरू हो गए। मैंने सोचा कि उनके साथ रुकना चाहिए, क्योंकि पीरियड्स के दौरान लड़कियों को क्रैम्प्स और मूड स्विंग्स होते हैं। अगले 5 दिन मैं उनके साथ रहा, उनकी देखभाल की। लेकिन एक दिन अचानक उन्हें एक कॉल आया, और वो घबरा गईं। मैंने बहुत पूछा, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया। बस इतना कहा, “युवी, तुम्हें जाना होगा।”
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मैंने हँसते हुए कहा, “अरे, एक गुडबाय सेक्स तो कर लें?” लेकिन वो गुस्सा हो गईं और बोलीं, “नहीं, बस जाओ!” उसके बाद न उनका कॉल आया, न मेरे मैसेज का जवाब। मैंने कुछ दिन कोशिश की, फिर छोड़ दिया।
7 महीने बाद, मुझे इंस्टाग्राम पर एक मैसेज रिक्वेस्ट आई। आईडी का नाम था मोनिका (नाम बदला हुआ)। वो 42 साल की थीं, एक डॉक्टर, और सिंगल थीं। उनके दो गोद लिए हुए बच्चे थे, और वो अपनी ज़िंदगी अपनी शर्तों पर जीती थीं। उनकी तस्वीर देखकर मैं दंग रह गया। उनका गोरा बदन, नीली आँखें, और गुलाबी होंठ किसी को भी दीवाना बना सकते थे। हमारी बातें शुरू हुईं, और 4 महीने की चैटिंग के बाद उन्होंने मुझे मिलने बुलाया।
मैं हर किसी से ऐसे नहीं मिलता, इसलिए पहले मैंने मना किया। लेकिन उनकी रिक्वेस्ट पर मैं गोवा-मुंबई हाईवे के पास एक होटल में मिलने गया। वो साड़ी में आई थीं, और उनका मादक रूप देखकर मैं खुद को रोक नहीं पाया। हमने थोड़ी देर बात की, फिर वो सीधे बोलीं, “युवी, मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहती हूँ। मेरी एक सहेली ने तुम्हारे बारे में बताया था।” मैंने पूछा, “कौन?” वो हँसीं और बोलीं, “वो सरप्राइज़ है।”
हम होटल के कमरे में गए। मोनिका ने अपनी साड़ी उतारी, और मैंने उनके ब्लाउज़ को एक झटके में खोल दिया। उनकी 36C की चूचियाँ ब्रा में कसी हुई थीं। मैंने उनकी ब्रा उतारी और उनके निप्पल्स को चूसने लगा। वो सिसक रही थीं, “आह… युवी… और जोर से चूसो!” मैंने वैसलीन निकाली और उनकी चूत पर लगाई। मेरी दो उंगलियाँ उनकी चूत में अंदर-बाहर होने लगीं। उनकी सिसकारियाँ तेज हो गईं, “उम्म… आह… और तेज!” 10 मिनट बाद वो झड़ गईं।
फिर मैंने वैसलीन उनकी गांड पर लगाई। वो मना करने लगीं, “नहीं, वहाँ नहीं!” मैंने कहा, “अरे, बस मज़ा लेने दे।” लेकिन अचानक मैंने एक तेज झटके से अपना लंड उनकी गांड में डाल दिया। वो चीख पड़ीं, “आह… निकालो… दर्द हो रहा है!” लेकिन मैंने उनकी कमर पकड़ी और धीरे-धीरे झटके मारने लगा। धीरे-धीरे उनका दर्द मज़े में बदल गया, और वो सिसकने लगीं, “आह… युवी… और जोर से… चोदो मुझे… हार्ड!” “फच… फच…” की आवाज़ कमरे में गूँज रही थी। 15 मिनट बाद मैं उनकी गांड में झड़ गया, और वो दूसरी बार ऑर्गज़्म तक पहुँची।
थोड़ी देर बाद हम घूमने निकले। रास्ते में मोनिका ने कहा, “देखो, वहाँ हिरण है, चलो फोटो खींचते हैं।” हम हाईवे से उतरकर जंगल की ओर गए। अचानक मैंने पीछे मुड़कर देखा, तो मोनिका वहाँ नहीं थी। मैं घबरा गया और उन्हें ढूँढने लगा। तभी उनकी आवाज़ आई। मैं मुड़ा तो दंग रह गया। मोनिका के साथ दो और औरतें थीं—एक सताक्षी और दूसरी उनकी सहेली कमला।
मोनिका ने हँसते हुए कहा, “यही तुम्हारा सरप्राइज़ है, युवी। अब हम तीनों को खुश करके दिखाओ।” सताक्षी ने मुझे देखकर कहा, “कहाँ गायब हो गए थे? मैं लीगल प्रॉब्लम्स में फँस गई थी, इसलिए मोनिका को तुमसे मिलवाया।” फिर वो बोलीं, “चलो, माचो मैन, अपनी मर्दानगी दिखाओ। हमारी प्यास बुझा दो!”
मैं तैयार था। मैंने कमला को पकड़ा और उनके मुँह में अपना लंड ठूँस दिया। वो घबरा गईं, लेकिन मैंने धीरे-धीरे उनके मुँह में लंड अंदर-बाहर किया। वो चूसने लगीं। सताक्षी मेरे होंठ चूस रही थीं, और मोनिका मेरी गांड चाट रही थी। “आह… उह…” मेरी सिसकारियाँ निकल रही थीं। फिर हमने पोजीशन बदली। अब सताक्षी मेरे लंड को चूस रही थीं, मैं मोनिका की चूचियाँ चूस रहा था, और कमला मेरी गांड चाट रही थी।
10 मिनट बाद मैं तीनों के मुँह में झड़ गया। सताक्षी ने मेरे लंड को फिर से सहलाया, और 5 मिनट में वो फिर तन गया। सताक्षी ने अपनी साड़ी उतारी, और उनके 40D के बोबे हिलते हुए नज़र आए। वो मेरे ऊपर चढ़ गईं और मेरे लंड को अपनी चूत में डालकर उछलने लगीं। “आह… युवी… चोदो… और तेज!” उनकी सिसकारियाँ जंगल में गूँज रही थीं। मोनिका ने अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दी, और मैं उसे चाटने लगा। कमला मेरे अंडकोष चूस रही थी।
फिर मैंने कमला को डॉगी स्टाइल में लिया और उनकी चूत में लंड पेल दिया। “फच… फच…” की आवाज़ जंगल में गूँज रही थी। कमला चीख रही थीं, “भोसड़ी के… और जोर से चोद… मेरी चूत फाड़ दे!” सताक्षी मेरे शरीर को चाट रही थीं, और मोनिका मेरी गांड। 15 मिनट बाद कमला झड़ गईं।
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अब सताक्षी की बारी थी। मैंने उन्हें कॉर्कस्क्रू पोजीशन में लिया। उनकी चूत इतनी टाइट थी कि मेरा लंड फंस सा गया। मैंने थोड़ी थूक लगाई और धीरे-धीरे झटके शुरू किए। वो चीख रही थीं, “आह… निकालो… दर्द हो रहा है!” मैंने उन्हें चूमा, उनके बोबे चूसे, और फिर धीरे-धीरे चुदाई शुरू की। वो अब मज़े में थीं, “आह… शोना… चोदो… और जोर से… मैं तुम्हारी मागी हूँ!” 25 मिनट बाद मैं उनकी चूत में झड़ गया।
अब मोनिका की बारी थी। मैंने उनकी गर्दन को जमीन से लगाया और उनकी टाँगें ऊपर उठाईं। उनकी चूत की फाँक साफ दिख रही थी। मैंने अपना लंड पेल दिया। “आह… उई माँ… मार दिया!” वो चीख रही थीं। मैंने तेज-तेज झटके मारे, और वो सिसक रही थीं, “और जोर से… फाड़ दो मेरी चूत!” 15 मिनट बाद वो झड़ गईं।
अंत में, मैंने कमला को फिर से डॉगी स्टाइल में लिया और उनकी गांड में लंड पेल दिया। वो चीख रही थीं, “निकालो… दर्द हो रहा है!” लेकिन मैंने उनकी कमर पकड़ी और चोदता रहा। “फच… फच…” की आवाज़ जंगल में गूँज रही थी। 15 मिनट बाद मैं उनके मुँह में झड़ गया। उनकी हालत इतनी खराब थी कि वो चल नहीं पा रही थीं। सताक्षी और मोनिका ने उन्हें सहारा देकर होटल पहुँचाया।
दोस्तों, इसके बाद हम होटल वापस आए। इस रोमांचक रात की कहानी यहीं खत्म होती है। लेकिन सवाल ये है—क्या आपने कभी ऐसी चुदाई का मज़ा लिया है? अपनी राय कमेंट में बताएँ!
1 thought on “जंगल में तीन चूत और एक लंड”